Saturday, December 21

लोकसभा चुनावों के आरंभ होने से देश में कानून व्यवस्था भी डांवाडोल है। चुनाव आयोग निष्पक्षता के मुद्दे को ले कर मतिभ्रम की स्थिति में है। आम आदमी की बात करें तो कानून के समक्ष व्यक्ति एक बार झूठ बोलता है तो उसके दूसरे बयानों को रद्द कर उनकी भी जांच की जाती है, परंतु जब व्यक्ति AJL मामले में मुख्य आरोपी हो, 50,000 के मुचलके की जमानत पर कैद से रिहाई पाया हो और चुनाव लड़ रहा हो, सर्वोपरि उसने अपने हलफनामे में विवादित सूचनाएँ दीं हों तो उसके लिए नियम आम जन से अलग होंगे। यहाँ सत्यापन के साथ शिकायत करने वाले का कर्तव्य है की वह आरोपों को सिद्ध करे, न की आरोपी का कर्तव्य है की वह अपने को निर्दोष साबित करे। प्रथम दृष्ट्या राहुल गांधी के खिलाफ शिकायाओं को नज़रअंदाज़ किया गया है।

नई दिल्ली: 

लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर अब कोई संशय नहीं है. अमेठी के रिटर्निंग अधिकारी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन को वैध ठहराया है.  बता दें कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अमेठी और केरल की वायनाड सीटों से उम्मीदवार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठाते हुए एक निर्दलीय उम्मीदवार ने उनके हलफनामे को चुनौती दी थी. यूपी की अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार ध्रुवलाल के वकील रवि प्रकाश ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष राहुल गांधी की नागरिकता और शैक्षिक योग्यता को लेकर सवाल उठाया था और उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी कि राहुल गांधी ने ब्रिटिश नागरिकता ली थी इसलिए उनका नामांकन रद्द किया जाए. 

इस शिकायत का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी से मामले पर सफाई देने को कहा है. रवि प्रकाश ने ब्रिटेन में पंजीकृत एक कंपनी के कागजात के आधार पर यह दावा किया है. अमेठी के निर्वाचन अधिकारी राम मनोहर मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि राहुल गांधी के वकील ने जवाब दायर करने के लिये वक्त मांगा है और उन्हें इसके लिये सोमवार तक का वक्त दिया गया है. राहुल गांधी के वकील राहुल कौशिक ने शिकायत में व्यक्त आपत्तियों पर जवाब के लिए समय मांगा. निर्वाचन अधिकारी ने जवाब देने के लिये 22 अप्रैल सोमवार सुबह साढ़े दस बजे का समय तय किया है.

क्या है शिकायत:

रवि प्रकाश ने दावा किया था कि ब्रिटिश कंपनी पांच साल तक अस्तित्व में रही और उसने कुछ लाभ कमाया लेकिन हलफनामे में इसका खुलासा नहीं किया गया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि निर्वाचन अधिकारी से इस पहलू पर गौर करने का अनुरोध किया गया है. इस बीच कांग्रेस के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र मिश्रा ने शनिवार को कहा, ‘जो भी आपत्तियां दाखिल की गयी हैं, उनका निर्धारित तारीख पर कानूनी रूप से जवाब दिया जाएगा.’

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने कहा था कि उन्होंने शिकायत पर जिला निर्वाचन अधिकारी से जानकारी मांगी है. इस बीच नयी दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने संवाददाताओं को बताया कि यह “चौंकाने” वाला है कि राहुल गांधी के वकील ने इन आपत्तियों पर जवाब देने के लिये वक्त मांगा है.

उन्होंने कहा, “यह गंभीर आरोप हैं. राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नही? क्या वह कभी ब्रिटिश नागरिक बने थे? उन्हें वास्तविक कहानी के साथ सामने आना चाहिए.” निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा कि ऐसे मामलों में निर्वाचन अधिकारी अंतिम प्राधिकार है, लेकिन वह चुनावी हलफनामे में जो लिखा है उसकी प्रमाणिकता की जांच नहीं कर सकता. अगर किसी को भी हलफनामे में दी गई जानकारी पर कोई भी आपत्ति है तो उस व्यक्ति को अदालत से संपर्क करना चाहिए. 

आज सर्वोच्च न्यायालय में राहुल गांधी ने हलफनामा दे कर माफी मांगी।

राव ने दावा किया कि एक ब्रिटिश कंपनी ने अधिकारियों के समक्ष अपने प्रतिवेदन में गांधी को एक ब्रिटिश नागरिक बताया। राहुल गांधी ने 2004 में कहा था कि उन्होंने इस कंपनी में निवेश किया था. शिकायत का हवाला देते हुए, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 2004 से 2014 के दौरान विभिन्न चुनावों में गांधी द्वारा दिये गए हलफनामे में “विसंगतियां हैं और तथ्यों को दबाने का प्रयास किया गया.’ राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय से विकास अर्थशास्त्र में एम. फिल किया था लेकिन बाद में दावा किया कि यह विकास अध्ययन में था.

भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि जांच में यह पता चलता है कि उस वर्ष किसी राहुल विंसी को डिग्री मिली थी न कि राहुल गांधी को. राव ने कहा, “हम यह जानना चाहेंगे कि क्या राहुल गांधी विभिन्न देशों में कई नामों से जाने जाते हैं.” उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या गांधी की योग्यता भी कांग्रेस के घोषणा-पत्र की तरह है जो हर पांच साल पर बदल जाती है