Sunday, December 22

‘भारत की शहरी आबादी के 70 प्रतिशत लोग मोटापे का शिकार’
मोटापे में भारत विश्वभर में तीसरे स्थान पर: डा. अनुपम गोयल
भारत में शुगर के 60 प्रतिशत मरीजों में मोटापे के लक्षण

लोग लंबे चलने वाले इलाज के डर से अपना इलाज शुरू ही नहीं करवाते, उन्हे बीमारी से ज़्यादा टेस्ट और नतीजों के लंबे इंतज़ार से डर लगता है। मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों की फेरहिस्त बड़ी लंबी है। कई तकनीकी बातें हैं जिनहे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं, ‘जानबूझकर’ फिर वही चीज़ें हमें बहुत तंग करतीं हैं यहाँ तक कि वह जानलेवा साबित हो जातीं हैं । इसीलिए मोटापे पर काबू पाना बहत ज़रूरी है। यह डर नहीं, ज़रूरत है।

पंचकूला, 29 जून:

पारस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों व माहिरों की टीम ने लोगो में मोटापे तथा इसके नुकसान प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए आज यहां पत्रकारों के साथ बातचीत की। पारस अस्पताल के बेरिएट्रिक व लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के माहिर डा. अनुपम गोयल ने पत्रकारों को संबोधन करते हुए कहा कि हाल ही में हुए एक अध्यन्न से एक बात सामने आई है कि भारत की शहरी आबादी के 70 प्रतिशत लोग मोटापे का शिकार हैं। इसके साथ हमारा देश मोटापे की विकराल समस्या की तरफ बढ़ रहा है।

डा. गोयल ने स्वास्थ्य संबंधी एक मैगजीन लांसे इंडिया में प्रकाशित इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि अमरीका तथा चीन के बाद भारत में सबसे अधिक मोटे लोग रहते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे बालकों की आबादी में 3 करोड़ से अधिक लोग मोटापे की बीमारी का शिकार हैं। डा. गोयल ने कहा कि उन्होंने बताया कि दुनिया भर में मोटापे के कारण 2000 अरब डालर वाॢषक खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में 6 करोड़ 20 लाख शुगर की बीमारी के मरीज या तो बहुत ज्यादा मोटे हैं तथा या उनका वजन जरूरत से ज्यादा है। इन लोगों में चर्बी के कारण मोटापा है तथा बहुत ज्यादा बड़े पेट वाले हैं।

डा. गोयल ने यह भी बताया कि मोटापा शुगर की बीमारी के लिए भी जिम्मेदार है। इसके अलावा मोटापे के कारण हड्डियों खुर्रने की बीमारी, महावारी में बेनियमता, बांझपन तथा हर्निया, कैंसर व दिल का दौरा भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि एक पुराना विचार है कि मोटापा अमीर लोगों की बीमारी है। उन्होंने कहा कि असल में मोटापा सिर्फ ज्यादा खाने से नहीं होता, यह अमीर, गरीब दोनों को हो सकता है।
डा. गोयल ने बताया कि बेरिएट्रिक विधि द्वारा आप्रेशन करके मोटापा घटाया जा सकता है तथा इस तरह की सजर्री के बाद 90-95 प्रतिशत लोगों को शुगर की बीमारी से निजात मिलती है। 
पारस अस्पताल के फैकलिटी डायरेक्टर आशीष चड्ढा ने कहा कि भारत में 60 प्रतिशत शुगर के मरीजों में मोटापे का लक्ष्ण सामने आए है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मोटापे के प्रति जागरूकता पैदा करना बहुत जरूरी है।