मैं भी चाहती हूं कि अयोध्या में बने राम मंदिर: अपर्णा यादव


अपर्णा यादव ने कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए हमें जनवरी तक मामले की सुनवाई शुरु होने का इंतजार करना चाहिए


राम मंदिर मुद्दे को लेकर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बयान दिया है. गुरुवार को अपर्णा यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्हें भी राम मंदिर बनने का इंतजार है.

उन्होंने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है. मेरा विचार है कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए. अपर्णा यादव गुरुवार को बाराबंकी के देवा शरीफ पहुंची थी. यहां उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए हमें जनवरी तक  मामले की सुनवाई शुरु होने का इंतजार करना चाहिए.

एक रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे पूछा गया कि क्या मस्जिद नहीं बनना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि, ‘मैं तो मंदिर के पक्ष में हूं, क्योंकि रामायण में भी राम जन्मभूमि का उल्लेख आता है.’ वहीं जब उनसे बीजेपी का साथ देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘ मैं राम के साथ हूं.’

वहीं चाचा शिवपाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में शिवपाल के अलग होने से असर पड़ेगा क्योंकि पार्टी को मजबूत करने में उनका भी अहम योगदान रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिला तो अखिलेश या शिवपाल में से वह अपने चाचा शिवपाल और नेता जी मुलायम सिंह यादव को चुनेंगी.

कानून या फिर बिल लाकर महज माहौल बनाने की तैयारी हो रही है या फिर मंदिर बनेगा


पार्टी की रणनीति देखकर यही लग रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का परिणाम ही राम मंदिर मुद्दे पर अगले कदम और अगली रणनीति तय करेगा.


बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का ऐलान कर दिया है. राज्यसभा सांसद सिन्हा ने प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती समेत कई विपक्षी पार्टी के नेताओं को चुनौती देते हुए उनका स्टैंड पूछा है.


Prof Rakesh Sinha

@RakeshSinha01

जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का .@RahulGandhi @yadavakhilesh @SitaramYechury @laluprasadrjd @ncbn


बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा की तरफ से किए गए इस ऐलान के बाद से मंदिर मुद्दे पर सियासत गरमा गई है. आखिरकार राकेश सिन्हा ने इस तरह का बयान क्यों दिया. क्या राकेश सिन्हा ने अपनी मर्जी से बयान दिया या फिर उनके पीछे बीजेपी की भी सोच है या फिर संघ के लाइन को ही आगे बढ़ाते हुए सिन्हा ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है.

सिन्हा को संघ का समर्थन!

दरअसल, राकेश सिन्हा संघ विचारक हैं. मीडिया में सघ की बात प्रमुखता से रखने वाले राकेश सिन्हा को संघ के आलाकमान का वरदहस्त प्राप्त है. संघ के समर्थन की बदौलत ही उन्हें राज्यसभा भेजा गया है. ऐसे में उनकी तरफ से प्राइवेट मेंबर बिल के जरिए अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर रास्ता साफ करने के लिए कदम उठाए जाने के पीछे संघ का ही हाथ माना जा रहा है.

गौरतलब है कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने विजयादशमी की अपनी सालाना बैठक में साफ-साफ शब्दों में सरकार से अयोध्या विवाद के समाधान करने और वहां राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करने के लिए रुकावटों को दूर करने के लिए कानून बनाने की मांग कर दी है. संघ परिवार के मुखिया की तरफ से आए इस बयान के बाद भगवा ब्रिगेड इस मुद्दे पर अब और आक्रामक हो गया है.

वीएचपी और साधु-संतों का कड़ा रुख

विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी के अलावा साधु-संतों ने भी अपना रुख कड़ा कर लिया है. संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक में पहले ही इस बात का ऐलान किया जा चुका है कि राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर देश भर में जनजागरण कार्यक्रम चलाने के अलावा उनकी तरफ से सांसदों को उनके ही संसदीय क्षेत्र में मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा. वीएचपी के साथ मिलकर साधु-संतों की योजना हर राज्य मे गवर्नर से भी मिलने की है. आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भी कानून बनाने की मांग की जाएगी.

