6 माह पुरानी कमलनाथ सरकार में कमलनाथ के निजी सचिव के यहाँ 16 करोड़ का मिलना फिर पार्टी दफ्तर में 20 करोड़ का मिलना कुल मिला कर 283 करोड़ का दावा करना और अब दक्षिण भारत में द्रमुक नेता से 11.53 करोड़ का मिलना क्या बताता है?
नई दिल्ली: तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट का चुनाव रद्द कर दिया गया है. चुनाव प्रचार के दौरान इस लोकसभा क्षेत्र में भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. तभी से आशंका व्यक्त की जा रही थी कि इस सीट पर चुनाव रद्द हो सकता है. निर्वाचन आयोग ने इस बारे में एक सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी थी. जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. इसके बाद इस सीट पर अब चुनाव रद्द हो गया है.
चूंकि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना राष्ट्रपति जारी करते हैं, ऐसे में चुनाव रद्द करना भी उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आता है. द्रमुक उम्मीदवार के कार्यालय से कुछ दिन पहले कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी. तमिलनाडु की इस सीट पर 18 अप्रैल को वोटिंग होनी थी. तमिलनाडु की 38 और पुड्डुचेरी की 1 सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसके लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम को थम गया. इस चरण में 13 राज्यों की 97 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
चुनाव आयोग ने यह निर्णय आरोपी के. आनंद के साथ ही पार्टी के दो पदाधिकारियों के खिलाफ आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के आधार पर 10 अप्रैल को जिला पुलिस द्वारा एक शिकायत दर्ज करने के बाद लिया. पुलिस ने बताया कि आनंद पर अपने नामांकन पत्र के साथ दिए गए हलफनामे में ‘गलत सूचना’ देने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के तहत आरोप लगाया गया. दो अन्य के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया, जिनकी पहचान श्रीनिवासन और दामोदरन के तौर पर हुई है.
सिफारिश विधि मंत्रालय के विधायी विभाग को मंगलवार को भेजी गई थी जिसने अधिसूचना जारी की. सरकार के सूत्रों ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है। वह अब राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अधिसूचना के बारे में सूचित करेंगे.
30 मार्च को आयकर अधिकारियों ने आनंद के पिता डी मुरुगन के आवास पर चुनाव प्रचार में बेहिसाब धनराशि इस्तेमाल के संदेह में छापे मारे थे और 10.50 लाख रुपये कथित ‘‘अतिरिक्त’’ नकदी बरामद की थी. दो दिन बाद उन्होंने उसी जिले में द्रमुक नेता के एक सहयोगी के सीमेंट गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये जब्त करने का दावा किया था.
मुरुगन ने यद्यपि दावा किया कि उन्होंने कुछ भी छुपाया नहीं है. उन्होंने आयकर विभाग की कार्रवाई के समय पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि छापेमारी कुछ नेताओं का ‘‘षड्यंत्र’’ है जो उनका मुकाबला चुनावी मैदान में नहीं कर सकते.