9 से 16 जुलाई को प्रक्षेपण के पश्चात 6 सितंबर को चाँद पर उतरेगा चंद्रयान 2

राजनैतिक ख़बरों के बीच जब समग्र उन्नति की बात आत है तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। एक्ज़िट पोल या नतीजे कुछ भी हों भारत आगे बढ़ता रहेगा। मोदी ए आने से पहले चंद्रयान आ सपना देखा जा चुका था, मोदी के आने पर न केवल इसे अमली जमा पहनाया गया अपितु चंद्रयान 2 को भी साकार किया गया। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि अगला चंद्रयान-दो भारत के लिए ऐतिहासिक मिशन होने जा रहा है

श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने सबसे महत्वाकांक्षी मिशन के तहत चंद्रयान-2 का 9 से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपण करने की तैयारी कर रहा है.  इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि छह सितंबर को चंद्रमा पर लैंडिंग की संभावना है . उन्होंने कहा,‘एक खास स्थान पर लैंडिंग होने जा रही है, जहां पर इससे पहले कोई नहीं पहुंचा है. ’

बुधवार को पीएसएलवी-सी 46 द्वारा रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह रीसैट-2 बी के सफल प्रक्षेपण के बाद सिवन ने कहा कि अगला चंद्रयान-दो भारत के लिए ऐतिहासिक मिशन होने जा रहा है . 

मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,‘इसरो का यह सबसे जटिल मिशन होने वाला है. यह इस साल नौ से 16 जुलाई के बीच होगा. ’ उन्होंने कहा कि एजेंसी छह सितंबर को चंद्रमा की सतह पर रोवर की लैंडिंग पर नजर रखेगी.  इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 दूसरा चंद्र अभियान है और इसमें तीन मॉडयूल हैं ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान).

रिसैट-2बी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
बता दें इसरो ने पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह रिसैट-2 बी को बुधवार को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में पहुंचा दिया. यह उपग्रह घने बादलों के बावजूद भी पृथ्वी की तस्वीरें ले सकेगा और इसके जरिए सीमा पार पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर निगरानी रखी जा सकेगी। साथ ही, इसने सैन्य एवं असैन्य क्षेत्रों में देश की निगरानी क्षमताओं को भी बढ़ाया है। ‘जासूस’ उपग्रह बताए जा रहे रिसैट-2 बी (रडार इमेजिंग सैटेलाइट-2बी) अपने पूर्ववर्ती रिसैट-2 का स्थान लेगा। 

उल्लेखनीय है कि आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए सीमा पार आतंकी ठिकानों में गतिविधियों की निगरानी करने में भारत ने रिसैट-2 का सक्रियता से उपयोग किया है। उस उपग्रह को 2009 में प्रक्षेपित किया गया था। 

गृह मंत्रालय की केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को चौकन्ना रहने के आदेश

कुशवाहा, महागठबंधन के नेताओं ओर आम आदम पार्टी के भारद्वाज द्वारा नतीजे अनुरूप न आने पर गृह युद्ध छिड़ने की धमकी दिये जाने पर, गृह मंत्रालय ने अनुकूल नतीजे न मिलने पर हिंसा भड़काने को आतुर दलों का नाम लिए बिना एक अलर्ट जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि कुछ पक्षों द्वारा किए गए हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा की आशंका के मद्देनजर बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट कर दिया. मंत्रालय का कहना है कि कुछ पक्षों द्वारा किए गए हिंसा भड़काने के आह्वान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. 

मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कानून एवं व्यवस्था तथा शांति बनाये रखने के लिए कहा है.

बयान में कहा गया है,‘गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को कल मतगणना के सिलसिले में देश के अलग..अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के संबंध में अलर्ट किया है.’  मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही यह भी कहा गया है कि वे स्ट्रांग रुम और मतगणना स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठायें.

इसमें कहा गया है,‘यह विभिन्न पक्षों की ओर से मतगणना वाले दिन हिंसा भड़काने और बाधा उत्पन्न करने के लिए किए गए आह्वान और दिये गए बयानों के संबंध में किया गया है.’’ 

एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और व्यक्तियों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में, कुछ बयान दिये हैं जिससे हिंसा उत्पन्न होने की आशंका है और इससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है.’’ 

