Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH – 06.08.2019

Three arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Anil Kumar @ Chotu R/o # 3637, Mauli Complex, Chandigarh near Railway Light point towards Shashtari Nagar, Manimarja, Chandigarh and recovered 12 gram heroin from his possession on 05.08.2019. A case FIR No. 177 U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-IT Park, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Sanjay R/o # 2862, DMC, Chandigarh near Sahpur Light point, Sector-38 West, Chandigarh and recovered 10 Gram Heroin and 8 injections of drugs from his possession on 05.08.2019. A case FIR No. 118 U/S 21, 22 NDPS Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested a lady resident of Chandigarh near Bus Stand, Maloya, Chandigarh and recovered 1 Kg & 25 Gram Ganja from his possession on 05.08.2019. A case FIR No. 119 U/S 20 NDPS Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

Jasvir Chaudhary R/o # 1539, 2nd Floor, Sector-34D, Chandigarh reported that unknown person run away after stolen purse containing ATM Card, Adhar card and cash Rs, 5000/- from his residence on night of 20-07-2019. A case FIR No.201, U/S 380 IPC has been registered in PS-34, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Missing/Abduction

A lady resident of Dhanas, Chandigarh reported that her son namely Sonu aged about 18 years has been missing/abduction from her residence since 04.08.2019. A case FIR No. 108, U/S 363 IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Accident

          A case FIR No. 101, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh on the statement of Jagjeet Singh R/o # 1740, Sector-29/A, Chandigarh who alleged that driver of car No. PB35Z-2498 sped away after hitting to complainant’s brother riding bullet motorcycle No.CH01BT5628 at light point Sec-48/49 on 04.08.2019. He got injuries and admitted in PGI, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Dowry

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Sector-20, Chandigarh harassed complainant to bring dowry. A case FIR No. 94, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Sector-12, Chandigarh harassed complainant to bring dowry. A case FIR No. 95, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

35-A, 370 खत्म जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन

गृह मंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के सिवा इस अनुच्छेद के सारे खंडों को रद्द करने की सिफारिश की है. इसके समाप्त होने के साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा में पेश किया है.

नई दिल्लीः 

जम्मू कश्मीर में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प पेश किया. गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुछेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. अमित शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 सदन में पेश किया. गृह मंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के सिवा इस अनुच्छेद के सारे खंडों को रद्द करने की सिफारिश की है. इसके समाप्त होने के साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा में पेश किया है. आज केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से 35ए भी हटा दी है.

पहला फैसलाः जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया
दूसरा फैसलाः जम्मू से 35A हटाया गया
तीसरा फैसलाः जम्मू कश्मीर का दो हिस्सों में बंटवारा किया गया
चौथा फैसलाः जम्मू कश्मीर अब विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा
पांचवा फैसलाः लद्दाख अब बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश होगा

राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि हम जो बिल और संकल्प लेकर आए है उस पर आप अपनी राय रख सकते है. अनुच्छेद 370 (3) के अंतर्गत प्रदत्त कानूनों को खत्म करते हुए जम्मू कश्मीर पुर्नगठन 2019 विधेयक को पेश किया. इस विधेयक के मुताबिक जम्मू कश्मीर को अब केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा होगा. लद्दाख बगैर विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश होगा. इस विधेयक के राज्यसभा में पेश होते के साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई.

राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा का निर्धारण करने की प्रक्रिया
किसी राज्य के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा का निर्धारण करने की प्रक्रिया. संविधान में हर 10 वर्ष में परिसीमन करने का प्रावधान है. लेकिन सरकारें ज़रूरत के हिसाब से परिसीमन करती हैं. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में कुल 87 सीटों पर चुनाव होता है. 87 सीटों में से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं. परिसीमन में सीटों में बदलाव में आबादी और वोटरों की संख्या का भी ध्यान रखा जाता है.

ऐसा माना जा रहा है कि अगर परिसीमन किया जाता है तो जम्मू की सीटें बढ़ जाएंगी और कश्मीर की सीटें कम हो जाएंगी, क्योंकि 2002 के विधानसभा चुनाव में जम्मू के मतदाताओं की संख्या कश्मीर के मतदाताओं की संख्या से करीब 2 लाख ज्यादा थी. जम्मू 31 लाख रजिस्टर्ड वोटर थे. कश्मीर और लद्दाख को मिलाकर सिर्फ 29 लाख वोटर थे.

