शुक्ला की नियुक्ति तय मानदंडों के अनुसार: जितेंद्र सिंह

नई दिल्‍ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को दावा किया कि सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली उच्च-स्तरीय समिति के सदस्य एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पसंदीदा अधिकारियों को तवज्जो देने की ”गलत मंशा” से सीबीआई प्रमुख के चयन के मानदंडों में ”हेरफेर” करने की कोशिश की. उन्होंने खड़गे पर आरोप लगाया कि वह चयन समिति में हुई चर्चा के बारे में मीडिया को सिर्फ अपने हिसाब से चीजें बता रहे हैं.

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने बताया, ”खड़गे ने सीबीआई निदेशक के चयन से संबंधित स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मूल्यांकन पर आधारित उद्देश्यपरक मानदंडों में हेरफेर की कोशिश की. वह उम्मीदवारों की अंतिम सूची में अपने कुछ पसंदीदा अधिकारियों को शामिल करना चाह रहे थे.” कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को शनिवार को दो वर्ष के तय कार्यकाल के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया. 

साल 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला को आलोक कुमार वर्मा की जगह सीबीआई प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया. वर्मा को 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटाया गया था. सिंह ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई प्रमुख के चयन में लागू किए जाने वाले मानदंडों का पूरा समर्थन किया. सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति में पीएम मोदी के अलावा प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे शामिल हैं.

शुक्ला की नियुक्ति कांग्रेस की नाराजगी

जैसा की आपेक्षित था, नए केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक की नियुक्ति पर कांग्रेस की आपत्ति लाज़मी थी वही हुआ, कांग्रेस की तरफ से आपत्ति उठाते हुए मल्लिकार्जुन खडगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर अपनी नाराजगी जताई। गौरतलब है की ऋषि कुमार शुक्ल अभी पाँच दिन पहिले मध्य प्रदेश पुलिस प्रमुख थे जिनके बारे में कहा जाता था की वह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निकट रहे हैं, उन्हे कमाल नाथ ने पाँच दिन पहले ही प्रदेश पुलिस प्रमुख की उपाधि से हटा कर ‘मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम’ के अध्यक्ष  का पद दिया था। अब कई कारण हैं जो लिखित रूप से दिखाई पड़ेंगे परंतु शुक्ला कांग्रेस की आँख की किरकरी बने हुए हैं, उन्हे सीबीआई प्रमुख पद पर देखना कांग्रेस जल्दी से हजम नहीं कर पाएगी और वैसे भी अनकनेक आरोपों से घिरी कांग्रेस की जमात सीबीआई प्रमुख पद पर ‘अपना आदमी‘ देखना ज़्यादा पसंद करेगी।

नई दिल्‍ली: ऋषि कुमार शुक्‍ला को सीबीआई का नया डायरेक्‍टर बनाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस बारे में अपनी आपत्ति जताई है. खड़गे ने अपने पत्र में लिखा है कि सीबीआई डायरेक्‍टर बनाए गए ऋषि कुमार शुक्‍ला के पास भ्रष्टाचार निरोधक जांच का ज्यादा अनुभव नहीं है. गौरतलब है कि सीबीआई में लंबे समय से घमासान चल रहा था. पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और डिप्टी डायरेक्टर राकेश अस्‍थाना के बीच विवाद के बाद से ये पद खाली था.

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के तय कार्यकाल के लिये शनिवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का निदेशक नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश काडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला फिलहाल भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस आवास निगम के अध्यक्ष हैं. वह आलोक वर्मा का स्थान लेंगे, जिन्हें 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था. शुक्ला का हाल में मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक पद से पुलिस आवास निगम में तबादला हुआ था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति की 24 जनवरी और एक फरवरी को हुई दो बैठकों के बाद उनकी नियुक्ति हुई है. शुक्रवार को चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान शुक्ला का नाम छांटा गया था. इस घटनाक्रम को अहम माना जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति को लेकर ‘अनिच्छुक’ है और केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए.

शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद ”संवेदनशील” और ”महत्वपूर्ण” है और लंबे समय तक एजेंसी के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति ठीक नहीं है. अदालत ने जानना चाहा कि सरकार ने अब तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की है. बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के साथ वर्मा का टकराव हुआ था. वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे.

वर्मा को हटाये जाने के बाद से एम नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के तौर पर कार्यरत हैं. शुक्रवार की बैठक प्रधानमंत्री के आवास पर हुई. यह बैठक एक घंटा से अधिक समय तक चली. सीजेआई रंजन गोगोई और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में शामिल हुए.

गौतम गंभीर ने फिर छुआ संकड़ों का दिल

राष्ट्रवादी भावनाओं से हमेशा ओत-प्रोत रहने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने एक एक्स आर्मी मैन के लिए मदद की गुहार लगाई है. गंभीर ने शनिवार को एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, यह पीतांबरन हैं. इनकी आईडी देखकर पता लगाया जा सकता है कि इन्होंने 1965 और 1971 में भारतीय आर्मी में सेवा की है. इनका कहना है कि तकनीकी वजहों से आर्मी से जो उन्हें मदद मिलनी थी वह अटक गई है. मैं इनकी मदद की गुहार लगाता हूं. यह शख्स फिलहाल कनॉट प्लेस के ए ब्लॉक पर भीख मांग रहे हैं.’

He’s Mr Peethambaran,who served in the Indian Army in 1965 &1971 wars which can be verified by his ID. He claims due to technical reasons he can’t get support from d Army. I’d urge  @adgpi @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD to intervene as he is begging at A block Connaught Place. pic.twitter.com/LKU9BLc65D— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) February 2, 2019

ट्वीट में पीतांबरन की दो तस्वीर लगी हैं. गंभीर के पोस्ट में यह बूढ़ा शख्स एक पोस्टर लिए खड़ा है. पोस्टर में उन्होंने लिखा है कि वह 1965, 1971 की लड़ाई में शामिल थे. उनका हाल में ऐक्सिडेंट हो गया था और उसके लिए पैसों की जरूरत है. गंभीर ने अपनी ट्वीट में रक्षा मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता और एडीडीपीआई को भी टैग कर दिया है.

गंभीर की इस ट्वीट के बाद रक्षा मंत्रालय ने शख्स की मदद का भरोसा दिया है.

We appreciate the concern raised by you and assure that the response will be quick and complete. @adgpi https://t.co/qA23ZqTHjm— Defence Spokesperson (@SpokespersonMoD) February 2, 2019

गंभीर के ट्वीट का जवाब देते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘हम आपकी तरफ से इस बात को उठाने की तारीफ करते हैं और भरोसा देते हैं कि जल्द से जल्द हरसंभव कार्रवाई की जाएगी.’ इस जवाब के बाद गंभीर ने भी शुक्रिया कहा.

पश्चिम बंगाल अपना ध्यान रखने में सक्षम है. उसे किसी बाहरी की जरूरत नहीं है.’: ममता

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और राजनाथ सिंह को पश्चिम बंगाल जीतने का सपना देखने से पहले अपनी-अपनी सीट के बारे में चिंता करना चाहिए.

ममता ने कहा कि बीजेपी के ये नेता बाहरी हैं और पश्चिम बंगाल से नहीं हैं. उन्हें राज्य की संस्कृति और परंपरा के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. पश्चिम बंगाल में मोदी और सिंह ने अलग-अलग रैलियों में शनिवार को ममता पर निशाना साधा, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने उन पर यह तीखा हमला बोला है.