लोकसभा चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक हुए थे. मतगणना गुरुवार को होगी.

भावना कान्त त्रिदेवियों में शामिल

अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह के बाद अब फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत किसी हवाई युद्ध में शामिल हो सकती हैं. फ्लाइट लेंफ्टिनेंट भावना नवंबर 2017 में फाइटर पायलट के तौरपर वायुसेना में शामिल हुई थीं और उन्होंने मार्च 2018 में मिग-21 बायसन एयरक्राफ्ट में पहली अकेली (SOLO) उड़ान भरी थी. भावना कांत बिहार के बेगुसराय जिले की रहने वाली हैं। बिहार के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि बिहार की बेटी पहली महिला फाइटर पायलट की लिस्ट में जुड़ गईं है। यह पहली बार है कि महिला को फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई। पहले फाइटर प्लेन के कॉकपिट में महिलाओं का बैठना वर्जित था।

नई दिल्‍ली: फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत भारतीय वायुसेना की पहली ऑपरेशनल फ़ाइटर पायलट बन गई हैं. उन्होंने फ़ाइटर एयरक्राफ्ट में दिन में उड़ान भरने की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इसका अर्थ है कि अब फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंत किसी हवाई युद्ध में शामिल हो सकती हैं. फ्लाइट लेंफ्टिनेंट भावना नवंबर 2017 में फाइटर पायलट के तौरपर वायुसेना में शामिल हुई थीं और उन्होंने मार्च 2018 में मिग-21 बायसन एयरक्राफ्ट में पहली अकेली (SOLO) उड़ान भरी थी.

फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना वायुसेना में शामिल होने वाली महिलाओं के पहले बैच की सदस्य हैं. राजस्थान में पाकिस्तान की सरहद से लगने वाले एक फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात भावना अब आसमान में अपने जौहर दिखाने के लिए तैयार हैं.

भावना के अलावा अवनि चतुर्वेदी और मोहना सिंह भी पहले बैच की फाइटर पायलट हैं, जो अलग-अलग एयरबेसों में अपनी ट्रेनिंग के आखिरी दौर में हैं. किसी फाइटर पायलट को युद्ध में उतरने से पहले ट्रेनिंग की लंबी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है. एयरफोर्स अकादमी में बेसिक ट्रेनर पर उड़ान भरने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें एडवांस जेट ट्रेनर हॉक पर उड़ान का प्रशिक्षण लेना होता है. इसके बाद वायुसेना में शामिल होने के बाद किसी फाइटर जेट पर ट्रेनिंग का दौर शुरू होता है.

सबसे पहले ट्रेनर एयरक्राफ्ट में किसी सीनियर के साथ उड़ान भरने के शुरुआती सबक लिए जाते हैं. इसके बाद अकेले उड़ान भरने का मुश्किल पड़ाव आता है. इसके बाद दिन और फिर रात में उड़ान भरने और हमला करने की ट्रेनिंग की बारी आती है. लेकिन एक बार दिन में उड़ान और हमले की ट्रेनिंग पूरी होते ही पायलट पूरी तरह ऑपरेशनल पायलट बन जाता है यानि उसका कमांडिंग अफसर उसे युद्ध में भेज सकता है.

भारतीय वायुसेना में कुल 94 महिला पायलट हैं, लेकिन ये मिग, मिराज, जेगुआर या सुखोई जैसे फाइटर एय़रक्राफ्ट नहीं उड़ातीं. महिला पायलट हेलीकॉप्टर और परिवहन एयरक्राफ्ट पर ही तैनात की जाती हैं. लेकिन महिला फ़ाइटर पायलटों को मौका देकर भारतीय वायुसेना देश की पहली ऐसी सशस्त्र सेना बन गई, जिसने महिलाओं को सीधे मोर्चे पर उतार दिया. वायुसेना में कुल 1500 महिलाएं अफसर हैं जो शिक्षा, इंटेलीजेंस, लीगल, कम्यूनिकेशन जैसे अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं.

