शत्रु ने प्रमोद किशन को लखनऊ में ‘खामोश’ किया

लखनऊ में प्रचार करने पर विवाद, शत्रुघ्न बोले – मुझे पार्टी प्यारी है लेकिन परिवार पहले

अभिनेता सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा ने गुरुवार को लखनऊ लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके पति शत्रुघ्न सिन्हा ने चुनाव प्रचार किया लेकिन यह बात कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम को रास नहीं आई. शत्रुघ्न ने भी बागी तेवर दिखाते हुए कहा कि परिवार को सपोर्ट करना मेरा कर्तव्य है.   

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अभिनेता सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा ने गुरुवार को लखनऊ लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके पति शत्रुघ्न सिन्हा भी मौजूद रहे. शत्रुघ्न ने अपनी पत्नी के लिए लखनऊ में चुनाव प्रचार भी किया लेकिन यह बात कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम को रास नहीं आई. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए शत्रु को पार्टी धर्म निभाने की नसीहत दे डाली. शत्रुघ्न कहां चुप रहने वाले थे. उन्होंने भी बागी तेवर दिखाते हुए कहा कि परिवार को सपोर्ट करना मेरा कर्तव्य है. 

उधर, प्रमोद कृष्णम ने कहा, “शत्रुघ्न सिन्हा जी ने यहां आ करके अपना पति धर्म निभाया है, लेकिन मैं शत्रु जी यह कहना चाहूंगा कि पति धर्म उन्होंने आज निभा दिया, लेकिन एक दिन मेरे लिए प्रचार करके वो पार्टी धर्म निभाएं.”

लखनऊ में उलझे सियासी समीकरण
शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी से बगावत कर हाल ही में कांग्रेस का दामन थामा है. इतना ही नहीं पटना साहिब से कांग्रेस के उम्मीदवार भी हैं. उधर, उनकी पत्नी सपा की सदस्यता लेकर लखनऊ से चुनाव मैदान में हैं. यूपी में कांग्रेस – सपा के बीच गठबंधन न होने से दोनों पार्टी के नेता असहज महसूस कर रहे हैं.

लखनऊ से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दोबारा मैदान में है. देखना होगा कि शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर कांग्रेस हाईकमान क्या रुख अपनाता है. वैसे जिस तरह से शत्रुघ्न ने पलटवार किया है, उससे साफ है कि आने वाले वक्त में वह पूनम सिन्हा के लिए प्रचार करना नहीं छोड़ेंगे. 

बीजेपी का अभेद दुर्ग है लखनऊ 
लखनऊ को बीजेपी का अभेद दुर्ग कहा जा सकता है. पिछले 28 साल से बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है. बीजेपी 1991 से इस सीट पर काबिज है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यह परंपरागत सीट रही है. बाजपेयी ने 1991, 1996,1998,1999 और 2004 का लोकसभा चुनावों इस सीट से जीते. 2009 में लाल जी टंडन को बीजेपी ने यहां से उतारा, उन्हें भी जीत मिली. 2014 में राजनाथ सिंह इस सीट से भारी मतों से जीते. अब सिंह इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं.

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