पंचकूला 13 सितम्बर
उपायुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने जिला के सभी सरपंचों को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सभी सरपंच अपने.अपने गांव में किसानों को पराली के अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करें और उन्हें पराली के वैज्ञानिक प्रबंधन की जानकारी दें।
उपायुक्त ने कहा कि धान की फसल की कटाई का समय नजदीक है और इस मौसम में किसानों द्वारा धान की पराली व बचे हुए अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके किसान जहां पर्यावरण का नुकसान करते हैं वहीं स्वयं का भी नुकसान करते है क्योंकि पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है। उन्होंने कहा कि भूमि में मौजूद मित्र कीट इस आग के कारण मर जाते हैं और इसका प्रभाव भूमि की उपजाउ शक्ति पर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि यह पराली जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है जिससे मानव अन्य जीवों के स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। विशेषकर अस्थमा व अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इस धुंए के कारण अधिक दिक्कत पेश आती है। उन्होंने कहा कि किसान धान की पराली को जलाने की बजाए इसका वैज्ञानिक प्रबंधन करें और इसके लिए कृषि विभाग द्वारा 8 तरह के उपकरण 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाये जाने हैं। उन्होंने कहा कि जो छोटे किसान यह उपकरण अपने स्तर पर खरीदने की स्थिति में नहीं है उनकी सुविधा के लिए जिला में कस्टम हायरिंग सैंटर स्थापित किये गये है। इन सैंटरों से कोई भी किसान किराये पर उपकरण लेकर पराली का वैज्ञानिक प्रबंधन कर सकता है।