3 तलाक: राज्य सभा में, भाजपा ने जारी किया व्हिप

तलाक – ए- बिद्दत आज कि मौजूदा सरकार के लिए एक बड़ा सवाल है। लोक सभा के पश्चात जहां भाजपा के सहयोगी दल भी इससे किनारा कर चुके हैं वहीं राज्यसभा में इसे पास करवाना भाजपा के लिए जंजाल बन चुका है। बीजेपी की तरफ से जारी व्हिप में कहा गया है कि, मंगलवार को दोनों सदनों के सदस्य मौजूद रहेंगे और सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयकों का समर्थन करेंगे.

नई दिल्ली: मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने के उद्देश्य से लाये गए ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’को सरकार मंगलवार को राज्यसभा में पेश करेगी. तीन तलाक बिल को लोकसभा में पहले से मंजूरी मिल गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिल को लेकर सभी सांसदों को मंगलवार को सदन में पूरे समय मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए बीजेपी ने सोमवार को एक 3 लाईन का व्हिप जारी किया है. जारी व्हिप में कहा गया है कि, मंगलवार को दोनों सदनों के सदस्य मौजूद रहेंगे और सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयकों का समर्थन करेंगे.

राज्यसभा में बिल रोकना चाहती है सपा

वहीं राज्यसभा में समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध करने के लिए पहले से ही अपने सभी सांसदों को सदन में पूरे समय मौजूद रहने के निर्देश दिए है. इसके लिए सपा ने शुक्रवार को 3 लाईन का व्हिप जारी किया था. राज्यसभा में सपा के चीफ़ व्हिप रवि वर्मा ने सभी सांसदों को कहा था कि, अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा में आने वाले हैं, इसलिए सभी सांसदों की मौजूदगी अनिवार्य है. इस समय राज्यसभा में सपा के 12 सांसद हैं.

सपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में रोकना चाहती है. इसीलिए ये व्हिप सपा ने जारी किया है. गुरूवार को लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास हो गया है, जिसे कानूनी मान्यता के लिए राज्यसभा से पास होना अनिवार्य है. लेकिन राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं होने के कारण यह बिल अटक सकता है. हालांकि बीजेपी की कोशिश है कि फ्लोर मैनेजमेंट के माध्यम से इस बार ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा से पास कराया जाए.

कई दल कर चुके हैं वॉकआउट

आपको बता दें कि कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी, सपा और बसपा जैसी प्रमुख पार्टियां ट्रिपल तलाक बिल के ख़िलाफ़ हैं. वहीं बीजेपी की सहयोगी जेडीयू भी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर लोकसभा से वॉकआउट कर चुका है. ऐसी स्थिति में राज्यसभा में विपक्षी एकता कितनी कारगर साबित होती है, ये तो ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में पेश होने के बाद ही पता चल पाएगा.

बिल पर पूरे देश की है निगाहें

जब यूएपीए बिल और ट्रिपल तलाक बिल पर पूरे देश की निगाहें हैं. इस दौरान देखने वाली बात यह होगी कि केंद्र सरकार इसे राज्यसभा में पास कराने में सफल हो पाएगी या नहीं.

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