प्रदेश में नोटा और किसानों को झूटे सपने दिखा सत्ता में आई कांग्रेस अपने वादों से भागने के नित नए बहाने ढूंढती फिरती है। ताज़ातरीन उदाहरण आचार संहिता लागू होने पर कांग्रेस के मानो भाग जागे, किसानों की कर्ज़ माफी के नामपर जगह जगह जग हँसाई करवाती कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाने लगा दिये। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आचार संहिता लागू होने के तुरंत पश्चात किसानों को मैसेज करने शुरू कर दिये जिसका सार था की 10 दिनों के वायदे को 75 दिनों तक न निभा पाने के बाद कांग्रेस अब केंद्र सरकार के हाथों मजबूर है। आवेदन तो प्राप्त हो गए हैं लेकिन अब पैसे दे नहीं सकते अब जो कुछ भी होगा वह चुनावों के पश्चात ही संभव है। (गोया कि केंद्र सरकार को लोक सभा चुनाव स्थगित कार्वा इनके वायदा पूर्ति कि बाट जोहनी चाहिए थी।)
भोपालः देश में सत्ता हासिल करने के 7 दिन के भीतर ही किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का ढिंढोरा पीटने वाली कांग्रेस सरकार 75 दिन के बाद भी अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाई है. किसानों के आवेदन जमा हो जाने के बाद चिन्हित किसानों को प्रमाण पत्र तो दे दिए गए, लेकिन बैंकों में पैसा न होने के कारण किसान ठगा महसूस कर रहे हैं. रविवार को जैसे ही लोकसभा चुनाव की घोषणा होने की खबर मिली वैसे ही मुख्यमंत्री के नाम से किसानों को मोबाइल पर मैसेज भेजने का सिलसिला शुरू हो गया. मुख्यमंत्री कमलनाथ के हवाले से भेजे जा रहे मोबाइल मैसेज में कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता के कारण कर्ज माफी की स्वीकृति नहीं मिल पाई है. चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी.
दोपहर में मिले इन संदेशों को पढ़कर किसान एक बार फिर से इसे सरकार द्वारा कर्ज माफ करने के नाम पर छलावा मान रहे हैं. कर्ज के बोझ तले दबे इन किसानों को विधानसभा चुनाव के पहले कर्जमाफी का जो सपना दिखाया गया था वो लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही मुरझा गया है. बता दें रविवार क आचार संहिता लगते ही किसानों को एक एक कर जिस तरह मैसेज भेजे जा रहे हैं, उसने इनके ख्वाबों को हकीकत में ढलने के पहले ही चकनाचूर कर दिया है.
बैतूल के लालू वर्मा ऐसे ही किसानों में शामिल है जिन्हें एक हफ्ते पहले मैसेज मिला था कि उनका 47 लाख का कर्ज माफ हो गया है, लेकिन रविवार आए दूसरे मैसेज ने उनकी परेशानी बढ़ा दी. ताजा मैसेज है की अब उनका कर्ज लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते माफ नही हो पा रहा है. लालू वर्मा को अब चिंता है कि उन पर चढ़ा कर्ज उन्होंने 31 मार्च तक नही चुकाया तो खाता ओवर ड्यू हो जाएगा और भविष्य में मिलने वाला कर्ज भी वे नही ले सकेंगे.
बैतूल कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1 लाख 49 हजार किसानों को जय किसान ऋण माफी योजना का लाभ मिलना है. इनमें से कुछ ही किसानों को प्रमाण पत्र जारी किए जा सके हैं. जिन किसानों को प्रमाण पत्र मिले हैं उनके बैंक खाते में न तो अब तक राशि आ पाई है और न ही उनका कर्ज माफ हो पाया है. सहकारी बैंकों में किसान संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह बताया जा रहा है कि अभी तक राशि मुहैया नहीं कराई जा सकी है. जब राशि मिलेगी तब ही कर्ज माफ किया जा सकेगा.
जिले की सहकारी समितियों में भी न तो किसानों की अंश पूंजी बची हुई है और न ही राशि मौजूद है. ऐसे में वे पुराना कर्ज तो माफ ही नहीं कर पाएंगी और न ही किसानों को नया कर्ज ही मिल सकेगा. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अफसरों की मानें तो कुल 96 हजार 854 किसान ऋण माफी के दायरे में आ रहे थे. इनमें से 87 हजार किसानों ने फॉर्म जमा कराए हैं. 60 हजार किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक राशि ही उपलब्ध नहीं हो सकी है.
यह लिखा है मैसेज में
कर्ज माफी योजना के पात्र किसानों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एचपी-जेकेएमआरवाय के द्वारा भेजे जा रहे मैसेज में संबंधित किसान को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना में आपका आवेदन मिला है. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण आपकी ऋण माफी नहीं हो पाई है. चुनाव के बाद शीघ्र स्वीकृति की जावेगी. शुभकामनाएं, आपका कमलनाथ, मुख्यमंत्री.’