जम्मू-कश्मीर: पीडीपी के दो बड़े नेताओं सहित दो दर्जन कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए


राज्य बीजेपी अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने आशा जताई है कि इन सभी के आने से जमीनी स्तर पर पार्टी मजबूत होगी


शनिवार को जम्मू कश्मीर में एक बड़ी राजनीतिक गतिविधि देखने को मिली. दरअसल राज्य की मुख्य राजनीतिक पार्टी पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व जोनल शिक्षा अधिकारी सहित करीब दो दर्जन कार्यकर्ता ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.

पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन नए सदस्यों का राज्य बीजेपी अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने पार्टी में स्वागत किया है. गौरतलब है कि इनमें से कई लोग हाल ही में संपन्न स्थानीय निकाय चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार थे. जबकि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था.

बीजेपी के राज्य के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी में शामिल होने वालों में पीडीपी के जिला उपाध्यक्ष चमन लाल अंगराल, अनुसूचित जाति कल्याण एवं विकास पर राज्य के सलाहकार बोर्ड के सदस्य उमेश कुमार और पूर्व जोनल शिक्षा अधिकारी कुलदीव रैना शामिल हैं.

पार्टी प्रवक्ता के मुताबिक अंगराल और कुमार के साथ 22 कार्यकर्ता भी थे. इन सभी का भारतीय जनता पार्टी में स्वागत करते हुए रैना ने आशा जताई है कि इन सभी के आने से जमीनी स्तर पर पार्टी मजबूत होगी. गौरतलब है कि स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है.

30 ओक्टुबर तक कम से कम 15 सीटें दे कांग्रेस: हीरालाल अलावा

हीरालाल अलावा


  • उन्होंने कहा, ‘अगर 30 अक्टूबर तक चुनावी गठबंधन पर हमारी कांग्रेस से सहमति नहीं बनी, तो हम आगामी चुनावों में अपने नेताओं को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतारेंगे

  • 230 विधान सभा सीटों में से मात्र 15 सीटों की मांग क्या कांग्रेस ठुकरा देगी?

  • वहीं जयस की सहयोगी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने इस नए संगठन को आगाह किया है कि वह कांग्रेस से चुनावी तालमेल हर्गिज न करे.सीटें


 

कांग्रेस से चुनावी गठबंधन की कोशिश में जुटे संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने मध्यप्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल से कम से कम 15 विधानसभा सीटें मांगी हैं. इसके साथ ही, कांग्रेस को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वह तीन दिन के भीतर इस प्रस्तावित तालमेल पर फैसला कर ले.

शनिवार को जयस के राष्ट्रीय संरक्षक हीरालाल अलावा ने इंदौर प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘चुनावी गठबंधन के लिए कांग्रेस से हमारी चर्चा जारी है. हम मालवा-निमाड़ अंचल की कम से कम 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि कांग्रेस इन सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे और हमें समर्थन दे.’

उन्होंने कहा, ‘अगर 30 अक्टूबर तक चुनावी गठबंधन पर हमारी कांग्रेस से सहमति नहीं बनी, तो हम आगामी चुनावों में अपने नेताओं को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतारेंगे.’ अलावा ने बताया कि वह धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र से खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं और जयस ने चुनावी गठबंधन की चर्चाओं के दौरान कांग्रेस से उसके कब्जे वाली यह सीट भी मांगी है.

चुनाव आयोग में पंजीकृत नहीं है जयस, जीजीपी ने दी चेतावनी

उन्होंने कहा, ‘कुक्षी क्षेत्र हमारे संगठन का गढ़ है. इसलिए इस सीट पर हमारा स्वाभाविक दावा है.’ गौरतलब है कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में कुक्षी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह बघेल ‘हनी’ ने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी को 42,768 मतों से पराजित किया था.

