रेलवे कुल चार लाख पदों पर नियुक्तियां करेगा: पीयूष गोयल
नई दिल्ली : केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए नई योजनाओं के साथ ही अलग-अलग विभागों में रिक्तियों की घोषणा कर रही है. पिछले करीब एक साल में सरकार ने रेलवे में ग्रुप सी और डी के करीब डेढ़ लाख पदों पर रिक्तियां घोषित की है. इन पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. 22 जनवरी को ग्रुप सी के लिए दूसरे चरण के कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट का आयोजन देश के अलग-अलग शहरों में किया गया है. इन पदों के लिए करीब दो करोड़ उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
युवाओं को रोजगार देने का बड़ा फैसला
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं को रोजगार देने का बड़ा फैसला किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले वर्ष करीब डेढ़ लाख पदों के लिए रिक्तियां घोषित की थी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दो साल में ढाई लाख और पदों पर रिक्तियां घोषित कर युवाओं की नियुक्ति की जाएगी. इस तरह रेलवे कुल चार लाख पदों पर नियुक्तियां करेगा.
दो साल में एक लाख कर्मचारी होंगे रिटायर
पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे में आने वाले समय में रेलवे में करीब ढाई लाख पदों पर और नियुक्तियां की जाएंगी. भारतीय रेलवे में अभी करीब 1 लाख 32 हजार पद खाली हैं. अगले दो सालों में एक लाख कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं. ऐसे में करीब ढाई पदों पर और नियुक्तियां करने की योजना है. मौजूदा नियुक्ति प्रक्रिया को जोड़ दें तो कुल चार लाख पदों पर रेलवे में नियुक्तियां की जाएंगी. उन्होंने बताया कि 12 लाख कर्मचारियों के साथ रेलवे सबसे बड़ा नियोक्ता है.
दो से ढाई महीने में पूरी होगी प्रक्रिया
उन्होंने यह भी बताया कि अभी सवा से डेढ़ लाख पदों के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया अगले दो से ढाई महीने में पूरी हो जाएगी. आपको बता दें कि ढाई लाख पदों पर होने पर भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. यह प्रकिया भी दो चरणों में पूरी होगी. पहले चरण में एक लाख 31 हजार 428 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी होगा. यह नोटिफिकेशन फरवरी या मार्च में जारी होने की उम्मीद है.
वहीं दूसरे चरण में 99 हजार पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. गोयल ने कहा कि युवा जोश के साथ भारतीय रेल की सेवा में आए. भर्तियों की घोषणा के अलावा रेल मंत्री ने पिछली सरकारों को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यदि पिछ्ली सरकारों ने आज की तरह रेलवे में निवेश किया होता तो आज जो परेशानी हो रही है वह नहीं होती