हत्या के आरोप मे फरार आरोपी को किया गिरफ्तार

01 अक्टूबर 2019 :-

श्री कमलदीप गोयल, ह.पु.से., पुलिस उपायुक्त पंचकूला के आदेशानुसार अपराध की रोकथाम व अपराधियो की धरपकड के लिये पंचकुला पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए कालका रेलवे स्टेशन से गत 10 सितंबर को बद्दी के लिए टैक्सी किराए पर की और फिर टैक्सी चालक परविंदर सिंह उर्फ बिट्टू (40) की हत्या करने वाले चौथे आरोपी को सैक्टर-19 क्राइम ब्रांच के इंचार्ज इंस्पेक्टर कर्मवीर के नेतृत्व में गठित टीम ने गिरफ्तार किया हैं। आरोपी की पहचान गोबिंद राम उर्फ योगी पुत्र जयराम वासी जिला हनुमानगढ राजस्थान के रूप में हुई हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी को भटिंडा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे चार के दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया हैं। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी से हथियार व वारदात के समय पहने कपडे रिकवर करेगी। क्राइम ब्रांच की टीम इससे पहले इस मामले मे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं।

विकास किया है विकास के लिए हूँ प्रतिबद्ध: ज्ञानचंद गुप्ता

ज्ञान चंद गुप्ता ने भाजपा के कार्यकर्ताओ के साथ की विशेष बैठक

पंचकूला 1 अक्टूबर 2019:

पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर विधायक का टिकट मिलने पर मौजूदा विधायक ज्ञानचंद गुप्ता को बीते दिन की भांति आज भी पूरा  दिन कार्यकर्ताओं के बधाई देने का तांता उनके आवास स्थान में लगा रहा।

इस मौके पर ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक विशेष बैठक की जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार की विभिन्न रणनीतियों को साझा किया और पंचकूला के चौतरफा विकास के बारें में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बताया कि पिछले पांच वर्षों में उन्होंने पंचकूला के विकास हेतु लगभग 2000 करोड़ रुपये के नए कार्यों को मंजूरी दिलाई, जिनमें अधिकतम काम या तो पूरे हो चुके हैं या पूरे होने की कगार में हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं एवं जनता के सहयोग से शहर व गावों में समान विकास करवाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को बताया कि पंचकूला उनका दिल और इससे सटे हुए गांव उनकी आत्मा है। इसलिये सभी मिलकर पंचकूला के विकास में उनका हाथ बटाएं।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा, विधानसभा प्रभारी वीरेंद्र राणा, महासचिव हरेंद्र मलिक, युवा जिलाध्यक्ष योगेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष अजय शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 01.10.2019

One arrested for consuming liquor at public place

          A case FIR No. 259 U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh against two persons who were arrested while consuming liquor at different public places on 30.09.2019. Later they were released on bail.

Information Technology Act

A case FIR No. 309, U/S 66C, 67 IT Act has been registered in PS-17, Chandigarh on the complaint of a lady resident of Chandigarh against unknown person who made fake Instagram account by using complainant’s name and profile. Investigation of case is in progress.

Accident 

A case FIR No. 251, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh on the complaint of Rajesh R/o # 2510/2 Sector-49C, Chandigarh against driver of Swift car No. HR03U-8839 namely Jobanjeet Singh R/o # 217, Sector-20, Panchkula, (HR) who hit to complainant’s Motorcycle No. CH01AA-9535, near light point, Sector 31/Ramdarbar, Chandigarh on 30.09.2019. Complainant got injured and admitted in PGI, Chandigarh. Alleged person arrested in this case and later released on bail. Investigation of case is in progress.