‘अबकी बार, आदिवासी सरकार’ का चुनावी नारा देने वाला जयस हालांकि एक राजनीतिक दल के रूप में चुनाव आयोग में अभी पंजीकृत नहीं है. लेकिन उसकी अलग-अलग सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारकर इन्हें समर्थन देने की योजना है. इस बीच, जयस की सहयोगी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने इस नए संगठन को आगाह किया है कि वह कांग्रेस से चुनावी तालमेल हर्गिज न करे.

कांग्रेस देती है लॉलीपॉप

समाजवादी पार्टी से चुनावी गठबंधन करने वाली जीजीपी के राष्ट्रीय महासचिव बलबीर सिंह तोमर ने कार्यक्रम में कहा, ‘कांग्रेस हम जैसे छोटे सियासी दलों को उसी तरह अपने पास बुलाती है. जैसे छोटे बच्चों को लॉलीपॉप दिखाकर ललचाया जाता है. कांग्रेस छोटे दलों को खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है.’

उन्होंने कहा, ‘हमने कांग्रेस की चुनावी लॉलीपॉप की तरफ देखना बंद कर दिया है. मैं जयस से भी कहना चाहता हूं कि वह भी कांग्रेस की इस लॉलीपॉप की तरफ न देखे.’ तोमर ने कहा, ‘हम कांग्रेस के पास (चुनावी गठबंधन की) भीख मांगने नहीं गए थे बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ हमारे पास (चुनावी गठबंधन की) भीख मांगने आए थे. क्योंकि उनकी पार्टी राज्य की सत्ता से पिछले 15 साल से वनवास में है.’

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर केरल के मुख्यमंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई है


अमित शाह के बयान पर विजयन ने कहा, यह मौलिक अधिकारों (फंडामेंटल राइट्स) की गारंटी न देने के उनके एजेंडे की तरफ स्पष्ट इशारा है. यह आरएसएस और संघ परिवार का एजेंडा दिखाता है


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर केरल के मुख्यमंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई है. सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष का सबरीमाला मामले पर बयान संविधान और कानून के खिलाफ है. अमित शाह ने शनिवार को अपने केरल दौरे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी अयप्पा भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है. उन्होंने विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, लेफ्ट की सरकार ताकत के दम पर प्रदर्शनकारियों को चुप कराना चाहती है.

अमित शाह के बयान पर विजयन ने कहा, यह मौलिक अधिकारों (फंडामेंटल राइट्स) की गारंटी न देने के उनके एजेंडे की तरफ स्पष्ट इशारा है. यह आरएसएस और संघ परिवार का एजेंडा दिखाता है.

उन्होंने कहा, अमित शाह जिन्होंने हमारी सरकार को उखाड़ फेंकने की धमकी दी, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि मेरी सरकार बीजेपी की दया पर नहीं, बल्कि लोगों के जनादेश पर सत्ता में आई है. उनका संदेश लोगों के जनादेश को खंडित करने वाला है.

अमित शाह ने किया अयप्पा के भक्तों का समर्थन

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के सीपीएम नीत एलडीएफ सरकार के फैसले का विरोध करने वाले श्रद्धालुओं को शनिवार को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार प्रदर्शनों को ताकत के बल पर ‘दबाना’ चाहती है.

शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं के प्रदर्शन को चुनौती देने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत प्रदेश भर में सभी वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं की गिरफ्तारी की भी आलोचना की.

