अथावले ने अपने चिरपरीचित अंदाज़ में ॐ बिड़ला का स्वागत किया

नई दिल्‍ली: केंद्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता राज्‍य मंत्री रामदास आठवले, बीजेपी सांसद ओम बिरला के लोकसभा का स्‍पीकर चुने जाने के बाद जब बधाई देने के लिए लोकसभा में उठे तो उनके भाषण के हर शब्‍द पर प्रधानमंत्री मोदी समेत पूरा सत्‍तापक्ष और विपक्ष ठहाका लगाकर हंस पड़ा. दरअसल आठवले ने अपने भाषण को ‘तुकबंदी’ के रूप में शुरू किया और कहा कि भले ही लोकसभा में उनकी रिपब्लिकन पार्टी (ए) का कोई सांसद चुनकर नहीं आया है लेकिन वह दल की तरफ से ओम बिड़ला को बधाई देते हैं. आठवले राज्‍यसभा सांसद हैं.

संसद के संयुक्‍त सत्र में उन्‍होंने तुकबंदी के जरिये पीएम मोदी को विशाल हृदय का नेता बताते हुए कहा कि ओम बिरला भले ही स्‍वभाव से गंभीर दिखते हों और कम हंसते हों लेकिन वह अपने भाषणों से उनको हंसाते रहेंगे. इस बीच उन्‍होंने भाषण के दौरान विपक्ष पर भी तंज कसा. पहले उन्‍होंने पूछा कि क्‍या आज राहुल गांधी का जन्‍मदिन है? जब इसका जवाब हां मिला तो उन्‍होंने कांग्रेस अध्‍यक्ष से कहा कि आपने चुनाव में बहुत कोशिश की लेकिन आपको इस बात की बधाई कि आप विपक्ष में बैठे हैं. इसके साथ ही कहा कि चुनाव से पहले विपक्ष ने मुझसे कहा कि आप एनडीए छोड़कर हमारे पास आ जाओ लेकिन मैंने हवा का रुख पहले ही भांप लिया था. लिहाजा मैंने पूछा कि इससे क्‍या होगा?

इसके साथ ही विपक्ष से कहा कि हमारी सरकार अगले पांच साल तक अच्‍छे से चलेगी. उसके बाद फिर से हम चुने जाएंगे और इस तरह अच्‍छा काम करते हुए बार-बार जीतकर सत्‍ता में आते रहेंगे. हालांकि विपक्ष पर चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि यदि इस बीच आपने सत्‍ता में आने की कोशिश भी की तो भी हम आपको आने नहीं देंगे. उनके तुकबंदी भरे इस तरह के भाषण को सुनकर पूरे सदन में ठहाके गूंजते देखे गए. यहां तक कि पीएम मोदी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी खुद को नहीं रोक सके और हंसते-मुस्‍कुराते रहे.

ओम बिरला चुने गए स्‍पीकर
इस बीच लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने पहले संबोधन में कहा है कि वह संसद में हर छोटे-बड़े दल की आवाज को उचित मौका देने की पूरी कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि वे निष्पक्षता के साथ सदन चलाएंगे और कम संख्या वाले दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता की अपेक्षा है.

‘मैं निष्पक्षता दिखाऊंगा’
पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद के सदस्यों और सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी निष्पक्ष होनी चाहिए और निष्पक्ष दिखनी भी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए चुनौती यह होती है कि उनसे जनता की अपेक्षाएं बहुत होती हैं और सदस्य ज्यादा से ज्यादा अपनी बात रखने की कोशिश करते हैं.

‘सदस्यों से विनती है कि वे सरकार से जुड़े मुद्दे ही उठाएं’
बिरला ने सदस्यों से कहा कि वे केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दे विशेषकर बुनियादी मुद्दे उठाएं क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि सदस्य ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिनका केंद्र सरकार से कोई संबंध नहीं होता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता ने इस बार फिर विश्चास जताया है और ऐसे में इस सरकार की जवाबदेही बढ़ जाती है.

