आज बीजेपी सरकार के पास दलित हित में किया कोई काम गिनवाने लायक नहीं है: हुड्डा

भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के कार्यकाल में सभी वर्गों व् क्षेत्रों के उत्थान के लिए कार्य किया समाज का कोई वर्ग नहीं बचा जिनके लिए कोई काम ना हुआ हो उनके कार्यकाल में हर वर्ग खुशहाल था ।

लेकिन

गरीब दलित प्रेम की पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण कांग्रेस के 10 साल के शासन काल में बतौर सरकार के मुखिया भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पूरा फोकस दलित समाज के लिए कल्याणकारी योजना बनाने और लागु करने पर रहा। उन्होंने देखा की दलित समाज के अधिकतर लोग गरीबी रेखा से निचे हैं व उन्हें आवास, पेयजल व बच्चों की शिक्षा जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। 7 अक्टूबर 2007 को झज्जर रैली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने गरीबी रेखा से निचे आने वाले प्रत्येक परिवार को 100-100 गज के आवासीय प्लाट हमारी सरकार के फैसले के अनुसार मुफ्त में देने की घोषणा की। 2014 तक उपरोक्त घोषणा पर अमल करते हुए प्रदेश के 383000 परिवारों को कब्जा दे दिया गया व हर प्लॉटधारी को गृह निर्माण के लिए 91 हजार रुपए की राशि देनी शुरू की । दलित समाज के प्रत्येक घर में फ्री में पानी की टंकी और नल की व्यवस्था की तथा छात्रों को मुफ्त में पाठ्यसामग्री मुहैया करवाई और वजीफे में 3-4 गुणा बढ़ोतरी की ।

बीजेपी सरकार ने हमारी दलित समाज हितैषी मुहीम को आगे बढ़ाने की बजाय उलटे उस पर ब्रेक लगा दिए। आज बीजेपी सरकार के पास दलित हित में किया कोई काम गिनवाने लायक नहीं है।

अनुसूचित जातियों एवम् अन्य गरीब वर्गों की बस्तियों में स्वच्छता एवं निर्मलता को बढ़ावा देने के लिए इन्हीं परिवारों के ग्रामीण आंचल में 11 हज़ार कर्मचारी नियुक्त किये और ठेका प्रथा को खत्म किया। बस्तियों को साफ सुथरा रखने के लिए 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की। कांग्रेस कार्यकाल में गरीबी रेखा से निचे जीवनयापन करनेवाले परिवारों को 20 रुपए प्रति किलो दाल, 2 रुपए प्रति किलो चावल व 1 रुपए प्रति किलो मोटा अनाज दिया गया। इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत प्रदेश में 10 लाख से ऊपर परिवारों को ने केवल पानी का मुफ्त कनेक्शन दिया गया बल्कि साथ में 200 लीटर की टंकी भी मुफ्त दी गई।

समुदाय के लोग बड़ी संख्या में गाय, भैंस,भेड़ -बकरी पालते हैं हमने ये प्रावधान किया की किसी अनहोनी होने या पालतू पशु के मरने पर 50 हजार प्रति गाय या भैंस और 20 हजार रूपए प्रति भेड़ या बकरी के लिए दिए जाएंगे। दलित समाज के बहुत से लोग खेतिहर मजदूर भी हैं और कुछ लोग खेती भी करते हैं। कृषि कार्यों में काम करते वक्त अकाल मौत होने पर आश्रित परिवार को 5 लाख रुपए तक देने का प्रावधान उन्होंने उस समय किया ।

दलित समाज दयनीय आर्थिक स्थितियों को देखते हुए हरिजन कल्याण निगम से लिए गए कर्जवानों के 74 करोड़ रुपए का ब्याज माफ किया। दलित उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए 349 करोड़ रुपए की राशि मुहैया करवाई। समाज की बेटियो व विधवाओ को प्रिदर्शनी शगुन विवाह योजना के तहत शादियों में 31 हजार रुपिये कन्यादान देने का काम किया, जिसके तहत लगभग 43 हजार शादियों में एक अरब से जयादा कन्यादान के रूप में दिए। दलित समाज के बहुत से लोग मनरेगा में बतौर दिहाड़ीदार के काम करते हैं उन्होंने देश मनरेगा में सबसे ज्यादा दिहाड़ी देना तय किया और समाज के 20 लाख छात्रों को मुफ्त में ड्रैस दी। हुड्डा जी ने अपने कार्यकाल के दौरान समाज को मजबूती से ऊपर उठाने के लिए 16253 करोड़ रुपए की योजनाएं बनाई और उनको लागू किया जिससे 3 लाख परिवारों को लाभ पंहुचा !

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