Pkl Ladies club celebrated Karwa Chauth today at Hotel Pallavi

Preet bagga Makeover artist from Chandigarh & Sanjana Sharma from Panchkula beauty Queen who has participated in many beauty shows were Jury Members.
Pkl Ladies club celebrated Karwa Chauth today at Hotel Pallavi sector 5 Pkl with around 200 ladies. Fashion show was for girls & ladies Sunita Nain was adjudged as Lucky Karwa Queen amongst 50 plus category.
Komal Thakur was adjudged as Karwa Queen amongst below 50 category.
Ranjeeta Mehta was first runner up & Dipika Thakur second runner up.
Nandita got prize for tallest lady of the day.
Divya got prize for shortest lady
Sanjana Sharna bagged prize for highest heel of 7 inches
It was for the first time that husbands were allowed .
Pkl Ladies club celebrated Karwa Chauth today at Hotel Pallavi sector 5 Pkl with around 200 ladies. Fashion show was for girls & ladies Sunita Nain was adjudged as Lucky Karwa Queen amongst 50 plus category.
Komal Thakur was adjudged as Karwa Queen amongst below 50 category.
Ranjeeta Mehta was first runner up & Dipika Thakur second runner up.
For tambola ladies had to say Happy Karwa Chauth, Mehandi, Bangles and sargi
Dr. Singh and Surekha Singh Danced on -Bekarar karke hume Yun na jaiye
Dr. Shridhar and Dr. Sujata danced on -pal pal Dil ke pass Tum rehti ho
Mr. Mehta and Anita Mehta danced on -aap yahan aye kisliye

‘अयप्पा भक्तों’ के साथ भाजपा अडिग चट्टान की तरह खड़ी है: अमित शाह


शाह ने कहा कि केरल की लेफ्ट सरकार सबरीमाला के श्रद्धालुओं का दमन कर रही है


केरल के कन्नौर जिले में स्थित बीजेपी के नए दफ्तर का उद्धघाटन करने पहुंचे पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने वहां मौजूद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए सबरीमाला विवाद पर आयप्पा भक्तों की भावनाओं को नज़र में रखते हुए कहा कि केरल की लेफ्ट सरकार सबरीमाला के श्रद्धालुओं का दमन कर रही है.

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह पहली बार है जब पार्टी ने खुलकर श्रद्धालुओं को अपना समर्थन दिया है.

शाह ने कहा कि कोर्ट को ऐसा फैसला ही नहीं देना चाहिए, जिसे लागू ना किया जा सके. कार्यक्रम में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘आज केरल में धार्मिक विश्वास और राज्य सरकार की क्रूरता के बीच संघर्ष चल रहा है. सरकार ने 2000 से ज्यादा श्रद्धालुओं, और बीजेपी, आरएसएस के कार्यकर्ताओं को जेल में ठूंस दिया है. बीजेपी भगवान अयप्पा के भक्तों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है, लेफ्ट सरकार सचेत रहे.’

शाह यहां पार्टी के नए कार्यालय का उद्धघाटन करने के बाद कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. इसके अलावा वह ‘बलिदान स्मृति कार्यक्रम’ का भी उद्धघाटन करेंगे.

Global powers to grant $9-10 billion bailout packages to otherwise a terrorist state, The Pakistan

Hafiz Muhammad Saeed (C), chief of the Islamic charity organisation Jamaat-ud-Dawa (JuD), speaks to supporters during a gathering file photo


Down to just $8.5 billion in foreign exchange reserves, Pakistan, which has been struggling with a failing economy, has just been given a short lease of life in the form of a $3billion deposit and similar quantum of energy support, by Saudi Arabia.

It’s extremely difficult to understand Pakistan as a nation. At one end, its citizenry fully acknowledge that Saeed and his organisation only mean trouble for Pakistan’s already low international reputation, especially at a time when the nation is in dire straits on the economic front


Pakistan is indeed a strange country beyond any sense of rationalism. Only three days ago Human Rights Minister Shireen Mazari presented a strategic conflict resolution model for Jammu and Kashmir with the intent that the international community could get India to negotiate on the alleged dispute.

Since his election to office, Prime Minister Imran Khan has urged India a number of times to engage in talks without offering any commensurate commitment towards cessation of sponsored terror in Jammu and Kashmir or elsewhere in India.

