सामाजिक समरसता की जागरूकता हेतु माता मनसा देवी श्राइन से लड़कियों की यात्रा शुरू
पंचकूला 3 जनवरी।
हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने श्री मनसा देवी मंदिर पंचकूला से प्रदेश में सामाजिक समरसता लाने के लिए जागरूक करने हेेतू चलाई जा रही सामाजिक समरसता यात्रा को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने की।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह से रूबरू होते हुए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा कि मातृभूमि से वरदान सदैव अमर करने के लिए सामाजिक समरसता लाने के लिए चलाई यात्रा प्रदेश के अधिकांश जिलों का दौरा कर लोगों में चेतना लाने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि इंडियन मीडिया सेंटर -हरियाणा द्वारा आपसी भाईचारे को बढावा देने के लिए सामाजिक समरसता जागरूकता रैली का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मीडिया की ताकत किसी से छिपी नही है। चाहे कोई भी क्षेत्र हो आज के दौर मेें मीडिया एक शक्ति के रूप में उभरा है। चाहे देश के आजादी के आन्दोलन की बात रही हो या देश को नई दिशा की ओर ले जाने की बात रही हो, मीडिया ने हमेशा से ही बडी सराहनीय भूमिका निभाई है। देश और प्रदेश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मीडिया हमेशा से ही आगे रहा है। पत्रकारिता हमेशा से ही समाज एक महत्वपूर्ण अंग रही है
स्थानीय शहरी निकाय मंत्री ने कहा कि सामाजिक समरसता एक ऐसा विषय है जिसकी चर्चां करना एवं इसे ठीक प्रकार से कार्यान्वित करना आज समाज एवं राष्ट्र की मूलभूत आवश्यकता है। इसके लिए हमें सबसे पहले सामाजिक समरसता के अर्थ के अच्छे से जानना बहुत जरूरी है। संक्षेप में इसका अर्थ है सामाजिक समानता। यदि व्यापक अर्थ देखें तो इसका अर्थ है जातिगत भेदभाव एवं अस्पृश्यता को जड़मूल से उन्मूलन कर लोगों में परस्पर प्रेम एवं सौहार्द बढ़ाना तथा सभी को अपने समान समझना। सृष्टि में सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान है और उनमें एक ही चौतन्य विद्यमान है, इस बात को हृदय से स्वीकार करना बहुत ही आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यदि देखा जाये तो पुरातन भारतीय संस्कृति मेें कभी भी किसी के साथ भेदभाव स्वीकार नहीं किया गया है। हमारे वदों में भी जाति या वर्ण के आधार पर किसी भेदभाव का उल्लेख नहीं है।गुलामी के सैंकड़ों में आक्रमणकारियों द्वारा हमारे धार्मिक ग्रन्थों में कुछ मिथ्या बातें जोड़ दी गई जिससे उनमें कई विभूतियां आ गई जिसके कारण आज भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शास्त्रों में जाति के आधार पर नहीं बल्कि धर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था बतायी गई है। समय के साथ साथ इन व्यवस्थाओं में अनेक विकृतियां आती गई जिसके परिणामस्वरूप अनेक कुरीतियों वं कुप्रथाओं का जन्म हुआ। इन सबके कारण जातिगत भेदभाव छूआछूत आदि की प्रवृति बढती गई।
पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि किसी भी राज्य के सम्पूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों पीडि़तों के विकास के आधार पर होता है। सच्चा सर्वागीण विकास वही है जिसमें अंतिम छोर पर निवास करने वाले छोटे से छोटे आदमी तक विकास का फल पहुंचे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश का शासन ऐसा ही कल्याणकारी राज्य कहा जाता है। उनके जीवन कार्य का केन्द्र बिन्दु समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है।
श्री गुप्ता ने कहा कि पिछले चार वर्षो के कार्यकाल के दौरान वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी सभी वर्गो के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक उत्थन के जितना कार्य किया है इससे पहले किसी भी सरकारों ने नहीं किया। सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों से अधिक किया है। संत शिरोमणी रविदास, महर्षि वाल्मिकी कबीर दास तथा डा. बीआर अम्बेडकर जैसे महापुरूषों की जंयतियों को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पहली बार सरकारी तौर मनाने का निर्णय लेकर इन महापुरूषों को सच्ची श्रद्वांजलि दी है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां पर इन जयंतियों को सरकारी तौर पर मनाया जाता है।
श्री माता पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक एस पी अरोड़ा, बोर्ड की गैर सरकारी सदस्य श्रीमति शारदा प्रजापति, नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी जनरैल, इंडियन मीडिया सेंटर हरियाणा के महा सचिव नरेन्द्र सिंह संयोजक जंगशेर राणा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
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