यह सर्कुलर “मार्क ऑफ़ रेस्पेक्ट” है : विज

 

हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए नए सर्कुलर पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सहमति दिखाते हुए इसे ठीक बताया है। विज ने कहा कि प्रोटोकॉल में एमपी और एमएलए का दर्जा चीफ सेक्रेटरी से ऊपर है। यदि एमपी या एमएलए सरकारी कार्यालय में जाता है तो उसे उनका अभिवादन करना चाहिए। विज ने कहा कुछ अधिकारी अभिवादन करते भी हैं कुछ नहीं भी करते जिनके लिए यह सर्कुलर जारी किया गया है। ऐसा जबरदस्ती क्यूं करवाया जा रहा है इस पर विज ने कहा कि जबरदस्ती नहीं यह मार्क आफ रिस्पेक्ट है।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार द्वारा नया सर्कुलर जारी किया गया है जिसमें अधिकारियों को एमएलए व एमपी को रिसीव करने के लिए खड़ा होना अनिवार्य होगा और उन्हें उचित इज्जत देते हुए जरूरी जानकारी और सरकारी काम में मदद करनी होगी। इतना ही नहीं इस सर्कुलर में सरकारी अफसरों को मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की फोन कॉल्स को इग्नोर न करने और व्यस्त होने की स्थिति में एसएमएस के जरिए तुरंत जवाब देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा सभी अधिकारियों की भाषा भी बहुत सभ्य हो। उनकी सभी अनुरोधों को ध्यानपूर्वक सुना जाए। सर्कुलर में अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा गया कि उनके क्षेत्र में कोई प्रोग्राम हो तो सांसद को जरूर बुलाएं और उन्हें सुविधाजनक सीट दें। अगर एक सांसद का निर्वाचन क्षेत्र दो जिले में पड़ता है तो अधिकारी दोनों जिलों में सांसद को बुलाएं।

Translators required @APANONews, Oregon (USA)

 

Valarie Kaur a lawyer in Oregon in her tweet stated that atleast 70 out of 123 immigrants detained are South Asians , 52 of them are from India who speak Punjabi who need translators.

She has requested for translators and has further requested to contact @APANONews

फीफा वर्ल्ड कप 2018 का 5 वां दिन

फीफा वर्ल्ड कप 2018 के पांचवें दिन के खेल में ग्रुप एफ में स्वीडन ने साउथ कोरिया को हराया. वहीं पहली बार वर्ल्ड कप खेल रही पनामा को बेल्जियम ने 3-0 से मात दी. इसके अलावा हैरी केन के गोल ने इंग्लैंड को ग्रुप जी के मैच में ट्यूनिशिया के खिलाफ जीत दिलाई. फीफा वर्ल्ड कप के पांचवें दिन स्वीडन का दक्षिण कोरिया से मुकाबला हुआ. (सभी तस्वीरें एएफपी)
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
स्वीडन के कप्तान आंद्रियास ग्रैनक्विस्‍ट ने इस मैच में एक गोल दागा.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
मेक्सिको की जर्मनी पर आश्चर्यजनक जीत के बाद ग्रुप एफ में स्वीडन साझा टॉप लिस्ट में है.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
पनामा ने फीफा वर्ल्ड कप में अपना डेब्यू मैच बेल्जियम के साथ खेला, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
बेल्जियम ने सभी गोल खेल के दूसरे हाफ में किए. पनामा बेशक इस मैच को गंवा बैठी, लेकिन इस टीम ने पहले हाफ में जो प्रदर्शन किया वो जबरदस्त था.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
बेल्जियम ने फिस्ट स्टेडियम में अपनी 20वीं जीत का जश्न मनाया.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
हैरी केन ने टूर्नामेंट के पांचवे दिन के खेल के फाइनल मुकाबले में ओपनिंग गोल किया.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
ट्यूनीशिया के फिरजानी सस्सी हाफ टाइम में एक गोल करके इंग्लैड के खिलाफ मैच को बराबर किया.
FIFA World Cup 2018: बेल्जियम की शानदार जीत, इंग्लैंड ने ट्यूनीशिया को हराया
वहीं हैरी केन ने स्टॉपेज टाइम में गोल करके ट्यूनीशिया को 2-1 से हराया.

