पाकिस्तान को चीन के 40 बिलियन डॉलर चुकाने होंगे

CPEC के लिए अगले 20 सालों में पाकिस्तान चीन के 26.5 बिलियन डॉलर के निवेश के लिए उसे 40 बिलियन डॉलर कर्ज और मुनाफे के रूप में वापिस करेगा

चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर बॉर्डर के लिए अगले 20 सालों में पाकिस्तान चीन के 26.5 बिलियन डॉलर के निवेश के लिए उसे 40 बिलियन डॉलर कर्ज और मुनाफे के रूप में वापिस करेगा. एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को इसकी जानकारी दी गई है.

पहले खबरें थीं कि सीपीईसी में चीनी निवेश 50 बिलियन डॉलर के करीब है लेकिन एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी निवेश इसका लगभग आधा है.

39.83 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट में एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कर्ज 28.43 बिलियन डॉलर के करीब है. बाकी के 11.4 बिलियन डॉलर डिविडेंस यानी लाभांश के तौर पर दिए जाएंगे. ये आंकड़े मिनिस्ट्री ऑफ प्लानिंग एंड डेवलपमेंट के दस्तावेजों के हवाले से दिए गए हैं.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आकंड़ों से पता चलता है कि 50 से 62 बिलियन की लागत के बताए जा रहे सीपीईसी प्रोजेक्ट में निवेश लगभग आधा ही होगा.

रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले कुछ सालों में इस परियोजना के तहत बस एक ही प्रोजेक्टर तैयार हो सकता है, वो पाकिस्तान रेलवे का 8.2 बिलियन डॉलर का मेनलाइन-I प्रोजेक्ट है. लेकिन इन अनुमानों में इस प्रोजेक्ट की लागत नहीं बताई गई है.

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने ये आंकड़े पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ भी साझा किए थे. इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान अगले बीस सालों में हर साल चीन को 2 अरब बिलियन डॉलर चुकाएगा.

बता दें कि इस वक्त पकिस्तान गंभीर आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है. उसने आईएमएफ से आठ अरब अमेरिकी डॉलर की मदद मांगी है ताकि वह भुगतान का संकट हल कर सके.

वहीं पाकिस्तान बाहर से भी धन जुटाने की कोशिश कर रहा है. इस कोशिश में प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी और चीन जा चुके हैं, दोनों देशों ने उन्हें 6 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक राहत देने का आश्वासन दिया है.

इसी मुसीबत के बीच अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध भी खराब हो गए हैं और अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली अपनी 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी है.

Youth Congress threatens to stall release ‘Accidental Prime Minister’only if….

The trailer of political drama ‘The Accidental Prime Minister’ starring Anupam Kher in the lead role was unveiled, earlier in the day.

New Delhi: Soon after the trailer of ‘The Accidental Prime Minister’ was released, Maharashtra Youth Congress on Thursday wrote to the makers of the political drama, demanding the screening of the film before its release.

The youth wing added that if some of the scenes are found to be unfactual, those will have to be deleted else they would not let the movie to be screened anywhere in the country.

The trailer of political drama ‘The Accidental Prime Minister’ starring Anupam Kher in the lead role was unveiled, earlier in the day. The film, which is scheduled to hit the screens on January 11, 2019, is based on a book written by Sanjaya Baru by the same name.

The film has already created an immense buzz amongst the audience owing to its controversial subject. It aims to focus on the tenure of the former prime minister Dr Manmohan Singh, who ruled the country from 2004 to 2014.

ट्रिपल तलाक बिल के पक्ष में 245 और खिलाफ 11 वोट पड़े

कांग्रेस के सांसद मांग कर रहे थे कि ट्रिपल तलाक बिल को जॉइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने के बाद विरोध में उन्होंने वॉकआउट किया

लंबी चर्चा के बाद आखिरकार लोकसभा से ट्रिपल तलाक बिल को हरी झंडी मिल गई है. ट्रिपल तलाक बिल के पक्ष में 245 और खिलाफ 11 वोट पड़े हैं. बिल पर वोटिंग से पहले कांग्रेस और AIADMK ने वॉकआउट किया.

कांग्रेस के सांसद मांग कर रहे थे कि ट्रिपल तलाक बिल को जॉइंट सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने के बाद विरोध में उन्होंने वॉकआउट किया.

इससे पहले कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा था कि ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को हल नहीं किया जा सकता. उसे जीवन यापन करने में मदद नहीं मिलेगी. जबकि पुरुष जेल में है और यह गारंटी नहीं देगा कि वह अपने पति के साथ वापस आ सकती है, क्योंकि ट्रिपल तालक गैरकानूनी है.

