Tuesday, December 24


हरियाणा बाल कल्याण परिषद मानद महासचिव श्री कृष्ण ढुल व एसडीएम श्री पंकज सेतिया ने बच्चों में वितरित किया खाने का सामान


पंचकूला, 10 दिसंबर:
विश्व मानवाधिकार दिवस पर हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद मानद महासचिव श्री कृष्ण ढुल और एसडीएम पंकज सेतिया ने ओपन शेल्टर होम में बच्चों को खाने का सामान वितरित किया। इस दौरान मानद महासचिव कृष्ण ढुल और एसडीएम पंकज सेतिया ने बच्चों से अपने जीवन के अनुभव सांझा किए व मानवाधिकार से जुड़े अधिकारों के प्रति जागरूक किया।
कृष्ण ढुल ने कहा कि आज के दिन को उन सभी लोगों की स्मृति के रूप में मनाया जाता है जो किसी इंसान के अधिकारों के लिए खड़े होते हैं। मानवाधिकार से तात्पर्य उन अधिकारों से है, जिसका हर इंसान मालिक है। हम सभी को वोट देने का अधिकार, भाषण के अधिकार, शिक्षा का अधिकार, कमाने का अधिकार और कई दूसरे अधिकार मिले हुए हैं। कई बहसों और मुद्दों के बाद इन अधिकारों को मनुष्यों को आवंटित किया गया है। यह हमारी जिम्मेदारी है और हमारे लिए बनाए गए प्रत्येक अधिकार का लाभ लेने का हमें अधिकार है। श्री कृष्ण ढुल ने कहा कि विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आदि जैसे मनुष्यों के विशेष वर्गों के लिए कई मानवाधिकारों की विशेष रूप से घोषणा की गई है। हम सभी को इन लोगों को अपने अधिकारों का साक्षी करने के लिए समर्थन करना चाहिए ताकि वे उनसे लाभ उठा सकें।
एसडीएम ने कहा कि वर्तमान में लगभग 30 मानवाधिकार हैं। ये अधिकार बहुत ही दृढ़ हैं और मनुष्यों के कल्याण के लिए केंद्र बिंदु हैं। समानता का अधिकार, भेदभाव से स्वतंत्रता, शिक्षा का अधिकार, सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, विश्वास और धर्म से स्वतंत्रता आदि। इन सभी को मानवीय अधिकार घोषित किया गया है। ये हमारी जिम्मेदारी है कि इनको बनाए रखें और लोगों के भलाई और कल्याण के लिए इन अधिकारों का पालन और लाभ उठाने के लिए सभी के बीच जागरूकता पैदा करें। इंसानों के साथ कैसे व्यवहार किया जाए इस वैश्विक समझ के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1948 में इन अधिकारों को घोषित किया गया था। हर साल 10 दिसंबर मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मानव अधिकारों की वैश्विक घोषणा के रूप में स्वीकार किया गया है और सभी देशों के लिए एक सामान्य मानक के रूप में इसके निरंतर अस्तित्व और स्मरण को सुनिश्चित करना है। इस अवसर पर अडॉप्शन अधिकारी पूनम सूद उपस्थित रहे।