लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं इसे व्यक्तिगत रूप से देखूंगा कि एक विधेयक के सूचीबद्ध होने से पहले सभी सांसदों को एक दिन पहले इसकी सूचना दी जाए’। बिरला का यह आश्वासन तब आया जब विपक्ष ने अन्य दलों से परामर्श किए बिना अंतिम क्षणों में लोकसभा में विधेयकों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हालांकि इस आरोप का खंडन किया.
नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को वादा किया कि वह सुनिश्चित करेंगे कि सदन में पेश किए जाने से एक दिन पहले सभी सदस्यों को विधेयकों के बारे में सूचित किया जाए. बिरला ने कहा, ‘जब से मुझे अध्यक्ष चुना गया है, यह देखना मेरी जिम्मेदारी है कि मैं सभी सांसदों की सहमति से सदन चलाऊं.’
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आपने अनुरोध किया है, मैं इसे व्यक्तिगत रूप से देखूंगा कि एक विधेयक के सूचीबद्ध होने से पहले सभी सांसदों को एक दिन पहले इसकी सूचना दी जाए, ताकि वे इसके लिए तैयारी कर सकें. मैं व्यक्तिगत रूप से इस पर गौर करुंगा.’
बिरला का यह आश्वासन तब आया जब विपक्ष ने अन्य दलों से परामर्श किए बिना अंतिम क्षणों में लोकसभा में विधेयकों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हालांकि इस आरोप का खंडन किया.
सदन की बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के सौगत रॉय और डीएमके की कनिमोझी ने सरकार पर बिना किसी पूर्व सूचना के विधेयकों को जल्दबाजी में लाने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बहस की तैयारी के लिए उन्हें समय ही नहीं दिया जा रहा. यह मामला तब उठा जब बुधवार को सूचीबद्ध किया गया बांध सुरक्षा विधेयक गुरुवार की सूची में नहीं मिला.
चौधरी ने कहा, ‘विपक्ष अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग रहा है. लेकिन जिस तरह से सरकार द्वारा विधेयकों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है, वह सही नहीं है. सभी मामले कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में तय किए जाते हैं.’
टीएमसी के रॉय ने कहा कि बांध सुरक्षा विधेयक को अचानक नए विधेयक से बदल दिया गया, विपक्ष के पास तैयारी के लिए समय ही नहीं था. कनिमोझी ने कहा कि यह सरकार अब रोजाना ही यह काम कर रही है.