मुख्य मंत्री ने जिला परशिदों को और मजबूत किया

पंचकूला 14 जून 

हरियाणा में पंचायती राज संस्थानों को और अधिक सुदृढ़ करने शक्तियों के हस्तांरण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने और राज्य की विकास प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज जिला परिषदों को और अधिक कार्य हस्तांतरित करने की घोषणा की। अब जिला परिषदें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना और समेकित वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम के तहत कार्य करने में सक्षम होंगी।

खट्टर आज किसान भवन में विकास एवं पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री आ.ेपी धनखड, विधायक ज्ञान चंद गुप्ता एवं श्रीमती लतिका शर्मा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल जिला परिषदों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सभी अतिरिक्त उपायुक्त और सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद उपस्थित थे।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि सीईओ जिला परिषद के पास स्वतंत्र प्रभार होगा और  किसी भी एडीसी को सीईओ जिला परिषद का प्रभार नहीं दिया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विकास कार्य करवाने के लिए ग्रामीण विकास विभाग या जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग या किसी अन्य विभाग में से एक कनिष्ठ अभियंता को प्रत्येक जिले में जिला परिषदों का स्वतंत्र प्रभार दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थानों और ग्रामीण विकास की प्रशासनिक प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए कई कदम उठाए हैं ताकि जमीनी स्तर पर विकास कार्यों को गति मिल सके। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अभी और प्रयास किए जाने आवश्यक हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य के लोग राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में वर्तमान राज्य सरकार को पूर्ण एवं स्पष्ट जनादेश देकर दोबारा सेवा करने का मौका देंगे। उन्होंने कहा कि पहली  नवंबरए 2019 को हरियाणा दिवस के अवसर पर कई नए निर्णय लिए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की निचले स्तर पर कार्यों के निष्पादन में पारदर्शिता लाने के लिए सोशल ऑडिट प्रणाली सहित अनेक नई पहलें लागू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों और इंजीनियरों को शामिल करके ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया जाना चाहिए जो न केवल विकास कार्यों की प्रगति की निगरानी करेगी बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेंगी। समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि विकास कार्यों में उत्तम स्तर की सामग्री का उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिसंपत्तियां सुरक्षित हाथों में होनी चाहिए और इसके लिए हमें उनके ट्रस्टी के रूप में कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले धन के अलावा, जिला परिषदों को अपने स्वयं के आय स्रोत उत्पन्न करने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले जिला परिषदों का बजट केवल एक से दो करोड़ रुपये हुआ करता था जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 से 25 करोड़ रुपये तक कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम जिला परिषदों के बजट को और बढ़ाना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि राज्य की विकास प्रक्रिया में पंचायती राज संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर गठित इंटर स्टेट काउंसिल की तर्ज पर अंतर जिला परिषद का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि 3 जनवरी 2019 को आयोजित आईडीसी की पूर्व बैठक में उन्होंने जिला परिषदों को कई विकास कार्य एवं योजनाएं सौंपने की घोषणा की थी। इनमें शिवधाम योजना के तहत शमशानघाट या कब्रिस्तान का रखरखाव आंगनवाड़ी केंद्रों के नए भवन का निर्माण और पुराने भवनों का रखरखाव स्वास्थ्य उप केंद्रों का रखरखाव बस क्यू शेल्टर का रखरखाव और प्राथमिक विद्यालयों की निगरानी शामिल हैं।

मनोहर लाल ने कहा कि जन्म पंजीकरण की तरह राज्य सरकार प्रदेश में मृत्यु पंजीकरण अनिवार्य करने की योजना बना रही है ताकि वास्तविक समय के आधार पर आबादी के वास्तविक आंकड़ों का पता लगाया जा सके। इसके लिएए राज्य में सभी शमशानघाटों या कब्रिस्तानों का पंजीकरण किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में शमशानघाट या कब्रिस्तानों के लिए ग्राम चौकीदार को नोडल पर्सन बनाया गया है जबकि शहरी क्षेत्रों में समाज का प्रधान नोडल अधिकारी होगा।

इससे पूर्व इस अवसर पर बोलते हुए विकास एवं पंचायत मंत्री आ.ेपी धनखड ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों का शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर विकास सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ी लिखी पंचायतों ने युवाओं को अपने गांवों के कल्याणार्थ कार्य करने के लिए नए लीडरशिप अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने हरियाणा से बाहर रह रहे प्रदेश के लोगों से अपने गांवों के विकास में सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की परिकल्पना शहरों एवं कस्बों में उपलब्ध सुविधाओं की तर्ज पर गांवों में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की है और यह केवल पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के सहयोग एवं समर्थन से ही संभव हो सकता है।

Day 3 of Summer School at PU

Purnoor, Chandigarh June 14, 2019

On the third day of 5 day Summer School of the National Academy of
Sciences, India (NASI) being held at the Department of Physics, PU,
talks on Physics, Chemistry and  Environmental Science were delivered.

