वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शुक्रवार को वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि गांव, गरीब और किसान मोदी सरकार के केन्द्र बिन्दु हैं और देश की अर्थव्यवस्था इसी वर्ष 30 खरब डॉलर की हो जाएगी।
नई दिल्ली:
सीतारमण ने 49 वर्षाें के बाद एक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला आम बजट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में देश की अर्थव्यवस्था 1़5़ 8 खरब डॉलर की थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 2़7 खरब डॉलर की हो गई है और इसी वर्ष यह 30 खरब डॉलर की हो जाएगी। अगले कुछ वर्षाें में भारतीय अर्थव्यवस्था के 50 खरब डॉलर के बनने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि 55 वर्षाें में यह 10 खरब डॉलर पर पहुंची थी। पिछले कुछ वर्षाें में अर्थव्यवस्था के विकास में जबरदस्त तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का लक्ष्य, बुनियादी ढ़ांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन ,नागरिकों की आशाओं, विश्वास और आकांक्षाओं से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसान इस सरकार की सभी योजनाओं के केन्द्र बिन्दु हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुए की कार्ययोजनाएं बनाई जा रही है।
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उन्होंने हर तरह की कनेक्टिविटी को अपनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि 80,250 करोड़ रुपए की लागत से 1.25 लाख किलोमीटर सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में उन्नत किया जाएगा। 97 प्रतिशत गांवों को बारह-मासी सड़क से जोड़ा गया है, शेष गांवों को इसी साल जोड़ने का लक्ष्य है।
उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अंत्योदय को सरकार का लक्ष्य बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ मकान बने, 2019-20 से 2021-22 के बीच 1.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त मंत्री ने सत्ता में भाजपा की वापसी को उज्जवल और स्थिर नए भारत की उम्मीद बताते हुए शेर पढ़ा “उम्मीद हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है”। उन्होंने आम चुनाव में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत का उल्लेख करते हुए कहा कि इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत सबसे अधिक रहा, सभी वर्गों के मतदाताओं का साथ मिला। देशवासियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के दो लक्ष्यों पर मुहर लगाई है।
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उन्होंने गैस और जल का राष्ट्रीय ग्रिड तैयार करने का वादा करते हुए कहा कि मेक इन इंडिया के तहत स्वच्छ पेयजल, जल प्रबंधन, स्वच्छ नदियां, ब्लू इकॉनोमी, अतंरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान, चंद्रयान और सेटेलाइट कार्यक्रमों पर खासतौर पर ध्यान दिया गया। भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर जाेर देते हुये उन्होंने कहा कि सिर्फ आधुनिक बैटरी और पंजीकृत इलेक्ट्रिकल वाहनों पर फेम 2 के तहत सरकार की ओर से छूट मिलेगी।
सीतारमण ने देश में हर साल ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट आयोजित करने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि कारोबारियों को प्रतिवर्ष 20 लाख करोड़ रुपए की जरुरत है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्ष 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की आवश्यकता होगी और इसके लिए पीपीपी मॉडल को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि समाज सेवी संस्थान सेबी में पंजीकरण कराकर इक्विटी, डेट और म्युचुअल फंड के जरिये पूंजी जुटा सकेंगे और इनके लिए उन्होंने सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने की भी घोषणा की।
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उन्होंने सरकार की महिला योजनाएं ‘नारी तू नारायणी’ पर आधारित होने का जिक्र करते हुए कहा कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं और बच्चे और नागरिकों की सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया है।
2022 तक हर घर को गैस और बिजली का कनैक्शन दिए जाने का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 तक ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन के अगले चरण में हर गांव में ठोस कचरा प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है। हर जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढ़ांचे को प्रोत्साहन देेने के लिए क्रेडिट गारंटी एन्हांसमेंट कार्पोरेशन की स्थापना की जाएगी। अनिवासी भारतीयों के निवेश को भारत में सुविधाजनक बनाने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो से जोड़ा जाएगा तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए केवाईसी के नियम सरल बनाए जाएंगे।
सीतारमण ने दो करोड़ से पांच करोड़ रुपए की कर योग्य आय पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव किया जिससे प्रभावी कर में करीब तीन प्रतिशत की बढोतरी होगी। इसी तरह से पांच करोड़ रुपए से अधिक की आय पर यह प्रभावी कर सात प्रतिशत तक बढ़ेगा। पेट्रोल और डीजल पर एक रूपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा एक रुपए प्रति लीटर सड़क एवं ढांचागत अभिभार लगेगा। इस प्रकार इनके दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। सोने तथा बेशकीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है।
वित्त मंत्री ने अगले पांच वर्षाें में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 100 लाख करोड़ रुपए निवेश किए जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों में विनिवेश से एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों पर अब 25 प्रतिशत कार्पोरेट कर लगेगा। पहले यह सीमा 250 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए थी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षाें में प्रत्यक्ष कर संग्रह 78 प्रतिशत बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि किफायती आवास को बढ़ाने के उद्देश्य से हाउसिंग फाइनेंस के नियमन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय आवास बैंक से वापस लेकर रिजर्व बैंक को दी जाएगी। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जारी रखने और वित्तीय संकट में जुझ रहे गैर बैंकिंग फाइनेशियल कंपनियों को राहत देेने का वादा करते हुए कहा कि सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष में 70 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि किफायती आवास के लिए 1.50 लाख रुपए की अतिरिक्त आयकर छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर भी 1.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त आयकर छूट मिलेगी। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहन पर करदाता को 2.5 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि एक वर्ष में एक करोड़ रुपए की नकद निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस लगेगा। उन्होंने कहा कि कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से भीम, यूपीआई, आधारपे, एनईएफटी और आरटीजीएस को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपए के वार्षिक कारोबार वाले कारोबारियों तथा ग्राहक को अब इनके माध्यम से भुगतान करने पर कोई शुल्क या मर्चेेट डिस्काउंट दर (एमडीआर) नहीं देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक और बैंक इस लागत का वहन करेंगे।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस वर्ष दो अक्टूबर को देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जाने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत देश में वर्ष 2014 के बाद पांच लाख 60 हजार से अधिक शैचालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि पांच लाख 60 हजार से अधिक गांव तथा 95 प्रतिशत से अधिक शहर भी खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं।
‘हर घर को जल’ के मंत्र के साथ करेंगे काम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने कहा है कि हर घर को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने और जल संकट से निपटने के लिए गठित जल शक्ति मंत्रालय के तहत प्रत्येक घर को 2024 तक स्वच्छ और पर्याप्त जल उपलब्ध कराया जाएगा।
सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए कहा कि हर घर को स्वच्छ और पर्याप्त पेय जल उपलब्ध कराना सरकार का मूल मंत्र है और इस दिशा में अभियान के रूप काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस मकसद से सरकार ने जल से जुड़े सभी मंत्रालयों को जोडकर जल शक्ति मंत्रालय बनाया है और यह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर हर घर को पर्याप्त जल उपलब्घ कराने के मिशन के साथ काम करेगा।