Saturday, December 21

Rishikulam Seva Dham में गरीब बच्चों की शिक्षा एवं नशामुकि्त के लिए कार्यकरने वाली प्रमुख समाजसेवी संस्था ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन द्वारा आज आर्थिक रूप से पिछडे एवं झुग्गी झोंपडियों में रहकर जीवनयापन करनेवाले अत्यधिक कमजोर, बेघर एवं निरक्षर बच्चों के साथ महान स्वतंत्रता सेनानी, हिन्दुत्व की अवधारना के जनक एव विचारक नेता स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर का जन्मदिन १३६ वां जन्मदिन मनाया।

आज समारोह में उपसि्थत अतिथियों, श्रोताओं एवं बच्चों ने मिलकर उनके जीवन संस्मरणों एवं देश की आजादी में उनके योगदान को याद किया।इस अवसर पर ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन के संस्थापक हेमराज चतुर्वेदी ने बताया कि कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया। फिर उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं को याद करके सभी अतिथियों ने श्रृद्धान्जली स्वरूप पुष्प अर्पण किये दी।

समाजसेवी कार्यकर्ता हेमराज चुतुर्वेदी ने बताया कि राष्ट्रप्रेम की भावना को जनजन तक पहुंचाने , सभी में आत्मस्वाभीमान जगाने के उद्देश्य से वीर सावरकर जयंती का कार्यक्रम Rishikulam Seva Dham, बीलवा जयपुर में आयोजित किया गया। इसमें भारत रक्षा मंच के श्री नटवरलाल शर्मा मुख्य अतिथि, श्री लक्ष्मीनारायण शर्मा, श्रीमति पायल लश्करी एवं श्रीमति संतोष फतेहपुरिया रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मानव मिलन संस्था के श्री प्रमोद चौरडिया ने की। मुख्यअतिथि ने वीर सावरकर की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे सुभाष चंद्र बोस सहित हजारों क्रांतिकारियों के प्रेरणा श्रोत रहे। अंग्रेजों की गुलामी उन्हें पसंद नहीं थी । उनका आत्मसम्मान बहुत ऊंचे दर्जे का था इसलिए लंदन में बेरिस्टर की परीक्षा पास करने के बाबजूद वहां के राज्य के प्रति अधीनस्थता की शपथ नही ली। इस कारण उन्हें वकील की डिग्री कभी नहीं मिली।

विशिष्ट अतिथि श्री लक्षमी नारायण शर्मा नेइस मौके पर राजस्थान सरकार से स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर की जीवनी के अध्याय में काटछांट की निंदा की और मांग करी की इस महान स्वतंत्रता सेनानी की जीवनी को अधिक से अधिक कक्षाओं में पढाये जाये जिससे कि बच्चे उनसे प्रेरणा लेकर महान एवं वैभवशााली भारत बनाने में योगदान दे सकें। विशिष्ट अतिथि भारतसरक्षा मंच महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पायल लश्करी ने ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन के द्वारा किये गये गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए किये जा रहे सेवा कार्यों को वीर सावरकर के लिए सच्ची श्रृद्धान्जली बताते हुए कहा कि सावरकर ने अपने साहित्य में गरीबों के उत्थान में इसी प्रकार के कार्य करने पर बल दिया। वे अशिक्षा, कुप्रथा,अंधविश्वास, गुलामी एवं देश को विभाजित एवं कमजोर करने वाली हर चीज से जीवन भर लडते रहे।

इस अवसर पर महिला मोर्चा की ओर से ह्यूमन लाईफ के लिए १२ कुर्सियों का योगदान दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मानव मिलन संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रमोद चौरडिया ने फाऊण्डेशन के स्कूली बच्चों एवं श्रोताओं को ओजस्वी उद्बोधन देते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वीर सावरकर का योगदान अन्य सेनानियों की तुलना में बहुत ज्यादा था। सावरकर का साहित्य सभी क्रांतिकारी नेताओं का प्रेरित करता रहा। देश से अंग्रेजों को खदेडने का कार्य महात्मागांधी ने नही बलि्क वीर सावरकर एवं उनके अनुयायियों ने किया।

वीर सावरकर ने काले पानी की आजीवन सजा के समय जेल में रहकर महान प्रेरणादायी हिदुत्ववादी साहित्य का सृजन किया और चोरी चुपके कांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों तक पहुंचाते रहे। उनका वही साहित्य आज भी देश के लोगों में आत्सम्मान एवं असि्मता को जगा रहा है। उनके विचारों के बल पर ही देशवासीयों में राष्ट्रवाद एवं देशप्रेम की भावना अब ज्वार बनकर दिखाई दे रही है । यदि वीरसावरकर नही होते तो आज देश में पूर्ण बहुमत की सरकार भी नहीं होती। श्रीमित संतोष फतेहपुरिया ने कहा कि आज के दिन देशप्रेम की भावना एवं सेवाकार्यों में प्रतिबद्धता का संकल्प लेना चाहिये। उन्होंने फाऊण्डेशन के कार्य को आगे बढाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर ह्यूमन लाईफ फाऊण्डेशन की समाजसेविका रेखा चतुर्वेदी, जितेन्द्र चतुर्वेदी, सदस्य प्रोफेसर श्याममोहन अग्रवाल, एडवाईजर पंकज गंगवानी, नितिन टेलर, एवं वोलेन्टीयर्स कौशल चतुर्वेदी, सुनील मीणा, हरिनारायण मीणा, आर.एल. मीणा आदि कई लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी को नास्ता वितरित किया गया।