ममता ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में उनका (बीजेपी) कोई नेता नहीं है. वे लोग बाहरी लोगों को बुला रहे हैं, जिन्हें राज्य की संस्कृति और परंपरा के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वे लोग बाहरी हैं, जो चुनाव से पहले आते हैं और फिर चले जाते हैं. उनका पश्चिम बंगाल के लोगों से कोई संबंध नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘क्या मोदी वाराणसी से जीत पाएंगे? मोदी को अपनी खुद की सीट के बारे में सोचना चाहिए. योगी आदित्यनाथ से अपने राज्य (उत्तर प्रदेश) को देखने के लिए कहें. पश्चिम बंगाल अपना ध्यान रखने में सक्षम है. उसे किसी बाहरी की जरूरत नहीं है.’

ऋषि कुमार शुक्ला, जानिए मुख्य बातें

सीबीआई को आखिरकार अपना नया निदेशक मिल गया है. मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी रहे ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया निदेशक बनाया गया है. कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने आईपीएस ऋषि कुमार शुक्ला को दो साल के लिए सीबीआई प्रमुख के पद पर नियुक्त किया है. वह तत्काल प्रभार से इस पद की जिम्मेदार संभालेंगे.

-शुक्ला 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी है.

-ऋषि कुमार शुक्ला, मध्य प्रदेश पुलिस के प्रमुख थे. जब कांग्रेस ने राज्य में सरकार की कमान संभाली तो उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था.

-ऋषि कुमार शुक्ला वर्तमान में पुलिस आवास निगम के महानिदेशक के रूप में सेवारत हैं.

-शुक्ला ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी काम किया है.

-ऋषि कुमार शुक्ला आतंकवाद के खिलाफ अपने काम के लिए भी जाने जाते हैं.

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दरअसल, पिछले दिनों सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना के बीच विवाद के बाद दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था. इसके बाद सरकार के इस फैसले को आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर नियुक्त किया था. वर्मा की नियुक्ति के चंद घंटों के भीतर उनका ट्रांसफर कर दिया गया. इस फैसले से नाराज वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था. तभी से सीबीआई प्रमुख का यह पद खाली पड़ा था.

‘केरल में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक सियासी माहौल बन चुका है.’: श्रीधरन पिल्लई

एक पखवाड़े में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया. साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए राज्य बीजेपी इकाई में लोकसभा चुनावों की तैयारियों के लिए जोश भी भरा. वहीं केरल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई का कहना है कि पार्टी इस बार के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी.

श्रीधरन पिल्लई ने कहा ‘केरल में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक सियासी माहौल बन चुका है.’ उन्होंने कहा ‘एनडीए के साथ मिलकर बीजेपी केरल की सभी 20 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है. इस बार हमें ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है.’

उन्होंने कहा ‘प्रमुख सहयोगी, भारत धर्म जन सेना (BDJS) के साथ विचार-विमर्श हो रहा है और इस महीने के आखिर तक 20 संसदीय सीटों में से प्रत्येक के लिए अंतिम उम्मीदवार सूची की उम्मीद की जा रही है.’ BDJS के साथ समीकरण को लेकर उनका कहना है ‘बीडीजेएस के साथ आपसी चर्चा की है और हम एक सहमति पर पहुंच गए हैं. लेकिन सीटों की संख्या का खुलासा करने के लिए मुझे केंद्रीय कार्यालय से पुष्टि करनी होगी.’

वहीं सबरीमाला विवाद पर उनका कहना है ‘सबरीमाला में हम भक्तों के हितों की रक्षा करना चाहते हैं. वर्तमान सरकार सबरीमाला की अवधारणा को विफल करना चाहती थी.’

ऋषि कुमार शुक्ला नए सीबीआई चीफ

IPS ऋषि कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पांच दिन पहले 29 जनवरी को डीजीपी पद से हटाया था.