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा था शाहबानो से लेकर शायराबानो तक हमारे पास कई उदाहरण हैं जिसमें पुरुषों ने आराम से कानूनन उन्हें तलाक दे दिया.

इसके जवाब में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि विश्वास के बावजूद, महिलाओं को स्वाभाविक रूप से बिना कारण तलाक नहीं चाहिए. महिलाएं भी खुश वैवाहिक जीवन जीना चाहती हैं. ईसाई, हिंदू महिलाओं की तरह वह भी अपना वैवाहिक जीवन बचाना चाहती हैं. पुरुषों को अपनी पत्नी को तलाक देने और उसे त्यागने का सर्वोच्च अधिकार नहीं दिया जा सकता है. तीन तलाक से सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से सामने आते हैं.

इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि जब इनके पास मौका था तो वो महिलाएं जो प्रताड़ित की जा रही थीं तो ये लोग उनके पक्ष में क्यों नहीं खड़े हुए. 477 बहनें ऐसी है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी ट्रिपल तलाक की शिकार हुई हैं. यदि किसी बहन के साथ ऐसा हो तो हमारी जिम्मेदारी है उसे न्याय दिलाना. इस देश ने वो मंजर भी देखा जब ये कहा गया कि अगर दहेज लिया या दिया जाता है तो इसमें सरकार का क्या काम, लेकिन वो खत्म हुआ.

स्मृति ईरानी ने कहा था कि तलाक-ए-बिद्दत एक क्रिमिनल एक्ट है. प्रधानमंत्री का विशेष अभिनंदन करती हूं, क्योंकि आपने राजनीति के मकसद से इसकी शुरुआत नहीं की. इंसाफ को अब तक देर हुई है, लेकिन अब वक्त खत्म हो गया है.

Lok Sabha passes triple talaq Bill

Before staging a walkout, the opposition demanded that a joint selection committee must be constituted to look into the bill.

The Muslim Women Bill 2018, which criminalises triple talaq, was on Thursday passed in the Lok Sabha. The bill was passed despite opposition parties, including the Congress, the AIADMK and the Samajwadi Party, staging a walkout before the voting on the bill began.

Before the walkout by the opposition parties, senior Congress leader Mallikarjun Kharge demanded that a joint selection committee must be constituted before the bill is passed. Citing that the issue is constitutional in nature, the Congress leader said, “A joint selection committee must be constituted and report must be submitted within 15 days.”

The bill was opposed in the Lok Sabha by members of several opposition parties. Speaking about the bill, All India Majlis-e-Ittehad-ul Muslimeen chief Asaduddin Owaisi said that the Bharatiya Janata Party (BJP)-led NDA government did not oppose the decriminalisation of homosexuality and adultery, but was criminalising triple talaq.

Targeting the government, Owaisi further said, “You talk about faith when a judgement comes on Sabarimala, but you don’t want to accept that it’s a matter of my faith when it comes to triple talaq.”

Union Law Minister Ravi Shankar Prasad replied to the debate on behalf of the government, asserting that the bill was not aimed at targeting any particular community or religion. He accused the Congress and other opposition parties of opposition the bill with the intention of protecting their votebanks.

On the opposition over the provision of the husband being jailed in case of triple talaq, the Law Minister said, “Everyone is speaking about the husband being jailed and questioning as to how the victim would get compensation in such case. But I want to ask the House, the husband is jailed even under anti-dowry act. But when that bill was passed, no one raised this question.”

Just before the bill was to be passed by a voice vote, the opposition sought a division and the bill was passed by 245 votes in favour and 11 against it. Several amendments moved by opposition were negated by a division that was insisted by opposition members.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर पर ठोका 50 करोड़ का मानहानि का दावा