सुखोई पर आरूढ़ ब्राहमोस 300 किलोमीटर दूर ही से लक्ष्य भेद लेगी

वायुसेना को मिली बड़ी ताक़त. सुखोई 30 से ब्रह्मोस मिसाइल ने ज़मीनी निशाने को तबाह किया. जल, थल ओर नभ सभी पर ब्रह्मोस की पहुँच से भारतीय सेना का बल बढ़ा। अब भारतीय वायुसेना के विमान भारतीय सीमा ही में रह कर शत्रु का विनाश कर सकते हैं। इस भागीरथ प्रयास में HAL ने भी महती भूमिका निभाई है।

नई दिल्‍ली: भारतीय वायुसेना ने पहली बार सुखोई-30 लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल को जमीनी टार्गेट पर कामयाबी से इस्तेमाल किया. सुखोई से फायर की गई ब्रह्मोस ने अपने निशाने पर अचूक निशाना लगाया और उसे पूरी तरह तबाह कर दिया. ब्रह्मोस को सुखोई के जरिए 22 नवंबर 2017 को समुद्र में निशाने के तौर पर इस्तेमाल होने वाले एक जहाज पर फायर किया जा चुका है. लेकिन ज़मीनी निशाने पर कामयाबी से हमला एक बड़ी उपलब्धि है. यानि अब भविष्य में बालाकोट जैसे किसी ठिकाने को तबाह करने के लिए फ़ाइटर एयरक्राफ्ट भेजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. बल्कि उसे 300 किमी दूर से ही ब्रह्मोस के ज़रिए तबाह किया जा सकेगा.

भारतीय वायुसेना लंबे अरसे से ब्रह्मोस को सुखोई 30 से फायर करने के लिए काम कर रही है. ब्रह्मोस भारत और रूस के सहयोग से बनाई गई है, जिसे पहले जमीन से फायर करने के लिए बनाया गया था. बाद में इसे नौसेना के जंगी जहाजों में भी लगाया गया, लेकिन किसी फाइटर एयरक्राफ्ट से फायर करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी.

पहले रूस से सहयोग मांगा गया, लेकिन लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाने की वजह से वह योजना ठंडे बस्ते में चली गई. बाद में हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड ने इसकी ज़िम्मेदारी ली. इसके लिए सुखोई-30 में कुछ बदलाव करने पड़े और ब्रह्मोस मिसाइल में भी बदलाव किए गए. फाइटर एयरक्राफ्ट से फ़ायर करने के लिए मिसाइल का वजन घटाकर 2.5 टन किया गया.

22 नवंबर 2017 को समुद्र में जहाज पर फायर करने के बाद ज़मीनी निशाने पर सटीक फायर करने के लिए भी दो साल तैयारी की गई. जमीन पर फायर करने के लिए मिसाइल को ज्यादा सटीक होना चाहिए. ताकि न केवल निशाने को तबाह किया जा सके बल्कि आसपास किसी किस्म के नुकसान को भी टाला जा सके. सुखोई-30 से ब्रह्मोस की कामयाबी से वायुसेना की मारक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोत्तरो होगी. ब्रह्मोस की 300 किमी की रेंज में फ़ायटर एयरक्राफ्ट की रेंज भी मिल जाने से अब दुश्मन के बहुत दूर के ठिकाने भी अब वायुसेना की मार में होंगे. ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है, जिसकी रफ्तार 2.8 मैक है. यानि ये आवाज़ की रफ्तार से ढाई गुना रफ्तार से हमला करेगी.

exit pol के अनुसार यदि नतीजे ना भी आए तो भी एनडीए की बनेगी सरकार यह 3 दल देंगे समर्थन

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम से पहले कुछ Exit Poll ने बीजेपी को आगे दिखाया है तो कुछ ने दावा किया है कि एनडीए पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगा. यूपीए और एनडीए की इस दौड़ में उन दलों पर सबसे ज्‍यादा नजरें रहेंगीं, जिन्‍होंने अब तक एनडीए और यूपीए दोनों से दूरी बना रखी है. उन्‍होंने अब तक पत्‍ते नहीं खोले हैं. एनडीए को इन दलों से उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि इन दलों ने अभी तक की संप्रग की सारी कोशिशों को ठेंगा दिखा दिया है।

  • नवीन पटनायक की तारीफ खुद पीएम मोदी कर चुके हैं.
  •  जगन उस खेमे हिस्सा नहीं बनेंगे, जहां चंद्रबाबू नायडू होंगे.
  •  केसीआर की महत्वाकांक्षा केंद्र में बड़ी भूमिका निभाने की है.

नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम घोषित होने ही वाले हैं. उससे पहले आए Exit Poll ने सभी दलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है. हालांकि कुछ Exit Poll ने बीजेपी को आगे दिखाया है तो कुछ ऐसे भी पोल हैं, जिसमें दावा है कि बीजेपी नीत एनडीए पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाएगा. ऐसे में यूपीए ने भी सरकार बनाने के लिए कमर कसकर तैयारी शुरू कर दी है. यूपीए और एनडीए की इस दौड़ में उन दलों पर सबसे ज्‍यादा नजरें रहेंगीं, जिन्‍होंने अब तक एनडीए और यूपीए दोनों से दूरी बना रखी है. उन्‍होंने अब तक पत्‍ते नहीं खोले हैं.

बीजेपी के लिहाज से ये दल इसलिए भी अहम हैं, क्‍योंकि इन्‍होंने यूपीए की ओर से की गई कोशिशों को ठेंगा दिखा दिया है. इन्‍होंने यूपीए को कोई भी आश्‍वासन नहीं दिया है. यहां तक कि एक दल ने तो यूपीए नेताओं से बात भी नहीं की है. हम बात कर रहे हैं, ओडिशा में बीजेडी के नेता नवीन पटनायक, वाइएस कांग्रेस के नेता जगन रेड्डी और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की.

नवीन पटनायक एनडीए को पहले ही संकेत दे चुके हैं
सबसे पहले बात नवीन पटनायक की. ओडि‍शा की राजनीति के शिखर नेता. पिछले 2 दशक से वह राज्‍य की सत्‍ता में सबसे ऊपर की कुर्सी पर विराजमान हैं. इतने दिनों में उन्‍हें चुनौती देने वाला कोई भी नेता सामने नहीं आया है. उन्‍होंने वर्ष 2000 में सीएम की कुर्सी संभाली थी. इस बार के चुनावों में उन्‍हें बीजेपी ने चुनौती दी है. हालांकि अब भी उन्‍हें ज्‍यादातर Exit Poll 10 से 15 सीटें देते हुए दिख रहे हैं. नवीन पटनायक ने एनडीए को समर्थन का संकेत दे दिया है. उन्‍होंने कहा जो सरकार हमारे हितों का ध्‍यान रखेगा हम उसके साथ जाने के लिए तैयार हैं.

अब बात आंध्र प्रदेश में तेजी से लोकप्र‍िय हुए पूर्व मुख्‍यमंत्री वाइ एस राजशेखर रेड्डी के बेटे जगन मोहन की. वह भी एनडीए को समर्थन दे सकते हैं. यूपीए की ओर से जब शरद पवार ने उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्‍होंने पवार का फोन ही नहीं उठाया. ऐसे में बीजेपी को जगन से समर्थन मिलने का पूरा भरोसा है.

यूपीए ने TRS से संपर्क किया, लेकिन नहीं मिला कोई भरोसा
यूं तो केसीआर खुलकर कह चुके हैं कि वह न तो कांग्रेस के साथ जाएंगे, न ही बीजेपी के साथ. लेकिन चुनाव से पहले उन्‍होंने यूपीए को यह कहते हुए झटका दे दिया है कि उन्‍हें लगता है कि केंद्र में एनडीए की ही सरकार बनेगी. यूपीए ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव को त्रिशंकु संसद बनने की सूरत में सरकार गठन के लिये अपने साथ लाने के लिये उनसे संपर्क किया है.

टीआरएस ने कहा-एनडीए की ही सरकार बनेगी
टीआरएस के सूत्रों ने कहा कि संप्रग ने महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और राकांपा प्रमुख शरद पवार के जरिये राव से संपर्क किया है. हालांकि इस पर राव की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को लगता है कि राजग की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि यह (राजग) हो सकता है कि एग्जिट पोल की भविष्यवाणी के करीब न हो. इसमें कुछ सीटें कम हो सकती हैं, लेकिन यह सरकार बनाएगा. लोगों का मूड राजग की ओर है। हमें यह स्वीकार करना चाहिये.”

