डेरा प्रमुख की सज़ा और उन पर दायर मुक़द्दमे आधार हीं : विधि अधिवक्ता परिषद

सर्वोच्च न्यायालय के बार परिषद् ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम प्रकरण में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 25 अगस्त 2017 को दिए गए फैंसले के विरुद्ध जाने का निर्णय किया है। इसी के अनुरूप 1700 वकीलों के परिषद् ने माननीय मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अदालत में एक याचिका दाखिल की है। परिषद् द्वारा इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की मुख्य वजह गुरमीत राम रहीम द्वारा किये गए सामाजिक कार्य तथा उन कार्यों के साथ जुड़े हुए करोड़ों भारतीय नागरिकों का हित है। याचिका में जिस मुक़दमे में 20 साल की सजा सुनाई गयी है, उसे पूर्णतः निराधार बताया गया है तथा इस मुक़दमे को रद्द करने की मांग की गई है। परिषद का दावा है कि इस मुक़दमे में शुरुआत से अंत तक गैरकानूनी व गलत तरीके से कार्यवाही की गयी है । बार परिषद् ने जहाँ सीबीआई के खिलाफ गंभीर सवाल उठाये हैं, वहां राम रहीम के वकीलों को इस फैंसले का मुख्य दोषी ठहराते हुए सख्त टिप्पणी में कहा है कि “ये वो गले हुए सेब हैं जिन्होंने पूरी टोकरी को खराब किया है”। साथ ही इंडियन एक्सप्रेस अखबार की खबर का हवाला देते हुए हरियाणा सरकार पर भी सवाल उठाये हैं।

पंचकूला नगर निगम में भ्रष्टाचार का बोल बाला- सौरव गर्ग

यूथ कांग्रेस के नेतृत्व में फूंका मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मंत्री कविता जैन और विधायक ज्ञानचंद गुप्ता का पुतला


पंचकूला, 7 जनवरी .. ..
हरियाणा की भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुमलों की तरह प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन हकीकत उससे कोसों दूर हैं । पंचकूला नगर निगम ने शहर के आठ चौंकों के ब्यूटीफिकेश की आढ़ में बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। जिसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अर्बन लॉकल बॉडीज मनिस्टर कविता जैन और स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता जिम्मेदार है। क्योंकि इन तीनों के संज्ञान के बिना इतना बड़ा घोटाला कैसे हो सकता है, यह भी गंभीता चिंता की बात है। इसी गंभीर मुद्दे को लेकर पंचकूला यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष सौरव गर्ग के नेतृत्व में समस्त स्थानीय कांग्रेसी नेताओं और समाज सेवी संगठनों ने आज मुख्यमंत्री, अर्बन लॉकल बाडीज मनिस्टर और स्थानीय विधायक का सेक्टर-14 स्थित नगर निगम के दफ्तर के सामने विरोध स्वरूप पुतला फूंका। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सौरव गर्ग ने चेताया कि अगर भाजपा सरकार ने नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो यह प्रदर्शन बड़े आंदोलन का रूप भी ले सकता है। सौरव गर्ग ने मांग कि है कि इस पूरे घोटाले की जांच सीबीआई या फिर हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी से करवाई जाए। क्योंकि भाजपा सरकार इस घाटले को दबाने के लिए निष्पक्ष जांच नहीं होने देगी, जिसके चलते पंचकूला शहर के लोगों को नहीं पता चल पाएगा कि उनके द्वारा टैक्स के रूप में दिए गए पैसे का नगर निगम अधिकारियों ने किस तरह से अपने निजी स्वार्थ के लिए दुरुपयोग किया। सौरव गर्ग ने कहा कि जब तक नगर निगम के प्रशासक का तबादला नहीं होता तब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती, इस लिए सरकार तुरंत प्रभाव से निगम प्रशासक का तबादला करे। भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री, अर्बन लोकल बाडीज मनिस्टर व स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर यूथ कांग्रेस के सुनील सरोहा उपाध्यक्ष जिला यूथ कांग्रेस, सुखविंदर सिंह सुखा उपाध्यक्ष यूथ कांग्रेस, राजकुमार बीड़ घग्गर, कृष्णा महेशपुर महासचिव, देवीचंद वाल्मीकि व अन्य पदाधिकारी के साथ सेकडो की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व शहर वासी भी मौजूद थे।

-विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने क्यों साध रखी है चुप्पी..जनता मांग रही जवाब – सौरव गर्ग

शहर में इतने बड़े घोटाले को नगर निगम के अधिकारियों ने अंदाम दिया, लेकिन उसके बावजूद भी स्थानीय विधायक ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा चुप्पी साधना अपने आप में कई सवालों को जन्म देता है। क्योंकि एक समय था जब विधायक यह कह कर अपना पल्ला छुड़ा लेते थे कि नगर निगम की मेयर कांग्रेस की है और वह विकास कार्य नहीं करवाने दे रही। लेकिन इस समय तो नगर निगम में मेयर का पद भी खाली बड़ा है और शहर का विकास भी विधायक ज्ञानचंद गुप्ता दी देखरेख में हो रहा है, ऐसे में यह कैसे माना जाए कि शहर के चौंकों की ब्यूटीफिकेशन की आढ़ में जो कथित घोटाला हुआ है, उसके बारे में स्थानीय विधायक को कुछ पता ही नहीं है।

-नगर निगम ने साजिश के तहत रखे 50 लाख रुपए से कम के टैंडर, नहीं तो लेनी पड़ती अप्रूवल – सौरव गर्ग

शहर के हरे भरे चौंकों को उजाडक़र वहां उन्हें पत्थर का बनाने के एवज में जो कथित घोटाला हुआ है उसे सोची समझी साजिश के तहत भाजपा नेताओं ने निगम अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। नगर निगम के अधिकारियों ने पहले कॉल किए टैंडर में साइट का नाम गीता चौक लिखा था, लेकिन जब दूसरी बार 25 मई 2018 को टैंडर री-कॉल किया गया तो गुमराह करने के लिए उसमें साइट का नाम ही बदल कर सेक्टर 5,6,7 व 8 का चौंक लिख दिया गया। री-काल किए गए टैंडर में अनुमानित लागत करीब 44.50 लाख रुपए रखी गई, जिसकी साढ़े प्रतिशत ज्यादा की बिड आई, जिससे कि यह टैंडर बढ़ कर 49 लाख 90 हजार 353 रुपए का वर्क ऑर्डर बन गया। अगर टैंडर 50 लाख रुपए ऊपर का हो जाता तो नगर निगम को उसकी टैक्नीकल अप्रूवल के लिए एस्टीमेट को डायरेक्टर अर्बन लॉकल बाडीज के पास भेजना पड़ता। जिस कारण जानबूझ कर आठ चौंकों के अलग अलग एस्टीमेट तैयार किए गए। ताकि एस्टीमेटों की राशि 50 लाख रुपए से ऊपर न बने और यहीं से पूरे घाटले ने जन्म लिया। यहां तक की हर चौंक से हरियाली को खत्म करने के एवज में भी नगर निगम ने 69 हजार रुपए प्रति चौंक देने का काम किया है। एक तरफ तो सरकार पौधे लगाने के संदेश दे रही है और दूसरी तरफ हरियाली को खत्म करने का काम कर रही है। यहां तक की गीता चौंक से हरियाली खत्म कर वहां पर करीब आठ लाख रुपए के सफेद पत्थर ‘वाइट पैब्ल्स’ लगाने का काम भाजपा सरकार ने अधिकारियों से मिलीभुगत कर लगाने का काम किया है।नगर निगम के अधिकारी एलसी चौहान ने एक करोड 93 लाख रुपए की पेमेंट रोकने के लिए निगम प्रशासक को पत्र लिखा था लेकिन उनके 3 दिन के ट्रेनिंग पर जाने के दौरान मिलीभगत कर ठेकेदार को एक करोड़ 93 लाख रुपए की पेमेंट अारटीजीएस के जरिए कर दी गई।

इस मौके पर जावेद चौधरी, गोविंदा, राजीव , प्रतीक राणा, शेख चौधरी, अमन गर्ग, नरेंद्र द्रविड़, अशीष, करण, खालसा, अंकित सिंगला, रोहन, हैप्पी अलीपुर आदि कार्यकर्ता भी मौजूद थे

सवर्णों को भी आरक्षण, सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन का दायरा 50% से बढ़कर 60% होगा

सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक खेला है. मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि वह सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देगी. सोमवार को पीएम मोदी की अध्‍यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई. कैबिनेट ने फैसला लिया है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा. आरक्षण का लाभ सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में मिलेगा. 

