भाजपा शिवसेना कि राहें होंगी जुदा

शिवसेना के कैबिनेट मंत्री रामदास कदम ने कहा कि एनडीए को लेकर उद्धव ठाकरे फैसला लेंगे जबकि उद्धव ठाकरे ने तो उसी दिन फैसला ले लिया था जब अमित शाह उनके घर के दरवाज़े पर आधा घंटा इंतज़ार करते रहे और बड़े ही एहसान से मिले

महाराष्ट्र मे एनडीए गठबंधन की गांठ किसी भी वक्त खुल सकती है. शिवसेना और बीजेपी के बीच तकरार सातवें आसमान पर है. इन सबके बीच शिवसेना ने लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) अकेले लड़ने की बात दोहराते हुए बीजेपी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. दरअसल, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव में विपक्षी पार्टियों समेत शिवसेना को भी सियासी पटखनी का मजा चखाने का ऐलान किया था. कहा जा रहा है कि इसी बयान पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बीजेपी पर बिफरे हुए हैं.

शिवसेना के कैबिनेट मंत्री रामदास कदम ने कहा कि एनडीए को लेकर उद्धव ठाकरे फैसला लेंगे. लेकिन, अमित शाह महाराष्ट्र में आकर शिवसेना को दफन करने की बात करते हैं. हम बीजेपी को जमीन में गाड़ देंगे चुनाव आने दीजिये. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एनडीए का घटक दल शिवसेना लगातार बीजेपी से बिना हाथ मिलाये चुनावी समर मे दो-दो हाथ करने की बात लगातार दोहरा रहा है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिये लगातार पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर सियासी तीर दाग रहे हैं.

बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र के लातूर मे शिवसेना को चुनाव में पटखनी देने का ऐलान किया था. अमित शाह ने पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी विपक्षी दलों को परास्त कर देगी. साथी दल अगर साथ नहीं आये तो उन्हें भी चुनाव में गाड़ (दफन) देगी.” इसी बैठक में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना की नाराजगी को लेकर कहा था कि शिवसेना अगर साथ नहीं आई तो भी बीजेपी सूबे की 48 में से 40 सीटों पर अपने दम पर जीतने में सक्षम होगी. बीजेपी की इन्हीं बयानबाजी से उद्धव ठाकरे खेमा बीजेपी पर हमलावर है. 

महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं. 23 पर बीजेपी का कब्जा है जबकि 18 शिवसेना के कब्जे में हैं. सूबे में कांग्रेस की झोली मे महज दो और एनसीपी के पास 4 लोकसभा सीटें हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था. शिवसेना ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि बीजेपी ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.

कालका शिमला रेल में कुमारहट्टी के पास इंजन में लगी आग सभी सुरक्षित

यूनेस्को की ओर से ‌विश्व धरोहर घोषित कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर मंगलवार को शिमला जा रही ‘हिमालयन क्वीन’ टॉय ट्रेन में आग लग गई. यह घटना हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर और कोटी रेलवे स्टेशनों के बीच हुई है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शिमला जा रही हिमालयन क्वीन के ट्रेन के इंजन में सोलन जिले के कुम्हारहट्टी के समीप आग लग गई. अंबाला संभागीय रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि गनीमत यह रही कि घटना में कोई घायल नहीं हुआ.

जानकारी के अनुसार. हिमालयन क्वीन ट्रेन नंबर 52455 के इंजन में दोपहर करीब दो बजकर 15 मिनट पर कुम्हारहट्टी के पास आग लग गई. सात डिब्बों वाली इस ट्रेन में हादसे के दौरान 200 के करीब यात्री सवार थे. आग पर इंजन के पायलेट ने ही काबू पा लिया था. इसके बाद ट्रेन का इंजन बदला गया और इसे शिमला के लिए रवाना किया गया है

इस वजह से लगी आग
नार्दन रेलवे के अनुसार, सोलन में हिमालयन क्वीन ट्रेन में तकनीकी खामी पेश आई. रेलवे का कहना है कि इंजन में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी. 20 मिनट के अंदर आग पर काबू पा लिया गया. घटना में किसी शख्स के हताहत होने की खबर नहीं है.

