पाँच दिवसीय त्योहारों की अग्रिम शुभ कामनाएँ

 

 

 

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🎆5 November : धन तेरस🎆
श्री कुबेर जी आपका भंडार हमेशा भरा रखे…

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🎆 06 November : चौउदस🎆
असफलता,दुख,निराशा,दरिद्रता
और मुश्किलें आपसे कोसों दूर रहे ।

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🎆 07 November : दीपावली 🎆
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पूरे साल आपके घर मे खुशियों की रौशनी जगमगाती रहे…
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🎆 08 November : गोवर्धन पूजा 🎆
भगवान गोवधर्न आपके घर आंगन को सुख ,शान्ति और समृद्धि से
भरा रखें ।
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🎆 09 November : भाई दूज🎆
भाई – बहन का प्यार हमेशा आसमान की ऊँचाइयों पर रहे …
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आप और आपके परिवार को पांच दिवसीय त्योैहार की
हार्दिक और अग्रिम बधाइयां………मेरे और मेरे परिवार की तरफ से
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वेदांती बोले- दिसंबर में शुरू हो जाएगा राम मंदिर निर्माण

नई दिल्ली-लखनऊ:

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। शनिवार को राज जन्मभूमि न्यास के प्रेसिडेंट राम विलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या राम का निर्माण दिसंबर में शुरू हो जाएगा। वेदांती ने आगे कहा कि राम मंदिर का निर्माण बिना किसी अध्यादेश के आपसी सहमति से अयोध्या में किया जाएगा जबकि मस्जिद लखनऊ में बनाई जाएगी।
उधर, योग गुरू रामदेव ने कहा- यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा। आना ही चाहिए। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? रामभक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं, मुझे लगता है इसी वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा।
उधर, ऐसी खबर है कि अब दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भगवान श्रीराम की अयोध्या में स्थापित की जाएगी। यह सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात में लगी मूर्ति से भी ऊंची होगी। दिवाली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसकी घोषणा कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति पैडस्टल सहित 182 मीटर की है। यह अभी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इस पर 2,989 करोड़ रुपये खर्च हुए। अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति का भी रिकार्ड तोड़ेगी। भगवान श्रीराम की मूर्ति की स्थापना का प्रस्ताव एक बैठक में रखा जा चुका है। हालांकि इसके शिलान्यास का अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, लेकिन इसको लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री कर सकते हैं। इस मूर्ति पर और ज्यादा खर्च आने की संभावना है।
भगवान श्रीराम की इस मूर्ति की कुल ऊंचाई पैडस्टल सहित 201 मीटर की होगी। इसमें 151 मीटर की मूर्ति होगी और 50 मीटर का पैडस्टल होगा।

Dhanteras 2018: जानिये कब है धनतेरस, क्या है पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2018: दिवाली से ठीक दो दिन पूर्व धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन यानी धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था. तभी से धनत्रयोदशी के दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा और इस दिन को धन तेरस के रूप में पूजा जाता है. इस बार धनतेरस 5 नवंबर को है.

इस दिन खरीदारी करना शुभ माना जाता है. खासतौर से लोग इस दिन बर्तन और गहनों की खरीदारी करते हैं. इस बार धनतेरस के दिन पूजा करने के लिए जातकों को सिर्फ 1 घंटा 55 मिनट का वक्त मिलेगा.

धनतेरस 2018 का मुहूर्त-

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: 5 नवंबर को शाम 6.05 बजे से 8.01 बजे

शुभ मुहूर्त की अवधि: 1 घंटा 55 मिनट

प्रदोष काल: शाम 5.29 से रात 8.07 बजे तक

वृषभ काल: शाम 6:05 बजे से रात 8:01 बजे तक

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 5 नवंबर को सुबह 01:24 बजे

त्रयोदशी तिथि खत्म: 5 नवंबर को रात्रि 11.46 बजे

धनतेरस क्यों मनाते हैं, पढ़ें पवित्र और पौराणिक कथा


कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। यह त्योहार दीपावली आने की पूर्व सूचना देता है। इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व है। 