केन्द्रीय जांच ब्यूरो के विशेष निदेशक के पद पर ऋषि कुमार का नाम तय हो गया है, ऋषि कुमार कांग्रेस की आखिरी पसंद हैं क्योंकि वह मद्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं और उन्होने 8 आतंकियों का एनकाउंटर भी कर चुके हैं। जल्दी ही कांग्रेस इस नियुक्ति के प्रति अपना विरोध दर्ज करवा देगी।

नई दिल्ली/भोपाल: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से विवाद के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई के प्रमुख के पद से हटाए जाने के 20 दिन बाद शनिवार को मध्यप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया प्रमुख नियुक्त किया गया. सीबीआई प्रमुख का नाम तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति की बैठक के अगले दिन शुक्ला को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए सीबीआई प्रमुख चुना गया. सीबीआई प्रमुख चुनने के लिए समिति पिछले नौ दिनों में दो बार बैठक कर चुकी है.

एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, “समिति की अनुशंसा वाले पैनल के आधार पर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के अनुच्छेद 4 ए(1) के आधार पर गठित कैबिनेट की चयन समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला को दो वर्ष के लिए सीबीआई के निदेशक के तौर पर चुना.”

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में डीजीपी रहे शुक्ला (59) इस समय पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रमुख थे. उन्हें सीबीआई में काम करने का तो कोई अनुभव नहीं है, मगर इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम कर चुके हैं.

डीजीपी पद से हटाया
ऋषि कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पांच दिन पहले 29 जनवरी को डीजीपी पद से हटाया था. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं. शुक्ला अगस्त, 2020 में सेवानिवृत्त हो जाते, लेकिन सीबीआई प्रमुख बनने के बाद उनका कार्यकाल फरवरी, 2021 में खत्म होगा. शुक्ला मध्यप्रदेश के डीजीपी के तौर पर 30 जून, 2016 को चुने गए थे. इस पद पर वह 29 जनवरी, 2019 तक रहे.

70 अफसरों को पछाड़ CBI चीफ बने आरके शुक्ला, डीजीपी रहते कराया 8 आतंकियों का एनकाउंटर
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सवाल उठाया था कि सीबीआई में अंतरिम प्रमुख एम. नागेश्वर राव से कब तक काम चलाया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने सरकार को बताया था कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील होता है और सरकार को अभी स्थायी निदेशक चुनना होगा.

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सीबीआई प्रमुख के पद पर वर्मा को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बहाल किए जाने के बाद उच्चस्तरीय समिति ने 10 जनवरी को वर्मा को फिर से हटा दिया था. केंद्र सरकार ने उन्हें अग्निशमन, नागरिक सेवा और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया था. उन्होंने इस पद को अस्वीकार कर दिया था.

Felicitation and Scholarship function was held in Police Lines Sec-26

02.02.2019

                      Today i.e. 02.02.2019, a felicitation and scholarship function was held in Police Lines Sec-26 Chandigarh. In this function 170 wards of Chandigarh Police employees have been honoured by Shri Sanjay Baniwal, IPS, Director General of Police, UT Chandigarh. These wards have secured excellent positions (more than 85%) in the academic (standard 6th to 12th).

                     The DIGP, UT Chandigarh, SSP (Security & Traffic) and SSP, UT Chandigarh also appreciated these students and congratulate for their greater success in future.

                     The function was witnessed by family members of Chandigarh Police employees followed by high tea.

भाजपा सरकार यह आम चुनाव बजट न होकर चुनावी घोषणापत्र है: योगेश्वर शर्मा

कहा: इस बजट में बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों व श्रमिकों के लिए इसमें कुछ भी राहत नहीं है

पंचकूला,1 फरवरी।  आम आदमी पार्टी ने  केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल द्वारा आज पेश किए गये बजट को भाजपा सरकार की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व पेश किया गया चुनावी घोषणापत्र करार दिया है। पार्टी ने कहा कि यह लेखानुदान नहीं, बल्कि वोट का हिसाब-किताब है। एक साल के बजट में 10 साल आगे की बात करना झूठी है। यह पूरी तरह से चुनावी जुमला है। इस बजट में बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों व श्रमिकों के लिए इसमें कुछ भी राहत नहीं है।