In the first session, Dr. P. K. Ahluwalia from Himachal Pradesh
University, delivered two very interesting talks, first one on
Discovery of Electron and second one on ‘what can I do after
Schooling’. Prof. D. Mehta from Physics Department, introduced various
basic concepts on measurements and corrected various misconceptions
regarding Solar Eclipse and use of microwave radiations.

In the afternoon session, Prof. A.S. Ahluwalia from Botany Department
talked about the effect of effluents on the climate change. He
discussed various modern life styles being adopted by us which are
causing more carbon dioxide footprint on mother earth.

 Dr. Jayanti Dutta from Human Resource development Centre, PU, had an
interactive session and highlighted how one’s thinking process
transforms to a more open and creative one with the help of simple
tasks and exercises from science.

Dr. Saurabh Jain and Mr. Pramod Prashar interconnected the Physics
with Chemistry knowledge through easy experimental demonstrations.

PU Researcher to present paper in Spain

Purnoor, Chandigarh June 14, 2019

Ms. Amritpal Kaur, Department of Physics, Panjab University, is going
to present the research paper entitled “Binding of glycopeptides
antibiotic with gold nanoparticles: Role of surfactants” in the 9th
International Colloids Conference to be held during 16 – 19 June, 2019
at Barcelona, Spain. The travel is fully funded by The Science &
Engineering Research Board (SERB) international travel grant for the
paper presentation.

Ms. Amritpal Kaur is doing her research work under the supervision of
Dr. Rajesh Kumar, Department of Physics, Panjab University and their
research focus is on the selective drug binding to the metal
nanoparticles. The gold nanoparticles are explored for specific site
delivery of various drugs. In this paper the binding mechanism of
glycopeptides by modifying surface of gold nanoparticles has been
discussed.

B.A./B.Com. LL.B. (Hons.) Five Years Integrated Entrance Exam

Purnoor, Chandigarh June 14, 2019

Panjab University is conducting Entrance Test for admission to
B.A./B.Com. LL.B. (Hons.) Five Years Integrated Course on Sunday, 16th
June, 2019.  The timings of the test are from 10.00 am to 11.30 am.
About 5400 candidates will appear in this test. Total 18 examination
centres have been created, eleven at Panjab University Campus and
seven in local colleges at Chandigarh. The route directions to the
candidates for examination centres at PU Campus are as under:-

Centre No. 1 to 4                –           Gate No. 1

Centre No. 5 & 8                –           Gate No. 3

Centre No. 6 & 7                –           Gate No. 2

Centre No. 9 to 11             –           South Campus, Sector 25,
Opp. Gate No. 3

Candidates are requested to report in the respective examination
centres atleast twenty five minutes before the start of the exam.  No
electronic gadgets, cell phone etc. are allowed in the examination
centre informed Dr. Parvinder Singh, Controller of Examinations,
Panjab University Chandigarh

टीएमसी नेताओं के बच्चे डाक्टरों की हड़ताल के समर्थक

नई दिल्‍ली : पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक अस्‍पताल में तीमारदारों की ओर से डॉक्‍टरों संग की गई मारपीट के बाद शुरू हुई डॉक्‍टरों की हड़ताल पूरे देश में फैल गई है. देश के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल एम्‍स के भी रेजीडेंट डॉक्‍टर भी इसमें शामिल हो गए हैं. डॉक्‍टरों की इस हड़ताल में कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता फरहाद हकीम की डॉक्‍टर बेटी भी शामिल हो गई है. उनकी बेटी शबा हकीम ने गुरुवार को डॉक्‍टरों की हड़ताल का समर्थन किया है. इसके साथ ही उन्‍होंने फेसबुक में एक पोस्‍ट लिखा. उसमें उन्‍होंने साफतौर पर कहा है कि मैं टीएमसी समर्थक हूं लेकिन इस मामले में नेताओं के ढुलमुल रवैया और उनकी ओर से साधी गई चुप्‍पी पर मैं शर्मिंदा हूं.

