International Gita Mahotsav 2018 will be organised from December 7-23 in Haryana’s Kurukshetra city.

 

Announcing this, Haryana Chief Minister Manohar Lal on Friday said for the first time, Gita Mahotsav will also be organized in Mauritius in the month of February 2019. Besides, Mauritius will be the partner country in the celebrations of upcoming International Gita Mahotsav 2018 at Kurukshetra, he said.

The State Government’s efforts to promote the teaching of sacred ‘Srimad Bhagavad Gita’ at the global level has started yielding fruitful results with countries showing interest to partner with Haryana for celebrations of Gita Mahotsav, Manohar Lal said while talking to the mediapersons at New Delhi.

While national BJP President Amit Shah would be the chief guest on inaugural programme on December 13, External Affairs Minister Sushma Swaraj and former President Pranab Mukherjee would remain present on December 18.

He said that the present State Government has been organising the Gita Mahotsav at international level since 2016.

This, year, the International Gita Mahotsav -2018 to be organised from December 7 to 23, would have Mauritius as partner country and Gujarat as partner state.

The International Gita Mahotsav, an annual event, is organized every year in collaboration with Kurukshetra Development Board (KDB) at Kurukshetra.

On this occasion, he also greeted the people on the auspicious occasion of Kartik Purnima and 550th Prakash Parv of Guru Nanak Dev.

He said the KDB who has been organizing programmes and events for the promotion of Gita has also completed its 50 years on November 23.

The programme of Gita Jayanti started in the year 1989. Gradually, the Gita jayanti Mohtsav was started organizing at national level. However, the present State Government has been organizing Gita Mahotsav of international level since 2016, he added.

The Chief Minister said that the main event would be organized from December 13 to December 18. Haryana Governor Satyadeo Narain, Tripura Governor Prof Kaptan Singh Solnaki, Odisha Governor Prof. Ganeshi Lal and other prominent personalities would also grace the event with their presence.

He said that besides the Art and Culture Minister of Mauritius, the event would be attended by diplomats of 15 different countries.

While underlining the significance of Gita in the mental and spiritual development of human being, he said that the Lord Krishna had delivered the celestial message of Gita on the holy land of Kurukshetra 5156 years ago.

The episode was unique in itself as the battlefield saw simultaneous use of weapons and scripture. Various prominent personalities including the astronaut Sunita Williams has acknowledged the significance of this holy book, Manohar Lal said.

The Chief Minister further said that the International Gita Mahotsav which would saw the participation from prominent saints like Shri Shri Ravi Shankar, Swami Ramdev, and Shankracharya and various social and religious organizations would also be organized at district and block level.

For the first time, it has been decided to organize “Gita Sansad” in more than 30 colleges of the state in which discussion would be held on the sacred scripture so as to effectively disseminate the message of Gita among the students. Apart from this, to spread the message of global peace and harmony, Ashtadashi Shaloki Gita would be recited by 18,000 students simultaneously in Kurukshetra at 12 noon on December 18, he added.

International Crafts and Saras Mela would be inaugurated on December 7 in which artist and artisans of national and international repute would add colour to the event. Similarly, Sant Sammelan would be organized on December 16 in which renowned saints from country and abroad would participate.

Also, Gita quiz competition, essay writing and declamation contest would be organized. Online competitions would also be organized in which Gita followers of the country and abroad could participate. Paint the wall competition would also be organized in which about 200 prominent painters would paint the walls of Kurukshetra on the subject of Mahabharta.

Haryana Pavilion would be set up showcasing the culture of Haryana. Apart from this, evening aarti and light and sound show at Brahamsarovar, cultural programmes by national and international artists on Kurukshetra, Gita, Krishna and Mahabharta and Gita Book Fair are the other event that would attract the people visiting the Mahotsav.

Member of KDB Shyam Kishore informed that this year, Kumbh Mela would also be organized in Kurukhshetra for the first time from December 3 to December 7.

पीएम मोदी आज रायबरेली और प्रयागराज के दौरे पर हैं. रायबरेली का पीएम मोदी का यह पहला दौरा है. प्रधानमंत्री ने यहां पर 1100 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया. 

पीएम मोदी ( फाइल फोटो)


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज के अंदावा में एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान वे कांग्रेस पर खूब बरसे. इससे पहले पीएम मोदी ने यहां पर कुंभ कमांड और कंट्रोल सेंटर का लोकार्पण किया. पीएम इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाइक संगम तट पर गंगा पूजन में शामिल हुए. पी


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प्रधानमंत्री @narendramodi प्रयागराज में संगम तट पर गंगा पूजन कर रहे है।


UPDATES…

पीएम ने कांग्रेस नेतृत्व पर हमला किया और कहा कि कांग्रेस के नेताओं की यह प्रवृत्ति रही है. इस प्रवृत्ति में देश की संवैधानिक संस्थाओं को पार्टी के आगे हाथ बांधे खड़ा रहने पर मजबूर किया जाता है और जो झुकता नहीं उसे तोड़ने की कोशिश की जाती है. पीएम ने कहा कि ये उनकी राजशाही सोच है जो उन्हें निष्पक्ष संस्थाओं को बर्बाद करने को उकसाती रहती है. पीएम ने कहा कि हाल में ही हमने देखा कि कैसे उन्होंने न्यायपालिका के सर्वोच्च न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की कोशिश की गई. पीएम मोदी के मुताबिक जजों को ड़राने धमकाने की ये कोशिश उनकी पुरानी सोच का हिस्सा रही है.

– पीएम मोदी ने कहा कि इस बात को प्रयागराज और यूपी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है कि कांग्रेस को न्यायपालिका क्यों पसंद नहीं है? नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूपी के लोग वो दिन याद करें जब इस पार्टी की सर्वोच्च नेता द्वारा यहां जनमत को अपमानित करने काम किया गया था? क्या ये लोकतंत्र का अपमान नहीं था?

सरकार का पूरा प्रयास है कि यहां भारत के गौरवशाली अतीत के दर्शन और वैभवशाली भविष्य की झलक दुनिया को दिखने को मिले: पीएम मोदी

-केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि ये आयोजन दर्शनीय, दार्शनिक और दिव्य बने: पीएम मोदी 

 नमामि-गंगे परियोजना में करीब 150 घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाना है. इसमें से करीब 50 घाटों का काम पूरा हो गया है: पीएम मोदी

-आज जो प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है उसमें गंगाजी की सफाई और यहां के घाटों के सुंदरीकरण से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं: पीएम मोदी

-1700 करोड़ रुपए की लागत से बने सीवेज-ट्रीटमेंट प्लांट्स से शहर के करीब एक दर्जन नालों को सीधे गंगा जी में बहने से रोका जा सकेगा: पीएम मोदी

– सरकार का प्रयास है कि इस बार अर्धकुंभ में तप से तकनीक तक के हर पहलू का अनुभव दुनियाभर के लोगों को मिल सके: पीएम मोदी

– अध्यात्म, आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी कितनी भव्य और बेजोड़ हो सकती है, इसका अनुभव लेकर लोग यहां से जाएं, इसकी कोशिश की जा रही है: पीएम  मोदी

– सरकार ने कुंभ के दौरान कनेक्टिवटी से लेकर यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया है. कुंभ को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय इस बार भी अनेक नई ट्रेनें चलाने जा रहा है: पीएम मोदी

– इस बार सभी श्रद्धालु अक्षयवट के दर्शन कर सकेंगे. कई पीढ़ियों से ये अक्षयवट किले में बंद था. लेकिन इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा : पीएम मोदी


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इस बार सभी श्रद्धालु अक्षयवट के दर्शन कर सकेंगे।

कई पीढ़ियों से ये अक्षयवट किले में बंद था।

लेकिन इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi https://www.facebook.com/BJP4India/videos/282449199124574/ 


– तप, तपस्या, संस्कृति, संस्कार की धरती तीर्थराज प्रयाग के जन-जन को मेरा सादर प्रणाम: पीएम मोदी

– पीएम मोदी यहां पर कई योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे हैं.

गांधी परिवार के गढ़ से कांग्रेस पर बोला हमला

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली पहुंचे. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उनसे पहले भी नेहरू-गांधी परिवार का राजनीतिक दुर्ग रहे रायबरेली का पीएम मोदी का यह पहला दौरा था. रायबरेली पहुंचने पर पीएम मोदी ने मॉडर्न कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया. प्रधानमंत्री ने यहां पर 1100 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया.

पीएम मोदी ने इसके बाद यहां पर एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. रक्षा सौदे पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने वायुसेना को कभी मजबूत नहीं होने दिया. रक्षा सौदे के मामले में कांग्रेस का इतिहास क्वात्रोची मामा का रहा और कुछ दिन पहले एक और आरोपी मिशेल चाचा को लाया गया है और हमने देखा है कि कांग्रेस कैसे इनको बचाने के लिए अपना वकील अदालत में भेजी. कांग्रेस क्या इसलिए भड़की हुई है क्योंकि बीजेपी सरकार जो रक्षा सौदे कर रही उसमें क्वात्रोची मामा और मिशेल अंकल नहीं हैं.

क्या कहा पीएम मोदी ने

– बीते कुछ समय से कर्जमाफी को लेकर भी कांग्रेस बड़ी-बड़ी बातें कर रही है. कर्नाटक में कांग्रेस ने किसानों से कर्जमाफी का वादा किया था. सिर्फ 10 दिन की बात कही गई थी लेकिन आज 6 महीने बाद सच्चाई कुछ और है: पीएम मोदी

 – कांग्रेस का इकोसिस्टम आपको कभी नहीं बताएगा कि सिर्फ इस फैसले से देश के किसानों को 60 हजार करोड़ रुपए मिलना तय हुआ है: पीएम मोदी

-एनडीए सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए MSP पर स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया. खरीफ और रबी की 22 फसलों पर MSP को सुनिश्चित किया गया है : पीएम मोदी

-कांग्रेस के पास इस बात का क्या जवाब है कि जब वो दस साल तक सत्ता में रही, तो क्यों उसने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया? इस बात का जवाब कांग्रेस कभी नहीं देगी और न ही उसका बनाया इकोसिस्टम उससे कभी ये जवाब मांगेगा: पीएम मोदी

–  केंद्र में हमारी सरकार बनने के बाद 2016 में हमने सेना के लिए 50 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदी. मैं देश को ये भी जानकारी देना चाहता हूं कि इस साल अप्रैल में पूरी 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट का ऑर्डर दिया जा चुका है. ये जैकेट भारत की ही एक कंपनी बना रही है.