103 सुरंगों से होकर गुजरती हैं यह ट्रेन
कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें हैं, जो सफर को रोमांचक बनाती हैं. बडोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है. रेलमार्ग पर 869 छोटे बड़े पुल हैं जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है. 2008 में यूनेस्को ने इस रेल लाइन को विश्व धरोहर का दर्जा दिया था.

तथ्यों को समझने के लिए आपको(राहुल गांधी) को ट्यूटर की आवश्यकता पड़ेगी: निर्मला सितारमण

इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को ‘ट्यूशन’ का ऑफर भी दे दिया

राफेल डील का मामला खींचता जा रहा है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने राफेल फाइटर जेट डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर सोमवार को पलटवार किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रमुख को अपने तथ्यों को सही करने के लिए ‘ट्यूटर’ की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने ‘ट्यूशन’ का ऑफर भी दिया.

पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमन ने सवाल उठाया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार क्यों लड़ाकू जेट विमान के सौदे को अंतिम रूप देने में असमर्थ रही है? राहुल गांधी से यह सवाल करना चाहिए.

सीतारमन ने कहा, ‘यूपीए सरकार हर साल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल को 10,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर देती थी. हम उसे 20,000 करोड़ रुपए का ऑर्डर देते हैं. राहुल गांधी से यह नहीं पूछा जा रहा है कि उन्होंने सौदे को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया?’

कांग्रेस द्वारा संसद में उठाए गए ऑडियो रिकॉर्डिंग के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सीतारमन ने कहा, ‘उनके (राहुल गांधी) पास मंत्रालय की सभी फाइलें हैं. क्या उनके पास सारी फाइलें पड़ी हैं या उनके किसी सूत्र ने सूचना लीक की है.

सरकार जवाब देने को तैयार,लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं संसद में हंगामे को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीतारमन ने कहा कि सरकार सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं है. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘संसद में बहस के दौरान जब सवाल पर संबंधित मंत्री जवाब देने के लिए खड़े होते हैं तो आप कहते हैं कि ‘प्रधानमंत्री को बुलाओ’.’

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीतारमन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राफेल मुद्दे पर झूठ बोला है. उन्होंने सीतारमन के इस्तीफे की मांग की थी. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उसे छिपाने के लिए एक के बाद एक कई झूठ आपको बोलने पड़ते हैं. राफेल मामले में पीएम मोदी को बचाने की हड़बड़ी में रक्षामंत्री ने संसद में झूठ बोला. कल रक्षा मंत्री या तो HAL को एक लाख करोड़ के ऑर्डर का सबूत लेकर आएं या फिर इस्तीफा दे दें.’

वित्तीय संकट से जूझ रही है सरकारी कंपनी एचएएल

दरअसल, राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना तब साधा, जब टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल वित्तीय संकट से जूझ रही है और अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए पैसे उधार लेने को मजबूर है. एक लाख करोड़ रुपए में से एचएएल को एक पैसा भी नहीं मिला क्योंकि किसी आदेश पर हस्ताक्षर ही नहीं किए गए. कंपनी को सीतारमन के औपचारिक आदेश का इंतजार है.

वहीं राहुल गांधी की इस चुनौती के बाद निर्मला सीतारमन ने अपने जवाबी ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी को वह रिपोर्ट पूरी पढ़नी चाहिए, जिसका वह जिक्र कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने रिपोर्ट के उस हिस्से का भी जिक्र किया, जिसमें लिखा है ‘हालांकि, लोकसभा के रिकॉर्ड बताते हैं कि सीतारमन ने यह दावा नहीं किया कि ऑर्डरों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं. उन्होंने यह कहा कि उन पर काम चल रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रधानमंत्री मोदी का दोष साबित हुआ- विपक्ष

सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा

केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है
सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं, पीएम मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है

सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है. कांग्रेस के साथ दूसरे राजनीतिक दलों ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार के लिए बड़ा झटका करार दिया.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. इससे पहले भी उन्होंने इसी तरह केंद्रीय सतर्कता आयोग की विश्वसनीयता (सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश की सलाह की जरूरत) को दरकिनार कर उसे तबाह कर दिया था. पीएम मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है.’