आज यहां जारी एक ब्यान में आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा एवं जिला पंचकूला के अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने कहा कि इस जुमला पार्टी को पांच साल तक तो आम लोगों की याद नहीं आई और अब जाते जाते लोगों को खुश करने का प्रयास किया  है। लेकिन इसके लिए हमारी अर्थ व्यवस्था तैयार है भी या नहीं इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि पिछले करीब पांच सालों में देश का कर्ज कम होने की बजाये बढ़ा है। बेरोजगारी की दर नोटबंदी के बाद दोगुणा हो गई है। इस बजट में बरोजगारों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा एवं जिला पंचकूला के अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि एक ओर तो सरकार ने स्वर्ण जाति के लिए आरक्षण में जो शर्त रखी थ्ज्ञी उसमें कहा गया था कि 8 लाख रुपये सालाना की आय वाला व्यक्ति ही इसका पात्र होगा। दूसरी ओर आज 5 लाख रुपये से ऊपर वाले को 20 प्रतिशत टैक्स वालों की श्रेणी में ले लिया गया है। ऐसे में इस सरकार को खुद ही नहीं पता कि उसकी नजरों में गरीब कौन है 8 लाख से कम आय वाला या 5 लाख रुपये अधिक की आया वाला। इससे सरकार की बौखलाहट एवं सत्ता से जाने का डर साफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि पूंजिपतियों का कर्ज माफ करने वाली इस सरकार ने किसानों के कुछ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मात्र पांच सौ रुपये महीना दिया गया है जोकि ऊंट के मूंह में जीरे के सामान है। किसानों को मिलने वाली आय सहायता  6000 रुपये सालाना जो दिया गया है, क्या यह उन्हें सम्मान और गरिमा के साथ जीने में सक्षम बनाएगा?

दीपांशु बंसल अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की हरियाणा प्रदेश इकाई के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत

दीपांशु बंसल बने युवा इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन में मिली एहम जिम्मेवारी

अग्रवाल समाज के अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण गोयल ने कांग्रेस छात्र संगठन,एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय संयोजक व अग्रवाल वैश्य समाज छात्र इकाई के प्रदेश प्रवक्ता दीपांशु बंसल को अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की हरियाणा प्रदेश इकाई का युवा प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत किया है जिसे लेकर अग्रवाल समाज के युवाओ में खुशी की लहर है।गोयल ने दीपांशु को युवा इकाई का प्रदेश उपाध्यक्ष का नियुक्ति पत्र जारी कर बधाई देते हुए कहा कि आप जैसे कर्मठ युवा की कार्यकुशलता ,क्षमता , योग्यता व अग्रवाल समाज के प्रति विशेष रूप से रुचि को देखते हुए नियुक्त किया गया है।इसके साथ ही दीपांशु को कहा कि उनकी नियुक्ति से समाज को मजबूती मिलेगी व उनके कुशल नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन ओर अधिक मजबूत व सक्रिय होगा।

दीपांशु ने अपनी नियुक्ति पर प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण गोयल व राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय बंसल का आभार प्रकट कर आश्वस्त किया कि आने वाले समय मे अग्रवाल समाज को मजबूत किया जाएगा व प्रदेशभर के ज्यादा से ज्यादा युवाओ को संगठन से जोड़ कर मजबूत किया जाएगा।राजनीति के क्षेत्र में अग्रवाल समाज के युवाओ की भागीदारी सुनिश्चित करवाई जाएगी व सामाजिक क्षेत्र में अग्रवाल समाज की युवा इकाई बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेगी।

गौरतलब है कि दीपांशु बंसल सामाजिक व राजनीतिक कार्यो में काफी सक्रिय रहते है और समय समय पर युवाओ व छात्र हितों की आवाज को उठाते रहते है।इसके साथ साथ अग्रवाल समाज को मजबूत करने के लिए कार्य करते रहते है।