‘माननीय सांसद दुनिया में मिसाल पेश करें’
स्पीकर ने कहा कि सरकार से ज्यादा जवाबदेही और पारदर्शिता के अपेक्षा है तथा यह आशा भी की जाती है कि सदस्यों की बातों का जवाब दिया जाए. उन्होंने कहा कि कम संख्या वाली पार्टियों को भी सदन में अपनी बात रखने का पूरा समय मिलेगा. बिरला ने कहा कि सदस्य अपने आचार-व्यवहार से दुनिया में मिसाल पेश करें.

कोटा से सांसद हैं नए स्पीकर
गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार बीजेपी के सांसद निर्वाचित हुए बिरला को बुधवार को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया. लोकसभा अध्यक्ष के रूप में बिरला, आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन के उत्तराधिकारी बने हैं. इस पद पर अक्सर वरिष्ठ सदस्यों के चुने जाने की परंपरा के उलट लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले बिरला (56) तुलनात्मक रूप से नये सदस्य हैं.

प्रोटेम स्पीकर ने की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रखे गये और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से अनुमोदित प्रस्ताव को सदन की ओर से ध्वनिमत से स्वीकार किये जाने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बिरला के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की घोषणा की. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य दलों के नेता बिरला को अध्यक्ष के आसन तक लेकर गये. सदन में मौजूद सदस्यों ताली बजाकर और मेजें थपथपाकर नये अध्यक्ष का अभिनंदन किया.

बिरला को अध्यक्ष के आसन तक ले जाने वालों में द्रमुक के टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बीजद के पिनाकी मिश्रा और लोजपा के चिराग पासवान आदि भी शामिल थे. इस मौके पर विशेष दर्शक दीर्घा में बिरला के परिवार के सदस्य मौजूद थे.

सेलरी बढोतरी की उम्मीद में भारी संख्या में पंचकूला पहुंचे वोकेशनल टीचर्स

आज सेलरी बढोतरी की उम्मीद में भारी संख्या में पंचकूला पहुंचे वोकेशनल टीचर्स , शिक्षा सदन का किया घेराव

पंचकूला,

आपको बता दें कि आज वोकेशनल टीचर्स के धरने प्रदर्शन का छटा दिन है । कई दिनों से अपनी मांगे को लेकर वोकेशनल टीचर्स अनिश्चितकालिन धरना-प्रदर्शन पर बैठे है । सीएम आवास के घेराव के बाद वोकेशनल टीचर्स को मीटिंग का आश्वासन दिया गया था आज के दिन ही सीएम ओएसडी अजय गौड द्वारा वोकेशनल टीचर्स और शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास जी के साथ मीटिंग तय करवाई गई थी । इसी को देखते हुए आज भारी संख्या में वोकेशनल टीचर्स पंचकूला पहुंच गए है उन्होंने आज शिक्षा सदन का घेराव किया और इस दौरान उनकी मीटिंग शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास के साथ हुई जिसमें विभाग ने दो दिन का समय मांगा गया है फिर 20 तारीख तक मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है ।