MV Theft

Karan Garg R/o # 3317, Sector-32, Chandigarh reported that unknown person stole away his Swift car No. HR15G-0048 parked near his house on 30.09.2019. A case FIR No. 248, U/S 379 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Ravi Rathi R/o # 3543, Sector-38D, Chandigarh reported that unknown person stole away two tires i.e. rear and front of driver side of his Maruti Suzuki Ciaz car No. UP14CV-3630 from parking near 24/7 Store, Sector-38, Chandigarh on 30.09.2019. A case FIR No. 342, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

तीसरी चंद्रघंटा शुभनाम

नवरात्री का तीसरा दिन माता चंद्रघंटा रूप की पूजा

तृतीय दुर्गा : श्री चंद्रघंटा

नवरात्री तीसरा दिन माता चंद्रघंटा की पूजा विधि

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैयुता।
प्रसादं तनुते मद्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

माँ दुर्गा की तृतीय शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि विग्रह के तीसरे दिन इन का पूजन किया जाता है। माँ का यह स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी लिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। चन्द्रघंटा देवी का स्वरूप तपे हुए स्वर्ण के समान कांतिमय है. चेहरा शांत एवं सौम्य है और मुख पर सूर्यमंडल की आभा छिटक रही होती है। इनके दस हाथ हैं। दसों हाथों में खड्ग, बाण आदि शस्त्र सुशोभित रहते हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने वाली है। इनके घंटे की भयानक चडंध्वनि से दानव, अत्याचारी, दैत्य, राक्षस डरते रहते हैं। नवरात्र की तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्त्व है। इस दिन साधक का मन मणिपुर चक्र में प्रविष्ट होता है। मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक को अलौकिक दर्शन होते हैं, दिव्य सुगन्ध और विविध दिव्य ध्वनियाँ सुनायी देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं । माँ चन्द्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएँ विनष्ट हो जाती हैं । इनकी अराधना सद्य: फलदायी है। इनकी मुद्रा सदैव युद्ध के लिए अभिमुख रहने की होती हैं, अत: भक्तों के कष्ट का निवारण ये शीघ्र कर देती हैं । इनका वाहन सिंह है, अत: इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों की प्रेत-बाधादि से रक्षा करती है । दुष्टों का दमन और विनाश करने में सदैव तत्पर रहने के बाद भी इनका स्वरूप दर्शक और अराधक के लिए अत्यंत सौम्यता एवं शान्ति से परिपूर्ण रहता है।

इनकी अराधना से प्राप्त होने वाला सदगुण एक यह भी है कि साधक में वीरता-निर्भरता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होता है। उसके मुख, नेत्र तथा सम्पूर्ण काया में कान्ति-गुण की वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य, अलौकिक, माधुर्य का समावेश हो जाता है। माँ चन्द्रघंटा के साधक और उपासक जहाँ भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शान्ति और सुख का अनुभव करते हैं। ऐसे साधक के शरीर से दिव्य प्रकाशयुक्त परमाणुओं का दिव्य अदृश्य विकिरण होता है। यह दिव्य क्रिया साधारण चक्षुओं से दिखलायी नहीं देती, किन्तु साधक और सम्पर्क में आने वाले लोग इस बात का अनुभव भलीभांति कर लेते हैं साधक को चाहिए कि अपने मन, वचन, कर्म एवं काया को विहित विधि-विधान के अनुसार पूर्णत: परिशुद्ध एवं पवित्र करके उनकी उपासना-अराधना में तत्पर रहे । उनकी उपासना से हम समस्त सांसारिक कष्टों से विमुक्त होकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन सकते हैं । हमें निरन्तर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधना की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करना चाहिए। उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी और सदगति देने वाला है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से साधक की समस्त बाधायें हट जाती हैं।

माता के सिर पर अर्ध चंद्रमा मंदिर के घंटे के आकार में सुशोभित हो रहा जिसके कारण देवी का नाम चन्द्रघंटा हो गया है। अपने इस रूप से माता देवगण, संतों एवं भक्त जन के मन को संतोष एवं प्रसन्न प्रदान करती हैं। मां चन्द्रघंटा अपने प्रिय वाहन सिंह पर आरूढ़ होकर अपने दस हाथों में खड्ग, तलवार, ढाल, गदा, पाश, त्रिशूल, चक्र,धनुष, भरे हुए तरकश लिए मंद मंद मुस्कुरा रही होती हैं। माता का ऐसा अदभुत रूप देखकर ऋषिगण मुग्ध होते हैं और वेद मंत्रों द्वारा देवी चन्द्रघंटा की स्तुति करते हैं। समस्त भक्त जनों को देवी चंद्रघंटा की वंदना करते हुए कहना चाहिए