चण्डीगढ़ 27 दिसम्बर 2018
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज एमएलए होस्टल में पत्रकार वार्ता में ये बड़ा ऐलान किया कि विगत में आरक्षण आन्दोलन को लेकर उन पर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर द्वारा मेयर चुनावों के दौरान उनकी छवि खराब करने के लिए जो झूठे और मनघड़ंत आरोप लगाये हैं उनको लेकर मनीष ग्रोवर पर मानहानि का दावा ठोकने जा रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इस आशय का नोटिस मंत्री को भेज भी दिया है।
पूर्व मुख्य मन्त्री ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किये। उन्होंने भाजपा सरकार को घोटालों की सरकार करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने बावल भूमि अवार्ड, धान तथा बाजरा खरीद, कपास बीज व कीटनाशक दवा खरीद, फसल बीमा योजना, डाडम समेत अनेक जगहों पर अवैध खनन, गैलवाल्यूम सीटस, बिजली मीटर खरीद, गुड़गांव मैट्रो रूट में बदलाव, हाईडल प्रोजैक्टस, रोडवेज में किलोमीटर स्कीम, एचएसएससी में नौकरियों की निलामी, एमपीएचडब्ल्यू नौकरियों में गोलमाल व गरीबो के लिए दाल खरीद में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि शासक पार्टी ने अपने ही घोषणा पत्र को नजर अंदाज कर दिया। उन्होंने, घोषणा पत्र में उल्लेख किये गये एक-एक वायदे पर मुकरने का आक्षेप लगाते हुए पूछा कि अवैध खनन पर रोक क्यों नहीं लग पाई, सरकार बनते ही बुढ़ापा पैंशन 2000 रूपये मासिक क्यों नहीं हुई, बेरोजगारों को 6000 और 9000 रूपये बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं दिया गया, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कूड़ेदान में क्यों डाल दिया गया, कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान क्यों नहीं दिया गया, हर जिले में नये मेडिकल कॉलेज सरकार क्यों नहीं खोल पाई और कौनसा विश्वविद्यालय अन्तर्राष्ट्रिय स्तर का बना ? सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा लगा रही है तो क्यों उनके ही विधायक और मंत्री पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं ?

पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि कांग्रेस की सरकार आते ही सहकारी व अन्य बैंकों से कृषि कार्यों के लिए लिये गये ऋण 6 घंटे में माफ कर दिये जाएंगे और 12 घंटे में बुढ़ापा पैंशन 3000 रूपये मासिक कर दी जायेगी तथा बिजली के बिल घटा कर आधे कर दिये जाएंगे। हमने अपने शासनकाल में गन्ना उत्पादकों को न केवल उच्चतम भाव दिया बल्कि समय पर गन्ने की पेमैंट सुनिश्चित की। जबकि भाजपा सरकार सीजन 2017-18 का मिलों पर किसानों का सैंकड़ों करोड़ रूपये का बकाया अभी तक नहीं दिला सकी। उन्होंने नारायणगढ़ सुगरमिल का जिक्र करते हुए बताया कि मिल बकाया पेमैंट में से 16 रूपये प्रति क्विंटल काट रही है। किसानों को न मिल पूरा पैसा दे रही है और न सरकार अपने हिस्से का पैसा दे रही है। भाजपा की यह पहली सरकार है, जो किसानों से नये ट्यूबवैल कनैक्शनों पर तारों के पैसे भी वसूल रही है। 2005 तक के पुराना बिल वसूली माफी भी ढ़कोसला है। वही बिल बट्टे खाते में डाले जिनकी वसूली सम्भव नहीं थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने 4 कंपनियों को मालामाल किया और किसानों के नुकसान की भरपाई केवल दिखावे की निकली।
पूर्व मुख्यमंत्री ने लचर कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुये कहा कि प्रदेश में अपराधियों के हौंसले बुलन्द हैं। यहां तक कि गुरूग्राम में तो हैड कांस्टेबल का ही अपहरण हो गया। किसी भी वर्ग या आयु के पुरूष या महिला सुरक्षित नहीं हैं। न संस्थान सुरक्षित हैं और न न्यायिक परिसर सुरक्षित हैं फिर भी सरकार अमन चैन का ढ़ोल पीट रही है।
हुड्डा ने कहा कि कर्मचारियों में भारी असन्तोष है। खासकर परिवहन विभाग में स्थिति असामान्य है। विभाग की किलोमीटर स्कीम ने कर्मचारियों को आन्दोलन पर जाने को मजबूर कर दिया, जिससे आम आदमी को भी भारी परेशानी हुई। सरकार की मन्शा आम आदमी को सुविधा देने की नहीं थी बल्कि चहेतों को लाभ पहुंचाने की थी। नीचे दिया गया चार्ट हमारे आरोपों की पुष्टि करता है:-
Cost per kilometre