 

जापान कोलम्बिया से 2-1 से जीता

सचमुच फीफा वर्ल्ड कप 2018 उलटफेर का वर्ल्ड कप बनता जा रहा है. अब एक और बेहद मजबूत टीम कोलंबिया को खुद से काफी कमजोर टीम जापान से हार का सामना करना पड़ा है. विश्व रैंकिंग में 16 नंबर की टीम कोलंबिया को 61वें नंबर की जापान ने 2-1 से हरा दिया. आपको बता दें कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी एशियाई टीम ने साउथ अमेरिकन टीम को हराया हो.

इस मैच में कोलंबिया के कप्तान, स्टार स्ट्राइकर और साल 2014 के गोल्डन बूट विजेता जेम्स रॉड्रीगेज पहले हाफ में बेंच पर ही बैठे रहे थे लेकिन दूसरे हाफ में वो मैदान पर आए और खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए.

जापान के शिंजी कगावा ने आसान पेनल्टी को गोलपोस्ट में डाला और जापान को 1-0 से बढ़त दिला दी. हालांकि हाफ टाइम से ठीक पहले जुआन फर्नान्डो क्विंटेरो ने (39वें मिनट)एक शानदार गोल के साथ कोलंबिया को 1-1 की बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया.

अपने डिफेंस को और भी मजबूत कर दूसरे हाफ में उतरी कोलंबिया ने 54वें मिनट में जापान की ओर से की गई गोल की एक अच्छी कोशिश को नाकाम कर दिया. ओसाका ने शॉट मारा, लेकिन कोलंबिया के गोलकीपर ओस्पिना ने इसे बेहतरीन तरीके से सेव कर लिया. जापान के खिलाड़ी दूसरे हाफ में कई बार कोलंबिया के गोल पोस्ट तक पहुंचे लेकिन गलत शॉट के कारण बढ़त हासिल नहीं कर पाए.

जापान का डिफेंस और गोलकीपर कावाशीमा इस मैच में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे.अपने डिफेंस के साथ कोलंबिया की सारी कोशिशों को नाकाम करते हुए अंत में जापान ने 2-1 से जीत हासिल की.

झूठ बोल कर 2 आईएस ने लिया हवाई यात्रा का मज़ा

 

चंबा गए हरियाणा सरकार के दो IAS अधिकारियों ने झूठ बोलकर हरियाणा सरकार को लाखों का चूना लगा दिया। इस घटना को अंजाम देने वाले अफसरों में हरियाणा सरकार में अतिरिक्त सचिव , उनका दोस्त व करनाल व चंबा के एडीसी शामिल हैं। हरियाणा के इन दो अफसरों आैर चंबा के एडीसी ने बड़ा भंगाल में फंसे होने का नाटक करके हिमाचल सरकार से हेलीकाॅप्टर मांगा कि वहां एक महिला को सांप ने काट लिया है और उन्हें तुरंत एअर लिफ्ट की जरूरत है। हिमाचल सरकार के पास छोटा हेलीकाॅप्टर मौजूद नहीं था, इसलिए हरियाणा सरकार ने अपना हेलीकाॅप्टर भेजा।

इन अफसरों और महिला को बड़ा भंगाल से बाहर निकालने के लिए हरियाणा से हेलिकाॅप्टर तो आया लेकिन इसमें सिर्फ हरियाणा के ही दोनों अफसर बाहर निकले, जबकि एडीसी चंबा वहीं ठहरे। इस हेलिकाप्टर में वे महिला लाई ही नही गई।

महिला के इलाज के लिए गग्गल में एंबुलेंस भी थी, वह महिला लाई ही नहीं गई। हरियाणा सरकार के इन अफसरों का हेलिकाप्टर कांगड़ा की तरफ आया ही नहीं, वो सीधा भंगाल से उड़कर पिंजौर में उतर गया। हिमाचल प्रदेश सरकार की अफसरशाही ने इसे गंभीरता से लिया और हरियाणा सरकार को इस बारे में सूचित किया है। बहरहाल हरियाणा सरकार ने अभी कोई कार्रवाई नहीं की है।

हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद का गठन

 

