Monday, December 23

कालका रैली में भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पाकिस्तान को दो टूक और सख्त लहजे में बताया गया की बात अब पाकिस्तान अधिकृत काशमीर पर होगी, और सिंह ने चेताया की भारत अपनी परमाणु नीति में भी बदलाव कर रहा है। कश्मीर मसले को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और दुनिया के या नेताओं को मनाने में विफल होने के बाद अब बौहलाए हुए इमरान खान ने भारत के परमाणु हथियार का मसला उठाया है.

  • परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर राजनाथ सिंह के बयान से घबराए पाक पीएम इमरान
  • इमरान खान ने विश्व से की अपील, भारत के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर दें ध्यान
  • इमरान ने यह तक कह डाला कि भारत एक कट्टर हिंदू विचारधारा और नेतृत्व के कब्जे में है
  • उन्होंने भारत के नेतृत्व की तुलना जर्मनी के नाजियों से कर डाली

देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान ने पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान को बौखला दिया है. घबराए इमरान खान अब कह रहे हैं कि दुनिया भारत के परमाणु हथियार पर नजर रखे. दरअसल राजनाथ सिंह ने कहा था कि संभव है भारत भविष्‍य में पहले हमला न करने की नीति पर विचार करे. कश्मीर मसले को लेकर भारत पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और दुनिया के नेताओं को मनाने में विफल होने के बाद अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के परमाणु हथियार का मसला उठाया है.

इमरान खान ने रविवार को भारत के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस पर संज्ञान लेने की अपील की. खान ने ट्विटर पर कहा कि मोदी सरकार के नियंत्रण में भारत के परमाणु हथियार की सुरक्षा पर गंभीर विचार करने की जरूरत है. भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि इस्लामाबाद से अब सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मसले पर बातचीत होगी.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि पीओके और अक्साई चीन कश्मीर का हिस्सा है. खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि भारत में मुस्लिमों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है और आरएसएस के लोग उपद्रव मचा रहे हैं.

पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने और कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने को राज्य-हरण करार दिया. संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था. भारत पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से पाकिस्तान ने पूरी दुनिया के नेताओं से संपर्क किया लेकिन उसके अच्छे-बुरे दिनों का साथी चीन के सिवा अन्य देशों को इस बात के लिए मनाने में वह विफल रहा.

उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी दरवाजा खटखटाया जहां इस मसले पर शुक्रवार को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के बीच बंद कमरे में मंत्रणा हुई लेकिन वहां भी चीन को छोड़ यूनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में से अन्य सभी ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत के विकास के एजेंडे का समर्थन किया. इमरान ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हिंदू वर्चस्ववाद से न केवल भारत में, बल्कि पाकिस्तान में भी अल्पसंख्यकों को खतरा है. यह खतरा पाकिस्तान तक बढ़ गया है.”