ego clashes of Verma with Asthana, irreparably damages CBI

तुमसे पहले जो शख्स यहाँ तख्त-नशीन था  

उसको भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यकीन था 

(The man who sat on this throne before you was equally convinced of being God)

Urdu couplets often have a unique way expressing baser human impulses. This particular couplet quite aptly describes CBI director Alok Verma, who seemed to have entertained a delusion of holding an office bigger than the whole system.

He will go down in the history of the Indian Police Service (IPS) as the man who destroyed a critically important institution. Not that his juniors like Rakesh Asthana and AK Sharma were any less culpable, but, unlike the Central Bureau of Investigation (CBI) chief, they did not harbour delusions of being gods. Look at the manner in which the trouble began in CBI, with a petty ego clash that snowballed into one of the biggest administrative crises the Narendra Modi government has faced. It started with the induction of chosen officers in the CBI by different groups within the agency. CBI special director Asthana pitched for certain individuals while director Verma wanted his own nominees to fill the vacancies. The obvious implication was that officers were not selected on the basis of competence but by personal preferences. Verma’s choices were not inducted, apparently at the intervention of Asthana.

File image of Alok Verma. Getty images

File image of Alok Verma.

The fight that began with this one-upmanship turned into a full-fledged internecine war with another much-maligned agency, the Enforcement Directorate(ED), joining in support of Verma. Asthana’s name began to figure in a mysterious diary recovered in a probe and it began circulating among various activists-turned-lawyers who have made a business out of PILs in courts. Asthana hit back in his own way by ferreting out details of dubious deals which apparently implicated his director and a host of other officials.

Without going into the merits and veracity of the charges and counter-charges (which will be scrutinised in the court of law), there is no doubt that officers in the CBI and ED operated exactly like gangs of criminals. And, prima facie, the mendacity and treachery involved in the case surpasses even the standards of the underworld. The manner in which officials have been dragging each other’s family members in their accusations is outright obnoxious. And Verma not only let this happen but was complicit – ignoring the fact that this was destroying the very institution he presided over.

What compounds Verma’s misdoings is his deliberate indiscretion in the recent past; look at the manner in which he gave audience to Arun Shourie and Prashant Bhushan who approached him to seek an investigation into the Rafale deal. Given the history of the CBI, the director has never personally entertained any complaint which is political in nature. In essence, Verma was apparently fortifying his position with the help of Shourie and Bhushan in the event of an administrative action against him. He was conscious of the fact that the CVC was seized of the issues of corruption against him and has initiated action. His meeting with Shourie and Bhushan was calculated to pre-empt any action by the government against him. That the story conformed to the premeditated script is evident in the manner in which the opposition started targeting the government on the Rafale deal after Verma’s forced vacation.

There is no doubt that Verma has earned a name for himself as the first CBI director restrained from entering the headquarters of the agency he headed. But it would be wrong to assume that the denouement came suddenly.

On the other hand, the terminal decline of the CBI began about three decades back, during the Rajiv Gandhi era, when the agency was used to settle political scores. If one has any doubt, one should recall the lurid details of the diary of slain badminton star Syed Modi’s wife, Amita Modi, leaked deliberately by the CBI investigators to the media. The CBI indulged more in character assassination than solving the crime. As a result, the Syed Modi murder still remains a mystery. The agency’s investigation into the Bofors pay-off yielded nothing for decades on end except manipulation by officials to serve the interests of their political masters. There are umpteen instances when the CBI manipulated evidence and planted witnesses to take the case in a particular direction. Apparently, this overt criminality on the part of CBI investigators has been not only consistently overlooked but actively encouraged by those assigned to play the leadership role in the agency. It suited a depraved political executive to have a corrupt and pusillanimous federal investigating agency that meekly kowtows to the political masters.