बताया जा रहा है कि आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10 % का होगा. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है. सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार संविधान में संशोधन के लिए बिल ला सकती है. इसके तहत आर्थिक आधार पर सभी धर्मों के सवर्णों को दिया जाएगा आरक्षण. इसके लिए संविधान के अनुच्‍छेद 15 और 16 में संशोधन होगा. केंद्र सरकार के इस फैसले पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे कहते हैं 56 इंच का सीना.

सरकार के इस बड़े फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए. पीएम मोदी की नीति है कि सबका साथ सबका विकास. सरकार ने सवर्णों को उनका हक दिया है. पीएम मोदी देश की जनता के लिए काम कर रहे हैं.

मालूम हो कि करीब दो महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. हाल ही में संपन्न हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार हुई थी. इस हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को अहम वजह बताया जा रहा है.

पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी+ को 80 में से 73 सीटें मिली थीं. इस बार बीजेपी को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हाथ मिला लिया है. इसके बाद माना जा रहा था कि बीजेपी इस गठबंधन से निपटने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है. सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले को सरकार का मास्टस्ट्रोक माना जा रहा है.

दरअसल सियासी विश्‍लेषकों के मुताबिक सपा-बसपा ने यूपी में अपने चुनावी गठबंधन में कांग्रेस को रणनीति के तहत शामिल नहीं करने का फैसला किया है. उसके पीछे बड़ी वजह मानी जा रही है कि बीजेपी के सवर्ण तबके में बंटवारे के लिहाज से कांग्रेस और सपा-बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रहे हैं ताकि सवर्णों का वोट बीजेपी और कांग्रेस में विभाजित हो जाए. लेकिन लंबे समय से गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग के चलते इस घोषणा से बीजेपी को सियासी लाभ मिल सकता है.

डेरा प्रमुख की पेशी को लेकर प्रशासन ने किए पुख्ता प्रबंध-मुकुल कुमार

उपायुक्त ने अधिकारी व कर्मचारियों के अवकाश रद्द करने के निर्देश जारी। 

कानून एवं शांति व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाई। संदिग्ध व्यक्तियों पर रखी जाएगी पैनी नजर। 

पंचकूला 7 जनवरी:

उपायुक्त मुकुल कुमार ने जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक में डेरा प्रमुख राम रहीम की 11 जनवरी को सीबीआई कोर्ट में  पेशी को लेकर जिला में कानून एवं व्यवस्था हर हालत में कायम रखने की दिशा में संबधित अधिकारियों के साथ सुरक्षा से जुडे़ महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। 

उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए हैं और सुरक्षा को लेकर 17 महत्वपूर्ण स्थानों का चयन कर वहां पर नाकों की व्यवस्था की गई है ताकि हर व्यक्ति एवं वाहन पर पैनी नजर रखी जा सके। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने 9 ड्यूटी मैजिस्ट्रेट लगाए गए है, जो कोर्ट काॅम्पलेक्स, लघु सचिवालय, पुराना पंचकूला, माजरी चैक, बेलाविस्टा चैका, नाका डीआई कट सेक्टर 1, नाका सूरज सिनेमा सेक्टर 1, नाक रैड बिशप सैक्टर 1 व नाका लघु सचिवालय सैक्टर 1 में पुलिस के अधिकारियों के साथ तैनात रहेंगें। कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त पंचकूला को पूर्ण प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ साथ उपमण्डल अधिकारी ना. पंचकूला व कालका भी अपने अपने क्षेत्रों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूर्ण प्रभारी होगें।

