प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल डील के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस पर हमला बोला है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल डील के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस पर हमला बोला है. मुंबई में रिपब्लिक टीवी के समिट में बोलते हुए मोदी ने विपक्ष के ‘दुष्प्रचार’ की कोशिशों को कठघरे में खड़ा कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के राफेल मामले में आए फैसले का हवाला देकर उन्होंने देश में बदवाल के तौर पर पेश किया.
मोदी ने कहा, ‘हमारे यहां एक साइकॉलजी रही है कि जब कोई सरकार के खिलाफ अदालत में जाता है और उसके ऊपर आरोप लगाता है तो माना यही जाता है कि सरकार गलत होगी और आरोप लगाने वाला सही होगा. आम तौर पर हमारी मान्यता यही है. घोटाले हों, भ्रष्टाचार के आरोप हों तो यह मानसिकता रही है क्योंकि हमने यही देखा है. लेकिन, यह पहली बार हो रहा है कि सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सबसे बड़ी अदालत गए और अदालत ने उन्हें दो टूक जवाब मिला कि जो काम हुआ है वो पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ है, ईमानदारी से हुआ है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से साफ है कि वो सीधे-सीधे पहले की कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल के दौरान घोटाले के लगे आरोपों को लेकर उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि कैसे सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील में उनकी सरकार पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया, जो कि 2014 के पहले ऐसा नहीं होता था. मोदी ने लोगों से सवाल भी किया कि ऐसा साढे चार साल पहले तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस तरह भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट इस तरह भी कर सकता है.
मोदी यहीं नहीं रूके. अगस्टा वेस्टलैंड घोटाले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के भारत लाए जाने के मसले का भी जिक्र कर उन्होंने सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम के तौर पर पेश किया. मोदी ने 2014 के बाद के बदलाव और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि साढे चार साल पहले किसने सोचा था कि हेलीकॉप्टर घोटाले का इतना बड़ा राजदार भारत में होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर विपक्ष की तरफ से उद्दोगपतियों का कर्ज माफ करने और किसानों का कर्ज माफ नहीं करने का आरोप विपक्ष लगाता रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान इस मुद्दे पर भी उल्टे उन लोगों से ही सवाल किया जो उन पर सवाल खड़े करते हैं.
मोदी ने कहा, ‘पहले कंपनियां खराब हालत के चलते या कारोबार नहीं चल पाने के कारण हजारों करोड़ रुपए लेकर चली जाती थीं, तो उस वक्त कंपनियों के मालिकों का कुछ नहीं होता था, इन कंपनियों को खास तरह का सुरक्षा कवच था. इसमें खास लोगों, खास परिवार का सुरक्षा कवच था. लेकिन, 2016 में इंसॉलवेंसी एंड करप्शन कोड बनाकर हमने इसे बदल दिया है जिसके कारण दो सालों के भीतर ही करीब -करीब तीन लाख करोड़ रुपए इन कंपनियों को चुकाने पर मजबूर होना पड़ा है.’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बैंकों को लूटकर भगोड़े हो जाते हैं, उसके लिए सख्त कानून अपना काम कर रहा है. देश और विदेश में भी अपराधियों की संपत्ति जब्त हो रही है. एक बार फिर मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए इसे पिछले साढ़े चार सालों में बड़े बदलाव के तौर पर पेश कर दिया.
मोदी ने जीएसटी लागू होने को भी क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पारदर्शिता आई है और अब देश में टैक्स पेयर की तादाद भी बढ़ी है. जीएसटी को लेकर कारोबारियों के एक वर्ग में नाराजगी भी रही है, जिसे विपक्ष भी हवा देता रहता है. मोदी ने इसे अपनी सरकार की ईमानदार कार्यकरने और कराने के तरीके से जोड़कर देशहित में बड़ा बदलाव बताया.
आर्थिक मोर्चे पर भी अपनी सरकार की उपलब्धि और दुनिया भर में भारती की बढ़ती साख का जिक्र कर मोदी ने विपक्ष के उन आरोपों की धार को कुंद करने की कोशिश की जिसमें विपक्ष लगातार नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था की मंदी की बात करता रहाहै. मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि ‘क्या किसी ने सोचा था कि भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के चक्कर में 142 से 77 की रैंक में आ जाएगा.’
इसके अलावा देश के आम आदमी के लिए 2014 के बाद सरकार की तरफ से किए गए बदलाव का जिक्र कर मोदी ने इसकी तुलना 2014 के पहले के कामों से की. उन्होंने कहा, ‘क्या किसी ने (साढ़े चार साल पहले ) 2014 के पहले सोचा था कि एसी ट्रेन से ज्यादा लोग हवाई सफर करने लगेंगे? रिक्शा चलाने वाला भी सब्जी वाला भी चाय वाला भी भीम ऐप का इस्तेमाल करने लगेगा, अपने जेब में डेबिट रखकर चलेगा? भारत का एविएशन सेक्टर इतना तेज आगे बढ़ेगा कि कंपनियों को 1000 नए हवाई जहाज का ऑर्डर देना होगा? नेशनल वाटरवेज एक सच्चाई बन जाएगा, कोलकाता से बनारस तक पानी के रास्ते जहाज चलेगा?’
लेकिन, प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान आए बदलाव और अपनी सरकार के ईमानदार प्रयास और कामों का जिक्र कर 2014 के बाद और उसके पहले के हालात से तुलना करनी शुरू कर दी है. रविवार को प्रधानमंत्री ने सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली से हुंकार भरी थी अब समिट के दौरान अपने कार्यकाल में आए बदलाव की तुलना 2014 से पहले से कर रहे हैं. इस कोशिश में राफेल पर मिली ‘सुप्रीम राहत’ ने उन्हें और उनकी सरकार को बड़ी ‘संजीवनी’ दे दी है.