The Financial Action Task Force (FATF), which identifies national-level vulnerabilities with the aim of protecting the international financial system from misuse, has placed Pakistan on its grey list for its failure to take sufficient action to curb financial networks that support and assist terror-related activities.

Down to just $8.5 billion in foreign exchange reserves, Pakistan, which has been struggling with a failing economy, has just been given a short lease of life in the form of a $3billion deposit and similar quantum of energy support, by Saudi Arabia.

Even as Pakistan reportedly seeks a $9-10 billion bailout from the International Monetary Fund (IMF), an organisation majorly controlled by the US, on 26 October, 2018, Pakistan took the decision to lift its internal ban on the JuD and Falah-e-Insaniyat Foundation (FIF), headed by 26/11 mastermind and well-known terrorist leader Hafiz Saeed. Both the organisations and Saeed had been banned by a presidential ordinance after they came on the UN Security Council terror list. Saeed recently challenged the ordinance on grounds that the Khan-led Pakistan Tehreek-e-Insaf (PTI) government has taken no action to convert the ordinance into law within the prescribed 120 days.

The United Nations Security Council had designated JuD as a terrorist organisation under Resolution 1,267 after the Mumbai attacks. In 2014, the US administration had added JuD in the global terrorist organisations’ list.

Though Khan’s government has the option of extending the ordinance for another four months after which if not converted to law by the legislature, the ordinance will lapse, it hasn’t.

Most times, it’s extremely difficult to understand Pakistan as a nation. At one end, its citizenry fully acknowledge that Saeed and his organisation only mean trouble for Pakistan’s already low international reputation, especially at a time when the nation is in dire straits on the economic front. But internally, there is, a fairly large segment which is enamoured by the JuD and FIF’s social activities. The organisation under its original avatar Lashkar-e-Taiba (LeT) was at the forefront of rescue and relief work during the 2008 earthquake in Pakistan-occupied Kashmir and runs several charity organisations which draws to it a degree of emotional support but does not manifest into political dividend.

Since the JuD creates no internal disturbances and largely focuses on terror activities in India (more specifically in Jammu and Kashmir) and to an extent in Afghanistan, it’s supported by the deep state and evokes a positive response from common citizens.

Fund collection drives in the name of jihad in Jammu and Kashmir are extremely popular. However, the reputation it carries internationally, especially after the 26/11 Mumbai Attacks, has placed it on watch lists and constant surveillance. Branded as friendly terrorists in the parlance of Pakistan’s strange internal security environment the JuD’s virulent anti-India stance helps keep it afloat and accepted despite a $10 million bounty on Saeed’s head.

It’s not as if the JuD’s nuisance potential is not recognised by the deep state. A senior retired US Army officer mentioned that when the Pakistan Army Chief was once privately queried on why doesn’t, in the interest of better India-Pak relations, the Pakistan Army stop the JuD from carrying out infiltration into Indian territory, the reply was that: it was a good safety valve to let out the steam. He felt that by being focused towards India, the JuD remained a strategic asset which could otherwise be an immense nuisance internally if restrained from its objectives.

None can, however, explain how Pakistan runs the risk of large scale hostilities with India given that the JuD’s actions lead to events that act as triggers for India to respond militarily.

Pakistan appears convinced that India is unprepared to risk a nuclear conflagration and therefore feels confident that it can continue this policy within India’s limits of tolerance. A greater Indian demonstration of will could act as a restraint on Pakistan’s use of JuD as a strategic asset.

The above notions now appear at risk. Clearly, the combined effect of national financial bankruptcy, FATF monitoring, application for IMF bailout, India’s diplomatic offensive, the lack of any commensurate Chinese initiative for economic bailout, and the questioning about the viability of coercive debt traps in nations partnered by China for the Belt and Road Initiative (BRI) (Pakistan being one of the flag bearers with its CPEC), should place Pakistan under immense pressure. The only explanation for Pakistan remaining fairly unconcerned about the risk it is running for — a potential meltdown financially as well as from a law and order angle — is that it realises its own nuisance potential. Its geostrategic location being such it demands international attention.

