धोनी नहीं पहनेंगे ‘बलिदान’ दस्ताने
किरेन रिजिजू ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘बीसीसीआई या कोई भी खेल संगठन पर सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है, वो अपने तरीके से बॉडी चलाती है. वर्ल्ड कप में जो हुआ है, वह भारत की साख से जुड़ी घटना हुई है. धोनी ने क्रिकेट विश्व कप में भारत के पहले मुक़ाबले में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ ये दस्ताने पहने थे जिस पर ‘रेजिमेंटल डैगर’ का निशान बना हुआ था. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी ने इंडियन पैरा स्पेशल फ़ोर्सेज़ से जुड़े इस चिह्न पर आपत्ति ज़ाहिर करते हुए इसे हटाने का आदेश दिया है. वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और भारत सरकार इसे देशभक्ति और राष्ट्र की भावना से जोड़कर देख रहे हैं. पर आईसीसी ने दो-टूक कह दिया कि धोनी ने नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें अपने दस्तानों को बदलना ही होगा.
नई दिल्ली : आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप पूर्व भारतीय कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी द्वारा बलिदान बैज वाले ग्लव्स पहनने पर आईसीसी द्वारा उठाई गई आपत्ति पर जहां बीसीसीआई अपना मजबूती से पक्ष रख रहा है, वहीं, खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. रिजिजू ने कहा कि ‘यह भारत की साख से जुड़ा मामला है. बीसीसीआई इस मामले में अपना स्टैंड मजबूती से रखे’.
किरेन रिजिजू ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि ‘बीसीसीआई या कोई भी खेल संगठन पर सरकार हस्तक्षेप नहीं करती है, वो अपने तरीके से बॉडी चलाती है. वर्ल्ड कप में जो हुआ है, वह भारत की साख से जुड़ी घटना हुई है. बीसीसीआई अपने लेवल पर इसे देखे. यह भारत की जनता की भावना से जुड़ा मामला भी है, इसलिए इस ध्यान रखते हुए बीसीसीआई अपना पक्ष रखे. मैं बीसीसीआई को कहना चाहता हूं कि वह अपना काम देखे और देश की साख से जुड़ी कोई भी बात है तो सरकार को इसकी जानकारी दे. महेंद्र सिंह धोनी की पहचान है. बीसीसीआई उनके साथ खड़े रहे. बीसीसीआई अपना स्टैंड अच्छे से रखे. राजनीतिक दृष्टि से इस पर कुछ नहीं कहना है’
इसी मुद्दे पर जब www.demokraticfront.com की टीम से बातचीत करते हुए पंचकुला स्थित हरियाणा क्रिकेट असोसियेशन के जनरल सेक्रेटरी(honorary) अमरजीत कुमार ने कहा, ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ़ क्रिकेटर नहीं हैं, भारतीय सेना ने उन्हें मानद रैंक दी है, इसके तहत वह वह सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल भी हैं उन्हें पूरा हक है कि वह रेजीमेंट के चिन्ह को धारण करें पर साथ ही BCCI, ICC के नियमों से भी बंधी है।” साथ ही अमरजीत ने यह भी कहा कि “इस बैज से धोनी अथवा बीसीसीआई को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिल रहा अत: ICC को भी अपना रुख़ नर्म रहना चाहिए।”
दरअसल, इस मुद्दे पर प्रशासकों की समिति (सीओए) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से अपील करते हुए कहा है कि वे विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के दस्तानों पर बने सेना के चिह्न् को मंजूरी दे.
इंग्लैंड एंड वेल्स में जारी विश्व कप में भारत के पहले मैच में धोनी को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग दस्तानों पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स के चिह्न् का इस्तेमाल करते देखा गया था. इसके बाद, आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा था कि वह धोनी के दस्तानों पर से यह चिह्न् हटवाए. मुंबई में शुक्रवार को सीओए की बैठक में एक सदस्य ने कहा कि मंजूरी की मांग की गई है ताकि धोनी अपने दस्तानों को पहन सके.
एक सदस्य ने कहा, “हां, हमें धोनी के चिह्न् को लेकर जारी विवाद के बारे में पता है, लेकिन इससे किसी प्रकार की राजनीतिक या धार्मिक संवेदनाएं नहीं जुड़ी हुई है और हमने आईसीसी से मांग की है ताकि धोनी को चिह्न् वाले दस्ताने पहनने की आज्ञा दी जाए.”
आईसीसी के एक अधिकारी ने कहा कि परिषद को अगर बीसीसीआई यह समझाने में सफल हो पाता है कि ‘बलिदान ब्रिगेड के चिह्न्’ से किसी प्रकार की राजनीतिक या धार्मिक संवेदनाएं नहीं जुड़ी हुई है तो बोर्ड के अपील पर विचार किया जा सकता है. आईसीसी के महाप्रबंधक, रणनीति समन्वय, क्लेयर फरलोंग ने आईएएनएस से कहा था, “हमने बीसीसीआई से इस चिह्न् को हटवाने की अपील की है.”
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