भाजपा बहाना है काँग्रेस का सीएम लाना है : कर्णाटक संकट
सूत्रों के मुताबिक बागी तेवर अपनाने वाले ज्यादातर कांग्रेसी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी हैं. इन वजहों से कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कहीं उनका हाथ तो नहीं है? सिद्धारमैया कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और कर्नाटक कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता माने जाते हैं, दूसरी ओर एक मत यह भी है की कॉंग्रेस का इतिहास है की वह राजनैतिक अस्थिरता पैदा करने में माहिर रही है। इस बार यह खेल मल्लिकार्जुन खडगे के लिए खेला जा रहा है। कहा जाता है की मल्लिकार्जुन खडगे की अकूत संपत्ति पर कहीं जांच न बैठ जाये इसीलिए उन्हे सत्ता में बनाए रखना ज़रूरी हो गया है, वैसे भी काँग्रेस सत्ता से दूर नहीं रहना चाहते।
बेंगलुरू: 11 कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के इस्तीफे के बाद एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में कर्नाटक की गठबंधन सरकार के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बागी तेवर अपनाने वाले ज्यादातर कांग्रेसी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी हैं. इन वजहों से कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कहीं उनका हाथ तो नहीं है? सिद्धारमैया कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और कर्नाटक कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता माने जाते हैं. इससे पहले भी गठबंधन सरकार के समक्ष राजनीतिक अस्थिरता आती रही है तो जेडीएस उसके पीछे परोक्ष रूप से सिद्धारमैया को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.
इस बीच जेडीएस सत्ता को बचाने की पूरी कोशिशों में लगी है. सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि इस कवायद में यदि मुख्यमंत्री का पद जेडीएस के हाथों से निकलकर कांग्रेस के पास चला जाए तो इस फॉर्मूले पर भी जेडीएस नेता सहमत हो सकते हैं. इस संदर्भ में ही जेडीएस के बड़े नेता और चामुंडेश्वरी से विधायक जीटी देवगौड़ा ने कहा, ‘सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने पर कोई आपत्ति नहीं’ है. उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में जेडीएस-कांग्रेस की समन्वय समिति का फैसला मंजूर होगा.
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गौरतलब है कि चामुंडेश्वरी, सिद्धारमैया की पारंपरिक सीट मानी जाती रही है लेकिन विधानसभा चुनाव में जीटी देवगौड़ा ने सिद्धारमैया को हराया था. देवगौड़ा ने ये भी कहा कि यदि पार्टी ने कहा तो वह अपनी सीट से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं.
जीटी देवगौड़ा, जेडीएस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व यानी एचडी देवगौड़ा परिवार के काफी करीबी हैं. एचडी देवगौड़ा परिवार और सिद्धारमैया के बीच बिल्कुल नहीं बनती. पहले सिद्धारमैया जेडीएस में ही थे लेकिन जब एचडी देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी ने पार्टी की कमान संभाली तो सिद्धारमैया पार्टी में हाशिए पर चले गए. बाद में वह पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. उसके बाद देवगौड़ा परिवार और सिद्धारमैया के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे. उसकी बानगी इस बात से भी समझी जा सकती है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में जेडीएस ने सिद्धारमैया की सीट चामुंडेश्वरी से अपने मजबूत नेता जीटी देवगौड़ा को उतार दिया. जीटी देवगौड़ा जीत गए लेकिन कुमारस्वामी और सिद्धारमैया के रिश्ते तल्ख हो गए.
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक
इस बीच बागियों के इस्तीफे के मद्देनजर मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने जा रही है. बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस ने सर्कुलर जारी किया है. इसमें सभी विधायकों को कांग्रेस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बैठक में शामिल नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई संभव है. विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया शामिल होंगे. इसमें कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडू राव भी शामिल होंगे.
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