 उपायुक्त  ने संबधित खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अपने अपने क्षेत्र में संरपचों से तालमेल बनाए रखे और यह सुनिश्चित करें कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की सूचना उनके पास हो। इसके साथ साथ उन्होंने उपमण्डल अधिकारी  ना. पंचकूला को भी उन्हें विभिन्न सैक्टरों की रैजिडेंट वैल्फेयर एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से व्यक्तिगत स्तर पर सम्पर्क बनाए रखने के निर्देश दिए ताकि बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर पूर्ण नजर रखी जा  सके।

 उपायुक्त ने जिला वासियों से भी विशेष तौर पर अपील करते हुए कहा कि वे सुरक्षा की दृष्टि के तहत जिला में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपना पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर असामाजिक तत्वों की कोई संदिग्ध गतिविधियां संज्ञान में आएं तो उनकी सूचना तुरन्त जिला प्रशासन एवं पुलिस नियंत्रण कक्ष के दूरभाष न. 0172-2582100 पर दें। इसके साथ साथ मोबाईल नम्बर 8146630014 से निरंतर अंतिम दो डिजिट 15, 16, 17, व 8146630021 पर भी सूचना दे सकते है।

 उपायुक्त ने स्पष्ट शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति कानून एवं शांति को भंग करने का प्रयास करेगा तो उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने विशेषकर नाम चर्चा घर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड व अन्य सार्वजनिक स्थानों आदि पर भी अधिकारियों को विशेष  निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि जिला में 4 कम्पनियां बाहर से बुलाकर तैनात कर दी गई है। इसके अलावा 3 उप पुलिस अधीक्षक की भी तैनाती की गई जो निरंतर चैकिंग एवं निगरानी कर रहे है। उन्होंने अधिकारियों को क्रेन एवं एम्बुलेंस, जेसीबी जैसी सभी आवश्यक मशीनरी के बारे में भी संबधित अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की ताकि जरूरत पडने पर उन्हें प्रयोग में लाया जा सके। उन्होंने सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को भी इस दौरान अवकाश पर ना जाने के निर्देश जारी किए।

 बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा, एसडीएम पंकज सेतिया, एसडीएम कालका रिचा राठी, जिला विकास एवं  पंचायत अधिकारी उत्तम ढालिया, जिला राजस्व अधिकारी धीरज चहल, इंसपैक्टर सिक्योरिटी महमूद खान सहित संबधित खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। 

कार में लगी आग सवार सुरक्षित

खबर और विडियो कपिल नागपाल

चंडीगढ़ के सेक्टर 26 मंडी के पास पुलिस लाइन के बाहर खड़ी कार में लगी आग। कार सवार बाल बाल बचा।

सैक्टर 26 पुलिस लाइन गेट नंबर 1 के पास खड़ी हुंडई कर जिस पर पंजाब का नंबर लगा था को रविवार दोपहर को अचानक ही आग लग गयी। आग बेकाबू होते देख दमकल विभाग को सूचित किया गया। मौके पर अक गाड़ी और एक मोटर साइकल पहुँचे, 10 मिनट की मशक्कत के पश्चात आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी।


विडियो कपिल नागपाल

पंजाब के बलचौर निवासी सुमित अपने एक दोस्त के साथ चंडीगढ़ मंडी में किस काम से आए थे , उन्होने पार्किंग में जगह न पा कर पुलिस लाइन गेट नंबर 1 के पास गाड़ी पार्क की और काम से चले गए। कुछ ही देर पश्चात सुमित ने देखा कि उसकी कार से लपटें उठ रहीं हैं। साथ ही लपटें बेकाबू हो गईं , आस पास के लोगों ने सुमित कि मदद करनी चाही परंतु आग कि भीषणता और वाहन के ईंधन से भयभीत लोगों ने तुरंत दमकल विभाग को सूचित किया। दमकल विभाग के जवानों ने आ कर आग पर काबू प लिया।


फोटो कपिल नागपाल

आज का पांचांग

पंचांग 07 जनवरी 2019

विक्रमी संवत्ः 2075, 

शक संवत्ः 1940, 

मासः पौष़, 

क्षःशुक्ल पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा (तिथि की वृद्धि है जो कि सोमवार को प्रातः 09.19 तक है), 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः उत्तराषाढ़ा रात्रि 08.36 तक, 