उन्होंने पीएम मोदी को यह याद रखने के लिए कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी, लेकिन संस्थानों की अखंडता हमेशा कायम रहती है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘यह आपके लिए हमारे लोकतंत्र और संविधान की मजबूती के बारे में एक सबक है. इससे पता चलता है कि आप कितने भी स्वेच्छाचारी हों, अंत में कानून आपको पकड़ ही लेता है.’ सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री को ‘लोकतांत्रिक संस्थानों को कुचलने वाला’ करार दिया.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि आज आप लोगों पर दबाव बनाने के लिये इन एजेंसियों का इस्तेमाल करेंगे, कल कोई और ऐसा करेगा. ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा? वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अदालत के फैसले से साबित होता है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे.

किसने क्या कहा

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने इस फैसले को सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है. आम आदमी पार्टी प्रमुख ने ट्वीटर पर लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई प्रमुख को बहाल करना प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर दोषी ठहराता है. मोदी सरकार ने देश के संस्थानों और लोकतंत्र को तबाह कर दिया. क्या सीबीआई निदेशक को आधी रात को अवैध रूप से हटाना राफेल घोटाले की जांच रोकने की कोशिश नहीं थी, जिससे सीधे प्रधानमंत्री जुड़े हुए हैं?’

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को अब अपने राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह आदेश वर्मा के लिये अधूरी जीत है. उन्होंने कहा, उन्हें (वर्मा को) बहाल तो कर दिया गया है लेकिन उन्हें कोई भी नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया गया है.

अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि वर्मा के बारे में कोई भी फैसला सीबीआई निदेशक का चुनाव और नियुक्त करने वाली उच्च शक्ति प्राप्त समिति करेगी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने सुनाया है. सीबीआई के निदेशक के रूप में वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है.

कमाल है की मोदी पकड़े गए, दोषी ठहराए गए हैं, इस पर सवाल उठता है की सूप्रीम कोर्ट मात्र पकड़ता है या दोषी ठहराता है ओर सज़ा के लिए किसी और को ढूँढना होगा क्या नेता सर्वोच्च नयायालय को सज़ा सुनाने के लिए अक्षम मानते हैं या फिर मोदी दोषी और पकड़ा गया यह मात्र खीज भरा जुमला है

अखिलेश से सीबीआई पूछताछ की संभावना दिखाई दे रही है तो कांग्रेस भी अखिलेश के समर्थन में साथ खड़ी है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अवैध खनन घोटाले के मामले में यूपी की तत्कालीन अखिलेश सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी कांग्रेस के समय मायावती पर NRHM और स्मारकों के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था और उनसे पूछताछ भी हुई थी। आज अखिलेश और माया गठबंधन में है और कांग्रेस उनका समर्थन कर रही है इसीलिए खनन घोटाले (मायावती ने जिनका मुद्दा उठा कर सीबीआई जांच की मांग की थी) राजनीति से प्रेरित हैं और भाजपा राजनैतिक विद्वेष से सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, सीबीआई की कार्रवाई के पूर्व के इतिहास के चलते इस बार अखिलेश यादव भी सीबीआई को राजनीतिक हथियार बना कर मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि आज जो राजनीतिक दल उनके साथ इसी मुद्दे पर समर्थन में खड़े हैं वही दल खुद पूर्व में सीबीआई जांच की मांग कर चुके थे. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अवैध खनन घोटाले के मामले में यूपी की तत्कालीन अखिलेश सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी. आज जो आरोप बीएसपी केंद्र सरकार पर लगा रही है ठीक वैसे ही आरोप मायावती भी पूर्व में कांग्रेस पर लगा चुकी हैं.