– 2009 में भारतीय सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी. 2009 से लेकर 2014 तक पांच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई : पीएम मोदी

– कांग्रेस ने वायुसेना को मजबूत नहीं होने दिया. रक्षा सौदे के मामले में कांग्रेस का इतिहास क्वात्रोची मामा का रहा और कुछ दिन पहले एक और आरोपी मिशेल चाचा को लाया गया है और हमने देखा है कि कांग्रेस ने कैसे इनको बचाने के लिए अपना वकील अदालत में भेज दी. कांग्रेस क्या इसलिए भड़की हुई है क्योंकि बीजेपी सरकार जो रक्षा सौदे कर रही उसमें क्वात्रोची मामा और मिशेल अंकल नहीं है. हमारे लिए हमेशा दल से बड़ा देश है. पीएम मोदी

– आज देश के सामने दो पक्ष है, एक पक्ष सत्य का है, सुरक्षा का है. दूसरा पक्ष उन ताकतों का है जो किसी भी कीमत पर देश को कमजोर करना चाहते हैं. कांग्रेस उन ताकतों के साथ खड़ी है जो हमारी सेनाओं को मजबूत नहीं होना देना चाहते हैं, ऐसे लोगों की कोशिशों को किन देशों से समर्थन मिल रहा है देश देख रहा है. भाषण यहां दिया जाता है और तालियां पाकिस्तान में बजती हैं. कुछ लोगों के लिए रक्षा मंत्रालय झूठा है, रक्षा मंत्री झूठी हैं, कुछ लोगों को कोर्ट भी झूठा दिखता है, सच को श्रृंगार की जरूरत नहीं होती और झूठ जितना भी बोलो उसमें जान नहीं होती है: पीएम मोदी

– आज मुझे ये कहते हुए गौरव का एहसास हो रहा है कि आने वाले समय में रायबरेली, रेल कोच निर्माण के मामले में एक ग्लोबल हब बनने वाला है: पीएम मोदी

– इतना ही नहीं, 2014 में हमने ये भी देखा कि यहां की कोच फैक्ट्री में एक भी नई नियुक्ति नहीं हुई थी. अब आज की स्थिति ये है कि लगभग 2 हजार नए कर्मचारियों को हमारी सरकार ने नियुक्त किया है:पीएम मोदी

– जब पहले की सरकार ने यहां पर रेल कोच फैक्ट्री का निर्माण तय किया था, तो ये तय हुआ था कि 5000 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी. लेकिन स्वीकृति इसके आधे पदों को ही दी गई: पीएम मोदी

–  अगर कोच फैक्टरी की क्षमता बढ़ेगी तो यहां के युवाओं के लिए हर तरह के रोजगार बढ़ेंगे. उस दिन के बारे में सोचिए, जब यहां हर रोज 10-12 नए कोच बनने लगेंगे: पीएम मोदी

– देभ भर के मेट्रो के डिब्बे रायबरेली के कोच फैक्ट्री में बनेंगे: पीएम मोदी

-ये फैक्ट्री 2007 में स्वीकृत हुई थी. 2010 में ये फैक्ट्री बनकर तैयार भी हो गई, लेकिन उसके बाद 4 साल तक इस फैक्ट्री में कपूरथला से डिब्बे लेकर उनमें पेंच कसने और पेंट करने का काम हुआ:पीएम मोदी

-जो फैक्ट्री नए डिब्बे बनाने के लिए थी, उसे पूरी क्षमता से कभी काम ही नहीं करने दिया गया: पीएम मोदी

– यहां आने से पहले मैं पास ही में बनी मॉर्डन कोच फैक्ट्री में था. मैंने उस फैक्ट्री में इस वर्ष बने 900वें डिब्बे को हरी झंडी भी दिखाई. पहले की सरकारों की क्या कार्यसंस्कृति रही है, इसकी गवाह रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री भी है: पीएम मोदी

– पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया 900वां कोच और हमसफर रेक


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प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने रायबरेली में कोच फ़ैक्टरी में उत्पादित 900वें रेल डिब्बे व हमसफर रेक को हरी झंडी दिखा कर देश को समर्पित की। https://www.facebook.com/BJP4India/videos/268129100483491/ 


यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि VVIP जगह होने के बावजूद भी यहां कई मजरों और गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी लेकिन भाजपा सरकार बनते ही यहां विद्युतीकरण का काम पूरा किया गया.

– सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो अभियान 2014 से शुरू हुआ वो आज सभी को लाभ पहुंचा रहा है, सौभाग्य योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को बिजली आपूर्ति से जोड़ा गया है.

 योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रायबरेली की रेल फैक्ट्री नौजवानों को नौकरी दे रही है साथ ही मेक इन इंडिया के स्वरूप को भी साकार कर रही है.

– सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से मेक इन इंडिया की बात की थी. पीएम की वजह से रायबरेली में एम्स की ओपीडी शुरू हो पाई. पीएम के मार्गदर्शन के अंदर बिना भेदभाव के विकास की योजनाओं को समाज के प्रति तबके तक पहुंचाया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कुछ महीने पहले ही प्रस्ताव दिया था कि वह ऐसे देशों के लिए बुलेट ट्रेन के डिब्बे बनाने और निर्यात करने को इच्छुक है, जो तेज रफ्तार गलियारे का निर्माण कर रहे हैं. इस कारखाने को लेकर पहले ही कई देश अपनी रूचि दिखा चुके हैं. कोरिया, जापान, जर्मनी, चीन और ताइवान के अधिकारी कारखाने का दौरा कर चुके हैं.

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कई देश कम उत्पादन लागत की वजह से भारत का इस्तेमाल विनिर्माण के प्रमुख केंद्र के रूप में कर सकते हैं. प्रधानमंत्री के दौरे के बारे में अधिकारी ने कहा, ‘यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. प्रधानमंत्री का यहां आना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह संदेश जाएगा कि भारत उसके कारखानों में तैयार डिब्बों के निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार में उतर रहा है.’

बता दें कि रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी वर्ष 2014 में इस सीट से एक बार फिर सांसद बनने के बाद स्वास्थ्य कारणों से बहुत कम ही बार रायबरेली आ सकी हैं. पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव में भी सेहत सम्बन्धी समस्याओं के कारण सोनिया प्रचार नहीं कर सकी थीं.

रक्षा सौदों को कांग्रेस Punching Bag और Funding Source समझती थी: प्रधानमंत्री मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र के पहले दौरे में ही आज रायबरेली को 1100 करोड़ की सौगात देने के साथ पहले की सरकारों पर निशाना साधा। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को निशाने पर रखा।