The US under President Donald Trump has displayed a higher level of coercive capability against Pakistan but at the end of the day it’s only Pakistan’s cooperation which can stabilise Afghanistan to allow the US to leave with its head held high. Its strategic nuclear assets remain a source of great worry so a meltdown is not something that the international community can ever allow in Pakistan.

The deep state led by the Pakistan Army thus has its stakes high and is willing to run risks. Actions against Saeed and JuD constitute disturbing the internal balance, and drawing down from a proxy war against India — that Pakistan perceives it is winning — is not acceptable. So, nothing is likely to happen on the lapse of the ordinance.

At the most, a second ordinance for another 120 days will be issued and a forced constitutional amendment could well be on the cards to overlook the JuD and 66 other organisations which come under the purview of the ordinance. While many in the Pakistan government will offer oversight as a reason for this lapse with supposed ‘more important’ issues occupying Khan’s mind, it is clear that Saeed, JuD and FIF are strategic assets in more ways than just terrorists aimed at India. They give enough cause for concern to those who worry for Pakistan’s overall nuisance potential especially in the context of the compulsive issue of strategic nuclear assets. The more that threat is subtly played out, the greater the chances of bailout packages being made available. As stated earlier rationality is not something which can be applied in analysing Pakistan.

विजय बंसल की अगुवाई में एचएमटी मेन गेट पर सैंकड़ों लोगो ने दिया धरना,मोदी का फूंका पुतला

 

एचएमटी मेन गेट पर मनाया काला दिवस
कांग्रेस,आप व इनेलो के नेताओ ने भी करी शिरकत
उद्योग न लगाया तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे

भाजपा सरकार ने 27 अकटुबर 2016 को एचएमटी लिमिटेड पिंजोर के ट्रेक्टर प्लांट को बन्द करके क्षेत्र के लाखों लोगों की रोटी को छिनने का काम किया था,इसी बाबत 2 साल बीतने के बाद भी न तो कर्मचारियों की समस्या का समाधान हो सका,करोड़ो की मशीनरी को जंग लग रहा है,न ही फेक्ट्री रिवाइव हो सकी।इसे लेकर एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने एचएमटी मेन गेट पर सेकड़ो लोगो को साथ लेकर धरना प्रदर्शन किया जिसमें कांग्रेस प्रदेश महासचिव मनवीर गिल,दीपांशु बंसल राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर एनएसयूआई,इनेलो से सतिंदर टोनी पूर्व पार्षद,नरेश मान,संतोष शर्मा,फोम लाल ,ओमप्रकाश देवीनगर,कुलविंद्र राजपूत प्रधान कालका कालेज छात्र संघ,महेश शर्मा जिला महासचिव किसान कांग्रेस,राजिंदर राजू ,विजय शर्मा,दीनानाथ,ईश्वर सिंह हल्का अध्यक्ष आप, रेखा शर्मा,रामबीर,बलबीर गुरे,वीरेंद्र , बलबीर रेटगड़िया आदि ने धरने में अपना सम्भोधन दिया।प्रदर्शन के बाद नरेंद्र मोदी का नेशनल हाइवे पर पुतला फूंक कर नारेबाजी करी गई।