यूपी में साल 2007 से 2012 के समय मायावती सरकार पर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और स्मारकों के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा था. उस वक्त केंद्र में यूपीए की कांग्रेस नीत सरकार थी. NRHM  घोटाले के मामले में सीबीआई ने मायावती से पूछताछ भी की थी.

क्या भ्रष्टाचार के दाग सिर्फ राजनीतिक कारणों से लगते हैं?

अब जब अखिलेश से सीबीआई पूछताछ की संभावना दिखाई दे रही है तो कांग्रेस भी अखिलेश के समर्थन में साथ खड़ी है. इसकी सियासी वजह ये भी हो सकती है कि यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर एसपी-बीएसपी गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस के लिए सम्मान में छोड़ दीं.

बहरहाल, सीबीआई या ईडी या फिर दूसरी जांच एजेंसियों के घेरे में जब भी राजनीतिक चेहरे आए तो सरकारों पर राजनीति हित साधने के आरोप लगते रहे हैं. जिस वजह से सत्ता में राजनीतिक दलों की आवाजाही के दरम्यान मुकदमों की फाइलों की आंख-मिचौली होती रहती है. ऐसे में सिर्फ लोकसभा चुनाव के गठबंधन का हवाला देकर अखिलेश सीबीआई की पूछताछ पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो ये नई बात नहीं है.

द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर के कलाकारों पर मुजजफरपुर में मुक़द्दमा दर्ज़।

The accidental prime minister

जब संजय बारू की पुस्तक छपती है तब किसी प्रकार की मान हानी नहीं होती और न ही देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। अब यही पुस्तक चलचित्र में परिवर्तित हो जाती है तो अचानक ही राष्ट्र सुरक्षा खतरे में पड़ती है साथ ही साथ पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान को ठेस लग जाती है।

पहले भी कई फिल्मों पर रोक लगाने की मांग की गयी है, हाल ही में पद्मावत में क्षत्रिय समाज ने अपनी पूजनीय रानी पद्मावती के किरदार के साथ कुछ छेड़ छाड़ की शिकायत को लेकर रोक की मांग राखी थी, खारिज हो गयी। अब मनमोहन सिंह की विवशताओं पर बनी फिल्म से क्या मनमोहन सिंह के चरित्र हनन की बात सामने आ रही है या फिर एक परिवार विशेष की मानसिकता को चोट पहुँच रही है? इस बार कलाकारों पर दर्ज़ हुए मुक़द्दमे की समझ नहीं आ रही।

मुजफ्फरपुर: द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर रिलीज के ठीक पहले मुश्किलों में फंसती नजर आ रही है. बिहार के मुजफ्फरपुर कोर्ट ने फिल्म के अभिनेता अनुपम खेर सहित 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. 

सभी के खिलाफ केस कांटी थाने में दर्ज किया जाएगा. दरअसल अधिवक्ता सुधीर ओझा ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था और आरोप लगाया था कि फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित अन्य नेताओं को अपमानित किया गया है. एसडीजेएम के कोर्ट में सुनवाई के बाद एफआईआर का आदेश दिया गया है. 

इस परिवाद में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी. साथ ही ये भी कहा गया था कि फिल्म में देश की सुरक्षा व्यवस्था से भी खिलवाड़ किया गया है. फिल्म में अनुपम खेर पूर्व प्रधानमंत्री का किरदार निभा रहे हैं. 

फिल्म दरअसल संजय बारू की किताब द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर पर बनी है और यह किताब पिछले लोकसभा चुनाव के समय आई थी और 2019 लोकसभा चुनाव के समय फिल्म रिलीज की जा रही है. फिल्म को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है तो वहीं फिल्म से बीजेपी को जरूर चुनाव के वक्त फायदा हो सकता है. 

देखने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है. साथ ही हर किसी को फिल्म के रिलीज का इंतजार है कि आखिर फिल्म में क्या दिखाया गया है और किस तरह से किस नेता का किरदार दिखाया गया है.