रायबरेली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के साथ ही भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियों पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस रक्षा सौदों के लेकर इसलिए भड़की है क्योंकि उसमें ‘क्वात्रोची मामा’ या फिर ‘क्रिश्चेन मिशेल अंकल’ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाइयों-बहनों देश में स्वतंत्रता के बाद से ही कुछ लोगों का शासन रहा है। कोई किसी का मामा, रिश्तेदार सेंध लगाते रहे हैं। अब सब रुक गया है तो फिर दर्द होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी के साथ कांग्रेस के लोग देश को कमजोर करने वालों के साथ हैं। क्या कारण हैं कि भाजपा के खिलाफ यहां के नेता भाषण देते हैं और ताली पाकिस्तान में बजती है।आज कांग्रेस व विरोधी उनके साथ खड़े हैं जो देश को कमजोर करना चाहते हैं। आप बताइए देश को सेना ताकतवर होनी चाहिए या नही। पीएम मोदी ने कहा कि आज दो पक्ष हैं, एक पक्ष सरकार सच्चाई का है, एक पक्ष देश को कमजोर कर रहा है। यह सब लोग मोदी पर वो किसी भी तरह एक दाग लगा देना चाहते हैं, मैं सब जानता हूँ, मगर इसके लिए देश की सुरक्षा के साथ क्यों खिलवाड़ कर रहे है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा एक ही मंत्र है। इसी मंत्र पर केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी काम कर रही है। हम तो देश के सामान्य से सामान्य नागरिक के जीवन में हम परिवर्तन ला रहे हैं। रायबरेली में ही दो लाख महिलाओ को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए। सरकार चाहे केंद्र की हो या योगी जी की हमारा एक ही मंत्र है, सबका साथ सबका विकास। कांग्रेस इनको दबा रही है, कांग्रेस की साजिश को हमारी सरकार अब घर घर जाकर पहुंचाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने देश के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। कर्नाटक में सैकड़ों किसानों के वारंट निकल रहे हैं। कांग्रेस ने कर्ज माफी पर झूठे वादे किए। सौ रुपये में डेढ़ रूपये ज्यादा से ज्यादा पांच रूपये का प्रीमियम लिया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सरकार में किसानों की सारी समस्याओं को दूर किया। किसके दबाव में कांग्रेस ने यूरिया का शत प्रतिशत नीम कोटिंग किया। इस एक फैसले से हमारे देश के किसानों को 60 हजार करोड़ का फायदा होगा। खरीफ व रबी की 22 फसलों पर एमएसपी लागू किया गया। इनका जवाब कांग्रेस कभी नही देगी। किसके दबाव में एमएसपी को दाब दिया। कांग्रेस ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को क्यों लागू नहीं किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसानों का संकट दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। पहली बार 70 वर्ष में हमारी सरकार ने किसानों के लिए नीतियां बनाकर लागू किया। कांग्रेस के राज में किसी की कोई परवाह नहीं की। वन रैंक वन पेंशन हमने लागू की। जिस पार्टी के लोग सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर उंगली उठाते हैं, उनसे क्या उम्मीद करें। जिस पार्टी के लोग हमारे सेनाध्यक्ष को गुंडा कहते है और गुंडा को पार्टी में ऊंचे पद पर बैठाए हैं उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। जब ईमानदारी से सौदे होते हैं तो कांग्रेस बौखला जाती है। एचएएल को 1400 करोड़ की मंजूरी दी गयी। हमने 2016 में 83 नए तेजस विमान खरीदने की स्वीकृति दी। इसे तेज करने की कोशिश नही हुई। इस साल अप्रैल में भारत की कंपनी एक लाख 16 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट बना रही है। सरकार ने ऑर्डर दे दिया। हमने 2014 में सरकार बनने के बाद 2016 जैकेट दिए। हमारी सेना की सुरक्षा के प्रति कांग्रेस से 2009 में भारतीय सेना ने लाखों बुलेटप्रूफ जैकेट मांगे मगर 2014 तक नही खरीदा। सेना के लिए मैं कड़ें से कड़े फैसले लेने में पीछे नही हटूंगा। उन माताओं बहनों, बच्चों का मैं जवाबदार हूँ जिंनके घरवाले सेना में हैं। जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों को कोई दिक्कत नहीं होने दूंगा। हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि भारत को सेनाएं किसी से कम न हों। जब देश की सुरक्षा की बात हो, सेना की बात हो, तब एनडीए सरकार सिर्फ राष्ट्रहित का ध्यान रखती है। जो सौदा भाजपा सरकार सुरक्षा के लिए कर रही है, उसमे कोई दाग नहीं है। इस घोटाले में कांग्रेस ने अपना वकील बचाने को भेज दिया। कांग्रेस सरकार के क्वात्रोची मामा बोफोर्स घोटाले वाले को देश माफ नहीं करेगा। करगिल युद्ध के बाद वायुसेना को मजबूत करने को जरूरत थी मगर कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। सेना के प्रति कांग्रेस सरकार का रवैया क्या रहा इसके लिए देश उन्हें माफ नही करेगा। हमारे लिए दल से बड़ा देश है और जीवन पर्यंत रहेगा। झूठ बोलने वालों पर सत्य बोलने वालों की विजय होती है। सच को श्रृंगार की जरूरत नहीं होती, झूठ चाहे जितना बोलो इसमें जान नहीं होती। इन लोगों के लिए हमारी सेना झूठी हैं, हमारी सेना की रक्षा मंत्री झूठी हैं, हमारे वायु सेना के अफसर भी झूठे हैं। झूठ की पंक्तियों को कुछ लोगों ने जीवन का मूल मंत्र बना लिया है। कांग्रेस के समय तेजस विमान से जुड़ी हर कड़ी को कमजोर किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के पापों को बताने के लिए पूरा सपताह कम पड़ जायेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि जिस भारत मां के नारों से गौरव होता है कुछ लोग इस जयघोष पर शर्मिंदगी महसूस करते हैं। मैं तो सेना के शौर्य समर्पण के प्रति प्रहरियों का गौरव गान करके नमन करता हूँ। युद्ध में शामिल हर सैनिक को मैं नमन करता हूँ। 1971 में आज के ही दिन भारत की सेना ने अराजकता व आतंक को धूल चटाई थी। देश के इतिहास में आज का दिन एक और वजह से विशेष है। आपलोग बताइए कि देश की सेना मजबूत होनी चाहिए कि नहीं। उन्होंने कहा कांग्रेस को उसमें भी दिक्कत है। रामचरितमानस में एक चौपाई है झूठै लेना झूठे देना झूठै भोजन झूठ चबेना। आज कुछ लोगों को सत्य हजम नहीं हो पा रहा है। भारत आज सबसे बड़ा देश है। आज जब मैं देश के सपने देखता हूँ। भाजपा पार्टी राष्ट्रहित में सोचती है। इसके लिए हमको कड़े से कड़े फैसले लेने में भी कोई हिचक नहीं है। उन्होंने कहा अगले वर्ष तक देश के सैनिकों को बड़ी संख्या में बुलेटप्रूफ जैकेट प्रदान की जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि देश को यह भी जानकारी देना चाहता हूं कि सेना के जवानों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट भी देश की कंपनी बना रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा किआप सोचिए 2007 में स्वीकृत हुई रेल कोच 2010 में फैक्ट्री बनकर तैयार हो गयी। इसके बाद भी उत्पादन शून्य था। इससे पता चलता है कि पहले की सरकारों ने देश के संसाधनों के साथ अन्याय किया। इसकी गवाही रेल कोच फैक्ट्री दे रही है। अब जिस गति से काम हो रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यहां मंच पर आने से पहले रेल कोच मॉडर्न फैक्ट्री में था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब आने वाले समय में यहां से 5000 कोच प्रतिवर्ष बनाए जाएंगे।अभी तो प्रतिवर्ष तीन हजार कोच बनेंगे। मैं चाहूंगा अगले वर्ष दो गुना डिब्बे बनें। उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार के काम का नतीजा है कि बीते वर्ष 711 कोच बने। रायबरेली के नौ जवान बहुत अच्छे हैं। यहां के लोगों को यहां काम मिले, हम इसके प्रयास में लगे हैं। भाइयों बहनों मैं छोटा सोचने की आदत नहीं रखता। भाजपा सरकार में नई मशीन लगाई जा रही हैं। हमारी सरकार आने के तीन महीने के भीतर ऐसा कोच निकला जो पूरी तरह रायबरेली रेल कोच में बना हुआ था। हालत ये थी कि 2014 तक यहां की तीन प्रतिशत मशीन काम कर रही थे। चार साल तक इस फैक्ट्री में कपूरथला से लाकर पेंच कस रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रायबरेली में 1100 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया है। मैं तो रायबरेली के लोगों व भूमि को नमन करता हूं। इसी भूमि पर पण्डित अमोल शर्मा हुए। यह तो बीरा पासी, राणा बेनी माधव के बलिदान की भूमि है। आज मैं उस भूमि पर हूँ जिसने साहित्य, राजनीति सहित सबको दिशा दिखाई है। इस भूमि के साथ न्याय नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने रायबरेली में कोच फ़ैक्टरी में उत्पादित 900वें रेल डिब्बे व हमसफर रेक को हरी झंडी दिखा कर देश को समर्पित किया। एल्युमिनियम के हल्के कोच बनाकर देश दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनाना हमारा लक्ष्य है। रेलवे, हाइवे, एयरवे और मोटरवे आदि के लिए दिन रात काम हो रहा है। थोड़ी देर पहले ही बांदा तक जाने वाली सड़क का उद्घाटन किया है। रायबरेली भी स्वस्थ रहे और अपने आसपासो के लोगों को स्वस्थ्य रखें इस नाते मेडिकल कालेज समेत कई योजना दी गई है। हमारे पीएम आवास लोगों की खुशहाली पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि आज के दिन देश के वीर सपूतों ने वलिदान दिया था। उनके सम्मान में जयकारे लगवाए।

रायबरेली व अमेठी का वास्तविक विकास 2014 के बाद से हुआ : योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कहा रायबरेली का वास्तविक विकास 2014 के बाद से ही हुआहै। प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी भेदभाव के देश के साथ प्रदेश के हर जिले तथा गांव के विकास के बारे में योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी तक रायबरेली विकास के लिए तड़प रहा था। यहां 2014 के बाद से तेजी से विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। यहां पर जुलाई में एम्स शुरू हुआ। सौभाग्य योजना में बिजली 1345 गांव पहुंचाई गई। केंद्र सरकार ने अमेठी और रायबरेली में भी पूरी ईमानदारी से काम किया है। कोई भेदभाव नहीं किया है। पहले की सरकारों ने कभी भी ईमानदारी से कार्य नहीं किया।

उन्होंने कहा कि रायबरेली में डेढ़ वर्ष में 23430 पीएम आवास बनाये गए है। आठ लाख 85 हजार पीएम आवास उत्तर प्रदेश में बन चुके हैं। पीएम आवास योजना ने मील का पत्थर स्थापित किया। स्वच्छ भारत मिशन में रायबरेली में 311858 तथा अमेठी में 214974 इज्जत घर बनाए गए हैं। हम अमेठी में 934 गांव के 5239 मजरों में विद्युतीकरण का कार्य कर रहे हैं।

रायबरेली में 7013 मजरों में विद्युतीकरण कर नि:शुल्क कनेक्शन दिये गए। रायबरेली के 3500 गांव सौर ऊर्जा से युक्त किये गए। सूबे के वीवीआइपी जनपद में सौभाग्य योजना में 1547 गाँव में विद्युतीकरण किया गया। सौभाग्य योजना से प्रत्येक घर में बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जाति के आधार पर लोगों ने बांटने का काम किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा रायबरेली की रेल फैक्ट्री नौजवानों को नौकरी दे रही है साथ ही मेक इन इंडिया के स्वरूप को भी साकार कर रही है। रायबरेली विकास के लिए तड़प रहा था। वहां 2014 के बाद से विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। जुलाई में एम्स शुरू हुआ। सौभाग्य योजना में बिजली 1345 गांव पहुंचाई गई। उन्होंने, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक एमएलसी आदि का नाम लेकर उदबोधन शुरू किया।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली को 1100 करोड़ का तोहफा देने के साथ मार्डन रेल कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया। उन्होंने हमसफर एक्सप्रेस के 900वें मार्डन कोच का भी शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने हमसफर एक्सप्रेस के 900वें कोच को राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे मार्डन कोच फैक्ट्री का रुख किया। उन्होंने कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया। इसके बाद यहां पर दो हजार रेल डिब्बों की उत्पादन क्षमता के लिए विस्तारीकरण कार्य का शुभारंभ करने के साथ कोच फैक्ट्री के इस वित्तीय वर्ष में उत्पादित 900वें रेल डिब्बे व हमसफर रैक को राष्ट्र को समर्पित किया। उनके साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल भी हैं। रायबरेली में उनका पहला हेलीकॉप्टर 10.20, दूसरा 10:22 पर तथा तीसरा 10.23 पर रेल कोच के कारखाना परिसर में बने हेलीपैड पर पहुंचा। वहां पर उनकी अगवानी तथा स्वागत किया गया। उधर सभा स्थल पर जाने के लिए यहां पर जनसैलाब उमड़ा है। पांडाल के सभी प्रवेश द्वारों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण उत्साहित कार्यकर्ताओं और सतर्क सुरक्षाकर्मियों के बीच कई बार तकरार भी हुई। सुरक्षा बलों ने काली जैकेट पहने लोगो को वापस लौटाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कुर्सी संभालने के बाद आज पहली बार कांग्रेस के सनातन गढ़ रायबरेली में चुनावी शंखनाद करेंगे। पीएम मोदी के साथ यहां पर आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक व सीएम योगी आदित्यनाथ भी है।सोनिया गांधी और उनसे पहले नेहरू-गांधी परिवार का राजनीतिक दुर्ग रायबरेली का पीएम नरेंद्र मोदी का यह पहला दौरा होगा। पीएम नरेंद्र मोदी रायबरेली को लगभग 1100 करोड़ रुपये की सौगात देंगे। कांग्रेस का गढ़ रायबरेली को माना जाता रहा है। बीते साढ़े चार सालों में भाजपा ने इसे दरकाने की हर कोशिश की। उसे हल्की सफलता भी मिली। छह महीने पूर्व गांधी परिवार के करीबी कुनबे को साथ जोडऩे में सफल हुई। भाजपा अब आक्रामक मुद्रा में है। प्रदेश की सत्ता भी इस जिले पर पैनी निगाह रखे है। पांच राज्यों के आशा विपरीत चुनाव परिणाम के बाद पीएम जनसभा में जब बोलेंगे, तो कांग्रेस ही उनके निशाने पर होगी।प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राजनीति के लिहाज से भी बहुत अहम है।