योगः हर्ष रात्रि 03.38 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिःधनु, 

चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.19, 

सूर्यास्तः 05.35 बजे।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

आज का राशिफल

Aries

06 जनवरी 2019: आज आप किसी भूमि को खरीदने के लिए लोगों के साथ इधर-उधर चर्चाए करते हुए दिखेंगे। जिसमें कुछ हद तक आपको सफलता भी प्राप्त होगी। स्वास्थ्य में सिर दर्द व दांत के दर्द आपको परेशान कर सकते है। जिसके लिए आपको दवा खानी पड़ सकती है। प्रेम संबंधों में आज नाराजगी होगी। अप्रिय न कहे।

Taurus

06 जनवरी 2019: आज आप तन से स्वास्थ्य व मन में काम करने के हौसलों से युक्त होगे। आज आपका व्यवसाय अधिक समृद्धि होने के संकेत देगा। यह आप पर ही है, आप इस दिन को किस प्रकार से लेते हैं। वैवाहिक जीवन में खुशियों के पल होगे। पत्नी व बच्चों के साथ आज कुछ नई खरीद को अंजाम देगे।

Gemini

06 जनवरी 2019: आज का दिन आपको आर्थिक रूप से उतना सहयोग देने वाला नहीं होगा। बल्कि आगामी योजनाओं व विक्रय लक्ष्य को भेदने के लिए ठीक होगा। जिससे आपको किसी स्थानीय बाज़ार तक जाना पड़ सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से आज का दिन कुछ प्रतिकूल होगा। जिससे आपको किसी अस्पताल तक जाना होगा। 

Cancer

06 जनवरी 2019: आज आप अपने ज्ञान को निखारने के लिए किसी किताब की खरीद को उत्सुक होगे। जिससे आगामी समय में अच्छे प्रर्दशनों का रिकार्ड बनाया जा सके। आप देखेंगे कि आज का दिन अधिक शुभ व सकारात्मक है। अर्थ लाभ भी कुछ मात्रा में होगा। प्रेम संबंधों में सकारात्मक स्थिति आपको प्राप्त होगी। किसी अधीन कर्मी से तनाव होगे।

Leo

06 जनवरी 2019: आप आज अपने कार्यों में सुधारों की राह को अपनाएंगे। जिससे अधिक अच्छे तरीके से कार्यों को अंजाम दिया जा सके। आज इन्हे लागू करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय होगे। घर परिवार में खुशी का माहौल होगा। राजनीति व समाजिक जीवन में कामयाबी होगी। संतान पक्ष को लेकर आपको चिंता होगी।

Virgo

06 जनवरी 2019: आज आप अध्ययन व प्रतियोगिता के कार्यों को पहले से अधिक तेज कर देंगे। इन प्रयासों को सफलता में तब्दील करने की पूरी कोशिश होगी। आप देखेंगे कि भौतिक सुख के साधनों को और बढ़िया करने के अवसर आ चुके है। वहीं परिवार के साथ भी तालमेल की स्थिति अच्छी हो रही है। किन्तु वाहन के मामलों में परेशानी होगी।

Libra

06 जनवरी 2019: आज आप धन निवेश की दिशा में और तीव्रता से बढ़ना चाहेंगे। जिसमें कुछ सफलता की स्थिति होगी। आप देखेंगे कि नौकरी के मामलों में आज अधिक भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। जिससे स्वास्थ्य कुछ थका हुआ पीड़ा दायक होगा। आपको उपचार हेतु अस्पताल तक जाना पड़ सकता है। प्रेम मामलों में गिरावट होगी।

Scorpio

06 जनवरी 2019: आज आप अपने घर को और अधिक संवारने के लिए कुछ जरूरी निर्णय लेना चाहेंगे। आप देखेंगे कि आज जहाँ व्यवसाय को आगे ले जाने में सफलता मिल रही है। वही पारिवारिक जीवन भी सामान्य रूप से चल रहा है। किन्तु भूमि व अदालत के मामलों मे न चाहते हुए भी धन व समय बर्बाद हो रहा है।

