Sunday, December 22

हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बेहद करीबी पूर्व मंत्री मधुकरराव पिचड समेत 3 एनसीपी विधायक पार्टी छोडकर बीजेपी में शामिल हुए थे. शरद पवार ने कहा कि राजनीति में बुरा वक्त आता रहता है. लेकिन, उसकी फिक्र के बजाय उससे लड़ने और उबरने की हिम्मत की जरुरत होती है. वहीं, कांग्रेस विधायक भाई जगताप का कहना है कि आया राम-गया राम राजनीति में चलता रहता है.

मुंबई: महाराष्ट्र मे कांग्रेस और एनसीपी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. दोनों ही पार्टियों के कई नेता पार्टी छोड़ बीजेपी और शिवसेना का दामन थामने की तैयारी में हैं. बीजेपी ने दावा दोहराया है कि दोनों दलों के करीब पचास विधायक सत्तारुढ़ दलों में जल्द शामिल हो रहे हैं. उधर कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने भी खुलासा किया है कि कांग्रेस के कुछ नेता बीजेपी मेँ शामिल होने की तैयारी में हैं. वहीं, पार्टी मेँ बगावत बढ़ऩे का खतरा भांपकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को मुंबई में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की और पार्टी को सियासी झटकों से उबारने की तरकीबें तलाशी. 

एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी पार्टी मेँ फूटते बगावत के सुरों को दबाने की तरकीबें तलाशने मे जुटे हैं. पार्टी नेताओं के दूसरे दलों का दामन थामने से रोकने की कवायद में पवार ने शनिवार सुबह मुंबई मेँ अपने घर पर पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी मेँ फूटते बागी सुर को दबाने की कोशिश की. पिछले ही दिनों पवार के बेहद करीबी पूर्व मंत्री मधुकरराव पिचड समेत 3 एनसीपी विधायक पार्टी छोडकर बीजेपी में शामिल हुए थे. वहीं, कई और नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं. 

एनसीपी से ज्यादा बुरा हाल कांग्रेस पार्टी का है. महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी के कई विधायक बीजेपी और शिवसेना में जाने की तैयारी में हैं. मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने ट्वीट कर खुद इस बात का खुलासा किया है कि कांग्रेस में कई लोग बीजेपी में शामिल होने की कोशिश में लगे हैं. निरुपम ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले भी उनकी पार्टी के नेता पार्टी छोड़ बीजेपी मेँ प्रवेश की जुगत मेँ लगे थे. वहीं, एनसीपी में मची भगदड़ और बिखराव पर शरद पवार बार-बार ये कहते नहीं थक रहे हैं कि पार्टी इन सियासी झटकों से जल्द एकबार फिर उबरेगी.   

शरद पवार ने कहा कि राजनीति में बुरा वक्त आता रहता है. लेकिन, उसकी फिक्र के बजाय उससे लड़ने और उबरने की हिम्मत की जरुरत होती है. वहीं, कांग्रेस विधायक भाई जगताप का कहना है कि आया राम-गया राम राजनीति में चलता रहता है. उधर, महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री गिरीशमहाजन ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के पचास से ज्यादा विधायक बीजेपी में शामिल होने वाले हैं.
 
288 विधायकों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों की फौज हर दिन घटती जा रही है. आये दिन दोनो पार्टियों के विधायक सत्तारुढ़ दलों का दामन थाम रहे हैं. सूबे में काग्रेस को हाल में तगडा झटका तब लगा था, जब महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थामा. इसके साथ ही विखे पाटिल, देवेंद्र फडणनवीस की कैबिनेट में हाउसिंग मिनिस्टर भी बन बैठे. उसके बाद से ही कांग्रेस विधायकों की बीजेपी में शामिल होने की होड़ मच गई. बताया जा रहा है कि मुंबई से एक कांग्रेस विधायक और नासिक जिले से एक कांग्रेस विधायक जल्द पार्टी छोडने की तैयारी में है.

एनसीपी को भी जोर के सियासी झटके लगे हैं. एनसीपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मधुकरराव पिचड और उनके विधायक बेटे वैभव पिचड, पूर्व मंत्री गणेश नाइक के बेटे संदीप नाईक, पूर्व मंत्री सचिन अहीर, सातारा से एनसीपी विधायक शिवेँद्र राजे और मुंबई से कांग्रेस के विधायक कालीदास कोलंबकर पिछले दिनों ही सत्तारुढ़ दलों का दामन थाम चुके हैँ. इन नेताओं के पार्टी मे शामिल होने से बीजेपी ने सूबे के उन इलाकों मे अपनी सियासी जमीन और मजबूत कर ली है. जहां पार्टी थोडी कमजोर थी. महाराष्ट्र में अक्तूबर महीने में विधानसभा के चुनाव हैं और चुनाव से पहले एनसीपी और कांग्रेस की नीँद उड़ी हुई है.