हरियाणा सरकार ने हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद का गठन किया है। पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली के डा. कुलवंत सिंह चहल, गुरुग्राम के डा. जगदीप यादव, करनाल के डा. शक्ति सिंह और सिरसा के डा. धर्मवीर सिंह को परिषद का सदस्य चुना गया है जबकि अध्यक्ष पशु चिकित्सा विज्ञान, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार इस परिषद के पदेन सदस्य होंगे।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग, मेवात (नूंह) के उप-निदेशक डा. नरेंद्र यादव, पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग फरीदाबाद की उपमंडल अधिकारी डा. नीलम आर्य और पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग चरखी दादरी के सेवानिवृत्त उपनिदेशक डा. दिलीप सांगवान को परिषद का सदस्य और पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग, पंचकूला के महानिदेशक को पदेन सदस्य मनोनीत किया गया है।

इसी प्रकार, राज्य पशु चिकित्सा संघ द्वारा पशु चिकित्सालय खरखौदा, जिला सोनीपत के पशु चिकित्सक प्रभारी डा. भगवान को परिषद में सदस्य मनोनीत किया गया है जबकि रजिस्ट्रार, हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद इसके पदेन सदस्य होंगे। हरियाणा पशु चिकित्सा परिषद का मुख्यालय पंचकूला में होगा और परिषद की वर्ष में कम से कम 2 बैठक परिषद द्वारा नियत समय एवं स्थान पर होंगी। बैठकों की कार्रवाई का विवरण सीधे सरकार को भेजा जाएगा।

बच्चों के प्रति अधिक संवेइदन शील होने की आवश्यकता है : कविता जैन

 

हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने कहा कि बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों को कम करने के लिए महाअभियान की आवश्यकता है ताकि बच्चे भयमुक्त वातावरण में जी सकें। जैन जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट 2015, प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सैक्सुअल ऑफैन्सेस (पोक्सो) एक्ट ,2012 व रैस्टोरेटिव जस्टिस विषयों पर आयोजित 2 दिवसीय उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रीय समीक्षा सम्मेलन में संबोधित कर रही थी।

इस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और हरियाणा सरकार के आपसी सहयोग से किया जा रहा है। जैन ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बच्चों के समस्त अधिकारों का एक समावेश है, जिसमें बच्चों को शिक्षा का अधिकार, समानता का अधिकार, निजता का अधिकार या उनके खिलाफ हो रहे किसी भी अपराध के विरुद्ध लड़ाई लडऩे का अधिकार प्राप्त है।

संत कबीर जी की 620 वीं जयंती

 

संत कबीर धानक समाज कर्मचारी वैल्फेयर एसोसिएशन हरियाणा और प्रदेश भर के धानक समाज के निवेदन पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आगामी 15 जुलाई 2018 को संत शिरोमणि सद्गुरु कबीर साहिब के 620वें प्रकटोत्सव पर फतेहाबाद में होने वाले कबीर महाकुम्भ कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करेंगे जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी करेंगे। अनुसूचित जनजाति वित्त विभाग की चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल के अनुसार इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए सभी एक साथ प्रयासरत हैं।

शिखा शर्मा एक्सिस से एग्जिट

भारतीय बैंकिंग की दो शिखर महिलाएं इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही हैं. एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा ने बैंक छोड़ने का मन बना लिया और आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर वीडियोकॉन को दिए गए लोन में पति और देवर की भूमिका के खिलाफ जांच की वजह से संदेह के घेरे में हैं.

एक्सिस बैंक के लगातार बढ़ते एनपीए, कुछ लोन के डायवर्जन और नोटबंदी के दौरान कुछ बैंक अधिकारियों की भूमिकाओं के बाद एक्सिस बैंक बोर्ड में शिखा शर्मा के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया था और अब उन्होंने खुद इससे अलग होने का मन बना लिया है. दूसरी ओर चंदा कोचर के सीईओ बने रहने के मामले में आईसीआईसीआई बोर्ड के बंटने की खबरें आ रही हैं. दिलचस्प यह है कि दोनों ने दिग्गज बैंकर और आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ रह चुके के वी कामथ की शागिर्दी में बैंकिंग के गुर सीखे हैं.