दूसरी तरफ, संतों के एक वर्ग ने 3 और 4 नवंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राम मंदिर निर्माण के लिए माहौल बनाने के लिए एक सम्मेलन करने जा रहा है. यह सम्मेलन अखिल भारतीय संत समिति की तरफ से कराया जा रहा है जिसका नेतृत्व जगद्गुरू रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य जी कर रहे हैं. संतों की मांग है कि सरकार कानून बनाकर या फिर अध्यादेश के जरिए अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाल देने के बाद आरएसएस, वीएचपी और कई दूसरे हिंदू संगठनों की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार पर राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जा रहा है.

भागवत के बयान से भगवा ब्रिगेड को मिला मौका

खासतौर से मोहन भागवत के बयान ने बीजेपी के उन नेताओं को भी खुलकर बोलने का मौका दिया है जो इस मुद्दे पर प्रखर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी राम मंदिर के मुद्दे पर बयान देकर माहौल गरमा दिया है.

बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के अलावा बीजेपी के यूपी के अंबेडकर नगर से लोकसभा सांसद हरिओम पांडे ने भी प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि इस बार अयोध्या में दीवाली के दौरान वे राम मंदिर निर्माण से जुड़ी अच्छी खबर लेकर जाएंगे.

उधर, शिवसेना ने भी इस मसले पर सहयोगी बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया है. शिवसेना पहले से ही राम मंदिर मुद्दे को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे 25 नवंबर को अयोध्या भी जा रहे हैं.शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि ठाकरे अयोध्या पहुंचकर मोदी जी और बीजेपी सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए याद दिलाएंगे. शिवसेना का मानना है कि अगर कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे तो हमें एक हजार साल इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में जल्द से जल्द कानून के जरिए सरकार इस मसले पर आगे बढ़े.

विपक्षी दलों का बीजेपी पर हमला

लेकिन, विपक्षी दलों की तरफ से इस मुद्दे पर बीजेपी पर प्रहार हो रहा है. विपक्षी दल अगले चुनाव को ध्यान में रखकर मूल मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश के तौर पर मंदिर मुद्दे को देख रहे हैं. बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा के ऐलान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि राम या अल्लाह वोट करने नहीं आएगें, जनता को ही वोट करना होगा.

उधर, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा है कि ‘कांग्रेस का स्टैंड क्लीयर है, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेंगे. राकेश सिन्हा यह नौटंकी बंद करें.’ॉ

सरकार के लिए सहयोगियों को साधना मुश्किल

लेकिन, बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपनी ही सहयोगी दलों से है. सहयोगी जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि, ‘अगर न्यायपालिका समाधान का रास्ता खोज रही हो तो उस पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए.’

संघ परिवार, साधु-संतों, सहयोगी शिवसेना के अलावा अपनी ही पार्टी के सांसदों की मांग के बाद बीजेपी पर भी राम मंदिर मुद्दे को लेकर दबाव बन रहा है. लेकिन, जेडीयू जैसी सहयोगी की तरफ से आ रहे बयान और गठबंधन की राजनीति की मजबूरी को बीजेपी भी समझ रही है. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा के इस बयान में इस बात की झलक भी मिल रही है.

पात्रा ने इस मसले पर कहा, ‘प्राइवेट मेंबर बिल पार्लियामेंट की संपत्ति होती है, भविष्य में इस विषय पर बिल संसद में आएगा, इसपर मैं अभी से टिप्पणी करूं यह उचित नहीं होगा. मगर इसमें कोई संशय नहीं है कि जहां तक राम मंदिर निर्माण का सवाल है बीजेपी एक मात्र ऐसी पॉलिटिकल पार्टी है जिसने 1989 के पालनपुर के कांक्लेव में यह प्रतिज्ञा की है कि मंदिर का निर्माण हमारा लक्ष्य है, यह हमारा ध्येय है, हमारा लक्ष्य है और यह हमेशा ध्येय रहेगा.’

