अभी राहुल गांधी की यहां कोई जरूरत नहीं है: सत्यपाल मलिक

सूबे के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने राहुल गांधी को सद्भावना से आमंत्रित किया था लेकिन, उन्होंने राजनीति करना शुरू कर दिया. सनद रहे कि अलगाववाद को काँग्रेस का साथ हमेशा मिलता रहा है, फिर kचाहे वह मणि शंकर अइय्यर शक्ल में हो या अधीर रंजन चौधरी कि, दोनों ने अपने बयानों से राष्ट्र कि आत्मा को आहात किया है। राहुल गांधी से पहले वामपंथी नेता भी काश्मीर में धारा 370 हटने के बाद राजनैतिक रोटियाँ सेंकने गए थे, पहले कभी किसी भी भारत विरोधी आक्रमणों के पश्चात यही लोग काश्मीर में कभी नागरिकों के हाल पूछने नहीं पहुंचे, कश्मीर जाना तो

श्रीनगर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत 11 अन्‍य विपक्षी दलों के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को कश्मीर पहुंचा था. हालांकि, इन सभी को श्रीनगर हवाई अड्डे से ही वापस दिल्ली भेज दिया गया. वहीं, इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से सवाल पूछा गया तो उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अभी राहुल गांधी की यहां कोई जरूरत नहीं है. उनकी जरूरत यहां तब थी, जब उनके सहयोगी संसद में बोल रहे थे. अगर वह स्थिति को बिगाड़ना चाहते हैं और यहां आकर दिल्ली में उनके द्वारा बताए गए झूठ को दोहराना चाहते हैं, तो यह अच्छा नहीं है. 

सूबे के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने राहुल गांधी को सद्भावना से आमंत्रित किया था लेकिन, उन्होंने राजनीति करना शुरू कर दिया. सत्यपाल मिल्क ने कहा कि यह इन लोगों द्वारा राजनीतिक कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं था. राजनीतिक पार्टियों को इस समय में राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखना चाहिए. गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A को निष्प्रभावी कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का निर्णय लिया था.  

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कांग्रेस नेताओं की इस यात्रा पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सभी नेताओं से निवेदन है कि वह अभी श्रीनगर के दौरे से बचें. उनके कारण यहां पर लोगों को भी दिक्कतें हो सकती हैं. अभी भी कई क्षेत्रों में कुछ पाबंदियां हैं. वहीं, बीजेपी नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पॉलिटिकल पर्यटन बंद करना चाहिए. जम्‍मू और कश्‍मीर के लोग विश्वास के साथ बढ़ रहे हैं. आप अलगाववादियों को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. पॉलिटिकल पर्यटन से कोई फायदा नहीं होगा.

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