प्रदेश की इस लोकसभा सीट को गांधी परिवार और कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है। यहां की सांसद यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुकी हैं। यहां की ही जनता ने एक बार इंदिरा गांधी को हरा भी दिया था। उसके बाद से सिर्फ दो बार ही यह सीट कांग्रेस के खाते में नहीं आई। प्रधानमंत्री का यहां आना महत्वपूर्ण है। इससे यह संदेश जाएगा कि भारत उसके कारखानों में तैयार डिब्बों के निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार में उतर रहा है। उनका यह दौरा इस लिहाज से काफी अहम है कि भारत की उच्च गुणवत्ता के रेल डिब्बों के विनिर्माण और निर्यात बाजार पर नजर है। रेलवे ने कुछ महीने पहले ही प्रस्ताव दिया था कि वह ऐसे देशों के लिए बुलेट ट्रेन के डिब्बे बनाने और निर्यात करने को इच्छुक है, जो तेज रफ्तार गलियारे का निर्माण कर रहे हैं। कारखाने को लेकर पहले ही कई देश अपनी रूचि दिखा चुके हैं। कोरिया, जापान, जर्मनी, चीन और ताइवान के अधिकारी कारखाने का दौरा कर चुके हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि कई देश कम उत्पादन लागत की वजह से भारत का इस्तेमाल विनिर्माण के प्रमुख केंद्र के रूप में कर सकते हैं। माडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ)में पहली बार पूरे डिब्बे का विनिर्माण रोबोट ने किया है। एक किलोमीटर लंबी उत्पादन लाइन में रोबोट को समानांतर तौर पर काम में लगाया गया है, जहां वे डिब्बों पर कुछ-कुछ काम कर रहे हैं। वर्तमान में 70 रोबोट काम में लगे हुए हैं। यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ है।

भाजपा आम चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को उनके घर में ही घेरने की रणनीति पर तेजी से काम कर रही है। यही कारण है कि अमेठी में केंद्रीय नेतृत्व की सक्रियता के बाद बीते छह महीनों में कई बार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यहां आ चुका है। 21 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शहर में रैली को संबोधित कर चुके हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे। तबसे पार्टी नेताओं की सक्रियता बनी हुई है।पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने बताया कि रायबरेली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास की अलख जगाने आ रहे हैं। इससे यह साफ है कि भाजपा अपने विकास के एजेंडे पर ही पूरी मजबूती से चल रही है। भारतीय जनता पार्टी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में पार्टी हार से विचलित न होते हुए पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर कर रही है।

उत्तर प्रदेश से भाजपा को जहां 2014 में उसे 71 सीटों पर जीत मिली थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी आज पहली बार रायबरेली दौरे पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे। देश की सियासत के लिहाज से रायबरेली सदस्यीय सीट हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है। गांधी परिवार की इस सीट को अपने खाते में करने का सपना भाजपा और संघ का लंबे समय से रहा है।

निकाय चुनाव / 1291 पोलिंग बूथ में से 662 पर चुनाव खत्म, रोहतक में सबसे कम 60.1 प्रतिशत वोटिंग


निकाय चुनाव / 1291 पोलिंग बूथ में से 662 पर चुनाव खत्म, रोहतक में सबसे कम 60.1 प्रतिशत वोटिंग


पानीपत। हरियाणा के 5 नगर निगम और 2 नगर पालिका के लिए रविवार को चुनाव हुआ। शाम 6.30 बजे तक कुल 1291 पोलिंग बूथ में से 662 पर चुनाव खत्म हो गया। अभी तक रोहतक में सबसे कम 60.1 प्रतिशत मतदान हुआ है। रोहतक, पानीपत और करनाल में मतदान शांतिपूर्ण रहा। हिसार और यमुनानगर में छिटपुट घटनाएं हुई।

6.30 बजेः हिसार में 61.7 प्रतिशत, जाखल मंडी में 89.5 प्रतिशत, करनाल में 61.4 प्रतिशत, पानीपत में 61.0 प्रतिशत, पूंडरी में 82.1 प्रतिशत, रोहतक में 60.2 प्रतिशत और यमुनानगर में 64.3 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

4.30 बजेः हिसार में 55.9 प्रतिशत, जाखल मंडी में 88.5 प्रतिशत, करनाल में 55.9 प्रतिशत, पानीपत में 53.9 प्रतिशत, पूंडरी में 81 प्रतिशत, रोहतक में 53.9 प्रतिशत और यमुनानगर में 55.7 प्रतिशत मतदान हुआ। हिसार में में 20, जाखल में 1, पानीपत में 4, रोहतक में 5 जगह मतदान खत्म हो गया है।

3.30 बजेः 8 घंटे बीत जाने के बाद जाखल मंडी नगर पालिका में 87.8 प्रतिशत, पूंडरी में 77 प्रतिशत, हिसार में 46.7 प्रतिशत, करनाल में 47.1 प्रतिशत, पानीपत में 40.5 प्रतिशत, रोहतक में 43.6 प्रतिशत और यमुनानगर में 45.7 प्रतिशत मतदान हुआ।

2.30 बजेः 7 घंटे बाद जाखल मंडी नगर पालिका में 84.5 प्रतिशत और पूंडरी में 66.0 प्रतिशत मतदान हुआ है। नगर निगमों की बात करें तो हिसार में 39.9 प्रतिशत, करनाल में 43.4 प्रतिशत, पानीपत में 37.6 प्रतिशत, रोहतक में 36.4 प्रतिशत और यमुनानगर में 40.4 प्रतिशत मतदान हुआ है।

1.30 बजेः 6 घंटे बाद जाखल मंडी और पूंडरी नगर पालिका सबसे आगे लीड बनाए हुए हैं, जाखल मंडी में 73.5 प्रतिशत और पूंडरी में 53.2 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं हिसार में 30..9 प्रतिशत, करनाल में 28.9 प्रतिशत, पानीपत में 25.7 प्रतिशत, रोहतक में 26.5 प्रतिशत और यमुनानगर में 28.7 प्रतिशत मतदान हुआ।

12.30 बजेः 5 घंटे बाद रोहतक में महज 20.1 प्रतिशत, पानीपत में 23.0 प्रतिशत, यमुनानगर में 24.8 प्रतिशत, हिसार में 25.3 प्रतिशत और करनाल में 26.8 प्रतिशत मतदान हुआ। जाखल मंडी नगर पालिक में 65.2 प्रतिशत और पूंडरी में 44.4 प्रतिशत मतदान हुआ।

11.30 बजेः चार घंटे बीत जाने पर जाखल मंडी में 50.7 प्रतिशत और पूंडरी नगर पालिका में 30.4 फीसदी मतदान हुआ। वहीं नगर निगम यमुनागर में 17.7 प्रतिशत, हिसार में 17.5 प्रतिशत, करनाल में 16.7 प्रतिशत, पानीपत में 15.6 प्रतिशत और रोहतक में 14.3 प्रतिशत मतदान हुआ।

10.30 बजेः तीन घंटे बीत जाने के बाद सबसे कम वोटिंग सीएम मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र करनाल में हुई। यहां 7.7 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं फिलहाल रोहतक भी कम वोटिंग प्रतिशत में दूसरे नंबर पर है। 39.4 प्रतिशत के साथ जाखल मंडी नगर पालिका पहले स्थान पर और पूंडरी नगर पालिका 29.1 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं। वहीं नगर निगमों में पानीपत, हिसार और यमुनानगर में 10.9 प्रतिशत मतदान हुआ है। रोहतक में 8.0 प्रतिशत तो करनाल में 7.7 प्रतिशत वोट डाले गए हैं।

9.30 बजेः दूसरा घंटा बीत जाने पर जाखल मंडी और पूंडरी नगर पालिका मतदान में सबसे ज्यादा मतदान हुआ जबकि पांचों नगर निगमों में चुनाव की शुरूआत धीमी रही। जाखल मंडी में 23.5 प्रतिशत, पूंडरी नगर पालिका में 18.9 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं नगर निगम के लिए हिसार में 5.5 प्रतिशत, करनाल में 6.6 प्रतिशत, पानीपत में 3.9 प्रतिशत, रोहतक में 3.4 प्रतिशत और यमुनानगर में 5.0 प्रतिशत मतदान हुआ।