एक्सिस बैंक में शिखा शर्मा की भूमिका का विश्लेषण करते हुए ब्लूमबर्ग क्विंट की बैंकिंग, फाइनेंस और इकोनॉमी एडिटर ईरा दुग्गल लिखती हैं- एक्सिस बैंक में शिखा शर्मा की एंट्री तूफानी थी. साल 2000 से ही यूटीआई बैंक के चेयरमैन रहे पीजे नायक किसी बाहरी शख्स को एक्सिस बैंक का सीईओ बनाने के पक्ष में नहीं थे. लेकिन बोर्ड शिखा शर्मा के पक्ष में था. काफी हंगामा हुआ और आखिर बोर्ड की जीत हुईं तो शिखा सीईओ बन गईं. 2009 में उन्होंने सीईओ के तौर पर एक्सिस बैंक की सीईओ की कमान संभाली.

लेकिन 2018 में उनकी होने वाली विदाई भी इसी तरह हंगामाखेज साबित हुई है. रिजर्व बैंक ने चौथी बार उन्हें सीईओ बनाए जाने पर एतराज जताया. इसके बाद से ही उनके बाहर जाने की खबरें उड़ने लगी थीं. बहरहाल, अपने 9 साल के कार्यकाल में शिखा ने एक्सिस बैंक की ग्रोथ में खासी अहम भूमिका निभाई. लेकिन यह ग्रोथ बैंक की एसेट क्वालिटी में गिरावट की कीमत पर आई. 2011 में बैंक ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बड़े पैमाने पर लोन देना शुरू किया लेकिन 2015 तक ये फंस गए. 2016 में बैंक का एनपीए बढ़ गया और ऑडिट रिपोर्ट से पता चला कि एसेट क्वालिफिकेशन में भी डायवर्जन हुआ. एक्सिस बैंक की छवि को नोटबंदी के दौरान काफी धक्का लगा. बैंक के कई अधिकारी नोट बदलने के आरोप में पकड़े गए. इसके अलावा कोटक-एक्सिस बैंक मर्जर की अफवाहों ने भी शिखा शर्मा को आलोचनाओं के घेरे में ला दिया.

वित्त वर्ष 2017 में बैंक ने 21,280 करोड़ रुपये का बैड लोन घोषित किया था लेकिन आरबीआई ने पाया कि बैड लोन 26,913 करोड़ रुपये का था. 5,633 करोड़ और इसके पिछले वित्त वर्ष में 9,480 करोड़ रुपये का डायवर्जन आरबीआई को नागवार गुजरा था. रिजर्व बैंक शिखा शर्मा के नेतृत्व में बैंक के कामकाज से खुश नहीं था और आखिरकार बोर्ड में भी उन्हें पहले जैसा समर्थन मिलने की खबरें नहीं आ रही थीं. बहरहाल, शिखा शर्मा नए कार्यकाल के सात महीने के बाद ही बैंक छोड़ने की इजाजत मांगी है. साफ है कि शुरुआत में सफल पारी खेलने के बाद शिखा शर्मा लगातार बिगड़ते हालातों को संभाल नहीं पाई और उन्हें एग्जिट रूट ढूंढना पड़ा.

  • आरबीआई शिखा की चौथी पुनर्नियुक्ति से नाखुश एक्सिस बैंक के एनपीए में भारी इजाफा
  • बैड लोन के क्लासिफिकेशन में डायवर्जन
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में दिए बड़े लोन फंसे
  • नोटबंदी के दौरान बैंक अफसरों की भूमिका से बदनामी
  • कोटक-एक्सिस मर्जर के अफवाहों से भी शिखा पर घेरा

शिखा शर्मा ने जून में ही अपना पद छोड़ने का मन बनाया था. लेकिन बोर्ड से मशविरे के बाद उन्होंने इस साल दिसंबर में बैंक छोड़ने का मन बनाया है ताकि कामकाज के स्मूद ट्रांजिशन में कोई दिक्कत न आए. एक्सिस बैंक का बोर्ड नए सीईओ की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगा.

इस मामले के जानकार एक दूसरे शख्स ने बताया कि शिखा शर्मा ने पिछले साल ही यह कर बैंक छोड़ने का इरादा जताया था कि उन्हें एक्सिस से बाहर ज्यादा वेतन पर नई भूमिका मिल रही है. लेकिन बैंक ने उन्हें एक्सिस में बने रहने लिए मना लिया. हालांकि आरबीआई की ओर से उनकी दोबारा नियुक्ति को मंजूरी में देरी की वजह से शिखा दोबारा बोर्ड में इस आवेदन के साथ आईं कि उनकी छुट्टी मंजूर की जाए. आखिरकार बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी और उन्हें नए सीईओ की नियुक्ति तक पद पर बने रहने को कहा.