कश्मीर के हिस्से में ज्यादा विधानसभा सीटें क्यों हैं? 

ये समझने के लिए आपको जम्मू और कश्मीर के इतिहास को समझना होगा. वर्ष 1947 में जम्मू और कश्मीर की रियासत का भारत में विलय हुआ. तब जम्मू और कश्मीर में महाराज हरि सिंह का शासन था. वर्ष 1947 तक शेख अब्दुल्ला कश्मीरियों के सार्वमान्य नेता के तौर पर लोकप्रिय हो चुके थे.

जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह, शेख अब्दुल्ला को पसंद नहीं करते थे. लेकिन शेख अब्दुल्ला को पंडित नेहरू का आशीर्वाद प्राप्त था. पंडित नेहरू की सलाह पर ही महाराजा हरि सिंह ने शेख अब्दुल्ला को जम्मू और कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया. वर्ष 1948 में शेख अब्दुल्ला के प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद महाराजा हरि सिंह की शक्तियां तकरीबन खत्म हो गई थीं. इसके बाद शेख अब्दुल्ला ने राज्य में अपनी मनमानी शुरू कर दी. वर्ष 1951 में जब जम्मू कश्मीर के विधानसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई. तब शेख अब्दुल्ला ने जम्मू को 30 विधानसभा सीटें, कश्मीर को 43 विधानसभा सीटें और लद्दाख को 2 विधानसभा सीटें आवंटित कर दीं.

वर्ष 1995 तक जम्मू और कश्मीर में यही स्थिति रही. वर्ष 1993 में जम्मू और कश्मीर में परिसीमन के लिए एक आयोग बनाया गया था. 1995 में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया गया. पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा में कुल 75 सीटें थीं. लेकिन परिसीमन के बाद जम्मू कश्मीर की विधानसभा में 12 सीटें बढ़ा दी गईं. अब विधानसभा में कुल 87 सीटें थीं. इनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी जम्मू और लद्दाख से हुए इस अन्याय को ख़त्म करने की कोशिश नहीं हुई.

यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में हमेशा नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP जैसी कश्मीर केंद्रित पार्टियों का वर्चस्व रहता है. ये पार्टियां, संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 A को हटाने का विरोध करती हैं. यही वजह है कि कश्मीर से अलगाववादी मानसिकता खत्म नहीं हो रही है.

जम्मू कश्मीर की विधानसभा का राजनीतिक गणित इस तरह का है कि हर परिस्थिति में कश्मीर केंद्रित पार्टियों का ही वर्चस्व रहता है. अगर जम्मू और लद्दाख की 37 और 4 सीटों को जोड़ दिया जाए, तब भी सिर्फ 41 सीटें होती हैं. ये कश्मीर की 46 विधानसभा सीटों से 5 कम है. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में हमेशा मुख्यमंत्री कश्मीर से ही चुनकर आता है.

जम्मू कश्मीर में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 44 सीटों की ज़रूरत होती है. कश्मीर में मुसलमानों की आबादी करीब 98 प्रतिशत है. सांप्रदायिक राजनीति करने में माहिर जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रीय दल बहुत आसानी से कश्मीर की 46 सीटों को जीत कर बहुमत के आंकड़े को हासिल कर लेते हैं.

इन राजनीतिक परिस्थितियों में सबसे ज़्यादा अन्याय जम्मू और लद्दाख के साथ हो रहा है. कश्मीर केंद्रित पार्टियों की सरकार में जम्मू और लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा है. मोदी सरकार ने इस समस्या को जड़ से ख़त्म करने का फ़ैसला किया है.  जम्मू-कश्मीर को नक़्शे को देखा जाये तो यहां का 61 प्रतिशत भूभाग लद्दाख़ है. जहां आतंकवाद का कोई असर नहीं है. वहीं 22 प्रतिशत जम्मू में आतंकवाद ख़त्म हुए लंबा वक़्त बीत चुका है. लेकिन कश्मीर घाटी…जो राज्य का क़रीब 17 प्रतिशत हिस्सा है…वहीं पर अलगाववादी और आतंकवादी सक्रिय हैं. कश्मीर घाटी में 10 ज़िले हैं…जहां आतंकवादी घटनाएं होती हैं.  इनमें से भी दक्षिण कश्मीर के 4 ज़िले शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग ही आतंकवाद के गढ़ माने जाते हैं. .