8.30 बजेः हिसार के 204 पोलिंग बूथ पर 0.1 प्रतिशत, जाखल मंडी के 12 पोलिंग बूथ पर 8.2 प्रतिशत, करनाल के 224 पोलिंग बूथ पर 0 प्रतिशत, पानीपत के 270 पोलिंग बूथ पर 0 प्रतिशत, पूंडरी के 13 पोलिंग बूथ पर 0 प्रतिशत, रोहतक के 220 पोलिंग बूथ पर 0 प्रतिशत और यमुनानगर के 303 पोलिंग बूथ पर 0.3 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार कुछ पोलिंग बूथ पर 8.30 बजे तक वोटिंग शुरू नहीं हो पाई।

Police File

DATED 16.12.2018:

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 13 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 13 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 18 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:- PS-19= 2 cases, PS-MM = 2 cases, PS-I.T Park= 1 case, PS-31= 2 cases, PS-34= 1 case, PS-36= 3 cases, PS-39= 2 case.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Two arrested for theft

Sh. Sukhbir Singh R/o # 2634, Sector-22/C, Chandigarh alleged that two persons namely Deepak R/o # 377, Village-Burail, Chandigarh and Sant Ram R/o # 412, Sector-52, Chandigarh had stolen his Swaraj Mazda Bus No. CH-04D-0307 while parked near Sector-43/44 light point, Chandigarh on 14.12.2018. On 14.12.18, complainant caught both accused persons red handed with his stolen Bus near Night Food Street, Sector-14, Chandigarh.  A case FIR No. 433, U/S 379, 411, 34 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Alleged persons namely Deepak R/o # 377, Village-Burail, Chandigarh and Sant Ram R/o # 412, Sector-52, Chandigarh have been arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Two arrested for possessing illegal liquor

Chandigarh Police arrested Suresh R/o # 127/C, EWS Colony, Village-Dhanas, Chandigarh from Kacha Rasta near Rana Nursery, Village-Maloya, Chandigarh while illegally possessing 6 bottles of country made liquor on 15.12.2018. A case FIR No. 238, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Sanjay Das R/o # 221, Gwala Colony, Village-Maloya, Chandigarh from near cow shed, Gwala Colony, Village-Maloya, Chandigarh while illegally possessing 20 quarters of Country made liquor on 15.12.2018. A case FIR No. 239, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

          Sh. Harpreet Singh R/o # 280, Village-Badheri, Sector-41, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Car No. CH-01BL-2452 while parked near his residence during night intervening 12/13.12.2018. A case FIR No. 468, U/S 379 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Theft

Sh. Parmod Kumar R/o # 2102, Sector-15, Distt.-Panchkula, Haryana reported that unknown person stolen away complainant’s laptop from car No. CH-01BN-7889 while parked at parking near Petrol Pump, MHC, Manimajra, Chandigarh on 15.12.18. A case FIR No. 464, U/S 379 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sh. Ashok Singh R/o # 80, Village-Kaimbwala, Chandigarh reported that two unknown persons occupant of activa scooter No. — 4340 stolen away complainant’s bag containing cash Rs. 20,000/-, mobile phone, Aadhar Card and license from complainant’s car No. CH-01AT-5601 while parked in front of his Shop No.18, Village-Hallo Majra, Chandigarh on 15.12.2018. A case FIR No. 440, U/S 379 IPC has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Missing/Abduction

A person resident of Village-Daria, Chandigarh alleged that unknown person abducted her daughter age about 15 years and one another girl (neighbor) age about 15 years from their residence, village-Daria, Chandigarh on 15.12.2018. A case FIR No. 352, U/S 363 IPC has been registered in PS-Ind. Area, Chandigarh.   Later missing girls traced out.

Action against violation of orders of DM, UT, Chandigarh

A case FIR No. 246, U/S 188 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh against a lady resident of Distt.-Mohali, Punjab who was running an immigration Consultancy Office “The Creative Future Consulnza Education Overseas Pvt. Ltd.” at SCO No. 145-146, Sector-9/D, Chandigarh without any permission and violated the orders U/S 144 Cr.P.C of DM, UT, Chandigarh. Later she bailed out.

A case FIR No. 247, U/S 188 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh against a lady resident of Distt.-Jalandhar, Punjab who was running an immigration Consultancy Office I to A at SCO No. 126-127, 2nd floor, Sector-8/C, Chandigarh without any permission and violated the orders U/S 144 Cr.P.C of DM, UT, Chandigarh. Later she bailed out.

Assault

        Sh. Subhash R/o # 783, Vikas Nagar, Mouli Jagran, Chandigarh alleged that Shanu Dube, Ram Babu, Rakesh Kumar and Amit Tiwari all attacked complainant and also threatened him with double barreled shotgun (dunali) near Community Centre, Vikas Nagar, Mouli Jagran, Chandigarh on  the night intervening 13/14.12.2018. A case FIR No. 351, U/S 147, 148, 149, 323, 341, 506 IPC & 25-54-59 Arms Act has been registered in PS-Mouli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sh. Shanu Dube R/o # 2703, Vikas Nagar, Mouli Jagran, Chandigarh alleged that Mukesh Rai, Rakesh Rai, Manoj Singh and Subhash Maurya all attacked complainant, threatened him with country made gun (katta) and also snatched his gold chain from near Community Centre, Vikas Nagar, Mouli Jagran, Chandigarh on 13.12.2018. A case FIR No. 352, U/S 147, 148, 149, 323, 341, 356, 379, 506 IPC & 25-54-59 Arms Act has been registered in PS-Mouli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

सिटी ब्यूटीफुल चण्डीगढ़ जो कि स्मार्ट होने का भी दावा करता है क्या वाकई ही इसका हकदार है।

कोरल पुरनूर:

चण्डीगढ़ के रायपुर कलाँ बलटाना रोड पर ठेका खोल कर चण्डीगढ़ अपनी कमाई के साधन पुख्ता कर रहा है वहीं नियमों की सर ए आम धज्जियाँ उड़ रही हैं।

बलटाना रेलवे फाटक के कारण इस क्षेत्र में आम तौर पर भीड़ रहती है। बहुत बार ठेके और अहाते से शराब पी कर बाहर आते लोगों की वजह से सड़क पर चल रहे यातायात में भी रुकावट आती देखी जाती है क्योंकि नशे की वजह से अपने पर अंकुश न होने की वजह से सड़क के बीचो बीच चलना और बाद में वाहन चालकों से उलझना यहाँ रोज का काम हो गया है।

सिटी ब्यूटीफुल चण्डीगढ़ जो कि स्मार्ट होने का भी दावा करता है क्या वाकई ही इसका हकदार है।

कांग्रेस को जिस डील में घोटाला दीख पड़ता है जानिए उस डील का सच


राफेल विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबके सामने है, लेकिन याचिका और इस पर आए फैसले के पूर्व यह जानना जरूरी है कि राफेल विमान सौदा है क्या?


राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने इस मामले में जांच की मांग वाली सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. राफेल डील पर उठाए जा रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर कोई संदेह नहीं है.राफेल डील की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है.

साथ ही कोर्ट ने कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है. कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला करते हुए आरोप लगाया था कि राफेल डील में मोदी सरकार ने घपला किया है. उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी इस डील के लिए निजी तौर पर पेरिस गए थे और वहीं पर राफेल डील हो गई और किसी को इस बात की खबर तक नहीं लगी.

यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में इस डील को लेकर जांच किए जाने की मांग वाली याचिकाएं भी दाखिल की गई थी. बीते 14 नवंबर को हुई सुनवाई में इसपर फैसला सुरक्षित भी रख लिया गया था. अब फैसला सबके सामने है, लेकिन याचिका और इस पर आए फैसले के पूर्व यह जानना जरूरी है कि राफेल विमान सौदा है क्या?

राफेल विमान क्या है?

राफेल एक फ्रांसीसी कंपनी डैसॉल्ट एविएशन निर्मित दो इंजन वाला मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) है. राफेल लड़ाकू विमानों को ‘ओमनिरोल’ विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध में अहम रोल निभाने में सक्षम हैं. ये बखूबी ये सारे काम कर सकती है- वायु वर्चस्व, हवाई हमला, जमीनी समर्थन, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध.

भारत ने राफेल को क्यों चुना है?

राफेल भारत का एकमात्र विकल्प नहीं था. कई अंतरराष्ट्रीय विमान निर्माताओं ने भारतीय वायुसेना से पेशकश की थी. बाद में छह बड़ी विमान कंपनियों को छांटा गया. इसमें लॉकहेड मार्टिन का एफ -16, बोइंग एफ / ए -18 एस, यूरोफाइटर टाइफून, रूस का मिग -35, स्वीडन की साब की ग्रिपेन और रफाले शामिल थे.

सभी विमानों के परीक्षण और उनकी कीमत के आधार पर भारतीय वायुसेना ने यूरोफाइटर और राफेल को शॉर्टलिस्ट किया. डलास ने 126 लड़ाकू विमानों को उपलब्ध कराने के लिए अनुबंध हासिल किया, क्योंकि ये सबसे सस्ता मिल रहा था. कहा गया कि इसका रखरखाव भी आसान है.

खरीद प्रक्रिया कब शुरू हुई?

भारतीय वायु सेना ने 2001 में अतिरिक्त लड़ाकू विमानों की मांग की थी. वर्तमान आईएएफ बेड़े में बड़े पैमाने पर भारी और हल्के वजन वाले विमान होते हैं रक्षा मंत्रालय मध्यम वजन वाले लड़ाकू विमान लाना चाहता था. वैसे इसकी वास्तविक प्रक्रिया 2007 में शुरू हुई. रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अगस्त 2007 में 126 विमान खरीदने के प्रस्ताव पर हरी झंडी दे दी.

कितने राफेल खरीद रहे हैं और लागत क्या है?

इस सौदे की शुरुआत 10.2 अरब डॉलर (5,4000 करोड़ रुपये) से होनी अपेक्षित थी. 126 विमानों में 18 विमानों को तुरंत लेने और बाकि की तकनीक भारत को सौंपे जाने की बात थी. लेकिन बाद में इस सौदे में अड़चन आ गई.

फिर क्या हुआ?

राफेल के लिए भारतीय पक्ष और डेसॉल्ट ने 2012 में फिर बातचीत शुरू हुई. जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई तो उसने वर्ष 2016 में इस सौदे को फिर नई शर्तों और कीमत पर फिर किया.