  1. Haryana Roadways Rs. 36.50
  2. Punjab Rs. 21.92
  3. Pepsu Rs. 20.99
  4. Rajasthan Rs. 20.97
    उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का हाजमा इतना जबरदस्त है कि पत्थर, रेत, गरीबों की दाल तथा कर्मचारियों का तीन साल का मकान किराया भत्ता तक हजम कर गई।
    हुड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी, जो गंगहेड़ी (इमाईलाबाद) से नांगल चौधरी तक जाता है, के मुआवजे में नई भू-अधिग्रहण नीति के प्रावधानों की अनदेखी की गई है। रास्ते में पड़ने वाले बासमति धान, हरी सब्जियां व बागवानी जैसी ज्यादा लागत वाले रकबे के लिए विशेष मुआवजे का ध्यान नहीं रखा गया है। राजमार्ग में आने वाले मकानों, जमीन के अन्दर बिछाई गई पाईप लाईनों और वृक्षों का उचित मुआवजा तय नहीं किया गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार देते हुये उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई जगह हुई ओलावृष्टि के नुकसान की अभी तक विशेष गिरदावरी नहीं हुई है। कृषि विभाग कह रहा है कि रिकवरी सम्भव है पर शायद सरकार को नहीं मालूम कि औलों से टूटे सरसों के डंठल की रिकवरी सम्भव नहीं।
    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में हर जगह भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। यहां तक कि एचएसएससी के कैश फोर जॉब मामले में कोर्ट को दखल देनी पड़ी है। भाजपा सरकार भू-माफिया पर इतनी मेहरबान कि फरीदाबाद की 60 एकड़ भूमि अधिग्रहण से मुक्त कर दी गई, जो दशकों पहले अधिग्रहीत की गई थी तथा गुरूग्राम में बेशकीमती साढ़े तीन एकड़ जमीन जिसकी मार्किट वैल्यू 300 करोड़ रूपये से ज्यादा है मात्र 30 लाख रूपये में नकली भू-मालिकों को लोटा दी गई। अन्य कई जगहों पर भी व्यवसायिक शौरूम रिज्यूम करने के बाद रिअलॉट किये गये हैं और हर जगह बिचोलिये भाजपा से जुड़े लोग हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोई नया काम नहीं कर रही है बल्कि पहले से जारी स्कीमों का नाम बदल रही है। इसका उदाहरण हमारे समय के ई-दिशा केन्द्र का नाम बदल कर भाजपा सरकार सरल केन्द्र रख कर वाहवाही लूट रही है। सरकार की किसानों, व्यापारियों, कर्मचारियों, युवाओं व महिलाओं के प्रति बरती जा रही बेरूखी के कारण भाजपा राजनैतिक रूप से शून्य होती जा रही है। इनेलो का हर धड़ा आम आदमी की लड़ाई लड़ने की बजाये अपने स्वार्थ की लड़ाई लड़ रहा है, जिसके कारण वो अगले चुनावों तक अपना अस्तित्व तक भी खो देगा।

संस्कृत अध्यापकों की वरीयता सूची बनाकर जल्द पदोन्नत किया जाएगा: रमविलास शर्मा

चंडीगढ़, 27 दिसंबर:

हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि संस्कृत अध्यापकों की वरीयता सूची बनाकर जल्द पदोन्नत किया जाएगा, इस संबंध में उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
आज यहां चंडीगढ़ स्थित उनके कार्यालय में संस्कृत भारती हरियाणा के पदाधिकारियों द्वारा एक मांगपत्र सौंपा गया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक डॉ. राकेश गुप्ता, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक श्री ए.श्रीनिवास भी उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री ने संस्कृत भारती हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मांगपत्र में दिए गए सभी मामलों में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में संगठन के प्रांतीय मंत्री डॉ. जोगेंद्र, अध्यक्ष डॉ. रामनिवास, शिक्षण प्रमुख डॉ. जितेंद्र, ईशम सिंह, डॉ. रिंकू कौशिक, कमलकांत शामिल थे। 
 इनके अलावा, मौलिक अध्यापक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल भी जोगेंद्र के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री से मिला और जेबीटी अध्यापकों के अंतर जिला स्थानांतरण नीति लागू करने की मांग की जिस पर शिक्षा मंत्री ने इस मामले में भी सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

Triple talaq amendment bill pass in Lok Sabha

आईआईटी रुड़की के विद्यार्थियों ने बनाया भूकंप चेताने का यंत्र

यह प्रणाली लोगों को भूकंप की जानकारी उसके आने से 10 सेकेंड से एक मिनट पहले तक दे सकती है

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने भूकंप की चेतावनी देने वाली एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिसमें भूकंप से एक मिनट पहले लोगों को इसके आने की जानकारी मिल सकती है.

