आज का पंचांग

पंचांग 04 नवंबर 2019   

विक्रमी संवत्ः2076, 

शक संवत्ः1941,

मासः कार्तिक़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः अष्टमी रात्रि 04.57 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः श्रवण रात्रि 03.27 तक है, 

योगः अतिगण्ड (की वृद्धि है जो कि मंगलवार को प्रातः 07.00 तक है) तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः तुला, 

चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः06.39, 

सूर्यास्तः05.32 बजे।

नोटः आज गोपाष्टमी व्रत है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

Police Files, Chandigarh

Korel,CHANDIGARH – 03.11.2019

Two persons arrested for consuming liquor at public place

        Two cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC have been registered in PS-03 and 19, Chandigarh against two persons who were arrested while consuming liquor at public places on 02.11.2019. Later they were released on bail.

One arrested under NDPS & Arms Act

          Chandigarh Police arrested Arshdeep Singh R/o # 1534, Ph-5, Mohali (PB) (age 27 years), near Arts College, Sector-10, Chandigarh and recovered 10 injections, 940 capsules, 400 tablets of drugs and 15 live cartridges from his possession on 02.11.2019. A case FIR No. 279, U/S 22 NDPS Act and 25-54-59 Arms Act has been registered in PS-03, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Dowry

          A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Manimajra, Chandigarh harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 145, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

          A lady resident of Chandigarh alleged that her husband & others resident of Sector 25, Chandigarh harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 146, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Cheating

          Mohamad Jamaal R/o # 2423, Sector-24C, Chandigarh alleged that Daljit Singh R/o # 118 Ranjit Nagar, Randhawa Road, Kharar, Mohali, (PB) cheated Rs. 85,000/- from complainant regarding sale purchase of property. A case FIR No. 277, U/S 419, 420 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

          Manoj Madhav Jha R/o # 704, Ph-2, Ram Darbar, Chandigarh alleged that two unknown persons (one boy and girl) cheated away jewelry of cost Rs. 16,210/- from his shop at Booth No. 148, Ph-2, Ramdarbar, Chandigarh by showing fake paytm transaction message on 31.10.2019.  A case FIR No. 269, U/S 406, 420 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Alleged persons already arrested in another case of PS-MM, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Shashwinder Singh R/o # 497, Sector-40/A, Chandigarh alleged that Sukhwinder Singh R/o # 3394/1, Sector-40/D, Chandigarh cheated Rs. 2,25,000/- from complainant and other persons regarding providing visa with work permit and job in UAE. But alleged person provided tourist visa to complainant and other person and did not provided the job. A case FIR No. 395, U/S 420, 120-B IPC & 24 Immigration Act has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Rioting/Assault

A case FIR No. 182, U/S 147, 148, 149, 323, 341, 307, 506 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh on the complaint of Deepak Thapa R/o # 4860, Sector-38/West, Chandigarh who alleged that Sahil, Binny, Mani R/o Maloya, Chandigarh and 3 other persons attacked on complainant and his friend Sarvan with iron rod, bricks and sword near Dumping Ground, DMC, Chandigarh on 27.10.2019. Complainant and his friend Sarvan both got injured and were admitted in GH-16, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

महाराष्ट्र की सियासी जंग अपनों में हुई तेज़

शिव सेना के संजय राऊत अपने तीखे तेवरों के लिए जाने जाते हैं, सत्ता सुख भोगते हुए अपने सबसे बड़े घाटक दल भाजपा को आंखे दिखाना और हमेशा यह दर्शना की हमें किसी की परवाह नहीं उनकी आदत में शुमार सा लगता है। विधानसभा चुनावों में 124 में से मात्र 56 सीटें जीतने वाली शिव सेना के संजय राऊत भाजपा की 105 सीटों पर तंज़ कसते हैं और मुख्यमंत्री पद पर शिव सेना द्वारा दावेदारी ठोकते हैं।

चंडीगढ़:

महाराष्‍ट्र में सरकार गठन और मुख्‍यमंत्री पद को लेकर शिवसेना पेंच अड़ाए हुए है और उसकी और से लगातार बयानबाजी जारी है. अब शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिये भाजपा पर निशाना साधा और यहां तक कहा कि अगर इन चुनावों में शिवसेना साथ नहीं होती तो भाजपा को 75 सीटें भी नहीं मिलतीं. उन्‍होंने आगे कहा कि शिवसेना न तो कोई जल्‍दबाजी दिखाएगी और ना ही घुटने टेकेगी. 