app-facebookShabba Hakimon Wednesday

For those who do not know Doctors in government and most private hospitals are boycotting OPD but are still working in emergency. Unlike other professions we can’t just decide not to work because at the end of the day we have humanity. 
If there was a bus or taxi strike not one taxi driver or bus driver would provide you with any service no matter how dire the situation. 
For those saying “Ono Rugider ki dosh?” Please question the government as in why the police officers post…See more

शबा हकीम ने कोलकाता के केपीसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से डॉक्‍टरी की पढ़ाई की है. शबा हकीम ने सोशल मीडिया में पोस्‍ट करते हुए डॉक्‍टरों को पश्चिम बंगाल में काम के समय अस्‍पताल में सुरक्षा उपलब्‍ध कराने की मांग की. बात दें कि इसके बाद शुक्रवार को ही खुद ममता बनर्जी के भतीजे आबेश बनर्जी भी डॉक्‍टरों की इस हड़ताल में शामिल हुए हैं. कोलकाता के केपीसी मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में पढ़ने वाले आबेश बनर्जी ने डॉक्‍टरों की हड़ताल का समर्थन किया है और इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं. 

पश्‍चिम बंगाल में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के अल्‍टीमेटम के बाद डॉक्‍टरों की हड़ताल ने तूल पकड़ लिया है. इसी के चलते शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के 16 और डॉक्‍टरों ने अपना इस्‍तीफा दे दिया है. ये सभी डॉक्‍टर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं.

डॉक्‍टरों की सुरक्षा की मांग और पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में डॉक्‍टरों का प्रतिनिधिमंडल ने आज स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की है. डॉक्‍टरों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात से पहले स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डॉक्‍टरों से सांकेतिक हड़ताल कर मरीजों का इलाज जारी रखने की अपील की. उन्‍होंने कहा कि मैं सभी डॉक्‍टरों को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर है. 

Dr Dev D@neo_natal

Dr Abesh Banerjee, nephew of Mamata Banerjee at KPC hospital Kolkata!!#SaveTheDoctors https://twitter.com/Jb21bh/status/1139209543928258560 …

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#Jayanta Bhattacharya@Jb21bhAbesh Bannerjee, son of @MamataOfficial’s brother Kartik Bannerjee was leading the protest of the doctors of KPC College and Hospital.#BengalBurning,@trunilss,@prettypadmaja,#IndiaFirst, #TeamIndiaFirst510:09 PM – Jun 13, 2019Twitter Ads info and privacySee Dr Dev D’s other Tweets

 
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध करता हूं कि इस मामले को अपने सम्‍मान का मुद्दा न बनाएं. उन्‍होंने डॉक्‍टरों को कल अल्‍टीमेटम दिया था, इसीलिए डॉक्‍टर नाराज हो गए और उन्‍होंने हड़ताल कर दी. आज मैं इस मामले में ममता बनर्जी जी को लिखूंगा. साथ ही उनसे बात करने की भी कोशिश करूंगा.

टेररोर फंडिंग मामले में न्यायिक हिरासत 30 दिनों तक बढ़ी

नई दिल्लीः हाफिज़ सईद से जुड़े टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और शब्बीर शाह की NIA कोर्ट में आज पेशी हुई. अभी तक तीनों 10 दिनों की रिमांड पर थे. NIA ने आज कोर्ट से रिमांड बढ़ाने की मांग नहीं की. इसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 30 दिनों (12 जुलाई) के लिए न्यायिक हिरासत (जेल) भेज दिया है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में ही तीनों आरोपियों से एनआईए की टीम ने अलग-अलग पूछताछ की थी.

मसरत आलम को एक रैली के दौरान भारत विरोधी नारे और पाकिस्तानी झंडे लहराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.पिछली सुनवाई में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल ने तीनों को 10 दिनों की NIA हिरासत में भेज दिया था. मसरत आलम भट्ट को जम्मू एवं कश्मीर की एक जेल से दिल्ली लाया गया था. आतंकी फंडिंग के एक मामले में एजेंसी इन लोगों से पूछताछ करना चाहती थी. 

एजेंसी ने कश्मीर घाटी में हिंसा के बाद मई 2017 में मामला दर्ज किया था. अब तक एजेंसी ने अलगाववादी नेता आफताब हिलाली शाह ऊर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडे, फारूक अहमद डार ऊर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला को गिरफ्तार किया है.