Sagittarius

06 जनवरी 2019: आप आज के दिन को एक अवसर के रूप में परिवर्तित करने की पूरी कोशिश में होगे। आपके यह प्रयास आगामी समय में सफलता के रूप में आपके सामने होगे। आप देखेंगे कि यह काम कुछ चुनौती भरा है। जिसके लिए धन व साधन दोनों ही लगाने होगे। सेहत के लिहाज से आज का दिन प्रतिकूल होगा।

Capricorn

06 जनवरी 2019: आज आप अपने बेटे व बेटी को पढ़ाने तथा उन्हें रोजगार से लगाने के लिए तत्पर होगे। आप उन्हें कुछ अपने अनुभव बताना चाहेंगे। जिसे वह सुन तो लेंगे, लेकिन अमल में लाने में आना-कानी होगी। आज आपके लाभ मे कुछ वृद्धि होने के आसार है। निजी संबंधो में मधुरता होगी। यात्रा में विवादों से बचें।

Aquarius

06 जनवरी 2019: आज आप अपने काम-काजी जीवन को और सुखद व सुन्दर बनाने के अवसर प्राप्त कर लेगे। किन्तु यह आप पर ही है। कि आप उन्हें किस प्रकार से लेते हैं। भौतिक सुखों की कमी को आज आप पूरा करने के लिए अधिक तत्पर होगे। स्वास्थ्य सामन्य होगा। प्रेम संबंधों में उपहारों को लेने-देने का क्रम होगा।

Pisces

06 जनवरी 2019: आज रोजी-रोटी के मामलों में नई उम्मीदें होगी। आज आपके पराक्रम में वृद्धि की स्थिति और मज़बूत होगी। आप माता-पिता को धर्म लाभ की यात्राओं के लिए सहयोग देने को कहेंगे। यदि नौकरी करते हैं, तो आज अधिक परिश्रम करना होगा। स्वास्थ्य कुछ खास नहीं होगा। जिससे आपको परेशानी होगी।

मध्यप्रदेश में भाजपा कांग्रेस के विधायकों की खरीद फरोख्त कर रही है: कांग्रेस

कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के जरिए पाला बदलवाने की कोशिशें करने का आरोप लगाया है. जबकि, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप का खंडन किया है.

बीजेपी द्वारा कथित खरीद-फरोख्त करने के प्रयासों की खबरों के सवाल पर प्रदेश के युवा कल्याण और खेल मंत्री जीतू पटवारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘बीजेपी वालों का तो काम है विध्वंसकारी काम करने का, लेकिन पास नहीं होगें…उन्होंने (बीजेपी) कई विधायकों से संपर्क किया है. देर शाम को हमारी (विधायकों की) बैठक है, इसके बाद हम अगला निर्णय लेंगे.’

बीजेपी पर विधायकों को ‘प्रलोभन’ देने के आरोप पर पटवारी ने कहा कि जैसा सामने आ गया, वैसा प्रलोभन देते रहते हैं. उनका काम है वही. वे विध्वंसकारी राजनीति के आदी हैं.

इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी नई दिल्ली में एक समाचार चैनल से बातचीत में मध्यप्रदेश में बीजेपी पर खरीद फरोख्त की कोशिशें करने का आरोप लगाया.

हालांकि, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसे आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘यदि हमें सरकार बनाना होता तो हम विधानसभा चुनाव के नतीजों के दिन ही ऐसा करते.’ उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.

प्रदेश में 15 साल के बीजेपी शासन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी है. विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरु होने जा रहा है.

हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस कुल 230 सीटों में 114 सीटें हासिल कर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई और कांग्रेस ने बीएसपी के दो, एसपी के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए प्रदेश में 15 साल बाद प्रदेश में सरकार बनाई है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 109 सीटें मिली.

प्रदेश की 15 वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरु होकर मात्र पांच दिन चलेगा. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के रुप में कांग्रेस के लिए सदन में पहला शक्ति परीक्षण इसी सत्र में सामने आएगा.

बीजेपी के विधायक और प्रदेश के पूर्व मंत्री संजय पाठक ने भी बीजेपी पर खरीद फरोख्त के आरोप का खंडन करने हुए कहा कि अगर यह सब करना होता तो शिवराज सिंह इस्तीफा ही नहीं देते.