मुखपत्र सामना के जरिए संजय राउत ने निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी दिए गए वचन से विमुख हो गई है. मुख्यमंत्री पद का अमरपट्टा लेकर आया हूं, ऐसा कोई न समझे. अमित शाह का अब तक आगे न आना एक रहस्य है. शिवसेना साथ नहीं होती तो बीजेपी को 75 सीटें भी नहीं मिलती. उन्‍होंने तो यहां तक लिखा कि देवेंद्र फडणवीस पुलिस, सीबीआई, ईडी और आईटी की मदद से सरकार बनाने में लगे हैं. इंदिरा गांधी को कटघरे में खड़ा करने वालों का खुद वैसा हो जाना हैरानी भरा है.

संजय राउत ने आगे लिखा, शिवसेना न तो कोई जल्दबाजी दिखाएगी और न ही घुटने टेकेगी. गोपीनाथ मुंडे होते तो युति में आज ऐसी कटुता नहीं होती. हम नहीं तो कोई नहीं, इसी अहंकार के कारण सब अटक गया है. राष्ट्रपति शासन लगाकर राज करना बीजेपी की शताब्दी की सबसे बड़ी पराजय होगी.

छठ पूजा 2019 भव्यता के साथ संपन्न

छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी म‌इया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन की देवतायों को बहाल करने के लिए धन्यवाद और कुछ शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए। छठ में कोई मूर्तिपूजा शामिल नहीं है। त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं।

हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक छठ महाव्रत मनाया जाता है। इसमें भगवान सूर्यदेव की पूजा होती है। इस बार छठ पूजा 13 नवंबर, 2018 को है।​​ छठ व्रत खासतौर पर पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है।

छठ पर छठी मैया के जयकारे के साथ आराधना की जाती है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों में यह प्रमुख तौर पर मनाया जाता है…

छठ व्रत कथा

दिवाली के 6 दिन बाद छठ मनाया जाता है। छठ के महाव्रत को करना अत्यंत पुण्यदायक है। छठ व्रत सबसे महत्त्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को होता है। सूर्योपासना का यह महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ पर्व के लिए कई कथाएं प्रचलित हैं, किन्तु पौराणिक शास्त्रों में इसे देवी द्रोपदी से जौड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा था। द्रोपदी के व्रत के फल से पांडवों को अपना राजपाट वापस मिल गया था। इसी तरह छठ का व्रत करने से लोगों के घरों में समृद्धि और सुख आता है। छठ मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित कई क्षेत्रों में छठ का महत्व है।

छठ पूजा या सूर्य षष्ठी या छठ व्रत में सूर्य भगवान की पूजा होती है और धरती पर लोगों के सुखी जीवन के लिए सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन शक्ति का देवता माना जाता है। इसलिए छठ पर्व पर समृद्धि के लिए पूजा की जाती है।

सूर्य की पूजा से विभिन्न बीमारियों का इलाज संभव है। सूर्य पूजा के साथ स्नान किया जाता है। इससे कुष्ठ रोग जैसी गंभीर रोग भी दूर हो जाते हैं। छठ पर्व परिवार के सदस्यों और मित्रों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए भी मनाया जाता है।