बता दें कि पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने भी हमेशा परिसीमन को टालने की कोशिश की है. नए सिरे से परिसीमन में सबसे बड़ी रूकावट उन्होंने ही पैदा की थी. वर्ष 2002 में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार ने परिसीमन को 2026 तक रोक दिया था. इसके लिए अब्दुल्ला सरकार ने Jammu and Kashmir Representation of the People Act 1957 और जम्मू कश्मीर के संविधान के Section 47(3) में बदलाव किया था.

Section 47(3) में हुए बदलाव के मुताबिक वर्ष 2026 के बाद जब तक जनसंख्या के सही आंकड़े सामने नहीं आते हैं तब तक विधानसभा की सीटों में बदलाव करना ज़रूरी नहीं है. वर्ष 2026 के बाद जनगणना के आंकड़े वर्ष 2031 में आएंगे. इसलिए अगर देखा जाए तो अब जम्मू कश्मीर में परिसीमन 2031 तक टल चुका है. फारुख अब्दुल्ला सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी. लेकिन 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.

आखिर क्या है धारा 370? 

जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसका मसौदा जम्मू-कश्मीर की सरकार ने ही तैयार किया था. जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया. फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया. 

धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है. जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है. देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं. संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है. 

रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र के कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते. केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी. वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं. धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते. कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता. जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है. धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता. जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं, 6 वर्ष होता है.

गुलाम नबी ने जताया ऐतराज

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद खड़े हुए और कहा कि पहले जम्मू कश्मीर की स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य के 3 सीएम नजरबंद किए हुए है. राज्य में कई इलाकों में कर्फ्यू लगा है, पहले इस पर चर्चा होनी चाहिए. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को जो कुछ भी सवाल है उन सभी पर सदन में चर्चा होगी. टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन बिल और अन्य बिलों के संशोधनों को पढ़ने के लिए हमें समय चाहिए.

राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सभी सदस्यों को बिलों को पढ़ने और उस पर अपनी बात रखने के लिए उचित समय दिया जाएगा.

आर्टिकल 35-a के साथ धारा 370 समाप्त साथ ही जम्मू, काश्मीर और लद्दाख हुए केंद्र शासित प्रदेश

आर्टिकल 53-a खत्म, 19 दिसंबर को धारा 370 खत्म और जम्मू, काश्मीर और लद्दाख हुए केंद्र शासित प्रदेश

नई दिल्‍ली :नई दिल्‍ली : जम्‍मू और कश्‍मीर को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को राज्‍यसभा में बड़ा ऐलान किया गया है.  गृह मंत्री अमित शाह ने राज्‍यसभा में जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किया. साथ ही राज्‍य से धारा 370 हटाने का संकल्‍प पेश किया. नए कानून के तहत धारा 370 के सभी खंड राज्‍य में लागू नहीं होंगे. जम्‍मू और कश्‍मीर से आर्टिकल 35ए हटा दी गई है. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आर्टिकल 35ए हटाने को मंजूरी दी. 

जम्‍मू और कश्‍मीर का दो हिस्‍सों में बंटवारा हो गया है. जम्‍मू-कश्‍मीर को केंद्र शासित प्रदेश होगा. साथ ही लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासिल प्रदेश बनेगा. धारा 370 जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा देता है. पूनर्गठन विधेयक पेश होने के बाद राज्‍यसभा में हंगामा हो रहा है.

जम्‍मू और कश्‍मीर में पिछले कई दिनों से चल रहे तनाव को देखते हुए प्रशासन ने जम्‍मू और श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है. साथ ही जम्‍मू के 8 जिलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं. कश्मीर में सुरक्षाबलों की 100 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं. वहीं पीएम आवास पर सुबह सीसीएस की बैठक के बाद कैबिनेट की बैठक हुई है.

लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी ने 5 अगस्त से 7 अगस्त तक के लिए व्हिप जारी किया है. इस दौरान अपने सभी सांसदों को संसद की कार्यवाही में शामिल रहने को कहा गया है. जम्‍मू और श्रीनगर में सभी शिक्षण संस्‍थानों को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. कश्मीर प्रशासन में ज्यादातर महत्वपूर्ण अधिकारियों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं, ताकि उनके संवाद और समन्वय करने में कोई तकलीफ नहीं हो. जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती के बारे में बताया है. 

दिल्‍ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी हुई. इससे पहले पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक से पहले कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्‍योरिटी (सीसीएस) की बैठक भी हुई. इसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल समेत अन्‍य अधिकारी मौजूद रहेे. इस बैठक में एनएसए अजित डोभाल ने सुरक्षा संबंधी जानकारी दी है.

रविवार रात को श्रीनगर और जम्‍मू समेत कई इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं भी बंद कर दी गई हैं. उमर अब्‍दुल्‍ला और महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्‍हें उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है. जम्‍मू से लगे उधमपुर, डोडा और रियासी में भी धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही इन सभी जगहों पर स्‍कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं. वहीं जम्‍मू-कश्‍मीर के लद्दाख क्षेत्र में आज गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्‍कूल खुल रहे हैं. यहां धारा 144 नहीं लगाई गई है. ऐसे में सभी शिक्षण संस्‍थान यहां सामान्‍य रूप से खुले रहेंगे.

कश्‍मीर मामले पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्‍थगन प्रस्‍ताव दिया है. वहीं राज्‍य के तनावपूर्ण हालात को देखते हुए राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने प्रदेश के डीजीपी और मुख्‍य सचिव के साथ आपात बैठक भी की है. 

जम्‍मू-कश्‍मीर में प्रशासन की ओर से घाटी छोड़ने की एडवाइजरी के बाद अब भी सभी पर्यटक भी अपने-अपने घर को लौट रहे हैं. रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव अनिल गाबा और अन्‍य सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग भी की. माना जा रहा है यह मीटिंग जम्‍मू-कश्‍मीर के हालात को पर चर्चा के लिए हुई.

श्रीनगर में सुरक्षा को देखते हुए केबल टीवी की सेवाएं तक बंद कर दी गई हैं. किसी भी नेता को रैली करने की इजाजत नहीं है. नेताओं पर सख्‍ती के सवाल पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये सब सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है. जम्‍मू-कश्‍मीर सरकार की ओर से यह स्‍पष्‍ट किया गया है कि राज्‍य में किसी भी तरह का कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया है. ये सारे इंतजाम सुरक्षा के लिहाज से किए जा रहे हैं.

तनावपूर्ण हालात को देखते हुए जम्‍मू यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं भी आगे के लिए बढ़ा दी गई हैं. यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि 5 अगस्‍त को होने वाली सभी परीक्षाएं आगे बढ़ा दी गई हैं. इनकी नई तारीखों का ऐलान जल्‍द किया जाएगा. कठुआ में भी सभी स्‍कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं.

बता दें कि 2 अगस्‍त को प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी करके अमरनाथ यात्रियों और अन्‍य पर्यटकों को जल्‍द से जल्‍द घाटी छोड़ने के लिए कहा गया था. सेना को गश्‍त के दौरान अमरनाथ यात्रा के रास्‍ते में पाकिस्‍तान निर्मित क्लेमोर माइन (CLAYMORE MINE)  मिली थी. साथ ही सुरक्षा में लगे सैनिकों ने आसपास की पहाड़ियों की तलाशी ली तो उन्हें आतंकवादियों द्वारा छिपाकर रखे गए कई हथियार मिले. इनमें एक स्नाइपर राइफल, एक आईईडी थी. इसके बाद ही अमरनाथ यात्रा भी रोक दी गई थी. साथ ही कश्‍मीर में स्थिति अधिक तनावपूर्ण हो गई.

