“Know Your HIV Status –Get Tested”

Chandigarh, 3rd December 2018: In accordance with the theme of World AIDS Day 2018, Chandigarh State AIDS Control Society had organized an HIV/AIDS awareness event on 1st & 2nd December at Elante Mall, Chandigarh. The objective of the event was to sensitize people from all walks of life on HIV/AIDS and to motivate them to come forward and get their HIV test done to know their HIV status.

In this two day programme more than 1000 people were sensitized about HIV/AIDS and out of these 153 people were screened for HIV. Efforts were made to make visitors aware about HIV/AIDS .A team of young volunteers involved the visitors in awareness quiz on HIV/AIDS and gave prizes.

 To reach the target 90:90:90 by 2020,that is Chandigarh State AIDS Control Society strive to ensure that  90% of people living with HIV Know their HIV status,90% of diagnosed people are put on  anti retro-viral treatment and 90% of people in treatment have fully suppressed viral load .

FINAL FINALE OF ELITE GLOBAL EARTH NZ 2018

Photo Feature By Ranjit Singh Ahluwalia

ELITE GLOBAL EARTH NZ 2018 and the finalists are:

RAMAN KAUR CHANDIGARH GIRL WON THE TITLE MISS GLOBAL EARTH NZ 2018

 

MISS-CATEGORY-WINNERS-Raman-Kaur-Alyssia-st-Runner-up-Natasha-Bali-2nd-Runner-up-Danisha-PEOPLE-CHOICE

 


MS CATEGORY WINNERS Vivian ,Nadia 1st Runner up, Bridget 2nd Runner up, Talia PEOPLE CHOICE.

 

Briar, Priya Chand 1st Runner up, Rebecca 2nd Runner up , Yoshna PEOPLE CHOICE

 


Romeo, Alex 1st Runner up, Vishnu 2nd Runner up, Vishal PEOPLE CHOICE.

1984 में कानपुर सिख दंगा का मामला

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अब अलग से करेगा सुनवाई

केंद्र सरकार ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल कर एसआईटी बनाने की सहमति दे दी है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब दाखिल नही किया

मामले की कल होगी सुनवाई

भीलवाड़ा सीट का चुनाव परिणाम तो आपके हाथ में है…..

अशोक जैन, सिटीजेन रिपोर्टर, डेमोक्रेटिक फ्रंट:

भीलवाड़ा/सिक्योर को लेकर नाराज सांगानेर और जिंदल से त्रस्त उपनगरीय कस्बे पुर के मतदाता ही भीलवाड़ा सीट के विधाता साबित होंगे।बाकी रहे भीलवाड़ा शहर के वोटर तो वे, दोनों स्थानीय निकाय यूआईटी और नगरपरिषद के कामकाज को अगर नहीं भूलेंगे तो फिर चुनाव नतीजा क्या मतगणना से पहले सामने नहीं है ?

पांच साल तक शहर के लोगों को जिस तरह तला भूना गया उसे देखते चुनाव परिणाम तो कतई चौंकाने वाला नहीं होगा ।आज बढ चढ कर लोगों के दर्द को दूर करने का दम भरने की घोषणा करने वालों के नकाबपोश चेहरों को देख मतदात ने जज्बाती फैसला ले लिया तो पछतावा हाथ लगेगा और फिर पांच बरस के लम्बे इंतजार के अलावा कुछ बचने वाला नहीं है।मतदान से पहले भेड़ की खाल में छिपे भेड़ियों को जाति,धर्म,पैसों की चमक के प्रलोभन से कहीं ऊपर उठ कर पहचानना जरुरी है तभी इस लोकतंत्र के महापर्व और जागरूक मतदाता होने के धर्म का निर्वहन होगा।

यह बताने की जरुरत नहीं कि असली जनसेवक को कैसे पहचाना जाए?जिसे चुनने जा रहे हैं उसके अतीत को जरूर खंगालें,यदि लगे कि सब एक जैसे हैं तो’नन ऑफ देम’ यानि नोटा का विकल्प तो सामने है।इससे गलत चुनाव के पाप के बोझ से बचा जा सकता है। ये आपका कानूनी अधिकार है। इस चुनाव में उम्मीदवारों के द्वारा दिए गए धन सम्पत्ति के ब्यौरे को जांचिए,आपराधिक मामलों के बारे में जारी किए गए घोषणा पत्र को परखिए। आपकी सतर्कता,सजगता से राजनीति में अपराधियों,चोरों, बदमाशों और धोखेबाजों का प्रवेश बंद होगा।आपके वोट से चुन कर आने वाले को आपकी जागरूकता का पता चलते ही पांच बरस तक आप विधायक के आका और उसे निश्चित तौर पर गुलाम बनना होगा नहीं तो चुनाव में वो आपके चरणों में और अगले पांच वर्ष तक आप उसके चरणों में मिलेंगे।अच्छा यही है कि मतदाता को अपनी क्षमता का अहसास मतदान से पहले हो जाए वरना आजादी बाद से सांप निकलने के बाद लाठी पीटने का जो सिलसिला चलता रहा है वो आगे भी ऐसे ही चलता रहेगा। अपना फर्ज था आपको जगाने का सो पूरा किया। बाकी आप जानें और आपका राम जाने।वैसे पिछले दिनों की सटीक खबरों ने कुछ लोगों का जायका बिगाड़ दिया है। ग्यारह तारीख को संभव है वे दिमागी संतुलन भी खो दें। तब वो एक और एक ग्यारह व नौ दो ग्यारह की गणित समझ जाएंगे।…. जय राम जी की।