लोकसभा नतीजों के बाद गिर जाएगी कर्नाटक सरकार

एक्जिट पोल में पूर्वानुमान जताया गया है कि भाजपा कर्नाटक में 28 सीटों में से 21 पर जीत दर्ज करेगी। भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस दक्षिणी राज्य में 17 सीटें जीती थीं। सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों को यह भी आशंका है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के बाद ‘‘आपरेशन लोटस’’ के जरिये कुछ असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में कर सकती है जिससे सरकार अस्थिर हो जाएगी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने यह भी कहा कि उसके बाद राज्य में नई सरकार के गठन के लिए मंच तैयार होगा.

बेंगलुरु:  केंद्रीय मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने बुधवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कर्नाटक में कांग्रेस..जेडीएस गठबंधन सरकार गिर जाएगी और एच. डी. कुमारस्वामी 24 मई की सुबह तक ही मुख्यमंत्री रहेंगे. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री गौड़ा ने यह भी कहा कि उसके बाद राज्य में नई सरकार के गठन के लिए मंच तैयार होगा. 

उन्होंने कहा,‘कुमारस्वामी कल शाम तक ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहेंगे. कल शाम या अगले दिन सुबह तक, क्योंकि यदि रात में उन्हें नींद नहीं आए…इसलिए परसों सुबह कुमारस्वामी शत प्रतिशत पद से हट जाएंगे.’ बीजेपी नेता ने कहा,‘नई सरकार के गठन के लिए मंच तैयार होगा.’ 

गठबंधन सरकार को लेकर जारी है अटकलों का दौर 
इसको लेकर अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव में प्रतिकूल परिणाम का कर्नाटक में गठबंधन सरकार की स्थिरता पर प्रभाव होगा. एक्जिट पोल में पूर्वानुमान जताया गया है कि कांग्रेस..जेडीएस गठबंधन के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन कर सकता है.

दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ा था जबकि जमीनी स्तर, विशेष तौर मैसुरू क्षेत्र में असंतोष था क्योंकि वहां दोनों एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी मानते हैं.

एक्जिट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान 
एक्जिट पोल में पूर्वानुमान जताया गया है कि बीजेपी कर्नाटक में 28 सीटों में से 21 पर जीत दर्ज करेगी.  बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इस दक्षिणी राज्य में 17 सीटें जीती थीं.

सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों को यह भी आशंका है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव के बाद ‘‘आपरेशन लोटस’’ के जरिये कुछ असंतुष्ट विधायकों को अपने पाले में कर सकती है जिससे सरकार अस्थिर हो जाएगी.

के सुधाकरन के बगावती तेवरों का क्या असर होगा कर्नाटक सरकार

रौशन बेग के बाद अब कांग्रेसी विधायक के सुधाकर ने बुधवार को सवाल उठाया कि ईवीएम में कथित हेरफेर का मुद्दा क्यों लोकसभा चुनावों पर एग्जिट पोल के अनुमान आने के बाद उठाया जा रहा है. सुधाकर के अनुसार जब एक्ज़िट पोल के नतीजों पर चर्चा करनी चाहिए थी, उन पर विमर्श होना चाहिए था जबकि सभी ईवीएम को ले कर उलझे पड़े हैं। और उन्होने अपने अंदाज़ – ए- बयां से कर्नाटक की सरकार को भी चेताया।

बेंगलुरु:

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे कल यानि 23 मई को घोषित हो जाएंगे. लेकिन, कर्नाटक में इससे पहले ही कांग्रेस को लगातार झटके मिल रहे हैं. दरअसल, राज्य में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार चल रही है. इन सबके बीच कांग्रेस विधायक के सुधाकर ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को अपवित्र करार दे दिया है. उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि यह गठबंधन गलत नीतियों पर हुआ है. सुधाकर ने कहा कि यह गठबंधन चुनावी जरुरतों को पूरा करने के लिए किया गया है.     

View image on Twitter

View image on Twitter

Dr K Sudhakar, Congress MLA: This is the stand that I took when this alliance was formed. I said on on the day 1 that Congress-JD(S) alliance was purely based on electoral requirements. It is a very unholy alliance, this is what I have been saying since day 1. #Karnataka8236:16 PM – May 22, 2019257 people are talking about this

इससे पहले कांग्रेस के विधायक रोशन बेग ने भी कांग्रेस के प्रादेशिक नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे. वहीं, अब कांग्रेसी विधायक सुधाकर ने बुधवार को सवाल उठाया कि ईवीएम में कथित हेरफेर का मुद्दा क्यों लोकसभा चुनावों पर एग्जिट पोल के अनुमान आने के बाद उठाया जा रहा है. सुधाकर का रुख कांग्रेस के रुख के विपरीत है जो गुरुवार को होने वाले मतदान से पहले ईवीएम में कथित छेड़छाड़ की आशंका को लेकर दूसरे विपक्षी दलों के सुर में सुर मिला रही है.

