Purnoor & Sarika Tiwari
लगभग सवा तीन सौ करोड़ की लागत से बनी यह सड़क सवा तीन किलोमीटर लंबी है। जब www.demokratikfront.com की टीम ने इस सड़क के बनाने में दिखी कमियों के बारे में कनिष्ठ अभियंता (J.E.) से मौके पर ही उनके फोन. न. 9466229021 पर बात की तो उन्होने बताया कि वह शहर से बाहर हैं और किसी भी प्रकार कि टिप्पणी करने की सथिति में नहीं हैं। उन्होने XEN हरपाल सिंह और ठेकेदार सुखाविंदर सिंह से बात करने के लिए कहा।
हमारे संवाददाताओं ने 16 अप्रैल को 12:30 दोपहर से शाम 4:30 तक कई फोन मिलाये जिसमें से दोनों नंबरों पर( XEN हरपाल सिंह no 9416248121 और ठेकेदार सुखाविंदर सिंह ‘बिट्टू’ फोन न॰78378 78294 ; 93177 33675 ) केवल एक-एक बार ही बात हो पाई, और दोनों ने जवाब दिया कि अभी बात नहीं हो पाएगी। इसके बाद बार – बार फोन करने पर न ही उन्होने फोन उठाया न ही ठेकेदार सुख्विंदर सिंह ने। यह खस्ता हाल सड़कें जगह जगह से धंस रहीं हैं, निर्माण अधिकारी निम्न स्तर की निर्माण सामग्री का प्रयोग करवा रहे हैं और जनता एवं सरकार को सर-ए-आम चपत लगा रहे हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रावधान है कि लुक, बजरी, रेत और अन्य सड़क निर्माण सामग्री कि मनकता कि विशेष जांच कारवाई जाती है और निर्माण कार्य के पूरा होने पर पुन: जांच करवायी जाति है। जांच में तय मानकों से 2 या 3 प्रतिशत कि कमी को मानी कर दिया जाता है परंतु यदि इसके अधिक कमी को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाता और ठेकेदार को अदा की जाने वाली राशि विभाग द्वारा रोक ली जाती है।
- अब प्रश्न यह है कि संबन्धित अधिकारियों
का कर्तव्य ठेकेदार कि रकम रोक देने मात्र से पूरा हो जाता है????
- क्या जनता के प्रति इनकी कोई जवाबदेही नहीं???
- क्या मात्र भुगतान रोक देने से खस्ता हाल सड़क मजबूत होजाएगी और किसी भी संभावित दुर्घटना को रोका जा सकता है???
- क्या सवाल पूछे जाने पर संबन्धित अधिकारी या ठेकेदार फोन न उठा कर अपने कर्तव्यों के प्रति जवाबदेही से पालायन कर सकता है???
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इन सड़कों कि ख़ैर – ख़बर के साथ आप जल्द ही रु-ब-रु होंगे P.W.D. Minister Rao Narbir Singh के साथ www.demokratikfront.com पर।