यह देरी क्यों?

भारत और फ्रांस दोनों ने वार्ताओं का दौरान राष्ट्रीय चुनाव और सरकार में बदलाव देखा. कीमत भी एक अन्य कारण था. यहां तक कि खरीद समझौते के हस्ताक्षर के दौरान, दोनों पक्ष वित्तीय पहलुओं पर एक निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पा रहे थे. विमान की कीमत लगभग 740 करोड़ रुपए है. भारत उन्हें कम से कम 20 फीसदी कम लागत पर चाहता था. शुरुआत में योजना 126 जेट खरीदने की थी, अब भारत ने इसे घटाकर 36 कर दिया.

भारत और फ्रांस दोनों के लिए सौदा कितना अहम?

फिलहाल फ्रांस, मिस्र और कतर राफेल जेट विमानों का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि डेसॉल्ट कंपनी की माली हालत ठीक नहीं है. कंपनी को उम्मीद थी कि भारत से सौदे के बाद कंपनी अपने राजस्व लक्ष्यों को पूरा कर पाएगी. भारत ने रूस के मिग की बजाय डेसाल्ट को चुना. भारत ने अमेरिका के लॉकहीड को भी नजरअंदाज कर दिया था.

नई सरकार में क्या हुआ?

अप्रैल 2015 में नरेंद्र मोदी ने पेरिस का दौरा किया. तभी 36 राफेल खरीदने का फैसला किया गया. बाद में एनडीए सरकार ने इस सौदे पर वर्ष 2016 में साइन कर दिए. जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलैंड ने जनवरी में भारत का दौरा किया तब राफेल जेट विमानों की खरीद के 7.8 अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर हुए.

कांग्रेस को इस पूरी डील में घोटाला नजर आ रहा है. राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस ने न सिर्फ हमला बोला है, बल्कि घोटाले का आरोप भी लगाया है. कांग्रेस ने राष्ट्रीय हित एवं सुरक्षा के साथ सौदा करने का भी आरोप लगाया. कहा कि इस सौदे में कोई पारदर्शिता नहीं है. इसके खिलाफ याचिका भी दायर की गई. अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं होने की बात कही है.

रायबरेली में प्रधानमंत्री के स्वागत में तत्पर महिला कांग्रेस


हाल ही राजस्थान में आयोजित एक चुनावी रैली में मोदी ने विधवा पेंशन योजना सहित कई घोटाला करने का कांग्रेस पर आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने पूछा कि ‘ये कांग्रेस की कौन सी विधवा थी जिसके खाते में पैसा जाता था.’


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला करते हुए उन्हें ‘विधवा’ तक कह दिया था. अब प्रधानमंत्री मोदी अपने पहले दौरे पर 16 दिसंबर को रायबरेली जा रहे हैं. सोनिया गांधी पर की गई विधवा टिप्पणी से नाराज महिला कांग्रेस कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली हैं. इस प्रदर्शन में महिला कांग्रेस के सभी राज्यों की प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है.

हाल ही राजस्थान में आयोजित एक चुनावी रैली में मोदी ने विधवा पेंशन योजना सहित कई घोटाला करने का कांग्रेस पर आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने पूछा कि ‘ये कांग्रेस की कौन सी विधवा थी जिसके खाते में पैसा जाता था.’

प्रधानमंत्री के इस बयान को सीधे तौर पर सोनिया गांधी के लिए माना गया. सोनिया के पति और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में राजनीतिक हत्या कर दी गई थी.

प्रधानमंत्री की भाषा असंसदीय

प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद उनकी खूब आलोचना भी हुई. सोशल मीडिया पर खासकर के लोगों ने उनकी भाषा पर आपत्ति दर्ज कराई और कई यूजर्स ने तो यहां तक लिखा कि एक देश के प्रधानमंत्री से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकती.

रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक और महिला कांग्रेस की महासचिव अदिति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह असंसदीय है और हम सोनिया गांधी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की निंदा करते हैं.

अदिति सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ महिला कांग्रेस की कार्यकर्ता रेल कोच फैक्ट्री के बाहर उन्हें काला झंडा दिखाएंगी. मोदी नए बने रेल कोच फैक्ट्री का उद्घाटन करने के लिए रविवार को रायबरेली में रहेंगे.

गांधी परिवार पर पीएम साधेंगे निशाना

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे पर गांधी परिवार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी जनसभा में बोलेंगे. इसका नजारा विधानसभा चुनाव की रैलियों के दौरान भी देखा गया था.

रायबरेली के दौरे बाद प्रधानमंत्री उसी दिन प्रयागराज (इलाहाबाद) जाएंगे और कुंभ की तैयारियों का जायजा लेंगे. इस महीने के आखिर में प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे और गाजीपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे. नए साल के शुरुआत में पीएम मोदी वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और कुंभ में एक श्रद्धालु के तौर पर शामिल होंगे.

राहुल से विनम्रता की अपेक्षा कोई अनहोनी मांग तो नहीं


अगर हम ‘मेक इन इंडिया’, को अपनाना चाहते हैं, तो हमें रिलायंस और अन्य सभी सैंकड़ों कंपनियों को इस रेस में शामिल कर उन्हें भारत की मिलिट्री हार्डवेयर उत्पादन प्रणाली में तेज़ी लाने देना चाहिए

राफेल पर सर्वोच्च नयायालय के फैसले के पश्चात राहुल से विनम्रता की अपेक्षा रखते हुए उन्हे राष्ट्र हित में विमानों को शिघ्रातिशीघ्र भारत में लाने की सरकारी कवायद का साथ देना चाहिए।


भारत की सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील से संबंधित, कथित अपराध के सभी मामलों (आरोपों) को निरस्त कर दिया है और इसके साथ ही राहुल गांधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ चलाया जा रहा प्रचंड अभियान औंधे-मुंह आ गिरा है. अब समय आ गया है कि राहुल गांधी को बहुत ही सम्मानपूर्वक तरीके से खुद को इस मामले से जल्द से जल्द अलग कर लेना चाहिए और आसमान में भारत की सुरक्षा करने को तत्पर राफेल फाइटर विमानों के रास्ते से हट जाना चाहिए.

लेकिन, बहुत ही अफ़सोस की बात है कि वैसा होता दिख नहीं रहा है. राहुल गांधी अब भी बहुत ही फूहड़ तरीके से एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं, बजाए इसके कि वो अपनी हार मान लेते. वे अब इस मामले में एक JPC यानी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की मांग कर रहे हैं. जिसकी जांच, सुप्रीम कोर्ट की जांच से अलग होगी. JPC की मांग करके राहुल गांधी एक ऐसी चीज़ की मांग कर रहे हैं जो काठ के घोड़े के समान होगा और जिससे उन्हें कभी भी नीचे उतरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, और वे हमेशा उसपर लदे रह सकते हैं, किसी असाधारण झुकाव या डगमगाहट के दौरान भी. असामान्य तौर पर होता ये आया है कि विरोधी पक्ष ऐसे मसलों पर JPC को बंद या स्थिर (फ्रीज़) करने की मांग करते हैं, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कोई फैसला सुना दिया है. हालांकि, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में सरकार की तुरंत ऐसी कोई मंशा नहीं है लेकिन राहुल गांधी पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है.

भारतीय एयरफोर्स को इन विमानों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है

लोगों को सिर्फ़ भौचक्का करने और उनके मन में घृणा पैदा करने की नीयत से, आसमान में उड़ने लायक 36 राफेल फाइटर विमानों की खरीद की जो लंबी और थकाऊ प्रक्रिया रही है, उसे और 126 अन्य विमानों के उत्पादन और भारत में किए जाने वाले संयोजन की प्रक्रिया के कारण ऐसा लग रहा है मानो जैसे बोफोर्स विवाद कोई प्रतिष्ठा का मुद्दा था. ये देखते हुए कि कैसे अभी तक इस श्रेणी का पहला विमान भी भारत की धरती तक नहीं पहुंच पाया है, इससे जुड़े ज़हरीले विवादों ने इस पूरे प्रकरण को ही एक बहुत बड़ी गड़बड़ी या बेतरतीबी वाला वाकया बना दिया है. जबकि, भारतीय एयरफोर्स को इन विमानों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.

हमें फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ-साथ भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, एचएएल के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों, कई एयरमार्शल्स, दसॉल्ट के प्रवक्ताओं और अनगिनत विशेषज्ञों, जानकारों का शुक्रगुज़ार होना चाहिए, जिन्होंने लगातार इस मुद्दे पर अपनी राय और कांग्रेस पार्टी के आरोपों के विरुद्ध जानकारी देते रहे हैं. वरना, राहुल गांधी ने तो ऐसा माहौल बना दिया था कि– हम और आप ये समझ ही नहीं पा रहे थे कि आख़िर ये पूरा माजरा है क्या?

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण

एक ऐसा देश जिसकी वायुसेना की मारक क्षमता स्वीकृत तौर काफी जर्जर हो चुकी है, जिसके पास 11 स्कॉवर्डन कम हैं, और 100 से भी ज़्यादा एयरक्राफ्ट चौथी पीढ़ी के हैं, उसके लिए इस तरह से ऐसे 36 लग्जरी विमान खरीद पाना बहुत बड़ी बात है. सच तो ये है कि जब भारत ऐसे समृद्ध विमान खरीदने की हिम्मत कर पा रहा है, तब इस खरीद को राजनीतिक रंग देना, उससे अपने फायदे की सोचना, एक ऐसी ग़लती है जिसे हमें गलती से भी नहीं करना चाहिए.

इसके बावजूद हम एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में व्यस्त हैं. एक भारतीय के तौर पर, जिसके चारों तरफ ऐसे दुश्मन पड़ोसी हों, जो हर समय हमारी सीमा पर अपनी वायुसेना की बदौलत डराने-धमकाने का काम करते हैं, तब मैं ये सबकुछ सुनकर थक सा गया हूं. इस बात से क्या फर्क पड़ता है कि हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड इसे सही तरह से कर पाया या नहीं, वो भी तब जब हम आकाश में चारों तरफ दुश्मनों से घिरे हैं, जहां हम कमज़ोर हैं और जहां से हमपर हमला हो सकता है. ऐसे में हम यहां बैठकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं?