हाजी मन्नू कुरेशी द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मीडिया के माध्यम से इस्तीफे की माँग भी की गई

मोहम्मद रेहान अंसारी, सिटिज़न रिपोर्टर डेमोक्रेटिक फ्रंट:

महानगर मुरादाबाद में दिनाँक 01 12 2018 दिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष हाजी मन्नू क़ुरैशी की अगुवाई में समाजवादी पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओ ने इम्पीरियल तिराहा पर जमकर प्रदर्शन किया और कहा योगी और मोदी सरकार में बढ़ रहे अपराध लूट-डकैती-हत्या-बलात्कार-फिरौती-राहजनी और बढ़ रही महँगाई-बेरोजगारी-भ्रष्टाचारी किसानों पर हो रहे अत्याचार आदि के विरोध में जनाब हाजी मन्नू क़ुरैशी महानगर अध्यक्ष की अध्यक्षता में रेलवे स्टेशन से इम्पीरियल तिराहे तक सरकार के खिलाफ जुलूस भी निकाला गया और इम्पीरियल तिराहे पर खड़े होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मीडिया के माध्यम से इस्तीफे की माँग भी की गई प्रदर्शनकारियो में मुख्य रूप से मौजुद रहे समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष मन्नू क़ुरैशी, ज़ीशान शम्सी, हाजी सरताज आलम, शाहिद हुसैन गामा, हारून सैफ़ी, असलम खां,आदि कार्यकर्ता मौजुद रहे

डॉ राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति आज उनकी जयंती है

डॉ. राजेंद्र प्रसाद 

Dr Rajendra Prasad भारतीय लोकतंत्र के पहले राष्ट्रपति थे। साथ ही एक भारतीय राजनीती के सफल नेता, और प्रशिक्षक वकील थे। भारतीय स्वतंत्रता अभियान के दौरान ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में शामिल हुए और बिहार क्षेत्र से वे एक बड़े नेता साबित हुए। महात्मा गांधी के सहायक होने की वजह से, प्रसाद को ब्रिटिश अथॉरिटी ने 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोडो आन्दोलन में जेल में डाला।

राजेन्द्र प्रसाद ने 1934 से 1935 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भारत की सेवा की। और 1946 के चुनाव में सेंट्रल गवर्नमेंट की फ़ूड एंड एग्रीकल्चर मंत्री के रूप में सेवा की। 1947 में आज़ादी के बाद, प्रसाद को संघटक सभा में राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया।

1950 में भारत जब स्वतंत्र गणतंत्र बना, तब अधिकारिक रूप से संघटक सभा द्वारा भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया। इसी तरह 1951 के चुनावो में, चुनाव निर्वाचन समिति द्वारा उन्हें वहा का अध्यक्ष चुना गया।
राष्ट्रपति बनाने के बाद वह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से काम करना चाहते थे अत: उन्होने कांग्रेस पार्टी से सन्यास ले लिया।

राष्ट्रपति बनते ही प्रसाद ने कई सामाजिक भलाई के काम किये, कई सरकारी दफ्तरों की स्थापना की और उसी समय उन्होंने कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया। राज्य सरकार के मुख्य होने के कारण उन्होंने कई राज्यों में पढाई का विकास किया कई पढाई करने की संस्थाओ का निर्माण किया और शिक्षण क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान देने लगे।

उनके इसी तरह के विकास भरे काम को देखकर 1957 के चुनावो में चुनाव समिति द्वारा उन्हें फिर से राष्ट्रपति घोषित किया गया और वे अकेले ऐसे व्यक्ति बने जिन्हें लगातार दो बार भारत का राष्ट्रपति चुना गया।

एक नजर में  डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जानकारी 

  • 1906 में राजेंद्र बाबु के पहल से ‘बिहारी क्लब’ स्थापन हुवा था। उसके सचिव बने।
  • 1908 में राजेंद्र बाबु ने मुझफ्फरपुर के ब्राम्हण कॉलेज में अंग्रेजी विषय के अध्यापक की नौकरी मिलायी और कुछ समय वो उस कॉलेज के अध्यापक के पद पर रहे।