संबित पात्रा के बयान से साफ है कि बीजेपी के सांसद भले ही प्राइवेट मेंबर बिल की बात करें लेकिन, अभी पार्टी की तरफ से इस मुद्दे को गरमाए रखने से उसे ही फायदा होगा. पार्टी की तरफ से पात्रा ने आधिकारिक तौर पर इस बिल के पक्ष में कुछ नहीं कहा, लेकिन, उनकी तरफ से विपक्षी दलों को राम विरोधी दिखाना बीजेपी की रणनीति को दिखा रहा है.

विपक्ष पर पात्रा का प्रहार

पात्रा ने विपक्षी दलों को कठघड़े में खड़ा करते हुए कहा, ‘अगर आप एक सूची बनाएं और एक तरफ यह लिखें की मंदिर बनाने वाले और दूसरी तरफ लिखें मंदिर नहीं बनाने वाले, तो मंदिर बनाने वालों में विश्व हिंदू परिषद, संघ, बीजेपी और साधु-संतों का नाम आएगा. लेकिन, मंदिर नहीं बनाने वालों में पहले कांग्रेस का नाम आएगा, जिसने राम के वजूद को ही नकारा है. समाजवादी पार्टी का नाम आएगा, बीएसपी का नाम आएगा और इसके अलावा वो तमाम विपक्षी पार्टी जो हमारी उलाहना करने का काम कर रही हैं उन सबका नाम आएगा.’

हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि संघ परिवार की तरफ से मुद्दा गरमाए जाने के बावजूद बीजेपी की तरफ से इस मुद्दे पर आगे बढ़ना आसान नहीं होगा, क्योंकि पार्टी को अपने सहयोगियों को भी साधना है. पार्टी की रणनीति देखकर यही लग रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का परिणाम ही राम मंदिर मुद्दे पर अगले कदम और अगली रणनीति तय करेगा.

राम मंदिर पर प्राइवेट बिल ला सकती है बीजेपी: राकेश सिन्हा


राकेश सिन्हा ने एक ट्वीट किया है. जिसमें राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने के बारे में कहा गया है


नयी दिल्ली, 1 नवम्बर, 2018:

चुनावी मौसम के बीच एक बार राम मंदिर का मुद्दा गरमा गया है. राम मंदिर को लेकर बीजेपी पर कांग्रेस लगातार निशाना साधती रही है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी है. अब इस मुद्दे पर बीजेपी को विपक्ष लगातार घेर रहा है.

राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा ने एक ट्वीट किया है. जिसमें राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने के बारे में कहा गया है. सिन्हा ने पूछा है कि अगर बीजेपी राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आती है तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी और मायावती का स्टैंड क्या होगा? सिन्हा ने विपक्ष के नेताओं को इस पर अपना स्टैंड साफ करने के लिए कहा है.


Prof Rakesh Sinha

@RakeshSinha01

Will @RahulGandhi @SitaramYechury @laluprasadrjd Mayawati ji support Private member bill on Ayodhya? They frequently ask the date ‘तारीख़ नही बताएँगे ‘ to @RSSorg @BJP4India ,now onus on them to answer


सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दी है. मामले की सुनवाई टलने के बाद साधु-संतों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है.

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने के विकल्प को नकारा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे को सर्वसम्मति से हल नहीं किया जा सकता है, तो फिर दूसरे विकल्पों को भी खंगाला जा सकता है.

Kejri all set to encash his government’s record in education and health sectors


Shun the party that sought votes in the name of temple and mosques and support the one which worked for building schools and hospitals.

I want to invite Manohar Lal Khattar to select three poorly managed Mohalla Clinics in Delhi and then let me choose two of the best dispensaries in Haryana

Necessary action would be taken soon against Khaira.


Sarika Tiwari, Chandigarh,1 November, 2018:

Delhi Chief Minister and convener of AAP Arvind Kejriwal is all set to encash his government’s record in education and health sectors in the national capital to the voters in Haryana.

Kejriwal took a dig at the BJP while appealing to the people of Haryana to shun the party that sought votes in the name of temple and mosques and support the one which worked for building schools and hospitals.

Kejriwal promised to emulate the Mohalla Clinic model of Delhi in Haryana if the AAP was voted to power in the next assembly election. Haryana will go to the polls next year.