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बिल्कुल सही जगह पर वार किया जब उन्होंने कहा कि, ‘हमारा देश किसी भी स्थिती में बिना तैयारी या अपर्याप्त तरीके से तैयार नहीं हो सकता है,’ खासकर, लड़ाकू विमानों के मामले में.

वायुसेना के प्रमुख भी एचएएल की कामकाज और उत्पादन से खुश नहीं 

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनाए गए फैसले से पहले, राफेल मुद्दे पर जो हालिया खबर आई थी वो दो हफ़्ते पहले तब आई थी जब, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के सीईओ आर.माधवन ने, बड़े ही विस्तार से ये बात समझाने की कोशिश की थी कि एचएएल के राफेल बनाने का सामर्थ्य और साधन दोनों ही मौजूद हैं, (क्योंकि वो सुखोई 30 भी बना चुके हैं) लेकिन उनकी कंपनी ने खुद ही इसे नहीं बनाने का निर्णय लिया था. एचएएल वही कंपनी है, जिसे राहुल गांधी के मुताबिक, मोदी सरकार ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए अंतिम समय में बदल दिया था. उनके मुताबिक उनका (एचएएल का) दसॉल्ट के साथ समझौता काम करने के घंटों और तकनीक के आदान-प्रदान के मुद्दे पर एक-राय नहीं बनने के कारण टूट गया था.

हम लाख चाहकर भी माधवन की इस कोशिश को नकार नहीं सकते हैं जब वो अपनी कंपनी की छवि को ये कहकर बचाने की कोशिश कर रहे हैं कि, हम ‘कर’ सकते थे. लेकिन, ‘कर सकने’, ‘करने’ और ‘करना चाहते थे’, ये सब बातें बेमानी हैं अगर आपने किया नहीं. ऐसे में उनको आखिर कुछ कहने की ज़रूरत ही क्यों आन पड़ी?

आइए, अब हम गले की फांस बनी इस हड्डी को काटते हुए आगे बढ़ें, और एचएएल से जुड़ी कुछ आंतरिक सच्चाईयों से रुबरू हो लें, ताकि हम दिमाग लगाकर तर्कपूर्ण तरीके से इसके इतिहास के संदर्भ में इस पर सोचविचार कर सकें.

एचएएल एक सरकारी कंपनी है और कई अन्य पीएसयू कंपनियों की तरह इसे भी सरकार द्वारा अपनी देखरेख में रख लिया गया था. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि केंद्र सरकार ये डील होने देना चाहती है कि नहीं, ये समझौता हर हाल में होकर रहता. फिर चाहे कर्मचारियों के काम करने के घंटे और उसपर आए खर्चे में फर्क होता या कोई और वित्तीय असहमति. इस बात की परवाह किए बगैर ये डील हर हाल में होकर रहती.

क्या आप एचएएल में ऐसे किसी भी व्यक्ति को जानते हैं, जिसने नई दिल्ली या पीएम मोदी के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया है ?

लेकिन, ज़रा रुक कर सोचें. मुमकिन है कि इस पूरी बातचीत या सौदे के दौरान दसॉल्ट ही एचएएल के साथ डील करते हुए खुश नहीं हों. हो सकता है कि वो ही चाहते हों कि वे सार्वजनिक की जगह किसी निजी कंपनी के साथ ये सौदा करें, जहां जवाबदेही किसी भी सरकारी कंपनी से ज्य़ादा होती है और लाल-फीताशाही कम. इसके अलावा वहां काम की डिलीवरी भी समय पर होती है, वरना उसका जुर्माना पड़ता है. एचएएल के कार्य इतिहास पर नज़र डालें तो पाएंगे कि उसके सीवी इस तरह की कोई उपाधि मौजूद नहीं है, न हीं उसकी ऐसी कोई ख़्याति है. न तो उसके नाम हवाई जहाज़ बनाने का कोई कीर्तिमान है, और न ही समय पर काम पूरा करके देता है. पिछले महीने ही एयरचीफ़ मार्शल बीएस धनोहा ने रिकॉर्ड पर कहा था कि, ‘सुखोई की डिलीवरी में एचएएल तीन साल पीछे चल रहा है, जगुआर में हम छह साल पीछे हैं और मिराज में भी दो साल पीछे चल रहे हैं.’

युद्ध पोत पर राफेल

हम तो उस एलसीए प्रोग्राम का ज़िक्र ही नहीं करते हैं, जो पिछले 35 सालों से चल रहा है और अभी तक पूरा नहीं हुआ है.

अब सवाल ये है कि अगर वायुसेना के प्रमुख भी एचएएल की कामकाज और उत्पादन से खुश नहीं हैं, तो फिर दसॉल्ट को उनसे दिक्कत क्यों नहीं हो सकती है ? आख़िर, ये जो पृष्ठभूमि हमारे सामने है उसे मानने में दिक्कत क्यों है ?  क्या हमें इस बात पर चर्चा नहीं करनी चाहिए कि एचएएल के सीईओ अपनी कंपनी के कामकाज, उसकी उपयोगिता और कार्यक्षमता को न सिर्फ़ बेहतर करे बल्कि दुरुस्त भी ?

और ये जो दिमागी तौर पर एक तमाशा बनाने की कोशिश की जा रही है कि इन फाइटर विमानों को रिलायंस बना रहा है उसे भी एक किनारे रखने की ज़रूरत है. क्योंकि जिन चीज़ों का निर्माण हो रहा है वो सिर्फ़ कुछ कल-पुर्ज़े और अतिरिक्त हिस्से हैं, जिसे चाहे रिलायंस बनाए या एचएएल या कोई और भी बना लेता तो भी दसॉल्ट, उन्हें बड़ी ही आसानी से मैनुफैक्चरिंग ब्लूप्रिंट थमाकर यूं ही चला नहीं जाता. उसकी प्रतिष्ठा ठीक वैसे ही दांव पर लगी है, जैसे राफेल की और वो किसी भी तरह से एक बाहरी कंपनी को बग़ैर पूरी निगरानी और जांच के घटिया सामान बनाने की बनाने की अनुमति नहीं देता. इसलिए, उत्पादन की कुशाग्रता, हुनर और साधन सबकुछ दसॉल्ट के अधीन होता.

अगर हम ‘मेक इन इंडिया’, को अपनाना चाहते हैं, तो हमें रिलायंस और अन्य सभी सैंकड़ों कंपनियों को इस रेस में शामिल कर उन्हें भारत की मिलिट्री हार्डवेयर उत्पादन प्रणाली में तेज़ी लाने देना चाहिए और इतना ही नहीं उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक होने का भी अवसर देना चाहिए. आज़ादी के 70 सालों के बाद, आज भी हम अपनी मिलिट्री और रक्षा सेवाओं के लिए दुनिया के सामने भीख मांगते हैं.

यहां तक कि चीन और पाकिस्तान के पास भी उनके अपने एयरक्राफ्ट हैं, हालांकि सयुंक्त अभियान के तहत. ठीक ऐसे ही स्वीडन, बेल्जीयम, दक्षिण कोरिया और सऊदी अरब के पास भी जल्द ही स्वदेशी विमान आ जाएंगे. साब डिफेंस एंड सिक्योरिटी ने ब्राज़ील को ग्रिपेन एनजी मल्टी रोल फाइटर देने की पेशकश की थी, जैसे उसने फ्रांस और भारत को की. लेकिन, वहां उसके इस कदम के बाद किसी तरह का विवाद या कीचड़ नहीं उछाला गया.

राहुल का राफेल चुनाव जीतने तक ही सीमित रहा

देश में करीब 500 लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे

इस पूरे मामले में एक बड़ा मुद्दा उस मुनाफ़े का भी बनाया जा रहा है जो अनिल अंबानी की कंपनी को इस सौदे से होगी. ये संभवत: वही पैसा है जिसमें एचएएल को कोई रूचि नहीं थी और उसने डील नहीं की. विडंबना ये है कि अब उसे ही एक मुद्दा बनाया जा रहा है. हम ये भी भूल रहे हैं कि इस सौदे का 50% फ्रेंच कंपनियों से ऑफसेट प्रोग्रामिंग की मांग कर रहा है. ये वो कंपनियां हैं जो भारतीय मिलिट्री की मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

चूंकि, दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस साल की शुरुआत में ही कह दिया था कि- उनकी कंपनी अनिल अंबानी की रिलायंस के साथ जुड़ने जा रही है और उनकी नई कंपनी में 49% का निवेश भी करेगी. उसने इसके अलावा भी कई कंपनियों के साथ समझौते पर हामी भरी थी जिनमें – बीटीएसएल, काईनेटिक, महिंद्रा, मैनी, डिफिस़, भारत इलेक्ट्रोनिक शामिल हैं. इसके अलावा भी अन्य 90 कंपनियों के साथ जल्द ही कई और समझौते होने वाले हैं जिससे देश में करीब 500 लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे.

जब साल 2017 में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस ने फ्रांसिसी कंपनी थेल्स के साथ मिलकर काम करना शुरू किया था, ताकि वो रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सेंसर्स के क्षेत्र में काम करे और इसमें भारतीय क्षमता को विकसित करे, तब तो किसी ने शोर नहीं मचाया था. उस अनुभव के बाद, हो सकता है कि दसॉल्ट को लगा हो कि वो दोबारा उसी कंपनी (रिलायंस) के साथ काम करे, जिसके साथ उसने पहले से काम किया हो और संतुष्ट भी हुआ हो. क्योंकि काम के दौरान जान-पहचान और आसानी होना दोनों ही काफी मायने रखता है.

थेल्स इस समय ऑफसेट प्रोग्राम पर एक बिलियन डॉलर तक खर्च कर रहा है. कंपनी के वाइस – प्रेसीडेंट पास्केल सूरिस के अनुसार, ‘हम हज़ारों नौकरियां पैदा करने के रास्ते पर हैं, ऐसी नौकरियां जो उच्चतम तकनीकि क्षमता वाली नौकरी हो.’