छठ व्रत पूजा विधि

छठ देवी भगवान सूर्यदेव की बहन हैं। जिनकी पूजा के लिए छठ मनाया जाता है। छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। छठी मैया का ध्यान करते हुए लोग मां गंगा-यमुना या किसी नदी के किनारे इस पूजा को मनाते हैं। इसमें सूर्य की पूजा अनिवार्य है साथ ही किसी नदी में स्नान करना भी।इस पर्व में पहले दिन घर की साफ सफाई की जाती है। छठ पर्व पर गांवों में अधिक सफाई देखने को मिलती है। छठ के चार दिनों तक शुद्ध शाकाहारी भोजन किया जाता है, दूसरे दिन खरना का कार्यक्रम होता है, तीसरे दिन भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन भक्त उदियमान सूर्य को उषा अर्घ्य देते हैं।
छठ के दिन अगर कोई व्यक्ति व्रत को करता है तो वह अत्यंत शुभ और मंगलकारी होता है। पूरे भक्तिभाव और विधि विधान से छठ व्रत करने वाला व्यक्ति सुखी और साधनसंपन्न होता है। साथ ही निःसंतानों को संतान प्राप्ति होती है।

छठ अनुष्ठान विधि

छठ के दिन सूर्योदय में उठना चाहिए।
व्यक्ति को अपने घर के पास एक झील, तालाब या नदी में स्नान करना चाहिए।
स्नान करने के बाद नदी के किनारे खड़े होकर सूर्योदय के समय सूर्य देवता को नमन करें और विधिवत पूजा करें।
शुद्ध घी का दीपक जलाएं और सूर्य को धुप और फूल अर्पण करें।

छठ पूजा में सात प्रकार के फूल, चावल, चंदन, तिल आदि से युक्त जल को सूर्य को अर्पण करें।
सर झुका कर प्रार्थना करते हुए

ॐ घृणिं सूर्याय नमः, ॐ घृणिं सूर्य: आदित्य:, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा,
या फिर
ॐ सूर्याय नमः 108 बार बोलें।

अपनी सामर्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं।

भाजपा ने 5 नवम्बर को सरकार बनाने का लिया निर्णय

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

– राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी देनेवाली भाजपा ने सत्ता स्थापना की तैयारी भी कर ली है।
– भाजपा ने शपथ विधि के लिए वानखेड़े स्टेडियम को आरक्षित करने के साथ ही 5 नवंबर का दिन भी तय कर दिया है।
– शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने विश्वासपूर्वक कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगर तय कर लिया तो मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
– राकांपा के मुखिया शरद पवार ने भाजपा की जमकर खबर ली है।
– राकांपा के लिए कोई अछूता नहीं है। अगर शिवसेना और भाजपा ने सरकार नहीं बनाई, तो राकांपा सरकार बनाने का रास्ता ढूंढ़ेगी।

राजनैतिक उधेड़बुन के चलते भाजपा शपथग्रहण की तैयारी में लग गई है।

भाजपा ने शपथ विधि के लिए वानखेड़े स्टेडियम को आरक्षित करने के साथ ही 5 नवंबर का दिन भी तय कर दिया है। कल भाजपा नेता और पुलिस अधिकारियों ने स्टेडियम का निरीक्षण भी किया। इसके पहले महालक्ष्मी रेसकोर्स आरक्षित करने की तैयारी थी लेकिन पुलिस द्वारा इंकार किए जाने से उसे रद्द करने की बात कही जा रही है।

विधानसभा चुनाव का परिणाम आए 9 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद राज्य में नई सरकार के गठन पर कोई निर्णय अभी तक नहीं हुआ। मुख्यमंत्री के पद को लेकर विवाद जारी है। सत्ता में फिफ्टी-फिफ्टी के फॉर्मूले को लेकर शिवसेना दृढ़ है। ऐसे में ईडी वगैरह खत्म हो चुका है। अब भाजपा राष्ट्रपति शासन की धमकी की भाषा बोल रही है। दूसरी ओर शिवसेना का मानना है कि सत्ता का रिमोट कंट्रोल उनके हाथों में है। इसलिए शिवसेना नो टेंशन मोड में है।

