Wednesday, December 25

बैंकों द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए जिले में फसली ऋण 4039 करोड़, निवेश ऋण 1217 करोड़, कृषि संबंधी ऋण 668 करोड़, सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों के लिए 5331 करोड़ तथा प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 760 करोड़ रुपये देने का रखा लक्ष्य, नाबार्ड की सम्भाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तिका का किया उपायुक्त ने विमोचन, सितम्बर 2018 तक तिमाही में किए 18192 करोड़ रुपये के ऋण वितरित।

करनाल 20 दिसम्बर, उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि सरकार ने बैंकों द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए 12015.03 करोड़ का ऋण देने का लक्ष्य रखा है। इसमें से फसली ऋण के लिए 4039 करोड़ रुपये, निवेश ऋण 1217 करोड़ रुपये, कृषि आधारभूत सुविधाओं तथा अन्य गतिविधियों के लिए 668 करोड़ रुपये, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों के लिए 5331 करोड़ रुपये तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 760 करोड़ रुपये का लक्ष्य शामिल हैं।

उपायुक्त वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में बैंकर्स की जिला स्तरीय तिमाही बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस बैठक में नाबार्ड द्वारा बनाई गई सम्भाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी 2019-20) की पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र व लघु व्ययसायियों को ऋण देने में कोताही न बरतें ताकि सम्बंधित व्यक्तियों को समुचित और आसानी से ऋण प्राप्त हों। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों का डिजिटलीकरण के लिए चल रही ई-शक्ति परियोजना पर भी चर्चा की। उन्होंने समीक्षा करते हुए सभी बैंकर्स को सरकार द्वारा चलाई जा रही भीम एप से संबंधित निर्धारित लक्ष्य को 31 दिसम्बर तक पूरा करने के लिए हर शाखा को 1000 नए ग्राहक तथा 100 छोटे व्यावसायिकों को इस योजना से जोडऩे के निर्देश दिए।

जिला अग्रणीय प्रबंधक राजेन्द्र मल्होत्रा ने बैठक में बताया कि जिले में सितम्बर 2018 तक 18192 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। जिले का ऋण जमा अनुपात 127 प्रतिशत रहा जोकि राष्ट्रीय मापदंड 60 प्रतिशत के अनुरूप कईं गुणा ज्यादा है। इसी प्रकार प्राथमिक क्षेत्र के 40 प्रतिशत राष्ट्रीय लक्ष्य के विरूद्ध 66 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया तथा कृषि क्षेत्र में 18 प्रतिशत के विरूद्ध 37 प्रतिशत, कमजोर वर्ग में 10 प्रतिशत के विरूद्ध 13 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई।

नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि कृषि क्षेत्र में निवेश ऋण को बढ़ावा देने कृषि यंत्रीकरण, पोलिहाउस, पशुपालन, सूक्ष्म सिंचाई, भंडारण सरंचना, क्षेत्र विकास योजना के तहत लक्ष्यों की प्राप्ति पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी हितधारकों से इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने तथा ई-शक्ति पोर्टल के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को बैंकों द्वारा क्रेडिट लिंकेज को पूरा करना है।

इस मौके पर एसीयूटी साहिल गुप्ता, आरबीआई से रघुबीर सिंह, केवीआईसी से एसके सिंह, एमएसएमई राकेश वैद्य सहित संबंधित बैंकर्स उपस्थित रहे।