प्रदर्शन में ट्रैक्टर प्लांट को पुनः शुरू करवाने,नया उद्योग लगाने की मांग करी।विजय बन्सल ने इस प्रदर्शन में सभी दलों के स्थानीय नेताओ व कार्यकर्ताओं,समाजिक संस्थाओं व स्थानीय निवासियों को आह्वान किया था कि इस प्रदर्शन में युवाओ के रोजगार को मद्देनजर रखते हुए,भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले।विजय बंसल ने कहा कि यह एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले हुआ जिसका आयोजन एचएमटी गेट पर किया गया।
विजय बंसल ने अपने सम्भोधन के दौरान खुलासा करते हुए बताया कि 23 दिसम्बर 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय मे व राज्य हरियाणा सरकार ने 30 मई 2018 को एचएमटी के मामले को सुलझाने के लिए विशेष बैठक कर प्रदेश व देश की जनता को ठगने का काम किया।बैठक में निर्णय लिए गए कि केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति देदी है कि एचएमटी 446 एकड़ जमीन का कब्जा हरियाणा सरकार को दे जिसमे 297 एकड़ पर HSIIDC , 62.54 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पूरी कीमत एचएमटी को देगी व बकाया 149 एकड़ की 60 प्रतिशत रकम जमा करवाएगी।बंसल ने बताया कि सरकार व एचएमटी इस जगह पर उद्योग लगाने की बजाय , 100 एकड़ भूमि में फल व सेब मंडी मंजूर कर दी है जिससे न तो प्रदेश सरकार को कोई आय होगी, न ही किसी युवा को रोजगार मिलेगा व जनता का 100 करोड़ खुर्द बुर्द करने का काम कर रहे है।पंचकूला में सेब मंडी का प्रोजेक्ट फेल साबित हुआ है और वहां के निवासियों की दुर्गंध की शिकायत की वजह से इसे बदलकर पिंजोर व आसपास की जनता को सेब की दुर्गंध देने के लिए जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।33 एकड़ जमीन रेलवे द्वारा एक्वायर का मुआवजा,18 एकड़ एनएचआई व कौशल्या डैम द्वारा अधिकृत जमीन का मुआवजा भी एचएमटी को देने का निर्णय लिया।

एचएमटी व सरकार की मिलीभगत से पहले एचएमटी को बन्द किया गया,अब सरकार द्वारा जमीन को एचएमटी को दिया गया,फिर जमीन को खुर्द बुर्द करने के लिए अपर्याप्त व गैर संबंधित प्रोजेक्ट्स को लगाने के लिए स्वीकृति दी गई और प्रदेश की जनता के पैसे को बर्बाद करने के लिए व कॉरपोरेट मित्रो को फायदे पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया।

भाजपा के देश व प्रदेश में शासन के 4 वर्ष पूरे हो गए है जोकि पूरी तरह विफल साबित हुए है।एक तरफ जहां सरकार मेक इन इंडिया व स्किल्ड इंडिया की बात करती है वही विश्वस्तरीय भारतीय उत्पादों व उद्योगों को बंद करने में कोई कसर नही छोड़ रही।एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने भाजपा सरकार की 4 वर्ष कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है, केंद्र में हरियाणा से सम्बंधित 6 मंत्री है व राज्य में शिवालिक क्षेत्र से 4 मंत्री-10 विधायक है जबकि स्थानीय विधायक व सांसद भाजपा से है , परन्तु एचएमटी को बचाने में तथा भाजपा के चुनावी वायदों को पूरा करने में सभी विफल साबित हुए है।सन 1962 में तत्कालीन मुख्यमंत्री, संयुक्त पंजाब स्व प्रताप सिंह केरोंन ने एचएमटी को उद्योग लगाने के लिए 846 एकड़ भूमि निशुल्क दी थी।

एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक विजय बंसल ने विज़न डॉक्यूमेंट , प्रधानमंत्री भारत सरकार को प्रस्ताव करते हुए भेजा था जिससे यहां मिनी ट्रेक्टर व इंजन आदि का उत्पादन किया जा सकता था परन्तु सरकार की जनविरोधी नीति के चलते व निजीकरण की नजर से व बिल्डर्स मित्रो को फायदा पहुंचाने हेतु इस सूरत में कोई काम नही किया गया।वही मोदी सरकार ने गुजरात मे छोटे ट्रेक्टर बनाने हेतु प्लांट लगाए परन्तु एचएमटी जैसे विश्वस्तरीय प्लांट को बंद कर दिया गया।यहा छोटे ट्रेक्टरों का उत्पादन किया जा सकता था जबकि स्थानीय भाजपाई नेतृत्व कमजोर होने के कारण फेक्ट्री को बंद किया गया।एचएमटी ट्रेनिंग सेंटर में प्रति वर्ष सेकड़ो नौजवान व सेवानिवृत जवान ट्रेनिंग लेकर स्वरोजगार व अन्य रोजगार के अवसर पैदा करते है।स्किल डेवलपमेंट के अंतर्गत आईआईटी एवं तकनीकी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जा सकता है क्योंकि 2016 में केपिटल गुड्स स्किल काउंसिल ने उच्च ट्रेनिंग सेंटर का दर्जा दिया था।उत्तराखंड व हिमाचल के भांति शिवालिक क्षेत्र को औद्योगिक पैकेज दिया जाना चाहिए।हरियाणा सरकार ने अपनी लगभग 400 एकड़ जमीन , एचएमटी कम्पनी के नाम करके स्वामी बना दिया है जिससे एचएमटी कम्पनी को जमीन व मशीनरी आदि बेचने का अधिकार मिल गया है क्योंकि इसी तरह 1997 में तत्कालीन केंद्र में भाजपा सरकार व हरियाणा में भाजपा-हविपा गठबंधन की सरकार ने भूपेंद्र सीमेंट कम्पनी को बंद कर दिया था।एसीसी कम्पनी ने अरबो की 122 एकड़ जमीन प्राइवेट बिल्डर्स को बेच दी व जमीन को खुर्द बुर्द कर दिया।सन 2000 सरकार में औरंगाबाद में तत्कालीन एनडीए सरकार ने एचएमटी प्लांट को बंद करने के आदेश दिए थे जबकि मजबूत नेतृत्व होने के कारण महाराष्ट्र में फेक्ट्री अभी भी चल रही है।भाजपा नेता व सरकार द्वारा कर्मचारियों को एछीक सेवा निवृत्त लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि उद्योग लगाने की बजाय स्थानीय व कमजोर भाजपाई नेतृत्व द्वारा कभी चिड़िया घर तो कभी पंचकूला से पिंजोर सेब मंडी शिफ्ट करने की मांग व दावे करके जनता को गुमराह किया जा रहा है बल्कि यहाँ सेब की पैदावार नही है व स्थानीय किसानों व लोगो को इसका कोई लाभ नही है।साथ ही गत वर्ष भाजपा नेताओ द्वारा कालका को औद्योगिक पिछड़ा क्षेत्र घोषित कराने की वाहवाही लूटी जबकि यहाँ उद्योग लगने चाहिए थे परन्तु यहां से उद्योग पलयन कर गए।शिक्षित युवा साथ लगते हिमाचल के क्षेत्र में कम वेतन पर काम करने को मजबूर है इसीलिए यहाँ नशो का कारोबार बढ़ता जा रहा है।

धरने में रवि,मोहित,गुरप्यारा, मार्टिन राजपूत,इंद्रवीर सिंह,देवेन्द्र ठाकुर,सितार चंद वाल्मीकि ,असलम बिल्ला,गोलू,नानू ,तारा चंद,शिवम यादव एचएमटी के कर्मचारी,सेवानिवृत कर्मचारी,विभिन्न दलों के स्थानीय नेता,समाजिक संस्थाओं के लोग, स्थानीय क्षेत्रवासी समेत सेकड़ो की तादाद में युवा,बुजुर्गो व मातृशक्ति ने मोदी व खट्टर सरकार के विरुद्ध अपना रोष व्यक्त किया।

