प्रदूषण पर दिल्ली सरकार का शोर सालाना लगने वाले मेले की तरह नजर आता है और प्रदूषण रोकने की कवायद आखिरी में आरोप लगाने पर ही ठहर जाती है
दिल्ली की हवा जानलेवा हो चुकी है. सुबह के वक्त घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी जा रही है. लेकिन राजनीति की फिजां उससे भी ज्यादा खराब है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बीजेपी और कांग्रेस पर दिल्ली की हवा को जहरीला बनाने का आरोप लगाया है. वो कहते हैं कि केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा की वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है. पिछले साल भी सीएम केजरीवाल ने ऐसा ही कहा था. केजरीवाल ये मानते हैं कि दिल्ली की हवा में बढ़ते प्रदूषण के पीछे राजनीतिक साजिशें हैं और दिल्ली सरकार उन साजिशों का शिकार.
सरकार को सबसे पहले प्रदूषण के कारकों को चिन्हित करना होगा और उनका विकल्प सोचना होगा. सरकार ये सुनिश्चित करे कि लैंडफिल साइट और दूसरी जगहों पर कचरा न जलाया जाए, पॉवर कट की वजह से डीज़ल जेनरेटर का ज्यादा इस्तेमाल न हो, धुआं फेंकने वाले पुराने वाहन सख्ती से जब्त हों, ईंट-भट्टे सर्दियों के मौसम में बंद रखे जाएं और धूल भरी सड़कों पर पानी का लगातार छिड़काव हो.
बहरहाल, एक बार फिर प्रदूषण से गहराती धुंध में दिल्ली सरकार अपनी राजनीति की आबो-हवा ठीक करने में जुटी हुई है. एक दूसरे पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ने की कवायद हो चुकी है. हर साल सर्दियां आएंगी. आबोहवा में धुंध का पहरा होगा. पड़ौसी राज्यों में पराली जलेगी और फिर दिवाली भी आएगी. उसी कोहरे की राजनीति में बयानों की जहरीली हवा भी चलेगी जो ये कहेगी कि इस दमघोंटू हवा के लिए हम नहीं ‘वो’ जिम्मेदार हैं. उस ‘वो’ की तलाश जारी रहेगी.