अंर्तजातीय विवाह शगुन योजना में 84 नवदम्पतियों को 47 लाख 32 हजार रुपए की सहायता।जिला की 16 ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहन स्वरूप 8 लाख रुपए की राशि मुहैया करवाई
पंचकूला 26 दिसम्बर: जिला कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत पंचकूला के 2186 लाभपात्रों को 5 करोड़ 66 लाख 55 हजार 900 रुपए की राशि वितिय सहायता के रूप में वितरित की जा चुकी है। उपायुक्त मुकुल कुमार ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया कि कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, डा. बीआर अम्बेडकर आवास योजना, डा. अम्बेडकर मेधावी छात्रवृति योजना, मुख्यमंत्री सामाजिक समरस्ता अंर्तजातीय विवाह शगुन योजना, अनुसूचित जाति के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों हेतू प्रोत्साहन योजना, अनुसूचित जाति के लोगोें पर हुए अत्याचार से पीडितों को कैसों की पैरवी करने हेतू आर्थिक सहायता, कल्याण केन्द्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को छात्रवृति एवं स्कोलरशिप प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला में मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अब तक चार वर्ष के कार्यकाल में 1189 लाभपात्रों को 2 करोड़ 95 लाख 33 हजार रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। इसी प्रकार डा. बी आर अम्बेडकर आवास योजना के तहत 315 पात्र परिवारों को 93 लाख 60 हजार रुपए की राशि मकान बनाने एवं मकान मरम्मत के लिए मुहैया करवाई गई है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा क्रियान्वित डा. अम्बेडकर मेधावी छात्रवृति योजना के तहत अब तक 400 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए 32 लाख 19 हजार रुपए की राशि उपलब्ध करवाई गई है। उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री सामाजिक समरस्ता अंर्तजातीय विवाह शगुन योजना के तहत 84 दम्पतियों को 47 लाख 32 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मुहैया करवाई गई है। इसी पकार अनुसूचित जाति के लोगो पर हुए अत्याचार से पीडितों को न्यायालय में अपने केसों की पैरवी करने के लिए 8 परिवारों को अब तक 11 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की बस्तियों में बेहतर कार्य करने वाली ग्राम पंचायत पुरस्कार प्रोत्साहन योजना के तहत जिला की 16 ग्राम पंचायतों को 8 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है।श्री कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा अनुसूचित जाति की महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलम्बी बनाने के लिए एक वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ साथ छात्रवृति भी प्रदान की जाती है। अब तक जिला की 174 महिलाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें छात्रवृति, मशीनरी एवं इक्यूपमेंट के लिए 77 लाख 11 हजार 910 रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है।