भाजपा और कांग्रेस की जीत रोकने को इनेलो व जेजेपी-आप गठबंधन ने अहिरवाल को लिया निशाने पर

चार कोणीय मुकाबले में जीत के लिए संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच, अहिरवाल क्षेत्र में पिछले चुनाव में मिली हार को जीत में बदलने को तैया श्रुति चौधरी, अहिरवाल क्षेत्र में इतिहास दोहराने के लिए भाजपा पत्याशी को इंदरजीत और रामबिलास का सहारा

भिवानी:

इनेलो और जेजेपी-आप गठबंधन ने कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियों के सामने कड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। इनेलो और जेजेपी-आप गठबंधन ने भाजपा व कांग्रेस की जीत रोकने के लिए अहिरवाल क्षेत्र को रॉडार पर लिया है। इनेलो प्रत्याशी बलवान सिंह और गठबंधन प्रत्याशी स्वाति दोनों ही यादव है। बलवान सिंह पूर्व सैनिक भी हैं, जो क्षेत्र के एक्स सर्विसमैन के वोटों को रिझाायेगा। दोनो दलों ने अहिरवाल क्षेत्र को इसलिए निशाने पर रखा, क्योकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का अधिक मार्जन अहिरवाल की चार विधानसभा क्षेत्रों से ही मिला था। यह भी स्पष्ट है कि दोबारा मैदान में उतरी कांग्रेस की प्रत्याशी श्रुति चौधरी इस बार जीत के लिए अहिरवाल की नांगल चौधरी, अटेली, नारनौल और महेन्द्रगढ़ विधानभा क्षेत्र पर दबाव बनायेंगी। क्योकि इन्ही चार विधानसभा क्षेत्रों से श्रुति चौधरी को दो लाख 80 हजार 874 वोटों की हार मिली थी। कांग्रेस प्रत्याशी श्रुति चौधरी को सर्वाधिक लीड 10 हजार 984 वोटों की अपने माताश्री किरण चौधरी के विधानसभा क्षेत्र तोशाम से मिली थी। इसके अलावा उनको लोहारू से 5825 और बाढड़़ा क्षेत्र से 7274 वोटों की लीड मिली थी। इस बार श्रुति चौधरी का फोक्स कमजोर रही विधानसभा क्षेत्रों पर रहेगा। जबकि इस बार राजनैतिक हालात बदले हुए हैं। साल 2014 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद श्रुति चौधरी को मोदी लहर ने नुकसान पहुंचाया, वहीं उनकी अपनी पार्टी के प्रभावी नेता भी चुपी साध गए। इस चुपी के पिछे कारण जो भी रहे पर इसका खामियाजा श्रुति चौधरी को हार के रूप में उठाना पड़ा। अब विपक्ष में रह कर कांग्रेसी नेताओं में बदलाव आया है। चर्चाओं के अनुसार अहिरवाल के प्रभावी नेता पूर्व सीपीएस राव दानसिंह इस बार अपनी पार्टी की प्रत्याशी श्रुति चौधरी का साथ देंगे। बताया गया है कि उन्होने महेन्द्रगढ़ में अपने कार्यकर्ताओं की बैठक 21 अप्रैल को बुलाई हुई है। इस बैठक में वे श्रुति चौधरी के समर्थन की घोषणा कर अपने कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी भी लगायेंगे। इतना ही नहीं इस बार श्रुति को अपने परिवार का भी साथ मिलेगा। वहीं भाजपा प्रत्याशी रेडमैन धर्मबीर सिंह को इस बार अपनी पार्टी के नेताओं की नाराजगी का समाना करना पड़ रहा है। अहिरवाल के लिए उनको राव इंदरजीत सिंह और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा पर पूरा भरोसा है। जाट प्रभावी भिवानी-महेन्द्रगढ़ सीट पर यादव मतदाता दूसरे नम्बर पर आते हैं। इस क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या करीब पोने चार लाख है, जबकि जाट मतदाता साढ़े चार लाख से अधिक हैं। इनेलो और जेजेपी-आप गठबंधन ने इन्ही चार लाख मतदाताओं को लुभाने के लिए यादव प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है। इनेलो के प्रत्याशी बलवान सिंह गैर-राजनैतिक पृष्ठभूमि से हैं। पर गठबंधन की स्वाति यादव का परिवार राजनैतिक है। उनके पिता सतबीर नोताना ने इनेलो की टिकट से अटेली क्षेत्र से 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ा चुके हैं। लेकिन इस बार इनेलो के दो फाड़ होने से पार्टी का परम्परागत वोट बंटेगा। ऐसे में जेजेपी को आप का साथ मिला है। आने वाले समय में हालात चाहे जो बदले पर इस सीट से मुकाबला चार कोणीय रहेगा। पर जीत की चुनावी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगी। 

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