उत्तराखंड के कुछ इलाके में पहले से ही ऐसी प्रणाली लगी हुई है जिसमें ऐसे नेटवर्क सेंसर लगे हुए हैं जो भूकंप के बाद पृथ्वी के परतों से गुजरने वाले भूकंपीय तरंगों की पहचान करते हैं.

आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर मुक्तलाल शर्मा ने बताया, ‘मौजूदा समय में भूकंप का पूर्वानुमान लगाने के लिए जो तकनीक है, वह वास्तव में काम नहीं करता है. लोग सांख्यिकीय गणना यानी स्टैटिस्टिकल कैलकुलेशन के आधार पर इसका अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं लेकिन अब तक जितने भी तरीके पता हैं, वे सटीक नहीं हैं.’

दरअसल यह प्रणाली लोगों को भूकंप की जानकारी उसके आने से 10 सेकेंड से एक मिनट पहले तक दे सकती है.

शर्मा ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में विवर्तनिकी प्लेट (टेक्टोनिक प्लेट) की गतिविधि की वजह से भूकंप आता है, इसलिए देहरादून के लोगों को भूकंप से पहले सिर्फ 11 सेकेंड का समय मिलेगा जबकि दिल्ली में रहनेवाले लोगों को भूकंप से एक मिनट पहले इसकी चेतावनी मिल जाएगी.

शर्मा ने 16वीं भूकंप इंजीनियरिंग सेमिनार से इतर कहा कि भले ही इतना कम वक्त इमारतों को खाली कराने के लिए काफी न हो लेकिन इस चेतावनी की वजह से लोग खुद को खतरनाक चोटों से बचा सकते हैं. वहीं परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद करने, मेट्रो ट्रेन रोकने या गैस आपूर्ति रोकने में एक मिनट का समय मिलने से मदद मिल सकती है.

उन्होंने कहा, ‘हम इमारतों को नहीं बचा सकते लेकिन कुछ और जानें बचा सकते हैं.’ शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिलों में 100 से ज्यादा सेंसर लगाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के अन्य राज्यों में यह प्रणाली लगाने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण (एनडीएमए) और पृथ्वी मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय से भी संपर्क किया है. हालांकि अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की सरकार सुरक्शित अब कुट्टी के इस्तीफे का इंतज़ार

कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 15 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने के दावे को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख दिनेश गुंडु ने इस दावे को लोगों को गुमराह करने वाला बताया है

कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 15 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने के दावे को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है. कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख दिनेश गुंडु ने इस दावे को लोगों को गुमराह करने वाला बताया है.

बुधवार को बीजेपी विधायक उमेश कुट्टी ने दावा किया था कि कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर गठबंधन के 15 विधायक उनके संपर्क में है और अगर वह बीजेपी में शामिल होना चाहें तो पार्टी उनका स्वागत करने के लिए तैयार है. इस दावे पर कांग्रेस के राज्य प्रमुख ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी अध्यक्ष को अपने पद से इस्तीफा देना होगा.

आठ बार से विधायक कत्ती ने दावा किया था कि बीजेपी अगले सप्ताह तक नई सरकार का गठन कर लेगी. कुट्टी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब कहा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक हालिया मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं.

हाल ही में मंत्रिमंडल से बाहर किए गए वरिष्ठ नेता रमेश जरकिहोली पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दे चुके हैं. उन्होंने इस हफ्ते के आखिर में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसला लेने की बात कही थी.

हालांकि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि कोई भी विधायक इस्तीफा नहीं देगा और छह महीने पुरानी गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है. बुधवार को ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि पार्टी किसी भी असंतुष्ट कांग्रेस विधायक के संपर्क में नहीं है.

पंचकुला उपायुक्त स्वस्थ्य भारत यात्रा का करेंगे स्वागत

पंचकूला, 27 दिसंबर:

उपायुक्त श्री मुकुल कुमार 28 दिसंबर को प्रातः 10 बजे एमडीसी सेक्टर-4 पंचकूला में स्थित सिविल डिस्पेंसरी में संपूर्ण भारत साईकिल यात्रा के पंहुचने पर स्वागत करेंगे। यह जानकारी सिविल सर्जन डाॅ योगेश शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस के मौके पर इट राईट इंडिया मिशन के तहत आम लोगों को जागरुक करने के लिये संपूर्ण भारत साईकिल यात्रा व पोषण अभियान का शुभारंभ किया गया था। इस यात्रा का 28 से 30 दिसंबर तक जिला पंचकूला के कालका से होकर जाना निर्धारित किया गया है।