1984 में कमलनाथ की संलिप्तता के चलते उनके इस्तीफे की मांग उठी


कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दें राहुल गांधी, कमलनाथ को पार्टी से करें बाहर: BJP

पात्रा ने कहा, जो इंसान सिख विरोधी दंगों में शामिल था, उसे मध्य प्रदेश का सीएम बना दिया गया


बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि नानावती कमीशन के द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कमलनाथ का नाम सबूत और हलफनामे के साथ सामने आया है.’

पात्रा ने कहा, ‘जो इंसान सिख विरोधी दंगों में शामिल था, उसे मध्य प्रदेश का सीएम बना दिया गया. राहुल गांधी को उन्हें(कमलनाथ) पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए.’


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Sambit Patra,BJP:Rahul Gandhi should resign as Congress’ chief. Kamal Nath ji’s name crops up along with affidavit & evidence in a report submitted to Nanavati Commission.A man involved in anti-Sikh riots has been made the MP CM. Mr Rahul Gandhi must expel him from the party.


मध्यप्रदेश चुनाव से पहले भी संबित पात्रा ने कमलनाथ के नाम पर मजाक बनाया था. उन्होंने कहा था, ‘आज इस मंच से हम कमलनाथ जी को एक नया नाम दे रहे हैं. वो कमल नाथ नहीं, कमीशन नाथ हैं. मध्यप्रदेश की जनता को कमीशन नाथ नहीं चाहिए, यहां कमल ही खिलेगा.’

हालांकि चुनाव नतीजों में बीजेपी को मध्यप्रदेश में हार का मुंह देखना पड़ा और 15 सालों बाद कांग्रेस ने राज्य में शानदार वापसी की. कांग्रेस ने एमपी फतेह के बाद कमलनाथ को राज्य का सीएम बना दिया.

गौरतलब है कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सिख विरोधी दंगे हुए थे. सज्जन कुमार और कमलनाथ पर इन दंगों को भड़काने का आरोप लगा था.

कमलनाथ पर आरोप था कि गुरुद्वारा रकाबगंज में वह दंगों के दौरान दो घंटे तक मौजूद थे और उन्होंने भीड़ का नेतृत्व किया. हालांकि सज्जन सिंह को इस मामले में उम्रकैद की सजा मिली है वहीं कमलनाथ को सीएम बनाए जाने पर विपक्षी पार्टियां हमलावर हो रही हैं और उन पर कार्रवाई की मांग कर रही हैं.

सज्जन कुमार को दोषी करार दिए जाने के फैसले का सीएम अमरिंदर ने स्वागत किया


1984 के सिख विरोधी दंगा मामले का पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वागत किया है.


1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है. इसी के साथ उन्हें उम्रकैद की सजा भी सुना दी गई है. इस फैसले का पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वागत किया है.

फैसले को लेकर पंजाब सीएम कार्यालय का कहना है कि पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने इसे खुले तौर पर स्वतंत्र भारत में सांप्रदायिक हिंसा के सबसे बुरे उदाहरणों में से एक के पीड़ितों को न्याय का मामला बताया है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने अपने स्टैंड को दोहराते हुए कहा है कि न तो कांग्रेस पार्टी और न ही गांधी परिवार की दंगों में कोई भूमिका थी. लेकिन विरोधियों ने इस मामले पर राजनीति करने के लिए इसमें उनका नाम घसीटा.


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Punjab CMO: CM, however, reiterated his stand that neither the Congress party nor the Gandhi family had any role to play in the rioting & lashed out at the Badals for continuing to drag their names into the case at the behest of their political masters – BJP.

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Punjab CMO: Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh has welcomed the conviction of Sajjan Kumar in the 1984 riots case, terming it a case of justice finally delivered to the victims of one of the worst instances of communal violence in independent India.


दरअसल, 34 साल बाद आए इस फैसेल में सज्जन कुमार को षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया है. कोर्ट के फैसले के मुताबिक सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा. वहीं सज्जन के अलावा कोर्ट ने बलवान खोखर, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है. जबकि पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा बढ़ाते हुए 10-10 साल की जेल की सजा सुना दी है.

हाईकोर्ट का ये फैसला निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आया है. इस मामले में निचली अदालत ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. इसके बाद निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई.