लंगर के जीएसटी पर केंद्र ने 57 लाख जारी किए: हरसिमरत

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने स्वर्ण मंदिर समेत विभिन्न गुरुद्वारों मे लंगर तैयार करने के लिए खरीदी गई सामग्री पर वसूले गये जीएसटी के रिफंड के लिए 57 लाख जारी किया है. हरसिमरत कौर का यह वक्तव्य इस लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब विपक्ष ने लंगर पर जीएसटी लगाने को चुनावी मुद्दा बना दिया था।

चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने स्वर्ण मंदिर समेत विभिन्न गुरुद्वारों मे लंगर तैयार करने के लिए खरीदी गई सामग्री पर वसूले गये जीएसटी के रिफंड के लिए 57 लाख जारी किया है. बठिंडा से तीन बार निर्वाचित सांसद और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने लंगर की सामग्री पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिफंड करने के सिख समुदाय से किये गये वादे को पूरा करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने लुधियाना में जीएसटी के अधिकारियों को गुरुद्वारों में लंगर के लिए खरीद सामग्री पर माल एवं सेवा कर के रिफंड के लिए 57 लाख रुपये जारी किया है. यह राशि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) को हस्तांतरित की जाएगी.

बादल ने कहा, ‘‘जीएसटी वापसी की यह पहली किस्त है और रिफंड तिमाही आधार पर एसजीपीसी को जारी किया जाएगा. मैं इस मुद्दे का समाधान कर सिखों की भावना का सम्मान करने के लिये प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हूं….’’ पिछली राजग सरकार ने लंगर में खाना पकाने में उपयोग होने वाले सामानों पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय किया था.

खट्टर सरकार में जनता बेहाल : सुरजेवाला

खट्टर सरकार के राज में जनता हुई बेहाल बिजली गुल-पानी गुल, हरियाणा हुआ खस्ताहाल

प्रदेश का दुर्भाग्य है कि आज भाजपा सरकार की संवेदनहीनता के कारण प्रदेश के लोग अपने रोजमर्रा के कामों को छोड़कर बिजली को लेकर आए दिन प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। इस भीषण गर्मी में लोग बिन बिजली दुभर जीवन जी रहे हैं। केवल बिजली ही नहीं प्रदेश में पानी की कमी को लेकर भी लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन लोगों की समस्याओं से पुरी तरह बेख़बर व बेपरवाह भाजपा सरकार के लोग एसी कमरों में बैठ जानबूझकर प्रदेश के लोगों को इस भीषण गर्मी में झोंकने का काम कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण भाजपा सरकार द्वारा 6 बिजली कारख़ाने बंद कर प्रदेश को बिजली संकट में धकेलना है।

यह भी पढ़ें : भाजपा को वोट दिया है तो भाजपा से बिजली मांगो: congress

भाजपा सरकार ने जानबूझकर प्रदेश को बिजली संकट में धकेला- हरियाणा में जनता बिजली की कमी से त्राहि-त्राहि कर रही है लेकिन सत्ता के घमण्ड में चूर भाजपा सरकार ने राज्य के 6 बिजली कारख़ाने बंद कर प्रदेश को बिजली संकट में धकेला हुआ है।

प्रदेश में बिजली आपूर्ति के शेड्यूल बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है – पूरे प्रदेश में जनता बिजली के अघोषित कटों से भारी तंग व परेशान है, लेकिन प्रदेश सरकार जनता के दुखों से पूरी तरह बेपरवाह है। प्रदेश के लगभग सभी शहरों और गावों में बिजली आपूर्ति के शेड्यूल बिगड़ने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है और जनता कई-कई घंटे तक बिजली कट झेलने पर मजबूर है। अघोषित बिजली कटों से पानी की सप्लाई बाधित हो रही है और लोगों की परेशानी दोगुनी हो रही है।

प्रदेश के अपने संसाधनों से कुल 4849.8 मेगावाट बिजली उत्पादन और हिस्से में से केवल 3128 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है- सच्चाई यह है कि राज्य में बिजली कि कोई कमी नहीं है और बिजली को लेकर जनता की परेशानियाँ के लिए केवल व केवल प्रदेश सरकार का कुप्रबंधन और नालायकी ज़िम्मेदार है। प्रदेश के अपने संसाधनों से कुल 4,849.8 मेगावाट बिजली उत्पादन और हिस्से में से केवल 3,128 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा रही है, जो भाजपा सरकार की उदासीनता का मुंह बोलता उदाहरण है। यह राज्य की जनता के साथ सीधा धोखा है, जिसके लिए जनता इन्हे माफ़ नहीं करेगी।