रोडवेज हड़ताल को कांग्रेस का प्रत्यक्ष समर्थन

पंचकूला मे रोडवेज करमचारी सयुंक्त संघर्ष समिति को हरियाणा परदेश किसान व मजदूर कांग्रेर्स कमेटी का समर्थन श्री रणधीर सिंह मलिक के नेतरतव मे दिया। इस मौके पर उनके प्रमोद डाबला, उपाध्यक्ष श्री मनीष मल्होत्रा, संत राम, अमरिक सिहं, प्रेम ठाकुर, कमल सिह, हैपी , विकरम , अभय सिह और अशोक कुमार श्री रणधीर मलिक के साथ धरना सथल पर गये। प्रमोद डाबला जी ने भाषण मे रोडवेज करमचारीयो की मांग का समर्थन किया । उनहोने कहा कि हरियाणा रोडवेज मे प्रदेश की जनता व बहु बेटियां सुरक्षित सफर करती है

Police File

DATED

27.10.2018

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 04 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 04 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 04 persons were arrested while consuming liquor at public place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:-  PS-11= 1 case, PS-17= 1 case, PS-26= 1 case, PS-IA= 1 case.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Action against Gambling

Chandigarh Police arrested Raju, Surinder Kumar, Dinesh & Salim all resident of BDC, Sector 26,  Chandigarh while they were gambling near Block No. 731 Road BDC, Sector 26,  Chandigarh  and recovered cash Rs. 13,200/- from their possession. A case FIR No. 336, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-26, Chandigarh. Later both were bailed out. Investigation of the case is in progress.

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Naveen Katoch R/o # 3274/1, Sector-38/D, Chandigarh from near Ziri Mandi Turn, near Mandir, Village Maloya, Chandigarh and recovered 15 Gm heroin from his possession. A case FIR No. 219, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

 

MV Theft

Sh. Prithvi Yuvraj Singh Tenaja R/o # 3820, Sector-22/D, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s Activa Scooter No. CH-01BH-7367 from CCET College, Sector-26, Chandigarh on 25.10.2018. A case FIR No. 337 U/S 379 IPC has been registered in PS-26 Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sh. Deepak R/o # 428, Dera Sahib Mohalla, Mani Majra, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s M/Cycle No CH-01AR-5110 from parking of Shivalik Garden, Mani Majra, Chandigarh between 19.10.2018 to 25.10.2018. A case FIR No. 428, U/S 379 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Sh. Gurmeet Singh R/o # 1763/A, Sector-43/B, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’sM/Cycle No CH-01BA-4006 while parked near his house on 23.10.2018. A case FIR No. 383, U/S 379 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Causing death by Negligence

A case FIR No. 410, U/S 304-A IPC has been registered in PS-31, Chandigarh against unknown due to whom negligence a person namely Amarnath R/o Sector 49, Chandigarh, age 40 years (Permanent Address: Village Patti Chakeshwar, Distt. Jaunpur, UP) got electrocuted while working near H.No. 2528, Sector 47C, Chandigarh on 26.10.2018. He was admitted in GMCH-32, Chandigarh and later expired in PGI, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Cheating

A case FIR No. 338, U/S 420 IPC & 66-C, 66-D IT Act has been registered in PS-26, Chandigarh on the complaint of Surinder Pal Mahajan R/o # 708, Sector-7, Chandigarh who alleged that unknown person called on mobile phone of complainant and informed that his ATM Card with saving account will be freezed soon as he has not operated the account since long. Caller inquired about ATM card number and OTP sent on mobile number of complainant and withdrawn total Rs. 45,000/- fraudulently. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 338, U/S 420, 467, 468, 471, 474, 120B IPC has been registered in PS-17, Chandigarh on the complaint of Sumit Saddi R/o # 1437, Sector-23/B, Chandigarh who stated that his mother Smt. Sulakshana Devi is having account in Bank of India, Sector 17, Chandigarh. When complainant visited the bank for updating account book of his mother he came to know that transaction of amount Rs. 53,50,000/- has been made to a person namely Avinash Prajapati through cheque. But the original cheques are lying with complainant’s mother. Investigation of the case is in progress.