गृह मंत्री द्वारा धारा 370 की समाप्ती की घोषणा

सदन में भरी हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह द्वारा घोषणा की गयी कि धारा 370, 19 दिसंबर के पश्चात समाप्त आर दी जाएगी।

शेष समाचार आना बाकी है:

संसद भवन में उच्च स्तरीय बैठा जारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद भवन में उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, गृह सचिव शामिल हैं. इस बैठक में आईबी चीफ भी शामिल हैं.

नई दिल्ली : 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद भवन में उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, गृह सचिव शामिल हैं. इस बैठक में आईबी चीफ भी शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में जम्मू कश्मीर के हालातों पर चर्चा हो रही है. 

संसद सत्र के बाद शाह जाएंगे कश्मीर

सूत्रों के मुताबिक अमित शाह संसद सत्र के बाद दो दिनों के लिए घाटी का दौरा सकते हैं. वह जम्मू भी जाएंगे. आपको बता दें कि एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने एडवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने की सलाह दी थी.

जम्मू में बने अमरनाथ यात्रियों के बेस कैंप से भी यात्रियों को जाने के लिए कह दिया गया है. ऐसे में यात्रियों के लिए बेस कैंप छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया है. सरकार का या आदेश घाटी में आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए आया.

विस्तृत जानकारी का अभी इंतजार है…

काश्मीर पर आ सकता है बड़ा निर्णय, तीनों पूर्व मुख्य मंत्री नज़रबंद, घाटी में धारा 144 लागू, इंटरनेट मोबाइल सेवाएँ बंद

  • जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा के हालात पर गृह मंत्री की 8 घंटे तक मैराथन बैठक
  • आज केंद्रीय कैबिनेट में कश्मीर पर बड़े फैसले मुमकिन, संसद में बयान दे सकती है सरकार
  • सरकार संसद का सत्र दो दिन बढ़ा सकती है, ताकि वर्तमान हालात पर चर्चा हो सके

कश्मीर पर मोदी सरकार के मन में क्या है? इस पर छाए संशय के बादल कुछ घंटों के बाद छट सकते हैं। प्रधानमंत्री की अगुआई में आज सुबह 9:30 बजे कैबिनेट मीटिंग है। इसमें घाटी पर कुछ बड़ा फैसला होने की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि इस बैठक के फैसले और कश्मीर के हालात पर सरकार संसद में बयान भी दे सकती है। अतिरिक्त जवानों की तैनाती और घाटी छोड़ने की सलाह के बाद विपक्ष कई दिनों से इसकी मांग कर रहा है। इस बीच आधी रात को पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद कर दिया गया तो देर रात राज्यपाल ने डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। 

कश्मीर में लगातार बदलते हालात के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में नजरबंद किया गया है. नजरबंद होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया कि हिंसा से केवल उन लोगों के हाथों में खेलेंगे जो राज्य की भलाई नहीं चाहते. शांति के साथ रहें और ईश्वर आप सभी के साथ रहें.

वहीं नजरबंद होने से पहले भी दोनों नेताओं ने कई ट्वीट किए. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि जल्द ही इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया जाएगा. कर्फ्यू पास भी जारी किए जा रहे हैं. अल्लाह जाने क्या होगा. यह एक लंबी रात होने जा रही है.

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि ऐसे कठिन समय में, मैं अपने लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहती हूं कि जो हो सकता है, हम इसमें एक साथ हों और इसका मुकाबला करेंगे. जो कुछ भी हमारा अधिकार है उसके प्रयास करने के लिए हमारे संकल्प को तोड़ा नहीं जा सकता. महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट को उमर अब्दुल्ला ने भी रिट्वीट किया है.

उमर अब्दुल्ला ने किया था नजरबंद होने का दावा

उमर अब्दुल्ला ने पहले ही नजरबंद होने का दावा कर दिया था. जिसके बाद उनके नजरबंद होने की चर्चा होने लगी थी. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा कि मुझे लगता है कि मुझे आज (रविवार) आधी रात से नजरबंद कर दिया जाएगा और सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह पता करने का कोई तरीका नहीं है कि क्या यह सच है.