क्यों मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार –
भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’ इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है। जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है।
शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
धनतेरस के दिन क्या करें – 
धनतेरस के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी भी रूप में चांदी एवं अन्य धातु खरीदना अति शुभ है।
धन संपत्ति की प्राप्ति हेतु कुबेर देवता के लिए घर के पूजा स्थल पर दीप दान करें एवं मृत्यु देवता यमराज के लिए मुख्य द्वार पर भी दीप दान करें।
धनतेरस की पौराणिक एवं प्रामाणिक कथा 
धनतेरस से जुड़ी कथा है कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन देवताओं के कार्य में बाधा डालने के कारण भगवान विष्णु ने असुरों के गुरु शुक्राचार्य की एक आंख फोड़ दी थी।
कथा के अनुसार, देवताओं को राजा बलि के भय से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि के यज्ञ स्थल पर पहुंच गए। शुक्राचार्य ने वामन रूप में भी भगवान विष्णु को पहचान लिया और राजा बलि से आग्रह किया कि वामन कुछ भी मांगे उन्हें इंकार कर देना। वामन साक्षात भगवान विष्णु हैं जो देवताओं की सहायता के लिए तुमसे सब कुछ छीनने आए हैं।
बलि ने शुक्राचार्य की बात नहीं मानी। वामन भगवान द्वारा मांगी गई तीन पग भूमि, दान करने के लिए कमंडल से जल लेकर संकल्प लेने लगे। बलि को दान करने से रोकने के लिए शुक्राचार्य राजा बलि के कमंडल में लघु रूप धारण करके प्रवेश कर गए। इससे कमंडल से जल निकलने का मार्ग बंद हो गया।
वामन भगवान शुक्रचार्य की चाल को समझ गए। भगवान वामन ने अपने हाथ में रखे हुए कुशा को कमण्डल में ऐसे रखा कि शुक्राचार्य की एक आंख फूट गई। शुक्राचार्य छटपटाकर कमण्डल से निकल आए।
इसके बाद बलि ने तीन पग भूमि दान करने का संकल्प ले लिया। तब भगवान वामन ने अपने एक पैर से संपूर्ण पृथ्वी को नाप लिया और दूसरे पग से अंतरिक्ष को। तीसरा पग रखने के लिए कोई स्थान नहीं होने पर बलि ने अपना सिर वामन भगवान के चरणों में रख दिया। बलि दान में अपना सब कुछ गंवा बैठा।
इस तरह बलि के भय से देवताओं को मुक्ति मिली और बलि ने जो धन-संपत्ति देवताओं से छीन ली थी उससे कई गुना धन-संपत्ति देवताओं को मिल गई। इस उपलक्ष्य में भी धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

राशि के अनुसार धनतेरस पर कर सकते है ये ज्योतिष उपाय

धनतेरस के दिन धनवन्तरी, धन की देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और यमराज का पूजन किया जाता है। अपनी आर्थिक हालत को मजबूत करने के लिए धनतेरस का दिन बहुत अहम होता है। धनतेरस के दिन राशि के अनुसार नीचे लिखे उपाय किए जाएं तो धन-संपत्ति आदि का लाभ होता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

मेष- यदि आप धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक में दो काली गुंजा डाल दें, तो साल भर आर्थिक अनुकूलता बनी रहेगी। आपका उधार दिया हुआ धन भी प्राप्त हो जाएगा।

वृषभ- यदि आपके संचित धन का लगातार खर्च हो रहा है तो धनतेरस के दिन पीपल के पांच पत्ते लेकर उन्हे पीले चंदन में रंगकर बहते हुए जल में छोड़ दें।

मिथुन- बरगद से पांच फल लाकर उसे लाल चंदन में रंगकर नए लाल वस्त्र में कुछ सिक्कों के साथ बांधकर अपने घर अथवा दुकान में किसी कील से लटका दें।

कर्क- यदि आपको अचानक धन लाभ की आशा हो तो धनतेरस के दिन शाम के समय पीपल वृक्ष के समीप तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं।

सिंह- यदि व्यवसाय में बार-बार हानि हो रही हो या घर में बरकत ना रहती हो तो धनतेरस के दिन से गाय को रोज चारा डालने का नियम लें।

कन्या- यदि जीवन में आर्थिक स्थिरता नहीं हो तो धनतेरस के दिन दो कमलगट्टे लेकर उन्हें माता लक्ष्मी के मंदिर में अर्पित करें।

तुला- यदि आप आर्थिक परेशानी से जुझ रहे हैं तो धनतेरस के दिन शाम को लक्ष्मीजी के मंदिर में नारियल चढ़ाएं।

वृश्चिक- यदि आप निरंतर कर्ज में उलझ रहें हो तो धनतेरस के दिन श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल वृक्ष पर चढ़ाएं।

धनु- धनतेरस के दिन गुलर के ग्यारह पत्तों को मोली से बांधकर यदि किसी वट वृक्ष पर बांध दिया जाए, तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

मकर- यदि आप आर्थिक समस्या से परेशान है, किंतु रूकावटें आ रही हों, तो आक की रूई का दीपक शाम के समय किसी तिहारे पर रखने से आपको धन लाभ होगा।

कुंभ- जीवन स्थायी सुख-समृद्धि हेतु प्रत्येक धनतेरस की रात में पूजन करने वाले स्थान पर ही रात्रि में जागरण करना चाहिए।

मीन- यदि व्यवसाय में शिथिलता हो तो केले के दो पौधे रोपकर उनकी देखभाल करें तथा उनके फलों को नहीं खाएं।

आज का पांचांग

🌷🌷🌷पंचांग:-🌷🌷🌷
4 नवंबर 2018, रविवार।
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विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – दक्षिण
ऋतु – हेमंत
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वादशी
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी
योग – वैघृति
करण – कौलव
राहुकाल –
4:30PM – 6:00PM
🌞सूर्योदय – 06:43 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 17:28 (चण्डीगढ़ )

🚩व्रत:- 🚩
रमा एकादशी व्रत।( वैष्णव )

🚩पर्व:- 🚩गोवत्स द्वादशी

🚩विशेष:- इस दिन गौ वंश की सेवा की जाती है, गोवंश के बछड़े समाज में छोड़े़ जाते हैं जो बड़े होकर सांड कहलाते हैं।