विधानसभा चुनाव के परिणाम में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर भाजपा बड़ी पार्टी भले ही बन गई हो लेकिन सत्ता की चाबी शिवसेना के ही हाथों में है। सत्ता का फॉर्मूला फिफ्टी-फिफ्टी ही होगा, ऐसा आश्वासन देकर ऐन समय पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटी मार ली है। इसके चलते शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दो दिन पहले शिवसेना-भाजपा की बैठक ही रद्द कर दी थी। सत्ता के समान बंटवारे पर शिवसेना के आक्रामक और दृढ़ होने से भाजपा के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कल राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी ही दे डाली। एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि 7 नवंबर तक सरकार का गठन नहीं हुआ तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होगा।

शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने विश्वासपूर्वक कहा कि शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगर तय कर लिया तो मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।

राकांपा के मुखिया शरद पवार ने भाजपा की जमकर खबर ली है। सरकार स्थापना के लिए भाजपा के पास दूसरा विकल्प नहीं है। कितने भी निर्दलीय विधायक भाजपा अपने पक्ष में ले ले लेकिन बहुमत का आंकड़ा वह जुटा नहीं सकती। इसलिए भाजपा को शिवसेना की मांग माननी ही होगी, ऐसा शरद पवार ने कहा।

राकांपा के लिए कोई अछूता नहीं है। अगर शिवसेना और भाजपा ने सरकार नहीं बनाई, तो राकांपा सरकार बनाने का रास्ता ढूंढ़ेगी। भाजपा राज्यपाल शासन और अन्य विकल्पों पर बात कर रही है लेकिन चुनाव इसके लिए नहीं हुए थे। राजनीति में कुछ भी संभव है। शिवसेना ने काफी समय से अन्याय देखा है और लोगों ने भी ऐसा देखा है। शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा को मानती है और शिवाजी महाराज ने कभी भी हिंदू और मुस्लिमों के बीच भेदभाव नहीं किया, ऐसे में अलग विचारधारा का सवाल ही नहीं है। यह बात राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कही।

जेल में रहते हुए ही इलाज होगा पी चिदंबरम का, नहीं जाएंगे प्राइवेट वार्ड

सारिका तिवारी, चंडीगढ़:

– हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जेल से प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित करने की याचिका अस्वीकार कर दी।:
– बोर्ड ने रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान मामले में निजी वार्ड में प्रवेश की आवश्यकता नहीं है।
– गत 30 नवम्बर को विशेष सीबीआई कोर्ट, दिल्ली द्वारा उनकी न्यायिक हिरासत 13 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी।

हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जेल से प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित करने की याचिका अस्वीकार कर दी। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि पी चिदंबरम को एम्स में स्टरलाइज़्ड (जीवाणुरहित) निजी वार्ड में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। अदालत ने आगे तिहाड़ अधीक्षक को चिदंबरम के लिए साफ और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री इस समय INX मीडिया मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ईडी द्वारा दर्ज मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के समक्ष मेडिकल रिपोर्ट पेश की और कहा कि चिदंबरम की आज सुबह मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच की गई। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चिदंबरम के आसपास का परिवेश साफ और स्वच्छ हो, उन्हें घर का बना खाना और साफ मिनरल वाटर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने मच्छरदानी और मास्क भी आवेदक को मुहैया कराने के निर्देश दिए। अदालत ने उनके रक्तचाप और साप्ताहिक ओपीडी चेक अप की नियमित निगरानी का भी निर्देश दिया।

एम्स में गठित बोर्ड के एक प्रतिनिधि डॉक्टर ने अदालत के समक्ष रिपोर्ट पेश की, जिसमें चिदंबरम के निजी वार्ड में प्रवेश पर राय का उल्लेख किया गया था। बोर्ड ने रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान मामले में निजी वार्ड में प्रवेश की आवश्यकता नहीं है। चिदंबरम को साफ और स्वच्छ वातावरण, मच्छरों से सुरक्षा, स्वच्छ मिनरल जल और घर का पका हुआ भोजन चाहिए। इसके अलावा, उन्हें मास्क दिया जाना चाहिए और उनके कमरे को दिन में दो बार साफ किया जाना चाहिए।