इस मसले पर अब वो वक्त आ गया है, जब हर किसी को अपना मुंह बंद कर लेना चाहिए और हमारी कमज़ोर पड़ी वायुसेना में नई जान भरने देना चाहिए. हमारी वायुसेना में इस वक्त काफ़ी पुराने एयरक्राफ्ट के सिर्फ़ 31 स्कॉर्डन हैं, जबकि होने कम से कम 42 चाहिए थे, ताकि दो मोर्चे पर लड़ाई लड़ सके. क्या आप ये जानना चाहते हैं कि हमारे एयरक्राफ्ट पुराने कैसे हो गए हैं? हमने पिछले चार सालों में 31 एयरक्राफ्ट खो दिए हैं, जिनमें मिराज-2000, जगुआर और एमआईजी 27 शामिल हैं.

मैं किसी भी दिन इन तुच्छ नेताओं और अफ़सरशाही के अनर्गल प्रलापों की जगह, आसमान में उड़ते अपने जेट विमानों की गड़गड़ाहट सुनना पसंद करूंगा. इसके लिए राहुल गांधी अगर कुछ कर सकें तो उन्हें इन विमानों की डिलीवरी जल्द से जल्द देश की धरती पर करवाना सुनिश्चित करना चाहिए.

राहुल का कद बड़ा दिखाने के लिए की नामों की घोषणा में देरी


कांग्रेस में इस तरह पहली बार हुआ है कि एक दूसरे के समर्थक आमने सामने आ गए हों, कांग्रेस में शक्ति प्रदर्शन को पंसद नहीं किया जाता है. कई नेताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है.

धनाभाव से जूझ रही कांग्रेस को पुराने दिग्गज नेता अब कोरपोरेट जगत का रुख कांग्रेस की ओर मोड़ेंगे। 


राहुल गांधी की अगुवाई में तीन राज्य जीतने के बाद मुख्यमंत्री चयन में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला है. राजस्थान में अपने नेता के समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया है. लेकिन अंत भला तो सब भला है. मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत रेस जीत गए. राजनीति में अंत तक अपनी राजनीतिक चाल चलनी होती है.

कांग्रेस के ये नेता अनुभव के आधार पर आगे निकल गए. युवा नेताओं को अब कुछ दिन या साल इंतजार करना पड़ सकता है. शाहरुख खान का बाजीगर वाला डायलॉग भी है. हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते है. अशोक गहलोत को जादूगर तो पहले से ही कहा जाता है. अब वो राजनीति के बाजीगर भी हो गए हैं.

आलाकमान की अहमियत

कांग्रेस में इस तरह पहली बार हुआ है कि एक दूसरे के समर्थक आमने सामने आ गए हों, कांग्रेस में शक्ति प्रदर्शन को पंसद नहीं किया जाता है. कई नेताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है. भजनलाल ने सीएम बनने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया लेकिन बने भूपेन्द्र सिंह हुड्डा. आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर की मृत्यु के बाद जगन मोहन रेड्डी ने बगावती तेवर अपनाए तो पार्टी से बाहर होना पड़ा था.

कांग्रेस में आलाकमान की अहमियत हमेशा रही है. सोनिया गांधी के वक्त में विधायक दल द्वारा पार्टी के मुखिया को सर्वाधिकार सौंप दिए जाते रहे हैं. सोनिया गांधी फैसले करती रहीं हैं. सिवाय अमरिंदर सिंह और वीरभद्र सिंह के केस में जिन्होंने पार्टी आलाकमान को सीएम बनाने के लिए मजबूर कर दिया, हालांकि पार्टी के भीतर प्रदेश में उनके कद का नेता नहीं था जो चुनौती दे सकता था.

पावर शिफ्ट

कांग्रेस में पावर शिफ्ट की भी अपनी भूमिका है. कांग्रेस के मैनेजर्स ये जानते हैं कि ये सही मौका है जब राहुल गांधी को पार्टी के भीतर स्थापित कर दिया जाए. इसलिए ये एहसास दिलाया गया कि राहुल गांधी कितने ताकतवर हैं. वो सीएम बना सकते हैं. कांग्रेस के युवा नेताओं का गुमान भी कम हुआ है. महज राहुल गांधी से रिश्ते अच्छे होने पर पद नहीं मिल सकता है. बल्कि जिस तरह राजनीतिक नफा नुकसान की अहमियत होती है, उसके हिसाब से निर्णय लिया जाता है.

राहुल गांधी ने जो फैसला किया है, वो कांग्रेस के मुखिया होने की वजह से किया है. राजनीति में निजी रिश्तों की अहमियत है, लेकिन राजनीति में ऐसा हमेशा नहीं होता है. तीन दिन फोकस यही रहा कि 12 तुगलक लेन से क्या संदेश मिलता है. जहां चुनाव था वहां के नेता और पूरे देश के कार्यकर्ताओं की निगाह राहुल गांधी के फैसले पर टिकी थीं. कांग्रेस में तय हो गया कि फैसला दस जनपथ में नहीं राहुल गाधी के 12 तुगलक लेन में हो रहा है. 7 लोककल्याण मार्ग के बाद दूसरा महत्वपूर्ण पता बन गया है.

ओल्ड गार्ड बनाम युवा नेता

कांग्रेस के मुखिया ने सीनियर नेताओं पर भरोसा किया है. पहली वजह वफादारी है. जो परिवार के प्रति है. दूसरी वजह दो राज्य में अल्पमत सरकार भी है. पुराने नेता सबको साथ लेकर चलने में माहिर हैं. नए लोगों को अभी इस विधा को सीखने की जरूरत है. पार्टी के भीतर और बाहर समन्वय बनाना आवश्यक है. नए नेताओं ने टिकट में जिस तरह मनमानी की है, वो भी इनके खिलाफ गई है. खासकर जो बागी जीतकर आए वो पुराने नेताओं के साथ हो गए. जिससे बैलेंस उनकी तरफ चला गया है. हालांकि पहले से ये पता था कि मुख्यमंत्री कौन बन रहा है.

युवा नेताओं को इसका आभास पहले से था, इसलिए खींचतान ज्यादा थी. टिकट बंटवारे में अपने समर्थकों को ज्यादा टिकट दिलाने का यही मकसद था. मध्यप्रदेश में दिग्विदय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बहस होना, छत्तीसगढ़ में प्रभारी पीएल पुनिया और भूपेश बघेल के बीच खटपट की बात थी.राजस्थान में सचिन पायलट और रामेश्नर डूडी के बीच मतभेद की खबर इसका सबूत है.

लोकसभा चुनाव पर निगाह

हालांकि कांग्रेस आलाकमान यानी राहुल गांधी ने आम चुनाव के समीकरण पर ज्यादा ध्यान दिया है. मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ियों को तरजीह दी है. इसके कई कारण हैं, लोकसभा चुनाव सिर पर है. पुराने नेता राज्य पर फौरन अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं. वहीं नए लोगों को प्रशासनिक व्यवस्था को समझने में वक्त लग सकता है.

ऐसे में लोकसभा की तैयारी कैसे हो सकती है, इस लिहाज से चयन किया गया है. ये लोग अपने राज्य में बिना केन्द्रीय नेताओं की मदद से अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं. वहीं राहुल गांधी और बाकी नेता दूसरे राज्यों पर फोकस कर सकते हैं.जो पार्टी के लिए मुफीद साबित हो सकता है.

गठबंधन की राजनीतिक मजबूरी

2019 का चुनाव नरेन्द्र मोदी बनाम गठबंधन होने वाला है. एक बड़ा और माकूल गठबंधन ही जीत की गारंटी है वरना मोदी को मात देना आसान नहीं है. इस गठबंधन को हकीकत में लाने के लिए सीनियर नेताओं की टीम ही कर सकती है. इसकी वजह है छोटे दलों के नेताओं पर इनका असर है.

2008 में जब मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था. तब कई पूर्व और तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने अहम भूमिका अदा की थी. अब नया समीकरण बनाने के लिए भी ये लोग मददगार साबित हो सकते है. खासकर बीएसपी-एसपी जैसे दल इन नेताओं के वायदों पर भरोसा कर सकते हैं.

फंड की कमी

कांग्रेस के पास फंड की कमी है. मौजूदा साल में भी कांग्रेस को नाम मात्र ही चंदा मिला है. नए राज्यों के जीतने से कॉरपोरेट जगत का नजरिया कांग्रेस के लिए बदल सकता है. पुराने नेता नए कॉरपोरेट को पार्टी की तरफ लाने में मददगार साबित हो सकते हैं. इसलिए कांग्रेस में पहले से ये पता था कि पार्टी की जीत की स्थिति में कुर्सी किसे मिलने वाली है. लेकिन ये पूरी गहमा-गहमी राहुल गांधी पर फोकस शिफ्ट करने के लिए की गई है. क्योंकि चयनित लोगों पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है.

ताकत दिखाने वालों को नहीं मिली सत्ता

सोनिया गांधी के वक्त में भी ताकत दिखाने वालों को पद नहीं दिया गया था. हरियाणा में भजनलाल ने ताकत दिखाने की कोशिश की थी. 2004 में तत्कालीन प्रदेश के मुखिया भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को कुर्सी मिल गई. जिनको अहमद पटेल की हिमायत हासिल थी. जगन मोहन रेड्डी ने अपने पिता की मौत के बाद हंगामा किया लेकिन सत्ता नहीं मिल पाई थी. 2008 में अशोक गहलोत ने रेस में पीछे होते हुए अपनी राह आसान कर ली है. कांग्रेस में ये बानगी है लेकिन ये साफ है कि आलाकमान ही ताकतवर है, जिसको चाहे बिठाए जिसको चाहे हटाए.

बीजेपी अपवाद नहीं

हालांकि ये अपवाद नहीं है बीजेपी मे हाई कमान कल्चर है. हरियाणा महाराष्ट्र इसका उदाहरण है. वहीं एक केस के चलते उमा भारती को हटाकर शिवराज सिंह चौहान को सीएम बनाया गया था. झारखंड में बाबू लाल मरांडी के दावे को दरकिनार करके अर्जुन मुंडा को सीएम बनाया गया था.