पिछले साल एक्सिस बैंक ने इगॉन झेंडर को कंस्लटेंट के तौर पर नियुक्त किया था. उन्हें नए सीईओ की पहचान करनी थी. शुरुआती खोजबीन के बाद आखिरकर शिखा शर्मा को ही दोबारा नियुक्त करने का फैसला किया गया. शिखा की दोबारा नियुक्ति से पहले कहा जा रहा था कि जून 2018 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है और वह इस पद पर आगे नहीं रहेंगी. लेकिन उन्हें दोबारा बहाल कर बोर्ड ने यह अनिश्चितता खत्म कर दी थी. हालांकि अब शिखा शर्मा ने खुद ही बैंक से अलग होने का फैसला किया है.

चंदा कोछर ???

 

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर पिछले साल तक आइकन थीं. सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से नवाजा है. टाइम मैगजीन ने उन्हें दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की सूची में शामिल किया है. वह बैंकिंग की दुनिया की सबसे ताकतवर शख्स में शुमार थीं. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किए जाने के सात साल बाद ही वह खुद को भ्रष्टाचार के आरोप से घिरी पाएंगीं. और जिस बैंक को उन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया उसी का बोर्ड उन्हें छुट्टी पर भेज देगा.

2009 में 48 वर्ष की उम्र में वह आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनीं. किसी निजी बैंक की सीईओ बनने वाली वह सबसे कम उम्र की प्रोफेशनल थीं. चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक के लिए चार ‘सी’ पर आधारित रणनीति तय की – कॉस्ट, क्रेडिट, करंट-सेविंग अकाउंट और कैपिटल के गिर्द बुनी गई यह स्ट्रेटजी बैंक को बुलंदियों तक ले गई. थोड़े वक्त के लिए आईसीआईसीआई बैंक की रफ्तार थोड़ी थमी लेकिन चंदा कोचर ने इसे फिर फास्ट ट्रैक पर दौड़ा दिया.

2008 में लेहमैन ब्रदर्स के ध्वस्त होने के बाद शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट से आईसीआईसीआई बैंक को बचा ले जाने में उनकी अहम भूमिका रही है. बैंक के रिटेल बिजनेस को खड़ा करने में उन्होंने जबरदस्त भूमिका निभाई. कोचर का करियर जिस मुकाम पर है वह किसी के लिए भी सपना हो सकता है. 1984 में आईसीआईसीआई में उन्होंने मैनेजमेंट ट्रेनी से शुरुआत की थी और 25 साल बाद वह आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ बन गईं.

लेकिन इस बुलंदी पर चंदा कोचर आरोपों से घिर गईं. चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के बीच कथित गठजोड़ के खिलाफ सीबीआई की जांच से उन पर दबाव काफी बढ़ गया है.

आरोप है कि धूत ने दीपक कोचर की कंपनी Nu-power को करोड़ों रुपये दिए. जबकि धूत की कंपनी को लोन के तौर पर आईसीआईसीआई से मिला 3250 करोड़ रुपये का लोन एनपीए में तब्दील हो चुका है.

पहले तो आईसीआईसीआई बैंक इस सौदे में चंदा कोचर की भूमिका स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था. लेकिन शेयर होल्डरों के दबाव और बोर्ड में ही चंदा कोचर पर उठे सवाल ने बैंक को जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाने के लिए मजबूर किया. इस बीच, खबरें आती रहीं की चंदा कोचर की छुट्टी कर दी जाएगी. लेकिन अब जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है.

चंदा कोचर पर भले ही सीधे आरोप न लगे हों लेकिन पति दीपक कोचर, देवर राजीव कोचर और Nu-power के सीईओ से सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. यह उस बैंकर की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल है, जिसके प्रोफेशनल अंदाज की बैंकिंग के दुनिया के लोग कसमें खाते हैं. अगर वीडियोकॉन और कोचर परिवार के बाच साठगांठ साबित हो जाती है तो चंदा के चमचमाते करियर के साथ उनकी निजी साख भी वक्त के अंधेरे में दफन हो जाएगी.