बोर्ड ने चिदंबरम के साप्ताहिक रक्त परीक्षण, ओपीडी के दौरे और स्टेरॉयड के मौखिक सेवन की भी सलाह दी थी। बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए स्टरलाइज़्ड निजी वार्ड की सिफारिश की जाती है और आवेदक की स्थिति उसी के लिए योग्य नहीं होती है। आवेदक की जांच के बाद, बोर्ड ने चिदंबरम के इन विटल्स को सामान्य स्तर पर होने का उल्लेख किया।

गुरुवार को अदालत ने निर्देश दिया था कि एम्स में एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए और डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी इसका एक हिस्सा होना चाहिए। बोर्ड को तब एम्स के स्टरलाइज़्ड निजी वार्ड में चिदंबरम के प्रवेश पर अपनी रिपोर्ट देनी थी।

नादान बच्चों की जिंदगी लीलते खुले पड़े बोर

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 31 अक्टूबर:

बोरवेल दुर्घटना के कारण तमिलनाडु में दो वर्षीय सुजीत विल्सन और पंजाब के फ़तह सिंह की दुखद मौत एक आंख खोलने वाली घटनाएं हैं। लेकिन सम्बन्धित विभागों और प्राधिकरणों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस तरह की घटनाएं अभी भी जारी हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने लगभग नौ साल पहले दिशा-निर्देश जारी किए थे।
शीर्ष अदालत द्वारा स्वत संज्ञान लिए गए एक मामले में बोरवेल में गिरने और ट्यूबवेल में गिरने के कारण छोटे बच्चों के साथ होने वाली घातक दुर्घटनाओं की रोकथाम के उपायों पर फिर से विचार किया गया था।

तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस.एच. कपाड़िया और जस्टिस के.एस. राधाकृष्णन और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने विभिन्न राज्यों में कई मामलों पर ध्यान दिया था, जहां बच्चे बोरवेल और ट्यूबवेल या खाली पड़े कुओं में गिर गए थे। उसी के अनुसार , अदालत ने 6 अगस्त 2010 को इस तरह के हादसों को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए निर्देश दिए थे। परन्तु ऐसी दर्दनाक हादसों का सिलसिला रुक नहीं रहा।
बोरवेल दुर्घटनाओं का सिलसिला भले ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी निर्देश को नौ साल बीत चुके हों, लेकिन इस तरह की घातक घटनाएं थमी नहीं हैं। ताजा घटना सुजीत विल्सन की हाल ही में हुई मौत है, जिसके मृत शरीर को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में खुले छोड़ दिए गए बोरवेल से 80 घंटे तक नॉन स्टॉप रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद निकाला गया था। विल्सन अपने परिवार के फॉर्म में खेलते समय एक खुले बोरवेल में गिर गया था और वह 88 फीट की गहराई पर 80 घंटे से अधिक समय तक उसमें फंसा रहा। इस घटना के साथ कई अन्य घटनाओं को भी रोका जा सकता था,अगर संबंधित अधिकारियों ने उन दिशानिर्देशों का पालन किया होता, जो सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए थे। विशेष रूप से खुले बोरवेल के संबंध में।

अदालत ने निर्देश दिया था कि

1. इनको नीचे से लेकर जमीनी स्तर तक मिट्टी/रेत/बोल्डर/ कंकड़/ ड्रिल कटिंग आदि द्वारा भरा जाना चाहिए। इसके अलावा, ग्राउंड वाटर /पब्लिक हेल्थ/म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन/ प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर आदि के संबंधित विभाग से उपरोक्त प्रभाव या काम के लिए एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना चाहिए।
2. संबंधित एजेंसी /विभाग की कार्यकारिणी इन अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे खुले कुओं का समय-समय पर औचक निरीक्षण करें।
3. ऐसे सभी खुले बोरवेलों की जानकारी राज्य के जिला कलेक्टर/ खंड विकास कार्यालय में रखी जाए। बोरवेल के निर्माण और उसके बाद के रखरखाव के संबंध में, अदालत ने निर्देश दिया था कि-