मध्यप्रदेश विधानसभा के सचिव ने बताया कि सोमवार से शुरु हो रहे सत्र में सात और आठ जनवरी को विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव आठ जनवरी को होगा तथा प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इसी दिन सदन को सम्बोधित करेंगी.

कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए गोटेगांव से विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति को अपना उम्मीदवार घोषित किया है जबकि बीजेपी ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है.

इस बीच, बीजेपी के प्रवक्ता ने बताया कि बीजेपी विधायकों की बैठक सोमवार शाम को होगी. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के रार्ष्टीय उपाध्यक्ष तथा मध्यप्रदेश मामलों के प्रभारी विनय सहत्रबुद्धे भी शामिल होंगे.

व्यस्त शेड्यूल के चलते राहुल बजाज ने आरएसएस चीफ से मुलाकात नहीं की

राहुल बजाज ने कहा कि मुझे मोहन भागवत से मिलने के लिए आरएसएस ने आमंत्रित नहीं किया था. आरएसएस के सिटी इंचार्ज राजेश लोया ने कहा था कि आप हमारे हेडक्वार्टर नहीं पहुंचे. एक बार आपकी व्यस्तता खत्म हो जाए तो आप यहां आ सकते हैं

दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गांधियन चंद्रशेखर धर्माधिकार के अंतिम संस्कार में भाग लेने नागपुर पहुंचे थे. यहां उनके आरएसएस चीफ मोहन भागवत से मिलने की भी उम्मीद थी, लेकिन राहुल बजाज की आरएसएस चीफ से मुलाकात नहीं हुई. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि राहुल बजाज ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था.

इस पर बोलते हुए राहुल बजाज ने कहा कि मुझे मोहन भागवत से मिलने के लिए आरएसएस ने आमंत्रित नहीं किया था. आरएसएस के सिटी इंचार्ज राजेश लोया ने कहा था कि आप हमारे हेडक्वार्टर नहीं पहुंचे. एक बार आपकी व्यस्तता खत्म हो जाए तो आप यहां आ सकते हैं. जैसा कि मैं पुणे जा रहा था, मैंने कहा कि अगर समय हो तो मैं अगली बार यात्रा करने में खुशी होगी.

आरएसएस की तरफ से राजेश लोया ने कहा कि राहुल बजाज जी बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने यहां आए थे, लेकिन व्यस्त शेड्यूल के चलते उन्होंने मोहन भागवत से मुलाकात नहीं .

आगे उन्होंने कहा कि अगली बार अगर संभव हुआ तो वो मोहन भागवत से जरूर मुलाकात करेंगे. राहुल बजाज ने मोहन से मिलने से इनकार नहीं किया है.

Congress is directly locked in a battle with the BJP as regards the upper caste Hindu votes

The unprecedented riots unleashed by the BJP and the Sangh Parivar organisations in Kerala on Thursday in their attempt to exploit the possible disquiet among some quarters of the Hindus following the entry of two women at the Sabarimala temple on Wednesday has resulted in a new political polarisation in the state: the BJP versus the CPM.

Completely lost out in the game by not taking either a socially progressive or constitutionally right position is the Congress, that too just ahead of the 2019 elections. In the process, the BJP has edged it out from its traditional antagonist role vis-a-vis the CPM. If the political equations get skewed further or even stay as they are, the Congress is going to be in trouble because on Sabarimala, it’s on the same side of the BJP.

What’s worse is that it even appears to be a clone of the BJP in a state where it’s known for its secular and renaissance values.


A protest opposing the entry of women into the Sabarimala temple

While it remains to be seen if the arson and riots that the state witnessed on Thursday will discourage the soft Hindu voters to throw their weight behind the BJP or it, they certainly show that the BJP and the Sangh organisations have been emboldened enough to take up the role of the main rival to the ruling CPM. Despite its best efforts, the CPM-led state government appeared meek in controlling the civil war-like situation wherein marauding protesters went about destroying public and private properties and waging wars with rival groups of people.