  • 1909 में कोलकत्ता सिटी कॉलेज में अर्थशास्त्र इस विषय का उन्होंने अध्यापन किया।
  • 1911 में राजेंद्र बाबु ने कोलकता उच्च न्यायालय में वकीली का व्यवसाय शुरु किया।
  • 1914 में बिहार और बंगाल इन दो राज्ये में बाढ़ के वजह से हजारो लोगोंको बेघर होने की नौबत आयी। राजेंद्र बाबु ने दिन-रात एक करके बाढ़ पीड़ितों की मदत की।
  • 1916 में उन्होंने पाटना उच्च न्यायालय में वकील का व्यवसाय शुरु किया।
  • 1917 में महात्मा गांधी चंपारन्य में सत्याग्रह गये ऐसा समझते ही राजेंद्र बाबु भी वहा गये और उस सत्याग्रह में शामिल हुये।
  • 1920 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में वो शामील हुये। इसी साल में उन्होंने ‘देश’ नाम का हिंदी भाषा में साप्ताहिक निकाला।
  • 1921 में राजेंद्र बाबुने बिहार विश्वविद्यालय की स्थापना की।
  • 1924 में पाटना महापालिका के अध्यक्ष के रूप में उन्हें चुना गया।
  • 1928 में हॉलंड में ‘विश्व युवा शांति परिषद’ हुयी उसमे राजेंद्र बाबुने भारत की ओर से हिस्सा लिया और भाषण भी दिया।
  • 1930 में अवज्ञा आंदोलन में ही उन्होंने हिस्सा लिया। उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। जेल में बुरा भोजन खाने से उन्हें दमे का विकार हुवा। उसी समय बिहार में बड़ा भूकंप हुवा। खराब तबियत की वजह से उन्हें जेल से छोड़ा गया। भूकंप पीड़ितों को मदत के लिये उन्होंने ‘बिहार सेंट्रल टिलिफ’की कमेटी स्थापना की। उन्होंने उस समय २८ लाख रूपयोकी मदत इकठ्ठा करके भूकंप पीड़ितों में बाट दी।
  • 1934 में मुबंई यहा के कॉग्रेस के अधिवेशन ने अध्यपद कार्य किया।
  • 1936 में नागपूर यहा हुये अखिल भारतीय हिंदी साहित्य संमेलन के अध्यक्षपद पर भी कार्य किया।
  • 1942 में ‘छोडो भारत’ आंदोलन में भी उन्हें जेल जाना पड़ा।
  • 1946 में जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार स्थापन हुवा। गांधीजी के आग्रह के कारन उन्होंने भोजन और कृषि विभाग का मंत्रीपद स्वीकार किया।
  • 1947 में राष्ट्रिय कॉग्रेस के अध्यक्ष पद पर चुना गया। उसके पहले वो घटना समिती के अध्यक्ष बने। घटना समीति को कार्यवाही दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन चलेगी। घटने का मसौदा बनाया। 26 नवंबर, 1949 को वो मंजूर हुवा और 26 जनवरी, 1950 को उसपर अमल किया गया। भारत प्रजासत्ताक राज्य बना। स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति होने का सम्मान राजेन्द्रबाबू को मिला।
  • 1950 से 1962 ऐसे बारा साल तक उनके पास राष्ट्रपती पद रहा। बाद में बाकि का जीवन उन्होंने स्थापना किये हुये पटना के सदाकत आश्रम में गुजारा।

हम डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को आज़ाद भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में याद करते है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में भी मुख्य भूमिका निभाई थी और संघर्ष करते हुए देश को आज़ादी दिलवायी थी।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद में भारत का विकास करने की चाह थी। वे लगातार भारतीय कानून व्यवस्था को बदलते रहे और उपने सहकर्मियों के साथ मिलकर उसे और अधिक मजबूत बनाने का प्रयास करने लगे। हम भी भारत के ही वासी है हमारी भी यह जिम्मेदारी बनती है की हम भी हमारे देश के विकास में सरकार की मदद करे। ताकि दुनिया की नजरो में हम भारत का दर्जा बढ़ा सके।

शर्मनाक कृत्य के लिए हिंदू छात्रों से माफी मांगे एएमयू प्रशासन : निखिल महेश्वरी

एएमयू के हॉल में हिंदू छात्रों को मीट तले हुए तेल में पूड़ी सब्जी बनाने की घटना को भाजपा युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष निखिल महेश्वरी ने निंदनीय और शर्मनाक बताया है।

निखिल महेश्वरी ने कहा कि यह कृत्य एएमयू प्रशासन के इशारे पर ही होता है। इस तरह से हिंदू छात्रों को मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान किया जाता है।

उन्होंने मांग की है कि इस कृत्य के लिए यह एएमयू प्रशासन हिंदू छात्रों से माफी मांगे और ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।