साढ़े चार वर्ष बीतने के बाद भी सरकार ने सफाई कर्मचारियों से किए हुए वायदों को पूरा नहीं किया है: नरेश कुमार

चंडीगढ़।

A File Photo

नगरपालिका कर्मचारी संघ ने सरकार पर हड़ताल के बाद हुए समझोतों को लागू न करने की वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एक बार फिर प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है।
यह जानकारी देते हुए नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि राज्य 27 फरवरी को सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ सामूहिक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए चंडीगढ़ कूच करेगा। जिसमें तमाम 61 नगर पालिकाओं, 16 नगर परिषदों, 10 नगर निगमों के इकाईयों के सभी पदाधिकारी व सभी 22 जिलों की कार्यकारिणी नगर पालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा की केन्द्रीय कमेटी के पदाधिकारी शामिल होंगे।

शास्त्री ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मुलाकात के दौरान चुनावी घोषणा पत्र में बीजेपी द्वारा किए सफाई कर्मचारियों को पक्का करने, शोषण की जननी ठेका प्रथा व निजीकरण की नीतियों को समाप्त करने, सफाई कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपए करने का वादों को पूरा करने की मांग करेगा।

इन मांगों पर संघ व सरकार के बीच बनी थी सहमति:-
संघ नेताओं के अनुसार सफाई, सीवर, फायर सहित सभी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को ठेका प्रथा से निकालकर विभाग के रोल पर करने, फायर विभाग में आऊटसोर्सिंग व ठेका प्रथा में लगे 13 सौ फायरमैन एवं चालकों को फायर सेवा नियम 2016 में ढील देकर समायोजित करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए बनाई गई कमेटी द्वारा जल्द कर्मचारियों को पक्का करने की सिफारिश सरकार को भेजने, एक्सग्रेसिया पॉलिसी बहाल करने, विभाग के रोल पर लगे सफाई कर्मचारियों सहित अन्य कर्मचारियों को समान काम व समान वेतन देने, मुख्य सचिव एवं वित्त विभाग के सभी पत्र/परिपत्र एवं हिदायतें पालिका कर्मचारियों पर सीधे तौर पर लागू करने सहित अन्य मांगों पर भी सहमति बनी थी।

उन्होंने बताया कि चार साढ़े वर्ष बीतने के बाद भी सरकार ने सफाई कर्मचारियों से किए हुए वायदों को पूरा नहीं किया है। जिसको लेकर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों के एकमात्र संगठन नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार के खिलाफ 9 से 24 अप्रैल तक 16 दिनों की हड़ताल की थी। इस हड़ताल को खुलवाने के लिए सरकार ने तीन मंत्रियों की समिति बनाकर संघ नेताओं से बातचीत कर उनकी मांगों को 15 दिन में लागू करने का विश्वास देकर हड़ताल को समाप्त करवाया था लेकिन, सरकार ने जब मानी गई मांगों को लागू नहीं किया तो संघ ने पिछले साल 3 अक्टूबर से पांच अक्टूबर तक तीन दिवसीय हड़ताल करने का ऐलान किया था लेकिन, सरकार ने हड़ताल के दूसरे दिन चार अक्टूबर को संघ से बातचीत कर दोबारा मांगों को पूरा करने का लिखित विश्वास दिया लेकिन, सरकार ने 24 मई, 20 जून व 4 अक्टूबर को हुई वार्ताओं के दौरान मानी गई मांगों को लागू नहीं किया।

उन्होंने संघर्ष का ऐलान करते हुए कहा कि संघ 27 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास चंडीगढ़ कूच से पहले सरकार की वायदा खिलाफी के खिलाफ सभी पालिका, परिषद व निगमों में 14-15 फरवरी को काले बिल्ले लगाकर गेट मीटिंग करेगें व 18, 19 तथा 20 फरवरी को सभी निगम मुख्यालयों, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के कार्यालय के सामने क्रमिक भूख हड़ताल करेगें। उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, ठेका प्रथा समाप्त कर रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरने व अन्य मांगों को लेकर अखिल भारतीय सरकार कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 21 फरवरी को संसद कूच में पालिका, परिषद व निगमों के हजारों कर्मचारी भाग लेगें।

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