क्या राहुल आरोपों की गंभीरता की समझ रखते है या बस चुनावी फायदे के लिय आरोप लगा दिये: बराला


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मोदी सरकार पर न तो सुप्रीम कोर्ट को शक है और न ही पीएम मोदी की नीयत पर कांग्रेस के सहयोगी एनसीपी क्षत्रप शरद पवार को…


आज देश भर में भारतीय जनता पार्टी ने राफेल डील पर सर्वोच्च न्यायालय के आए फैसले पर प्रेस वार्ता कर राहुल गांधी को घेरा। इसी सिलसिले में कई जगह प्रेस वार्ताएं की गईं।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के प्र्देशाध्यक्ष ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी से पूछा

  • क्या राहुल आरोपों की गंभीरता की समझ रखते है या बस चुनावी फायदे के लिय आरोप लगा दिये?
  • राहुल गांधी को बताना चाहिए की उनकी सरकार के कार्यकाल में ऐसा क्या हुआ था कि मनमोहन सिंह इस सौदे को पूरा नहीं कर पाये?
  • कहीं कारण यह तो नहीं कि उस समय क्वात्रोची, या मिशेल जैस कोई या उनके अपने किसी रिश्तेदार को बिचौलिया नहीं बनाया गया और यह सौदा अपने अंजाम तक नहीं पहुंचा?
  • राहुल गांधी के आरोपों पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर  भाजपा द्वारा उन्हे राष्ट्र को गुमराह करने और अपनी पार्टी के लिए इसका दुरुपयोग करने के लिए सदन में माफी की मांग उठाई है
  • राफेल डील पर प्रधान मंत्री पर आरोप लगन का सुझाव उन्हे किसने दिया?
  • राफेल विमानों की खरीदी में हुई कथित घपलेबाज़ी सुनी सुनाई अफवाह थी या उनके पास कोई ठोस जान कारी भी थी?
  • यदि उनके पास ठोस जान कारी थी तो उन्होने सुप्रीम कोर्ट को अपना सच क्यों नहीं बताया?
  • अब जब राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ही ने जवाब दे दिया है तब वह राष्ट्र से माफी कब मांगेंगे।

अब राहुल गांधी की तरफ से जवाब देने के लिए सुरजेवाला, सिब्बल ओर मनीष तिवारी कब सक्रिय होते हैं देखना बाकी है।

 

मनोज परीदा चंडीगढ़ के प्रशासक के नए सलाहकार : एक परिचय

चंडीगढ़ ।

चंडीगढ़ के प्रशासक के नवनियुक्त सलाहकार मनोज परीदा युटी काडर के 1986 बैच के अधिकारी है । इस समय वे अरविंद केजरीवाल सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव है ।

उन्हें चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार परिमल राय के स्थान पर नियुक्त किया गया है । परिमल राय ने 14 मार्च 2016 को कार्यभार संभाला था ।

मनोज परीदा पंडुचेरी के मुख्य सचिव के पद पर भी कार्यरत रहे । लेकिन उनकी वह की उपराज्यपाल किरण बेदी से कुछ मसलों पर न बने कर कारण उन्हें 2017 नवंबर में दिल्ली का गृह सचिव नियुक्त किया गया । उड़ीसा राज्य से संबंध रखने वाले मनोज अगले कुछ दिनों में अपना कार्यभार संभाल लेंगे ।

1984 सिख दंगा: आरोपी सज्जन कुमार दोषी करार, हाईकोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा


पूरे 34 साल के बाद हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा हुई है।

  • सिख विरोधी दंगों में पूरे 34 साल के बाद आया बड़ा फैसला

  • कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को हाई कोर्ट से बड़ा झटका

  • निचली अदालत से बरी हुए, अब मिली उम्रकैद की सजा

  • 3 राज्यों में सरकार बनाने के दिन ही कांग्रेस के लिए बुरी खबर


नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया है। दंगा भड़काने और साजिश रचने के आरोपी सज्जन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने हालांकि सज्जन को हत्या के आरोप से बरी कर दिया। सज्जन को 31 दिसंबर 2018 को सरेंडर करना है। उन्हें शहर न छोड़ने का निर्देश दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में उसे सियासी हमले भी झेलने पड़ सकते हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘1947 की गर्मियों में बंटवारे के वक्त कई लोगों की हत्या की गई थी। 37 साल बाद दिल्ली में ऐसी ही घटना घटी। आरोपी राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाकर सुनवाई से बच निकले।’ जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने यह फैसला सुनाया। सज्जन कुमार के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा हुई है। वहीं, किशन खोखर और पूर्व विधायक महेंदर यादव को 10 साल जेल की सजा हुई है।

आपको बता दें कि पूरे 34 साल के बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार को सजा हुई है, जबकि इससे पहले उन्हें बरी कर दिया गया था। दरअसल, सीबीआई ने 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में पांच सिखों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा था कि स्टेट मशीनरी क्या कर रही थी? घटना दिल्ली कैंटोनमेंट के ठीक सामने हुई थी।

अकाली दल ने कहा, फांसी हो

शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी जबतक कि सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर को मौत की सजा नहीं मिल जाती। उन्होंने गांधी परिवार को भी कोर्ट में खींचने और जेल पहुंचाने की बात कही। गौरतलब है कि मई 2013 में सीबीआई और पीड़ित परिवार के लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।