वोकेशनल टीचर्स एसोसिएशन के राज्य प्रधान मुकेश गुर्जर का कहना है कि अगर मांगे पूरी हो जाती हैं ठीक है नहीं तो बड़ा आंदोलन करेंगे वोकेशनल टीचर । हम 13 जून से लगातार पंचकूला में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं अपनी मांगों को लेकर कई वर्षो से संघर्ष कर रहे हैं प्रत्येक दिन उन्होंने डिपार्टमेंट के साथ और सरकार के साथ मीटिंग करके अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से रखा है आज उनको उम्मीद है कि एसीएस पीके दास जी उनकी मांगों को पूरा करेंगें
राज्य महासचिव अनूप ढिल्लों ने कहा कि सेलरी बढोतरी की फाइल पास होने के बावजूद भी लागू नही की जा रही है । आश्वासन के सभी दरवाजे बंद होने के बावजूद ही वोकेशनल टीचर्स आन्दोलन करने पर मजबूर हुए है ।
राज्य कोषाध्यक्ष राहुल मितल ने कहा कि कल से पांच दिवसीय वोकेशनल टीचर्स का गुरूग्राम और तोशाम में ट्रेनिंग प्रोग्राम था । अपनी मांगे पूरी न होने को लेकर वोकेशनल टीचर्स ने इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया। बहिष्कार करने के बाद सभी वोकेशनल टीचर्स सीधे पंचकूला धरने स्थल पर पहुंच गये ।
राज्य उपप्रधान संदीप चौहान व राज्य सचिव मनीष ने कहा कि अब वोकेशनल टीचर्स जाग चुका है अब शोषणकारी नीतियों का विरोध किया जायेगा और हमारे अधिकार लेकर रहेंगे।

प्रशासन की अनदेखी, धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब

www.demokraticfront.com: पंकज गुप्ता
पंचकूला के गांवों और कॉलोनियों में बहुत ही आसानी से मिल जाती है देसी शराब। कहीं किसी राशन की दुकान पर तो कहीं किसी घर मे या फिर किसी झुग्गी मे।

पंचकूला में धड़ल्ले से चल रही है अवैध शराब की बिक्री वी भी जबकि पुलिस विभाग और आबकारी विभाग दावा करता है अपनी सतर्कता का। प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे हैं अवैध अस्थायी ठेके और आहते। कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाने में सम्बंधित विभागों के कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि पुलिस और आबकारी विभाग का प्राथमिक कर्तव्य ही सतर्कता है।
चाहे गाँव कुंडी हो या मदनपुरा या फिर कोई भी कॉलोनी, राजीव कॉलोनी, इन्दिरा कॉलोनी , बच्चों को भी पता है शराब किस दुकान पर बिकती है।

ये ठेके ज़्यादातर उन ठेकेदारों द्वारा ही अपने कारिंदों के माध्यम से चलाए जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक इन कामों में ज़्यादातर लोग आर्थिक रूप से सशक्त हैं और इन कामों को उन इलाकों में चलाते हैं जहाँ आर्थिक रूप से कमज़ोर रूप के लोग रहते हैं । उनको माल्टा या सन्तरा नाम की शराब सस्ती मिल जाती है । स्थानीय लोगों की मानें तो घटिया शराब पी कर कई लोग या तो गम्भीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं और कई बार मौत भी हो जाती है इस तरह के मामले प्रभाव के चलते उजागर नहीं होने दिए जाते ।
इस विषय परआबकारी इंस्पेक्टर स्वतन्त्र कुमार ने बताया कि पिछले दिनों कुंडी गांव से देसी शराब की 24 पेटियां बरामद की गई । लेकिन इसके बावजूद वहाँ अभी भी काम चल रहा है। अधिक जानकारी देते हुए अतिरिक्त आबकारी अधिकारी संजीव मित्तल ने बताया कि 12 जून को जब उन्होंने कुंडी गांव में छापा मारा तो कुछ भी बरामद नहीं हुआ परन्तु 14 जून को दोबारा छापेमारी के समय 24 पेटियाँ देसी शराब बरामद हुई । पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि लेबल पर लिखी जानकारी के अनुसार ये शराब हरियाणा राज्य की ही है परंतु पंचकूला में अन्य किसी जिले से ला कर बेची जाती है। सबसे बड़ी बात उन्होंने यह स्वीकार की कि इस पर और कोई कार्यवाई नहीं की गई। कार्यवाई क्यों नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। छापेमार टीम में आबकारी अधिकारी सरीना और निरीक्षक स्वतंत्र कुमार शामिल थे।

इस अवैध धंधे से न केवल राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
इस खिलवाड़ में प्रशासन चाहे आबकारी विभाग हो या के पुलिस प्रशासन हर विभाग के विभिन्न कर्मचारी और अधिकारियों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।