दो दिवसीय गिद्ध संरक्षण व उनके प्रकृति में पुनर्वास बारे कार्यशाला का आयोजन
पंचकूला 15 फरवरी।
रेडबिषप टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में दो दिवसीय गिद्ध संरक्षण व उनके प्रकृति में पुनर्वास बारे कार्यशाला का आयोजन वन एवं वन्य प्राणी विभाग, हरियाणा, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, भारत सरकार एवं बॉम्बे नैचुरल हिस्टरी सोसाईटी के सहयोग से किया गया। इस कार्यषाला का शुभारंभ श्री सिद्धिनाथ राय, भा॰प्र॰से॰, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, वन एवं वन्य प्राणी विभाग द्वारा किया गया। इस कार्यषाला में वन, पषु पालन, औशधि नियंत्रण एवं पषु चिकित्सा विभाग के हरियाणा के साथ लगते पांच राज्यों (पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेष, हिमाचल एवं चण्डीगढ़ प्रषासन) के वरिश्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ॰ श्रीमती, अमरिंदर कौर, भा॰व॰से॰, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध निदेषक, हरियाणा वन विकास निगम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा, डॉ अनिल हुड्डा, भा॰व॰से॰, श्री वी॰एस॰तंवर॰, भा॰व॰से॰, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी वार्डन, हरियाणा, श्री जगदीष चन्द्र, भा॰व॰से॰, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, सदस्य सचिव, हरियाणा, जैव विविधता बोर्ड, वन संरक्षक (वन्य प्राणी), पंचकूला, श्री एम0एल0राजवंषी, भा॰व॰से॰, डॉ॰ विभु प्रकाष, वरिश्ठ वैज्ञानिक, श्रीमती, निकिता प्रकाष, बॉम्बे नैचुरल हिस्टरी सोसाईटी एवं हरियाणा के सभी वन्य प्राणी मण्डलों के मण्डलीय वन्य प्राणी अधिकारी उपस्थित रहे तथा वन्यजीव विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर बोलते हुये मुख्य अतिथि श्री सिद्धिनाथ राय, भा॰व॰से॰, ने बताया की गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र, पिंजौर गिद्धों के सरंक्षण के लिये देष का प्रथम अन्वेशक केन्द्र है। उन द्वारा बताया गया कि गिद्धों के सरंक्षण एवं पुनर्वास के लिये धन की कोई कमी नहीं होनी दी जायेगी। कार्यषाला में भाग लेने वाले प्रवक्ताओं ने इस केन्द्र के चारो तरफ 100 किलोमीटर के दायरे में औशधि मुक्त क्षेत्र तैयार करने के लिये व भोजन की उपलब्धता बारे विस्तार से चर्चा की।
इस कार्यषाला के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुये श्री वी॰एस॰तंवर॰, भा॰व॰से॰ प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी वार्डन, हरियाणा ने गिद्ध संरक्षण के लिये किये गये अब तक के कार्यो पर संतोश व्यक्त किया व गिद्धो के प्राकृतिक आवास में छोड़ने की महत्त्वाकांक्षी योजना बारे सभी आस-पास के राज्यों से आये प्रतिभागियों से मिलजुलकर इसे सफल बनाने सामुहिक प्रयास करने का आह्वान किया।
इस कार्यषाला के समापन पर आस पास से आये प्रतिभागियों ने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र का दौरा किया और वहां पर गिद्ध संरक्षण से सम्बन्धित प्रयोगषालाओं एवं अन्य सुविधाओं की सराहना की।
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