दरअसल बहादुरगढ़ में दिल्ली रोहतक नेशनल हाईवे संख्या 9 पर रोहद टोल पर मुफ्त में टोल पार करने के लिए क्रेटा गाड़ी में सवार होकर आए एक युवक ने ये कार्ड टोल पर तैनात सुरक्षा अधिकारी को दिखाया था. टोल के सुरक्षा इंचार्ज ने कॉलर पर लगे काले बैज से इस फर्जी आई कार्ड को पहचान लिया.
इस कार्ड पर फोटो रोहतक आईजी संदीप खिरवार का है, जबकि नाम जोगिंदर सिंह और रैंक इंस्पेक्टर अंकित है, जो कि गुरुग्राम में तैनात दिखाया गया है. फोटो के नीचे ओपी सिंह लिखा हुआ है. साथ ही कमिश्नर ऑफ पुलिस की मोहर भी लगाई गई है. इतना ही नहीं आई कार्ड पर लिखा हुआ एड्रेस रेवाड़ी का है.
फर्जी आईकार्ड पहचाना गया तो आरोपी युवक ने जल्दबाजी में अपनी गाड़ी तेजी से भगा ली. इस दौरान उसकी टक्कर पीछे खड़ी एक गाड़ी से भी हुई, लेकिन गाड़ी चालक मौके से फरार हो गया. ये पूरा वाकया सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया.
इस मामले पर सिक्योरिटी इंचार्ज जितेंद्र का कहना है कि रोजाना रोहद टोल प्लाजा पर करीब 50 व्यक्ति फर्जी आईडी कार्ड के सहारे टोल पार करते पकड़े जाते हैं. पुलिस में भी शिकायत दी जाती है, लेकिन अब तक किसी के भी खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.
अब पुलिस महकमे के इतने बड़े अधिकारी की फोटो वाला पहचान पत्र मिलने से पुलिस महकमा भी हरकत में आया है, लेकिन अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. वहीं पुलिस का कोई भी बड़ा अधिकारी इस संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.
बता दें कि वेस्ट हरियाणा हाईवे प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास दिल्ली के टिकरी बॉर्डर से रोहतक बाईपास तक टोल वसूलने का अधिकार है. 63 किलोमीटर की सड़क पर निर्माण कंपनी ने करीब 1200 करोड रुपए खर्च किए हैं, जिनकी वसूली के लिए 2033 तक टोल वसूलने की मंजूरी मिली हुई है.
कंपनी अधिकारियों का कहना है कि हर रोज करीब 20 लाख की वसूली का अनुमान पहले लगाया गया था, लेकिन फर्जी आईडी और आसपास के कमर्शियल वाहनों की दादागिरी के कारण टारगेट से 50% की रिकवरी हो रही है. इससे टोल कंपनी को घाटा भी उठाना पड़ रहा है. टोल पर तैनात सुरक्षा अधिकारी ने लोगों से फर्जी कार्ड नहीं रखने की अपील की है और पुलिस कर्मचारियों से मांगने पर आईडी दिखाने की भी बात कही है.