भाजपा सरकार की साजिश के तहत कम हो रहा बिजली का उत्पादन- खट्टर सरकार ने पिछले पाँच साल में बिजली उत्पादन नहीं बढाया। अब गर्मी के मौसम में बिजली कि ज़रूरत बढ़ जाने के बावजूद प्रदेश के पानीपत स्थित 6 बिजली कारखाने बंद कर रखे हैं जिनकी क्षमता 830 मेगावाट है, इनमें से चार को “डैमेजड” बताकर और दो को सुचारू मानने के बावजूद ‘नो डिमांड’ बताकर बंद किया हुआ है। इसके अलावा खेदड में स्थापित बिजली संयंत्र में क्षमता से 400 मेगावाट यूनिट बिजली कम पैदा की जा रही है और यह बिजली उत्पादन भी केवल 15 दिन पहले शुरु किया गया है।

एससीओ सम्मेलन में प्रधान मंत्री मोदी ने इमरान को किया नज़रअंदाज़

एससीओ शिखर सम्मेलन में यदि कोई सबसे चर्चित चेहरा रहा तो वह हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान। उनके हाव भाव, आचरण और भारत को ले कर उनकी भाषा। प्रधान मंत्री मोदी ने इमरान खान पर इस तरह से मानसिक दबाव बनाया के उनके आचरण में बौखलाहट और ढिठाई साफ नज़र आने लग पड़ी। विश्व पटल पर इमरान का कुर्सी प्रेम भी ज़ाहिर हो गया। विश्व के नेताओं के स्वागत में जब सभी नेता गण और प्रतिनिधि मण्डल आदर देने को खड़े थे तब मियां इमरान अपनी कुर्सी पर पसरे हुए थे।

बिश्‍केक:

किर्गिस्‍तान की राजधानी में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ (SCO) शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे पीएम मोदी और पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान के बीच कोई मीटिंग नहीं हुई. सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों नेताओं के बीच दुआ-सलाम तक नहीं हुई.

पाक-भारत संबंध सबसे खराब दौर में: इमरान
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने आशा जताई कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने ‘प्रचंड जनादेश’ का उपयोग करेंगे.

बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक ‘इंटरव्यू’ में खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है. खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं.

Sources: There was no meeting between Prime Minister Narendra Modi and Pakistan PM Imran Khan. No exchange of pleasantries between the two leaders. #SCOSummit (file pics) pic.twitter.com/wMvoy19LgY2,2619:49 PM – Jun 13, 2019Twitter Ads info and privacy371 people are talking about this

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं. गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है.

वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है.

पीएम मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात
पीएम मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान सीमा पार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत वार्ता बहाली के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने के मकसद से पाक द्वारा ठोस कार्रवाई किए जाने की उम्मीद करता है.

इमरान खान ने कहा कि मुख्य जोर शांति बहाल करने और वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर (मुद्दा) है. और यदि दोनों देश फैसला करते हैं तो यह मुद्दा हल हो सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से हमें (इस सिलसिले में) भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

खान ने कहा, ‘‘लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री (मोदी) के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में किया जाना चाहिए. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही जिसने अपने लाखों लोगों को गरीबी के भंवर जाल से बाहर निकाला है.

खान ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं. लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है.’’ उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान रूस के साथ पिछले कुछ बरसों से संयुक्त सैन्य अभ्यास करता आ रहा है. इसके अलावा वह रूस से रक्षा खरीद भी कर रहा है जिसने नयी दिल्ली को कुछ चिंतित किया है.

