“चार वर्ष से मामला काग़ज़ों में विचाराधीन रहा “
“सरकार मस्त , जनता त्रस्त”
चंडीगढ़।
शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष व हरियाणा किसान कांग्रेस के प्रदेशउपाध्यक्ष विजय बंसल ने बताया कि बीते चार वर्षों में हरियाणा की भाजपा सरकार, हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा बड़ाने के लिए गम्भीर नहीं है । हरियाणा सरकार ने विजय बंसल द्वारा लाल डोरा बढ़ाने के लिए दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद कैप्टन अभिमन्यु,वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 5 मंत्रियो की कमेटी बनाई थी। कैप्टन अभिमन्यु , वित्त मंत्री हरियाणा सरकार की अध्यक्षता में 10 जुलाई 2018 को बैठक हुई जिसमें कविता जैन, ओपी धनखड़ समेत कमेटी ने निर्णय लिया कि जब तक बंदोबस्त नही होता तब तक लाल डोरा नही बढ़ाया जा सकता।लाल डोरा से बाहर जो निर्माण ग्रामीण क्षेत्रो में हुआ है जहां कंट्रोल्ड एरिया एक्ट 1963 लागू है वहा कंट्रोल्ड एरिया एक्ट 1963 ही फैसला करेगा। जो गांव नगर पालिका में शामिल हो चुके है तथा जो निर्माण लाल डोरा से बाहर हुआ है वहा हरियाणा डेवलपमेंट एवं रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट 1975 नियमुनसार फैसला करेगा।विजय बंसल ने भाजपा सरकार की कार्यशेली पर आरोप लगाया कि चार वर्ष बीत जाने के बाद भी भाजपा हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा की सीमा बढ़ाने हेतु कोई उचित निर्णय नहीं ले पाई है ।
बंसल ने इस विषय में कैप्टन अभिमन्यु संयोजक , लाल डोरा बढाओ कमेटी व मनोहर लाल मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को कई बार ज्ञापन भेज कर मांग की थी कि हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा बड़ाया जाए परंतु जब जवाब नहीं आया तो विजय बंसल द्वारा आरटीआई में पूछा गया कि इस कमेटी की अब तक कुल कितनी बैठके हो चुकी है , इन बेठको में क्या कार्यवाही करी गई , क्या निर्णय लिए गए व हरियाणा के 6800 गाँवो में लाल डोरा को लेकर भविष्य में क्या योजना है।विजय बंसल ने कहा कि इस संदर्भ में जवाब दिया गया कि जब तक बंदोबस्त नही होता तब तक लाल डोरा नही बढ़ाया जाएगा।
शिवालिक विकास मंच के प्रदेशाध्यक्ष विजय बंसल ने लाल डोरा बढाने के लिए हरियाणा सरकार को कई ज्ञापन दिए परंतु कोई कार्यवाही नही हुई। 2010 में विजय बंसल ने लाल डोरा बढाने हेतु पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका नंबर 6169 औफ 2010 डाली। माननीय न्यायालय ने 24 मार्च 2014 को फैसला किया। सुनवाई के दौरान सरकार ने पक्ष रखते हुए बताया कि एक्ट नंबर 1 , 1953 में आबादी देह शब्द का वर्णन नहीं किया गया। इसके बाद 1948 के अधिनियम में आबादी देह प्रभाषित नहीं किया गया है।
इसके परिभाषा के अभाव में नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग द्वारा लाल डोरा में पड़ने वाले क्षेत्र को आबादी देह क्षेत्र माना गया है,परिणाम स्वरुप लाल डोरा के भीतर व लाल डोरा के बाहर किन्तु 1948 नियम के अधीन चकबंदी के समय व नियमित फिरनी के भीतर ग्राम निवासियों द्वारा किये गए निर्माण को अवैध माना जाता रहा है।जिससे ग्रामीण जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा विधान सभा में बिल पास किया गया जिसमे गाँव की फिरनी तक क्षेत्र को लाल डोरा माना गया है। कालका क्षेत्र में बंदोबस्त ना होने के
कारण गाँवों कीफिरनिया नहीं है जिस कारण नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने 114 वर्ष पहले लाल डोरा को ही आबादी क्षेत्र मान लिया है जिस कारण लोगो को दिकत आ रही है जबकि पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशानुसार हरियाणा के बाकि क्षेत्रो में फिरनी तक आबादी देह क्षेत्र माना गया है।
कालका क्षेत्र के 154 गाँवों में चंडीगढ़ के निर्माण के समय से 1952 न्यू पंजाब केपिटल पेराफेरी एक्ट लागू हैं।साथ ही पूरे हरियाणा में 1962 के बाद बंदोबस्त नहीं हुआ है।
महानिदेशक भू अभिलेख हरियाणा पंचकूला के रिकार्डअनुसार भारत के आजादी के समय से लाल डोरा नहीं बढ़ाया गया बल्कि संयुक्त पंजाब का आखरी बंदोबस्त वर्ष 1902 से 1909 तक किया गया।इसी दौरान लाल डोरा बढ़ाया गया था। इसके बाद ना ही बंदोबस्त हुआ ना ही लाल डोरा बढ़ाया गया। हरियाणा में लगभग 110 वर्ष में आबादी बहुत बढ़ गई हैं। लोगो को अपने आवास बनाने में बहुत परेशानी आने लगी है