1. एक भूमि मालिक, बोरवेल का निर्माण करने के लिए कोई भी कदम उठाने से कम से कम 15 दिन पहले लिखित में क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों ,जिनमें जिला कलेक्टर / जिला मजिस्ट्रेट /ग्राम पंचायत के सरपंच/ किसी अन्य सांविधिक प्राधिकारी या भूजल / सार्वजनिक स्वास्थ्य/नगर निगम के संबंधित अधिकारी, को सूचित करें।
2. निर्माण के समय, कांटेदार तार की बाड़ या किसी अन्य उपयुक्त अवरोध को कुएं या बोरवेल के चारों ओर लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा, ड्रिलिंग एजेंसी और कुएं के मालिक के विवरण के साथ कुएं या बोरवेल के पास एक साइनबोर्ड लगाया जाना चाहिए।
3. कुएं या बोरवेल के आवरण के चारों ओर 0.50Û0.50Û0.60 मीटर ( जमीनी स्तर से 0.30 मीटर ऊपर और जमीन के स्तर से 0.30 मीटर नीचे) वाले सीमेंट प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाना चाहिए।
4. कुएं या बोरवेल को अच्छी तरह से ढ़कने के लिए वेल्डिंग स्टील प्लेट का प्रयोग किया जाना चाहिए या बोल्ट और नट्स के साथ आवरण पर पाइप की एक मजबूत कैप लगाई जानी चाहिए।
5. एक विशेष स्थान पर ड्रिलिंग संचालन का काम पूरा होने पर, ड्रिलिंग को शुरु करने से पहले जमीन की जैसी स्थिति थी,उसे बहाल करना चाहिए, मिट्टी के गड्ढों और चैनलों को भरना होगा।
6. पंप की मरम्मत के मामले में, नलकूप या ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, यह निर्देश दिए गए थे कि

1. उपरोक्त दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए जिला कलेक्टर को सशक्त बनाया जाना चाहिए।
2. जिला प्रशासन/वैधानिक प्राधिकारी के साथ निजी एजेंसियों सहित सभी ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए।
3. जिला/ब्लॉक/ ग्रामवार स्तर पर खोदे गए बोरवेल की स्थिति- उपयोग में आने वाले बोरवेल या कुओं की संख्या, खुले बोरवेलों की संख्या जो खुले पाए गए हैं, परित्यक्त बोरवेलों की संख्या जिनको भूमि स्तर तक ठीक से भर दिया गया है और ऐसे बोरवेल जो अभी जमीनी स्तर तक भरे जाने हैं उनकी संख्या, को जिला स्तर पर बनाए रखी जानी चाहिए।…

अब देश में होंगे 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं

इतिहास के पटल पर आज 31 अक्तूबर का दिन खास तौर पर दर्ज़ हो गया जब आज आधी रात से  जम्मू कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया ।

यह पहला मौका है जब एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया हो। आज आधी रात से फैसला लागू होते ही देश में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है।

आज जी सी मुर्मू और आर के माथुर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर बृहस्पतिवार को शपथ लेंगे।

श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथ ग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल दोनों को शपथ दिलाएंगी।

सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था, जिसे संसद ने अपनी मंजूरी दी। इसे लेकर देश में खूब सियासी घमासान भी मचा। 

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने की बात कही थी और मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 90 दिनों के भीतर ही इस वादे को पूरा कर दिया। इस बारे में पांच अगस्त को फैसला किया गया।


सरदार पटेल की जयंती पर बना नया इतिहास 


सरदार पटेल को देश की 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय का श्रेय है। इसीलिए उनके जन्मदिवस को ही इस जम्मू कश्मीर के विशेष अस्तित्व को समाप्त करने के लिए चुना गया।
देश में 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज पीएम मोदी गुजरात के केवडिया में और अमित शाह दिल्ली में अगल-अलग कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। कश्मीर का राज्य के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया। इसके साथ ही दो केंद्रशासित प्रदेशों का दर्जा मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए हैं।

 जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट एक बार फिर सामने आई है. आतंकियों ने कुलगाम में हमला किया है, जिसमें 5 मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि एक घायल है. मारे गए सभी मजदूर कश्मीर से बाहर के हैं. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से घाटी में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला है. आतंकियों की कायराना हरकत से साफ है कि वे कश्मीर पर मोदी सरकार के फैसले से बौखलाए हुए हैं और लगातार आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं.

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इस इलाके की घेराबंदी कर ली है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. माना जा रहा है कि मारे गए मजदूर पश्चिम बंगाल के थे.

ये हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपियन यूनियन के 28 सांसद कश्मीर के दौरे पर हैं. सांसदों के दौरे के कारण घाटी में सुरक्षा काफी कड़ी है. इसके बावजूद आतंकी बौखलाहट में किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. डेलिगेशन के दौरे के बीच ही श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं.

जम्मू एवं से अनुच्छेद-370 हटने के बाद यूरोपीय संघ के 27 सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाने पर भारतीय जनता पार्टी ने जवाब दिया है. पार्टी का कहना है कि कश्मीर जाने पर अब किसी तरह की रोक नहीं है. देसी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है, और ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है.

भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा, ‘कश्मीर जाना है तो कांग्रेस वाले सुबह की फ्लाइट पकड़कर चले जाएं. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें. किसने उन्हें रोका है? अब तो आम पर्यटकों के लिए भी कश्मीर को खोल दिया गया है.’शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए एहतियातन कुछ कदम जरूर उठाए गए थे, मगर हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई. उन्होंने कहा, ‘अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है.’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जब कश्मीर में तनाव फैलने की आशंका थी, तब बाबा बर्फानी के दर्शन को भी तो रोक दिया गया था. यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर जाना चाहते थे. वे पीएम मोदी से मिले तो अनुमति दी गई. कश्मीर को जब आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है तो विदेशी सांसदों के जाने पर हायतौबा क्यों? विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर जाने से पाकिस्तान का ही दुष्प्रचार खत्म होगा.’

आठ दिन और छ्ह फैसले

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ 31-अक्टूबर:

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नवंबर की 17 तारीख को रिटाइर हो रहे हैं  उन्हें छह महत्त्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय दिवाली की छुट्टियां चल रही हैं और छुट्टियों के बाद अब काम 4 नवंबर को शुरू होगा।

अयोध्या बाबरी मस्जिद मामला, राफल समीक्षा मामला , राहुल पर अवमानना मामला, साबरिमाला , मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का मामला और आर टी आई अधिनियम पर फैसले आने हैं।

अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला इन सभी मामलों में सर्वाधिक चर्चित है अयोध्या-बाबरी मस्जिद का मामला। पांच जजों की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 16 अक्टूबर को अदालत ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ही कर रहे हैं। इस विवाद में अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित 2 .77 एकड़ विवादित जमीन पर किसका हक़ है, इस बात का फैसला होना है। हिन्दू पक्ष ने कोर्ट में कहा कि यह भूमि भगवान राम के जन्मभूमि के आधार पर न्यायिक व्यक्ति है। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना था कि मात्र यह विश्वास की यह भगवान राम की जन्मभूमि है, इसे न्यायिक व्यक्ति नहीं बनाता। दोनों ही पक्षों ने इतिहासकारों, ब्रिटिश शासन के दौरान बने भूमि दस्तावेजों, गैज़ेट आदि के आधार पर अपने अपने दावे पेश किये है। इस सवाल पर कि क्या मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई? आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट भी पेश की गई।