He also slammed Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar for calling Mohalla Clinics as Halla clinics. Arvind Kejriwal said he has challenged Khattar to accompany him to visit Haryana’s dispensaries on November 12 to find out how different Mohalla Clinics are. “Manohar Lal Khattar has accepted my challenge to visit Mohalla Clinics. Now I am challenging him to accompany me to the state’s dispensaries on Number 12. I will also be writing a letter to the chief minister,” said Arvind Kejriwal.

Kejriwal accused former Chief Ministers of using the name of castes ,to seek votes but the Aam Aadmi Party talks about power, water, roads and health services.

“I want to invite Manohar Lal Khattar to select three poorly managed Mohalla Clinics in Delhi and then let me choose two of the best dispensaries in Haryana. Let us see which one is better. You give me a date, I will come to receive you on Delhi border and then on Number 12, I will be visiting your dispensaries,” said Arvind Kejriwal

“It is the internal issue of party which will be resolved soon” told Arvind Kejriwal While replying about the issues raised by the ousted AAP leader Sukhpal Singh Khaira Kejriwal said necessary action would be taken soon against Khaira.

There is an abnormal increase in pollution level after October 25 said Kejriwal. This is nothing else but due to stubble burning in Punjab.
Showing the satellite images of stubble burning in Punjab , he said the incidents of stubble burning were more in Punjab this year than in Haryana.
Accusing the Punjab government for failing to control stubble burning of the harvested paddy crop, Arvind Kejriwal told that the pollution level had deteriorated in the national capital after October 25.

The images show stubble burning in Bathinda, Amritsar and other districts in Punjab. In Haryana, this is limited to north Haryana in the areas around Ambala district.

He said the government and pollution control authorities in Punjab need to take the menace of stubble burning more seriously to find a lasting solution to the annual problem that was causing severe air pollution in Delhi.

“Neither vehicular pollution has increased in Delhi after October 25 nor more industries have been set up and neither there has been a dust build up. The air quality has deteriorated due to stubble burning in Punjab,” he said.

He said Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar had earlier assured him of lesser stubble burning in Haryana this year and the satellite images showed that stubble burning was indeed less in that state this time.

“I met Union Environment Minister Harsh Vardhan a few months back to discuss this problem. He assured me that the problem will be curbed as ‘Happy Seeder’ machines will be provided to panchayats to get rid of the crop residue. However, nothing has happened,” he pointed out.

Agrarian states Punjab and Haryana are expecting bumper procurement of over 250 lakh tonnes of paddy this Kharif season.

The Congress, INLD and BJP have ruled Haryana for 52 years. Nothing has changed on the ground,” he said.

The successive governments in Haryana whether Congress, Indian National Lok Dal (INLD) and Bharatiya Janata Party (BJP). All have all failed to deliver on development. Schools, roads, hospitals and other infrastructure are in a bad shape.
He urged the masses of Haryana to vote for AAp for revolutionary changes in the direction of development.

“We have brought revolutionary changes in Delhi in three years. It is being discussed at the global level. I have travelled in recent days to villages in Haryana. We have been to schools. They are in dilapidated condition,” he said.

Police File

 DATED

01.11.2018

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 03 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 03 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 03 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:-  PS-26= 2 cases, PS-Maulijagran= 1 case.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Parveen Kumar R/o # 1675, Saini Vihar, Phase-3, Baltana, Zirakpur, Distt.-Mohali, Punjabfrom backside Sant Nirankari Bhawan, Village-Maulijagran, Chandigarh and recovered 36 Gm Heroine from his possession. A case FIR No. 318, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-Maulijagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Sh. Parveen Kumar R/o # 1756/A, Sector-43/B, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’sHero Honda CD Delux Motor Cycle No. PB-20A-1555 while parked near Fragrance Garden, Sector-36, Chandigarh on 24-10-2018. A case FIR No. 387, U/s 379 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

A case FIR No. 388, U/S 419, 420, 468, 34 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh on the complaint of Sh. Pappu Kumar R/o # 1511, Sector-52, Chandigarh who reported that two unknown persons have took away cash Rs. 8 lacs and gold jewellery from complainant’s house by cheating/fooling him as Income Tax Officers on 31.10.2018.  Investigation of the case is in progress.