उन्होंने लिखा कि कश्मीर के लोगों के लिए, हम नहीं जानते कि हमारे लिए क्या है, लेकिन मैं एक दृढ़ विश्वास रखता हूं कि सर्वशक्तिमान अल्लाह ने जो योजना बनाई है वह हमेशा बेहतर के लिए है, हमें कभी भी उसके तरीकों पर संदेह नहीं करना चाहिए. सभी को शुभकामनाएं, सुरक्षित और शांत रहें.

इससे पहले उन्होंने लिखा कि अगर राज्य सरकार के अधिकारियों की मानें तो मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. एक अनौपचारिक कर्फ्यू शुरू होने जा रहा है और मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है. किस पर विश्वास करें कुछ समझ नहीं आ रहा है.

फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई बैठक

श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला घर पर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया. अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से कश्मीर के लोग खौफ में हैं. अब से पहले कभी भी अमरनाथ यात्रा को रद्द नहीं किया गया. यह कश्मीर के लिए सबसे बुरा वक्त है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील करते हुए कहा कि दोनों देश कोई ऐसा कदम न उठाएं, जिससे तनाव बढ़े.

गांव रिहोड हुआ गंदी राजनीति का शिकार, अंडर पास के नाम पर मिला पानी का कुआं

बरवाला (प्रिंस):

मामला यह है कि गांव रिहोड से होते हुए जो नेशनल हाईवे 73 निकला उस समय गांव वालों ने फ्लाईओवर की मांग की थी यह 15 गांव का रास्ता है लोगों को रोजमर्रा के काम करने के लिए बरवाला जाना पड़ता है इसलिए यह फ्लाईओवर की मांग की गई थी।

गांव के लोगों ने विधायक जी को ज्ञापन दिया था और अन्य संस्थान जहां ज्ञापन देना चाहिए था वहां ज्ञापन दिया था और धरना प्रदर्शन भी किया गया लेकिन फिर भी कुछ लोगों की गंदी राजनीति के चलते राजनीतिक दबाव के कारण यह फ्लाईओवर पास ना हो पाए, बहुत मेहनत करने के बाद धरना प्रदर्शन देने के बाद भी लोगों को अंडर पास के नाम पर मिला पानी का कुआं यह हमेशा पानी का भरा रहता है उस पर मच्छर इकट्ठे होते हैं और गांव में बीमारियां फैल रही हैं गांव की लड़कियों व छोटे बच्चों को पढ़ने के बरवाला स्कूल जाना पड़ता है नेशनल हाईवे से गुजरना पड़ता है।

और इस पर ट्रैफिक बहुत ज्यादा है हमेशा कोई घटना घटने का डर लगा रहता है प्रशासन ने अपनी आंखें बंद कर रखी है आम लोगों की आवाज को राजनैतिक दवाब के चलते दबाया जा रहा है

भाजपा किसान मोर्चा करेगा 7 अगस्त को बरवाला में ज़िला स्तरीय किसान गौरव सभा का आयोजन

पंचकूला 4 अगस्त:

भाजपा किसान मोर्चा जिला पंचकूला की आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर एक विशेष बैठक किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष रामदयाल नेगी की अध्यक्षता में भाजपा कार्यालय  में संपन्न हुई। बैठक में मुख्य तौर पर भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा  तथा उनके  जिला महामंत्री वीरेंद्र राणा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। आगामी विधानसभा चुनावों में किसान मोर्चा की भागीदारी तथा प्रदेश नेतृत्व द्वारा दिए गए कार्यक्रम की चर्चा हेतु यह बैठक बुलाई गई थी।किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष रामदयाल नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 7 अगस्त को बरवाला मंडल में किसान मोर्चा द्वारा किसान गौरव सभा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिला पंचकूला के किसानों को केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा आगामी विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र के लिए राय एवं सुझाव भी लिए जाएँगे। किसान गौरव सभा के आयोजन के लिए बहादुर सैनी को जिला संयोजक बनाया गया है तथा  जसवीर राणा को  पंचकूला विधानसभा प्रमुख  कैप्टन श्यामलाल  को कालका विधानसभा  प्रमुख की जिम्मेवारी सौंपी गई है इसके साथ ही जिला पंचकूला के  सभी 8 मंडलों के लिए भी प्रमुख बनाए गए हैं। जिनमें विनोद सैनी बरवाला,हरि सिंह रायपुर रानी, राजबीर मोरनी, दर्शन सिंह कालका, संदीप सिंह पिंजोर, श्याम राज माता मनसा देवी,  जसवीर सोफी नाडा साहिब  एवं  भूपेंद्र को  मां चंडी देवी  मंडल का प्रमुख बनाया गया। बैठक में सुभाष दीपक कथूरिया बलदेव राणा राजीव राठौर के साथ जिला के सभी प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Mr. Khera called the management of Punjab & Sind Bank “Corrupt & Badmash”

