पोखरण:
भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार देवी देवताओं के साथ साथ मनुष्यों द्वारा प्रयोग में लाये गए अस्त्रों शास्त्रों के भी नाम हुआ करते थे। जहां अर्जुन को अपने गाँडीव(धनुष) पर बहुत विश्वास था वहीं प्रभु श्री राम के धनुष को सारंग कहा जाता था। परंतु इन सबसे ऊपर एक और धनुष माना जाता है जिसका नाम “पिनाक” है। पिनाक महादेव शिव के अनेकों अस्त्रों में श्रेष्ठ है। आज भी जब हम अपने आयुधों का नामकरण करते हैं तो पुराणों में वर्णित अस्त्रों शस्त्रों से ही प्रेरित होते हैं। महादेव के धनुष पिनाक की विशेषता उसके द्वारा संधान किए गए शस्त्रों के साथ उसका सामंजस्य माना जाता है। पिनाक पर संधान हुए शस्त्र अपना लक्ष्य भेद कर ही लौटते थे। आज भारतीय सेना में एक आयुध का नामकरण इसी पिनाक के नाम से प्रेरित हो “पिनाका” रखा गया है।
भारतीय सेना की ताकत में सोमवार को और इजाफा हुआ है. दरअसल, राजस्थान के पोखरण में सोमवार को आधुनिक गाइडेड रॉकेट पिनाका के दो सफल परीक्षण किए गए. इसे सेना के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस बार पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता बढ़कर 90 किमी हो गई है. परीक्षण के दौरान गाइडेड पिनाका रॉकेट ने अपने लक्ष्यों को भेद दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, रॉकेट ने 90 किमी दूर स्थित अपने निशानों को एकबार में ध्वस्त कर दिया.
पिनाका देश की पहली स्वदेशी निर्मित मिसाइल है. बता दें कि इससे पहले पिनाका मार्क-2 रॉकेट की क्षमता 60 किमी थी. वहीं, इस बार यह बढ़कर 90 किमी हो गई है. बताया जा रहा है कि पिनाका के इस आधुनिक वर्जन की मारक क्षमता बढ़ाई गई है. इसके साथ ही इसे दिशानिर्देशित (गाइड) करने के लिए इंप्रूव गाइजलाइन सिस्टम भी लगाया गया है. बता दें कि सबसे पहले पिनाका मार्क-2 रॉकेट में इसे गाइड करने का सिस्टम लगा था. वहीं, पिनाक मार्क-2 रॉकेट की क्षमता भी 60 किमी थी. सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव से पिनाक की मारक क्षमता और सटीकता बढ़ गई है.
बता दें कि पिनाका रॉकेट का प्रयोग सेना द्वारा युद्ध के दौरान किया जाता है. पिनाका एमएलआर संयुक्त रूप से विकसित मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर है. 90 किमी रेंज तक रॉकेट दागने वाला ये हथियार 12 रॉकेट दाग सकता है युद्ध की स्थिति में ये त्वरित प्रतिक्रिया और त्वरित हमले करने में सक्षम है.