यूपीए द्वारा चंद्रयान-2 को तवज्जो न दिये जाने से नाराज़ हैं पूर्व इसरो प्रमुख

इसरो के पूर्व प्रमुख सिवन इन दिनों रक्षा एवं अंतरिक्ष अनुसंधान को ले कर यूपीए की तरफ से बरती गईं कोताहीयों को ले कर काफी मुखर हैं। सीवन की सुनें तो यूपीए काल में अंतरिक्ष अनुसंधान को ले कर भारत के बढ़ते कदमों को क्यों रोका गया था यह इक शोध का विषय है। उनकी मानें तो आज जो कुछ भी मोदी राज में हो रहा है यह सब तब ही हो गया होता और आज इसरो कुछ अलग कामों में जुटा होता।
चंद्रयान-1 के मुख्य कर्ता धर्ता रहे नायर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख और अंतरिक्ष विभाग में 2003 से 2009 तक सचिव के पद पर रहे थे और चंद्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 में छोड़ा गया था.
सनद रहे चंद्रयान-2 जुलाई-15-2019 को अंतरिक्ष में छोड़ा जाएगा

हैदराबाद: इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने बुधवार को दावा किया कि चंद्रयान-2 मिशन पहले ही रवाना किया जा सकता था पर तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए ‘राजनीतिक कारणों’ से ‘मंगलयान’ परियोजना को आगे बढ़ा दिया. चंद्रयान-1 के मुख्य कर्ता धर्ता रहे नायर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख और अंतरिक्ष विभाग में 2003 से 2009 तक सचिव के पद पर रहे थे और चंद्रयान-1, 22 अक्टूबर, 2008 में छोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 को 2012 के अंत में रवाना किया जाना था. नायर बीते साल अक्ट्रबर में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.

वहीं कांग्रेस ने चंद्रयान-2 मिशन में संप्रग सरकार के विलंब करने से जुड़े पूर्व इसरो प्रमुख जी माधवन नायर के दावे की निंदा की है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने नायर के बयान के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ”मैंने यह वक्तव्य नहीं देखा है, लेकिन ऐसा है तो मैं इसकी आलोचना करता हूं. इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.” उन्होंने कहा, ”आपका काम सरकार की आलोचना करना नहीं है. आप वैज्ञानिक हैं, आपका स्थान तो गौरवान्वित करने वाला है. आप देखते हैं कि एक पार्टी सत्ता से बाहर है तो कुछ बोलने लगते हैं. कल को कांग्रेस सत्ता में आई तो इसकी धुन गाने लगेंगे.” 

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Former ISRO Chief & BJP leader G Madhavan Nair: Original plan was to launch Chandrayaan-2 in 2012 but due to some policy level decisions of UPA-2 government it was delayed. After Modi ji took over, he gave thrust to such projects, especially Gaganyaan & Chandrayaan-2. (13.6.19)3,76408:06 – 14 Jun 20191,223 people are talking about this

सिंघवी ने कहा कि सरकार और भाजपा को भी नायर के इस बयान की निंदा करनी चाहिए.  इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने बुधवार को दावा किया था कि चंद्रयान-2 मिशन पहले ही रवाना किया जा सकता था, लेकिन तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों को देखते हुये ‘राजनीतिक कारणों’ से ‘मंगलयान’ परियोजना को आगे बढ़ा दिया. गौरतलब है कि नायर पिछले साल अक्टूबर में भाजपा में शामिल हुए थे.

बता दें चंद्रमा की सतह पर खनिजों के अध्ययन और वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए भारत के दूसरे चंद्र अभियान, ‘चंद्रयान-2’ को 15 जुलाई को रवाना किया जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को यह घोषणा की. सिवन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास छह या सात सितंबर को उतरेगा. चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई को तड़के दो बज कर 51 मिनट पर होगा. जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट इसे लेकर अंतरिक्ष में जाएगा. इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की अवधि नौ जुलाई से 16 जुलाई के बीच रखी थी. अंतरिक्ष यान का द्रव्यमान 3.8 टन है. इसमें तीन मॉड्यूल हैं — आर्बिटर, लैंडर(विक्रम) और रोवर(प्रज्ञान). सिवन ने कहा कि ‘आर्बिटर’ में आठ पेलोड, तीन लैंडर और दो रोवर होंगे.

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि चंद्रयान-2 अभियान में उपग्रह से जुड़ी लागत 603 करोड़ रूपये की है. वहीं, जीएसएलवी मार्क-3 की लागत 375 करेाड़ रूपये है. इसरो के मुताबिक, ऑर्बिटर, पेलोड के साथ चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. लैंडर चंद्रमा के पूर्व निर्धारित स्थल पर उतरेगा और वहां एक रोवर तैनात करेगा. ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर पर लगे वैज्ञानिक पेलोड के चंद्रमा की सतह पर खनिज और तत्वों का अध्ययन करने की उम्मीद है. गौरतलब है कि चंद्रयान-2 अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है. चंद्रयान-1 को करीब 10 साल पहले भेजा गया था.