While Kerala’s civil society as a whole stood together against the violence, the Congress has yet again failed to take a stand that’s different from that of the BJP. The statements by all the leaders of the Congress in the state not only failed to slam the BJP and the Sangh for the violence, but they also echoed the latter’s effective position that faith and traditional practices are more important than what’s constitutionally right. While the BJP’s position was predictable given its ideology and eagerness to find an opportunistic communal breakthrough in the state, the Congress was unable to take a more nuanced position that was politically different from the CPM, but not similar to that of the BJP.

Although the core vote-bank of the United Democratic Front (UDF) that it leads comprises minorities such as the Muslims and Christians, the Congress’s problem is that it shares a major part of its political constituency with the BJP, namely the upper caste Hindus. In addition, it also lacks a cadre base. In the last Assembly elections, the BJP, along with its allies, had managed a vote share of 15 percent and wherever it gained strength, the Congress had been the loser. If the BJP further eats into the Congress vote base, the latter is going to be deeper in trouble. In the last elections, the rise of the BJP has either reduced the margin of the Congress candidates or has led to their defeat in many constituencies. In other words, the Congress is directly locked in a battle with the BJP as regards the upper caste Hindu votes.

Therefore, the Congress is evidently wary and doesn’t want to take a chance at all, even at the cost of appearing regressive. As a result, the party had to tragically take two contradicting positions — at the national level, it supports the entry of women into the temple on account of gender equality, while in the state, it opposes it because it hurts the religious sentiments of people. The reported intervention of Sonia Gandhi to dissuade the Congress MPs from staging a black-badge protest in Parliament against the entry of women to the temple was a clear manifestation of this contradiction. Unfortunately, the Congress’ plight has come to such a helpless pass that every time the Congress leaders in the state, whether it’s Opposition leader in the Assembly Ramesh Chennithala or the state unit president Mullappally Ramachandran, speak on the issue, they sound like the unreasonable BJP leaders.

The CPM, on the other hand, has taken a calculated risk although its principal vote bank is also Hindus, mostly the Ezhavas, the powerful backward caste that accounts for about 27 percent of the state’s population. The CPM’s strategy is to take the BJP head on for two reasons — one, it will win the support of the progressive and left-leaning civil society and also probably bring in the elusive minorities. Since the devotees of Ayyappa do not belong to the upper castes alone, and probably comprise a larger number of the backward castes, it’s indeed a gamble; but ideologically, the CPM showed more character.


Members of Ayyappa Dharma Samrakshana Samithi (Delhi and NCR) display placards and raise slogans during a protest over the Sabarimala issue, at Kerala House, in New Delhi

In fact, the reality was that it had no other way. If it had tried to legally circumvent the Supreme Court verdict allowing entry of women of all ages to Sabarimala, which triggered the whole controversy, or soft-pedalled its implementation, it would have appeared to be on the same side of the BJP. The CPM was very clear and resolute right from the beginning — it wouldn’t fall for the game of religious appeasement and would prefer to gain a moral upper hand. The “Wall of Women” it spearheaded on 1 January was a pilot to gauge the public mood and its success gave enough political thrust to the Pinarayi Vijayan government to take the risk of facilitating the entry of two women to the temple. Reportedly, in the coming days more women are likely to visit the shrine with the help of the police.

a politicised woman wall by whom

The CPM’s political calculation is also to weaken the Congress by pitting itself against the BJP. When the CPM projects the BJP as its main antagonist, Congress runs the risk of getting sidelined by the Hindu voters because they have a new political dispensation to back. The CPM probably assumes that even a marginal rise in the BJP’s vote share will be good enough to destroy the Congress’ chances, as it happened in other states.

However, what’s completely unknown is if the backward caste Hindu votes also will be influenced by these developments, because such faith-based political polarisation has never been tested in the state. Probably, that would be the only hope for the Congress — to retain the upper caste Hindu votes by taking a stand similar to that of the BJP, and expect a defection of backward caste Hindu votes of the CPM towards itself.

For the BJP, it’s pretty simple, because communal polarisation is its only weapon to gain some foothold in the state, while for the CPM and the Congress, the strategy is to weaken each others’ constituencies. The CPM has taken a radical approach, while the Congress has tried to play if safe. Which one will pay off? One has to wait till 2019 elections.