चिदम्बरम का परिवार कई मामलों में आरोपित है
एक तरफ जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, वहीं दूसरी तरफ मुंबई में एक पोंजी स्कैम के पीड़ितों ने भी उनके और उनके परिवार के खिलाफ सनसनीखेज और गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके अलावा मद्रास उच्च न्यायालय ने चिदंबरम, नलिनी, कार्ति, कार्ति की पत्नी श्रीनिधि कार्ति चिदंबरम पर काला धन (अज्ञात विदेशी आय एवं परिसंपत्ति) तथा कर अधिनियम, 2015 के अधिरोपण के तहत मुकदमा चलाने के लिए पिछले साल नवंबर में आयकर विभाग द्वारा जारी मंजूरी संबंधी आदेश रद्द कर दिए थे.
उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई. फिलहाल यह मामला लंबित है. सीबीआई ने इन आरोपों की भी प्राथमिक जांच शुरू की है कि तमिलनाडु में एक होटल पूर्व वित्त मंत्री के एक संबंधी ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से हड़प लिया है. इसके अलावा चिदंबरम के खिलाफ इशरत जहां मामले से जुड़े एक हलफनामे में कथित छेड़छाड़ करने से संबंधित शिकायत दिल्ली पुलिस में लंबित है. आरोप है कि जब हलफनामे में छेड़छाड़ की गई थी तब चिदंबरम गृह मंत्री थे.
दिल्ली:
एक तरफ जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, वहीं दूसरी तरफ मुंबई में एक पोंजी स्कैम के पीड़ितों ने भी उनके और उनके परिवार के खिलाफ सनसनीखेज और गंभीर आरोप लगाए हैं. फाइनेंशियल फ्रॉड विक्टिम वेलफेयर एसोसिएशन ने मुंबई में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया कि कैसे पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री रहते समय उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम एक पोंजी कंपनी क्यूनेट का न सिर्फ समर्थन कर रही थीं, बल्कि उनका प्रचार भी कर रही थीं.
इन पीड़ितों का आरोप है कि ये कंपनियां देश से पैसे जमा कर विदेशों में जाकिर नाइक की संस्थाओं को फंडिंग कर रही थी. आरोप के मुताबिक तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपए का घोटाला करने वाली इस कंपनी को लेकर जांच एजेंसी SFIO की रिपोर्ट को दबा दिया गया और कंपनी के प्रमोटर्स के खिलाफ न ही कभी कोई कार्रवाई की गई, क्योंकि इसमें यूपीए सरकार के कई बड़े मंत्रियों और उनके रिश्तेदारों का सीधा संबंध था.
गौरतलब है कि इस कंपनी ने कथित तौर पर 20 लाख निवेशकों के साथ धोखा किया. इन पीड़ितों की शिकायत पर हाल ही में मोदी सरकार की वित्त मंत्रालय ने इन्हें जवाब देकर बताया कि इन पोंजी कंपनियों को बंद करने के आदेश दे दिए हैं, और जल्द ही उसकी संपत्तियों को बेचकर निवेशकों को उनकी डूबी हुई रकम वापस दिलाने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी. सरकार के इस फैसले से तमाम पीड़ित काफी राहत महसूस कर रहे हैं और इसके लिए सरकार को शुक्रिया भी अदा कर रहे हैं.
इन पीड़ितों का मानना है कि पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और इन कंपनियों से किकबैक के बदले अपनी पत्नी से ऐसी कंपनियों का प्रमोशन करवाके इनके साथ धोखा किया. इनकी मांग है कि चिदंबरम की अगर गिरफ्तारी होती है तो उनसे इस मामले में भी एजेंसियों को जांच करनी चाहिए.
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