पारसी दादा, ईसाई मां: राहुल गांधी फिर भी कैसे हैं कौल ब्राह्मण !!!

दिनेश पाठक अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर। विधि प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद

अब तक आपने कई घोटालो के बारे मे सुना होगा जिसमे एक निश्चित राशि बताई जाती थी कि इतने लाख का घोटाला हुआ और उस घोटाले का एक नाम होता होता था जैसे 2 जी घोटाला, कोल घोटाला, बोफोर्स घोटाला ये सारे घोटाले देश मे कांग्रेस द्वारा किये गये लेकिन आज पुष्कर मे बिना राशि का ऐसा घोटाला देखने को मिला जो स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किया गया जिसे लेकर देश के नागरिकों मे जिज्ञासा है जानने की कि आखिर ये हुआ कैसे ?

ये है गोत्र घोटाला आज राहुल गांधी पुष्कर यात्रा पर थे जहां ब्रह्मा मन्दिर मे संकल्प के दौरान उन्होने पुजारी द्वारा गोत्र पूछने पर दत्तात्रेय गोत्र बताया जिसे सुनकर देश के हर नागरिक के मन मे ये विचार कौंध रहा है कि ये हुआ कैसे इसकी जानकारी न कभी उनके पिता स्व राजीव गांधी ने न उनके दादा फिरोज खान ने कभी कहीं इस दत्तात्रेय गोत्र का उल्लेख किया कहीं ये देश के मतदाताओ के भ्रमित करने के लिये गोत्र घोटाला तो नही ?

वैसे तो कोई भी व्यक्ति किसी जाति का हो धर्म का हो उसका निजि मामला है लेकन राहुल गांधी सार्वजनिक जीवन जीते है तो स्वभाविक है लोगो की उत्सुकता और बढ जाती है कि उनके दादा फिरोज खान थे तो उनका गोत्र दत्तात्रेय कैसे हो सकता है क्या फिरोज खान के पिता ,दादा भी दत्तात्रेय गोत्र के थे और कौल ब्राह्मण थे? या सिर्फ ये गोत्र घोटाला है.

गोत्र मोटे तौर पर उन लोगो के समूह को कहते है जिसका वंशज एक मूल पुरूष पूर्वज से अटूट क्रम से जुडा है ! व्याकरण के प्रयोजनों के लिये पाणिनी मे गोत्र की परिभाषा है अपात्यम पौत्रप्रभ्रति गोत्रम’ अर्थात गोत्र शब्द का अर्थ है बेटे के बेटेके साथ शुरु होने वाली (एक ऋषि )की संतान ! गोत्र कुल या वंश की संज्ञा है जो उसके किसी मूल पुरुष के अनुसार होती है

पुष्कर पूजन के दौरान संकल्प कराते समय राहुल गाँधी ने अपने आप को कौल ब्राहम्ण और अपना गोत्र ‘दत्तात्रेय ‘बताया ।

आपको ज्ञात होगा कि इससे पहले राहुल ने किसी स्थान पर पुरोहित द्वारा गोत्र पूछे जाने पर प्रश्न किया था कि गोत्र क्या होता है ।इस प्रसंग की बहुत चर्चा हुई थी ।जगह जगह लोगों ने चुटकी ली थी कि ‘जनेऊ धारु’को यह तक पता नहीं है कि गोत्र क्या होता है ।

गोत्र का अभिप्राय उन व्यक्तियों से हैं जिनके आपस में पूर्वजों अथवा वंशजों की सीधी पिता की परम्परा द्वारा रक्त सम्बन्ध है। यह पितृ पक्ष के वंशजों की अटूट शृंखला है ।

यह जानने के लिए कि किसी व्यक्ति का क्या गोत्र है,उस व्यक्ति के 7तक पूर्वजों को गिना जाता है और जो 7वे पूर्वज का गोत्र होता है वही उस व्यकित का गोत्र होता है ।

राहुल का गोत्र जानने के लिए राहुल,राजीव,फिरोज,फिरोज के पिता,फिरोज के दादा,फिरोज के परदादा और अन्त में फिरोज के पर दादा का गोत्र ही राहुल का गोत्र होगा ।

दुनिया जानती है कि राहुल की 7पीढ़ी के पूर्वज हिन्दू नहीं थे और न ही हिन्दुओं की तरह से गोत्र परम्परा थी अत राहुल का कोई गोत्र कैसे हो सकता है।

पुष्कर में राहुल गोत्र का फर्जिवाड़ा कर गया है ।

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