कांग्रेस विधायक की यह टिप्पणी पार्टी के वरिष्ठ विधायक रोशन बेग की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने राज्य नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव को ‘‘फ्लॉप शो’’ करार दिया था और पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल को ‘मसखरा’ बताया.

इस दक्षिणी राज्य में कांग्रेस-जेडीएस के बीच हुए गठबंधन को लेकर अपनी शिकायतों को मुखरता से व्यक्त करने वाले सुधाकर ने मंगलवार रात ट्वीट कर कहा कि एग्जिट पोल और ईवीएम से छेड़छाड़ दो अलग-अलग चीजें हैं. चिक्काबल्लापुरा के विधायक ने ट्वीट किया, “व्यक्तिगत रूप से मैं थोड़ा भ्रमित हूं कि क्यों ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा एग्जिट पोल के नतीजों पर चर्चा के दौरान बातचीत में लाया जा रहा है.” “जबकि वास्तव में एग्जिट पोल के नतीजे चुनावों के बाद मतदाताओं की भावना का संकेत देते हैं.”

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए सुधाकर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि एग्जिट पोल का ईवीएम में छेड़छाड़ से कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ एग्जिट पोल के बारे में बात की क्योंकि कुछ लोगों की उन्हें लेकर अलग राय है. मैंने कहा कि इसका ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर कुछ लेना देना नहीं है…क्योंकि एग्जिट पोल चुनाव के दिन किये जाते हैं.”

मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

पंचकूला, 22 मई:

जिला विधिक सेवा प्राधिरण द्वारा आज एडीआर सेंटर न्यायिक परिसर पंचकूला में मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विधिक सेवा प्राधिरण के पैनल के अधिवक्ताओं के लिये आयोजित यह कार्यशाला पंजाव एवं हरियाणा उच्च न्यायलय हरियाणा द्वारा मानव तस्करी रोकने के लिये मानवता बिक्री के लिये नहीं है परियोजना के तहत की गई।

मुख्य न्याय दंडाधिकारी विवेक गोयल ने इस मौके पर बताया कि इस परियोजना के तहत मानव तस्करी और वााणिज्यिक यौन शोषण के पीडितों को कानूनी सहायता, सरंक्षण तथा पूनवार्स के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि योजना का मुख्य उदेश्य समाज से ऐसे बुरे तत्वों को हटाना है जो महिलाओं और बच्चों की तस्करी की गतिविधियों में शामिल है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इसके लिये अपने स्तर पर अन्य विभागों का सहयोग भी ले सकते है ताकि इस परियोजना को प्रभावी और सार्थक रूप से जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके ।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के माघ्यम से विदेशों से लडकियों का आयात,नाबलिग लडकियों की प्रकिया,वेश्यावृति के लिये नाबालिगों की खरीद,बिक्री व आवागमन  जैसी गतिविधियों से जुडे कानूनी मुददों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिये सरकारी तंत्र में उपलब्ध सुविधाओं व योजनाओं के बारे में जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि मई मास के दौरान 27 मई से 31 मई तक जीतपुरा, बरवाला, बरोनाखुर्द, टिब्बी माजरा, बरसौला, भोज थारटी, इंदिरा कलोनी और खरक मंगोली गांवों में ये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को मानव तस्करी रोकने और बाल यौन उत्पीड़न की समस्या से निपटने के कानूनी प्रावधानों व इस समस्या से पीड़ितों के पुर्नवास की योजनाओं की जानकारी दी जायेगी।

हर विधानसभा क्षेत्र में 5-5 मतदान केंद्रों के वीवीपैट की पर्चियों की होगी गिनती- मुख्य चुनाव अधिकारी

पंचकूला, 22 मई:

हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि पहली बार लोकसभा चुनाव की मतगणना में वीवीपैट के आॅडिट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम से मतगणना उपरांत 5-5 मतदान केंद्रों की वीवीपैट की पर्चियों की गिनती की जायेगी। इसके लिये प्रत्येक मतदान केंद्र पर सुरक्षित और पारदर्शी पीजन हाॅल बनाये गये है। उन्होंने बताया कि यह पीजन हाॅल जालीदार है ताकि पारदर्शी तरीके से सभी उम्मीदवारों के ऐजेंट पर्चियों की गिनती की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से देख सके।

रंजन ने यह जानकारी आज पंचकूला के सेक्टर-14 में कालका विधानसभा क्षेत्र और सेक्टर-1 में पंचकूला विधानसभा क्षेत्र के लिये बनाये गये मतगणना केंद्रों के निरीक्षण उपरांत दी। इस मौके पर उनके साथ उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 बलकार सिंह, एसडीएम पंकज सेतिया, कालका एसडीएम श्रीमती मनीता मलिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि मतगणना 23 मई को प्रातः 8 बजे से आरंभ की जायेगी और प्रत्येक मतगणना केंद्र पर 14-14 टेबल लगाये गये है। उन्होंने कहा कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिये निर्वाचन आयेग द्वारा प्रत्येक मतगणना केंद्र पर एक एक पर्यवेक्षक भी तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि वीवीपैट के माध्यम से पांच मतदान केंद्रों की पर्चियों की गणना के कारण इस बार मतगणना के कार्य में अधिक समय लगेगा और गत चुनावों की तुलना में चुनाव परिणाम देरी से आयेंगे। 

उन्होंने दोनों मतदान केंद्रों पर तैनात किये गये स्टाफ, ईवीएम की सुरक्षा, मतगणना अवधि के दौरान किये गये सुरक्षा प्रबंधों सहित मतगणना कार्य से जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। उन्होंनें जिला प्रशासन द्वारा मतगणना के लिये किये प्रबंधों पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने मतगणना के लिये चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों पर भी अधिकारियों से चर्चा की। 

मतगणना स्टाफ को दिया गया प्रशिक्षण

 पंचकूला 22 मई :

लोकसभा चुनाव के लिये हुये मतदान की मतगणना करने के लिये तैनात किये गये अधिकारियों और कर्मचारियों को आज लोक निर्माण विश्राम गृृह में प्रशिक्षण दिया गया। मतगणना पर्यवेक्षक अमरीश कुमार श्रीवास्तव व सत्यप्रकाश की उपस्थिति में दिये गये इस प्रशिक्षण में एस.डी.एम पंकज सेतिया और कालका की एस.डी.एम श्रीमती मनिता मलिक ने आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस मौके पर मतगणना स्टाफ की रैंडमनाईजेशन भी की गई और स्टाफ को बताया गया कि उनकी ड्यूटी किस विधानसभा मतगणना केंद्र पर है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिये प्रत्येक मतगणना केंद्र के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये है।

  एस.डी.एम पंकज सेतिया ने उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि व मतगणना सम्बधित सभी पहलुओं की जानकारी प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतांे का पालन करते हुये, मतगणना के कार्य को पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ करंे। उन्होंने कहा कि सभी मतगणना सुपरवाईजर, सहायक और माईक्रो पर्यवेक्षक अपने कार्य को पूरी तरह से आश्वस्त होकर करंे तथा जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की समस्या के लिये सहायक रिटर्निग अधिकारी से सम्पर्क करंे।

उन्होंने कहा कि मतगणना के लिये तैनात किये गये सभी अधिकारी और कर्मचारी प्रातः 5 बजे मतगणना केंद्र पर पहुंच जाये। उन्होंने कहा कि मतगणना के लिये एक टेबल पर सुपरवाईजर, एक सहायक और एक माईक्रो आॅबर्जवर की ड्यूटी लगाई गई है। मतगणना बूथ अनुसार होगी और मतगणना केंद्र में निर्वाचन आयोग व सहायक रिटर्निग अधिकारी द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश करने दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि ई.वी.एम से परिणाम लेने के बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच-पांच वी.वी.पैट के माध्यम से पर्चियों की भी गणना की जायेगी। उन्होंने कहा कि मतगणना ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को भी मोबाईल सहित कोई भी सामान साथ ले जाने की अनुमति नहीं होगी। इस मौके पर नगराधीश गगनदीप सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।