अरुण जेटली, निशिकांत दुबे और नंद किशोर चौहान लोकसभा में रखेंगे सरकार का पक्ष

नई दिल्‍ली : सवर्णों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया है. इस पर शाम 5 बजे से बहस होगी. इस पर बहस में सरकार को कई छोटे और अहम दलों ने समर्थन दिया है. इनमें एनसीपी, एसपी, एनसीपी, बीएसपी जैसे दल शामिल हैं. हालांकि कांग्रेस और एआईएमआईएम जैसे दलों का रुख साफ नहीं है. इस मुद्दे पर होने वाली बहस में सरकार की ओर से अरुण जेटली, निशिकांत दुबे और नंद किशोर चौहान हिस्‍सा लेंगे.

बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को सवर्ण जातियों के गरीबों के लिए शिक्षा और रोजगार में 10 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला किया है. लेकिन इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा क्योंकि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो जाएगा.

इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे.

सर्दी के मौसम में भी ग्रामीणों ने स्कीमों की जानकारी के साथ गीतों एवं भजनों का आनन्द उठाया

गांव समलेहड़ी में आयोजित किया रात्रि कार्यक्रम

रायपुर रानी/बरवाला  8 जनवरी:

  खण्ड के करीब 2 हजार की आबादी वाले गांव समलेहड़ी में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों के प्रचार प्रसार के लिए रात्रि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमे भजन पार्टी के कलाकारों वं सिनेमा युनिट के माध्यम से लोगों को जनहितैषी स्कीमों के बारे विस्तार लोगों को अवगत करवाया गया।

  गांव के सरंपच रमेश कुमार की बैठक में आयोजित इस कार्यक्रम में सैंकड़ों महिलाओं, बजुर्गो एवं युवाओं ने चलचित्र के माध्यम से एक और सुधार कार्यक्रम की फिल्म का आनन्द लिया। इसके साथ ही भजन मण्डली के कलाकारों ने विकासपरक गीतों द्वारा भारी ठण्ड के बावजूद लोगोें का भरपूर मनोरंजन करवाने के साथ साथ सरकार की नीतियों के बारे जागरूक किया। सहायक सूचना एंव जनसम्पर्क अधिकारी सितेन्द्र राणा ने जहां सरकार द्वारा क्रियान्वित पैंशन योजनाओं, स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की जानकारी दी वहीं बिजली बिल माफी योजना, उज्जवला गैस कनैक्शन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाओं का लाभ तुरन्त लेने का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त बागवानी विभाग द्वारा किसानों सब्जियों एवं फलों की खेती के अनुदान बारे लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। इसी प्रकार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि उपकरणों का उपयोग कर खेती को कारगर एवं आर्थिक रूप से सम्पन्नता की ओर लाने बारे जागरूक किया। इसके साथ ही सरकार की 4 वर्ष की उपलब्धियों बारे प्रचार सामग्री भी वितरित की। 

ग्रामीणों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से जहंा लोगों का मनोरंजन होता है वही स्कीमों की भी जानकारी मिलती है। इसीलिए विभाग द्वारा हर माह दो कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे है।   

जिला स्तरीय महिला खेल साईकिल प्रतियोगिता में नानकपुर की प्रमिन्द्र अव्वल

जोगेन्द्र कौर प्रत्येक प्रतियोगिता के प्रथम विजेता को 4100 रुपए का नकद ईनाम एवं प्रंशस्ति पत्र

पंचकूला, 8 जनवरी:

महिला एवं बाल विकास द्वारा सैक्टर 3 स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में जिला स्तरीय महिला खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस महिला खेल प्रतियोगिता में जिला की सैंकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।

  जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जोगेन्द्र कौर ने जिला स्तरीय खेल  प्रतियोगिता में विजयी महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। प्रतियोगिता में 100, 300 व 400 मीटर दौड़ के अलावा म्यूजिक चेयर रेस, पोटोटो स्पून रेस व साईकिल दौड का आयोजन किया गया। जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता की साईकिल रेस में जिला के गांव नानकपुर की प्रमिन्द प्रथम, बरवाला की दलजीत द्वितीय तथा रायपुर रानी की संध्या तृतीय स्थान पर रही। इसी प्रकार पोटोटो स्पून रेस में गांव टिकरी की निनू ने पहला अबदुलापुर की परमजीत ने दूसरा तथा सेहत की निर्मला ने तीसरा स्थान पाया।

महिला खेल प्रतियोगिता की चेयर रेस में गांव किरतपुर की सतीन्द्र ने पहला, सिलों की कुंता देवी ने दूसरा तथा टिकरी की मुरतो देवी ने तीसरा स्थान पाया। इसी  प्रकार 100 मीटर दौड में समलेडी की रीटा ने प्रथम, रायपुरा रानी की सुखविन्द्र ने दूसरा तथा सेहत की निर्मला देवी ने तीसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा 300 मीटर दौड़ में टिकरी की कविता ने प्रथम, कजियाणा की पूजरा ने द्वितीय तथा नारायणपुर की सुमने देवी ने तृतीया स्थान पाया। प्रतियोगिता की 400 मीटर दौड में धमाला की आरती शर्मा ने पहला, रिहोड की आरती ने दूसरा व सोंतवाला की हरप्रीत ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

  जिला कार्यक्रम अधिकारी जोगेन्द्र ने महिला खेल प्रतियोगिता मेें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली विजेताओं को क्रमशः 4100, 3100 व 2100 रुपए के नकद पुरस्कार प्रदान किए। 

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से विभिन्न स्कीमों के लिए अब तक 24 लाभार्थियों को 9 लाख 70 हजार रुपये की राशि के बैंक ऋण उपलब्ध करवाएं गए

file photo

पंचकूला, 8 जनवरी:

हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की ओर से विभिन्न स्कीमों के लिए अब तक 24 लाभार्थियों को 9 लाख 70 हजार रुपये की राशि के बैंक ऋण उपलब्ध करवाएं गए, जिसमें 7 लाख 28 हजार रुपये की राशि के बैंक ऋण, 1 लाख 73 हजार रुपये की अनुदान राशि व 69 हजार रुपये की सीमांत राशि शामिल है।

  उपायुक्त मुुकुल कु मार ने बताया कि निगम द्वारा 3 लाभार्थी को पशु पालन के लिए एक लाख 50 हजार रुपये की राशि का ऋण उपलब्ध करवाया गया, जिसमें एक लाख 35 हजार रुपये की राशि बैंक ऋण व 15 हजार रुपये की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने बताया कि एक लाभार्थी को भेड़ बकरी पालन के लिए 30 हजार रुपये का बैंक ऋण उपलब्ध करवाया गया, जिसमें 20 हजार रुपये का बैंक ऋण व 10 हजार रुपये की अनुदान राशि शामिल है। सूअर पालन के लिये दो लाभार्थियों को एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई, जिसमें 80 हजार रुपऐ का बैंक ऋण व 20 हजार रुपऐ की अनुदान राशि शामिल है। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक लाभार्थी को 50 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई, जिसमें 41 हजार रुपये का बैंक ऋण, 4 हजार रुपये की अनुदान राशि व 5 हजार रुपये की सीमांत राशि शामिल है। ट्रेड एवं व्यापार के लिए 17 लाभार्थियों को 6 लाख 40 हजार रुपये की राशि का ऋण उपलब्ध करवाया गया, जिसमें 4 लाख 52 हजार बैंक ऋण, एक लाख 24 हजार रुपये की अनुदान राशि व 64 हजार रुपये की सीमांत राशि शामिल है। उन्होंने पात्र व्यक्तियों से अपील करते हुए कहा कि वे इस योजना का लाभ उठाए। इन योजनाओं की अधिक जानकारी के लिए संबंधित विभाग से संपर्क करें।