The meeting of All India Punjab & Sind Bank Officer’s Union (Regd.) was called in a short notice under the leadership of its All India President Sh. G.S. Khera on 4th August, 2019, at Hotel Royal Castle, Zirakpur, near Chandigarh. The meeting was impressively attended by Officers and the Senior Leaders of AIBOC who participated in the gathering.

Mr. T.S. Saggu, State Secretary AIBOC Tricity Chandigarh from State Bank of India congratulated PSB Officers Union activists for the good gathering and appraised the latest status of wage revision Mr. Lalit Arora, General Secretory, Haryana State Unit AIBOC assured the members of AIPSBOU that AIBOC will go to any extent in getting them justice.

Mr. Khera criticized the Management of Punjab & Sind Bank for surrendering to the ill-designs of the rival union, which earlier directed the Officers not to buy the ESPS Scheme and later called the management of Punjab & Sind Bank “Corrupt & Badmash”. It is a matter of regret that the management succumbed to their pressure and accepted the label and very obnoxiously adjusted the leaders of Officers Federation and changed their transfers at stone throw away places in spite of their longer stay in the Zones whereas the others were sent to 200-300 kilometers away even if they had lot of compassions. With the connivance of so called majority union, the management violated the policy passed by the Board. Now, as there is a lot of disparity and injustice for which we shall fight tooth and nail. He further assured that the leadership of AIBOC will also participate in the struggle along with PSBians. Mr. Khera said that the management is protecting corrupts but is not Badmash as it easily surrendered to a very small unethical issue of agitation of Officers Federation.

The Union leader Mr. Sandip Panwar, Mr. Balwinder Singh, Mr. Bhupinder Singh, and Mr. Sumeet Anandthanked Officers who attended on short notice and also assured parity and justice to our members if they remain united and did not bother about the rumour mongers.

काश्मीर में स्वरण आरक्षण बिल सोमवार को राज्य सभा में होगा पेश

राज्‍यसभा से इस बिल के पास होने पर जम्‍मू कश्‍मीर में आर्थ‍िक रूप से पिछड़े वर्ग को नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार को राज्‍यसभा में जम्‍मू कश्‍मीर आरक्षण बिल (Jammu and Kashmir reservation second amendment bill) पेश करेंगे. सोमवार को राज्‍यसभा में इस पर बहस होगी. इसके बाद इसे पारित किया जाना है. लोकसभा में ये बिल 1 जुलाई को पास हो चुका है.

राज्‍यसभा से इस बिल के पास होने पर जम्‍मू कश्‍मीर में आर्थ‍िक रूप से पिछड़े वर्ग को नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा. इससे पहले मोदी सरकार ने जम्‍मू कश्‍मीर में सीमा पर बसे लोगों को भी 10 फीसदी आरक्षण के बिल को मंजूरी दी थी. ये बिल भी संसद पास कर चुकी है.

जम्‍मू कश्‍मीर के हालात पर चर्चा
इससे पहले रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री ने रविवार को जम्मू एवं कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की. राज्य में भारी संख्या में की गई सुरक्षाबलों की तैनाती ने आशंकाओं और तनावों को जन्म दिया है. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

अतरिक्त सचिव (जम्मू एवं कश्मीर डिवीजन) ज्ञानेश कुमार ने अलग से कश्मीर घाटी की स्थिति के बारे में गृहमंत्री को विस्तार से अवगत कराया. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने आतंरिक सुरक्षा और जम्मू एवं कश्मीर के हालातों पर चर्चा की, जहां आतंकवादी हमलों की आशंका के बाद अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है.