या देवी सर्वभूतेषु चन्द्रघंटा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

अर्थात देवी ने चन्द्रमा को अपने सिर पर घण्टे के सामान सजा रखा है उस महादेवी, महाशक्ति चन्द्रघंटा को मेरा प्रणाम है, बारम्बार प्रणाम है. इस प्रकार की स्तुति एवं प्रार्थना करने से देवी चन्द्रघंटा की प्रसन्नता प्राप्त होती है।

देवी चंद्रघंटा पूजा विधि

देवी चन्द्रघंटा की भक्ति से आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। जो व्यक्ति माँ चंद्रघंटा की श्रद्धा एवं भक्ति भाव सहित पूजा करता है उसे मां की कृपा प्राप्त होती है जिससे वह संसार में यश, कीर्ति एवं सम्मान प्राप्त करता है। मां के भक्त के शरीर से अदृश्य उर्जा का विकिरण होता रहता है जिससे वह जहां भी होते हैं वहां का वातावरण पवित्र और शुद्ध हो जाता है, इनके घंटे की ध्वनि सदैव भक्तों की प्रेत-बाधा आदि से रक्षा करती है तथा उस स्थान से भूत, प्रेत एवं अन्य प्रकार की सभी बाधाएं दूर हो जाती है। जो साधक योग साधना कर रहे हैं उनके लिए यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस दिन कुण्डलनी जागृत करने हेतु स्वाधिष्ठान चक्र से एक चक्र आगे बढ़कर मणिपूरक चक्र का अभ्यास करते हैं। इस दिन साधक का मन मणिपूर चक्र में प्रविष्ट होता है । इस देवी की पंचोपचार सहित पूजा करने के बाद उनका आशीर्वाद प्राप्त कर योग का अभ्यास करने से साधक को अपने प्रयास में आसानी से सफलता मिलती है।

तीसरे दिन की पूजा का विधान भी लगभग उसी प्रकार है जो दूसरे दिन की पूजा का है। इस दिन भी आप सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी-देवता, तीर्थों, योगिनियों, नवग्रहों, दशदिक्पालों, ग्रम एवं नगर देवता की पूजा अराधना करें फिर माता के परिवार के देवता, गणेश , लक्ष्मी , विजया, कार्तिकेय , देवी सरस्वती, एवं जया नामक योगिनी की पूजा करें फिर देवी चन्द्रघंटा की पूजा अर्चना करें।

चन्द्रघंटा की मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।

चन्द्रघंटा की ध्यान

वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥
मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खंग, गदा, त्रिशूल,चापशर,पदम कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर हार केयूर,किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥
प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुगं कुचाम्।
कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥

चन्द्रघंटा की स्तोत्र पाठ

आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिध्दिदात्री चंद्रघटा प्रणमाभ्यम्॥
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टं मन्त्र स्वरूपणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघंटे प्रणमाभ्यहम्॥
नानारूपधारिणी इच्छानयी ऐश्वर्यदायनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चंद्रघंटप्रणमाभ्यहम्॥

चन्द्रघंटा की कवच

रहस्यं श्रुणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघन्टास्य कवचं सर्वसिध्दिदायकम्॥
बिना न्यासं बिना विनियोगं बिना शापोध्दा बिना होमं।
स्नानं शौचादि नास्ति श्रध्दामात्रेण सिध्दिदाम॥
कुशिष्याम कुटिलाय वंचकाय निन्दकाय च न दातव्यं न दातव्यं न दातव्यं कदाचितम्॥

चंद्रघंटा : चंद्र घंटा अर्थात् जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है।

आज का पंचांग

पंचांग 01 अक्टूबर 2019   

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः आश्विनी़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः तृतीया दोपहर 01.55 तक, 

वारः मंगलवार, 

नक्षत्रः स्वातीः दोपहर 02.21 तक है, 

योगः वैधृति प्रातः 08.31 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः कन्या, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.18, 

सूर्यास्तः 06.03 बजे।

नोटः आज तृतीय नवरात्रा है।

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन, मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।