 रफाल समीक्षा फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ के 10 मई को रफाल मामले में 14 दिसंबर को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई समीक्षा रिपोर्ट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला 36 रफाल लड़ाकू विमानों के सौदे में रिश्वत के आरोप से संबंधित है। इस समीक्षा याचिका में याचिकाकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने मीडिया में लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार ने फ्रेंच कंपनी (Dassault) से 36 फाइटर जेट खरीदने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण सूचनाओं को छुपाया है। कोर्ट ने इस मामले में उन अधिकारियों के विरुद्ध झूठे साक्ष्य देने के सन्दर्भ में कार्रवाई भी शुरू की जिन पर यह आरोप था कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को गुमराह किया है। 10 अप्रैल को अदालत ने इस मामले में द हिन्दू आदि अखबारों में लीक हुए दस्तावेजों की जांच करने के केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी थी कि ये दस्तावेज सरकारी गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए थे, लेकिन पीठ ने इस प्रारंभिक आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि साक्ष्य प्राप्त करने में अगर कोई गैरकानूनी काम हुआ है तो यह इस याचिका की स्वीकार्यता को प्रभावित नहीं करता।

राहुल गांधी के “चौकीदार चोर है” बयान पर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा रफाल सौदे की जांच के लिए गठित मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ मीनाक्षी लेखी की अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रखा। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को लक्ष्य करते हुए यह बयान दिया था कि “चौकीदार चोर है।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी इस टिपण्णी के लिए माफी मांग ली थी।

सबरीमाला समीक्षा फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मामले में याचिकाकर्ताओं को एक पूरे दिन की सुनवाई देने के बाद समीक्षा याचिका पर निर्णय को फरवरी 6 को सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति नरीमन, न्यायमूर्ति चंद्रचूड और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड, पन्दलम राज परिवार और कुछ श्रद्धालुओं ने 28 दिसंबर 2018 को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपनी दलील में यह भी कहा था कि संवैधानिक नैतिकता एक व्यक्तिपरक टेस्ट है और आस्था के मामले में इसको लागू नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था को तर्क की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता। पूजा का अधिकार देवता की प्रकृति और मंदिर की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए। यह भी दलील दी गई थी कि फैसले में संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत ‘अस्पृश्यता’ की परिकल्पना को सबरीमाला मंदिर के सन्दर्भ में गलती से लाया गया है और इस क्रम में इसके ऐतिहासिक सन्दर्भ को नजरअंदाज किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई के अधीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने 4 अप्रैल को सीजेआई कार्यालय के आरटीआई अधिनियम के अधीन होने को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2010 के फैसले के खिलाफ चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सीजेआई का कार्यालय आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 2(h) के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकरण’है। वित्त अधिनियम 2017 की वैधता पर निर्णय ट्रिब्यूनलों के अधिकार क्षेत्र और स्ट्रक्चर पर डालेगा प्रभाव राजस्व बार एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस याचिका में वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जिनकी वजह से विभिन्न न्यायिक अधिकरणों जैसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण, आयकर अपीली अधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी क़ानून अपीली अधिकरण के अधिकार और उनकी संरचना प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि वित्त अधिनियम जिसे मनी बिल के रूप में पास किया जाता है, अधिकरणों की संरचना को बदल नहीं सकता।

यौन उत्पीडन मामले में सीजेआई के खिलाफ साजिश मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोपों की साजिश की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति एके पटनायक ने की और जांच में क्या सामने आता है, इसका इंतज़ार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने न्यायमूर्ति पटनायक को एडवोकेट उत्सव बैंस के दावों के आधार पर इस मामले की जांच का भार सौंपा था। उत्सव बैंस ने कहा था कि उनको किसी फ़िक्सर, कॉर्पोरेट लॉबिस्ट, असंतुष्ट कर्मचारियों ने सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने के लिए एप्रोच किया था। ऐसा समझा जाता है कि न्यायमूर्ति पटनायक ने इस जांच से संबंधित अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।


Pradeep choudhary from kalka wins

काँग्रेस के प्रदीप चौधरी ने भाजपा की लतिका शर्मा को पछाड़ा