In this context, there are no tears that need to be shed for the exit of Verma or Asthana who fell prey to encouraging a criminal culture. The charges against Asthana appear very flimsy. It is inconceivable that such a weak FIR could have been filed against its own special director without clearance from the director. Verma has displayed hardly a sign of sagacity as a leader and sided with officials with dubious integrity to carry on the ego clash like a street fight. The denouement of his actions has invariably ruined the institution irreparably.

स्वामी सानंद (जी डी अग्रवाल) के बलिदान की स्मृति में और संत गोपाल दास के तप के लिए सामूहिक प्रार्थना

गंगा-भक्त स्वामी सानंद (जी डी अग्रवाल)

गंगा की आस्था-पवित्रता बनाए रखने के लिए गंगा-भक्त स्वामी सानंद (जी डी अग्रवाल) ने 111 दिन अनशन के बाद शरीर का त्याग कर दिया. गंगा भक्त के इस बलिदान के स्मृति में और संत गोपाल दास (121वां दिन अनशन) के तप के लिए 21 अक्टूबर दिन रविवार को उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में सामूहिक प्रार्थना, यज्ञ-हवन, आरती, सभा इत्यादि का आयोजन हो रहा है. लखनऊ में भी गांधी प्रतिमा हज़रतगंज पर शाम 4 से 6 सामूहिक प्रार्थना किया गया. इसमें शहर के दर्जनों गणमान्य नागरिक शामिल हुए.

आलोक ने कहा कि गंगा केवल नदी नहीं है यह भारतीय सभ्यता संस्कृति का तप है, मूल है जो आस्था पर टिकी है. गंगा पर संकट का मतलब पूरी भारतीय सभ्यता संस्कृति पर संकट से है. अतहर ने गंगा पर जी डी अग्रवाल का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. पूरा समाज एकजुट होकर जी डी अग्रवाल की इच्छा को पूरा करेगा. संतोष परिवर्तक ने गंगा और उसके लिए हो रहे बलिदानों पर स्वलिखित कविता सुनाई. कार्यक्रम में लाल बहादुर राय, इमरान, नायब इमाम टीले वाली मस्जिद, उषा विश्वकर्मा, आफरीन, मोहित, प्रदीप पाण्डेय, हरिभान यादव इत्यादि लोग शामिल हुए.

ऐसा लगता है कि सरकार ने तय कर लिया है कि वह प्रत्यक्ष उदाहरण से अंग्रेजी राज के जुल्मों की याद दिलाएगी। चंडीगढ़ पीजीआई में भी संथारा की घोषणा कर चुके संत गोपाल दास जी पर प्रशासन के अत्यचार जारी हैं। 18 अक्टूबर की आधी रात में पीजीआई पहुंचाए गए संत गोपालदास जी ने फिर से एलोपैथिक ट्रीटमेंट न लेने का अपना प्रण दोहराया साथ ही कहा कि यदि सरकार को बहुत जरूरी लगे तो यूनानी या आयुर्वेद चिकित्सा कर सकती है। उनकी देखभाल के लिए बनी पीजीआई मेडिकल टीम ने इस सब पर अपनी रिर्पोट बनाते हुए सन्त जी को दिल्ली एम्स रेफर करने की सलाह दी। लेकिन पीजीआई के निदेशक ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन एक बड़े अमले के साथ पीजीआई पहुंचा, सन्त जी के सहयोगियों को बाहर किया और फोर्स फीडिंग शुरू कर दी। सन्त जी ने यथाशक्ति इसका विरोध करते हुए अपनी नाक में ठूंसी गई नली निकाल कर बाहर फेंक दी। इसके बाद प्रशासन ने उनके दोनों हाथ ही बांध दिये। अस्पताल में उपस्थित सूत्रों के अनुसार सन्त जी के साथ पहले से ही हरिद्वार से चार पुलिस कर्मियों की ड्यूटी थी अब चंडीगढ़ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगा दी है। एक 40 किलो वजनी कृशकाय हो चुके सन्त के साथ यह व्यवहार सरकार के डर की गहराई ही दर्शाता है। -राजेश बहुगुणा

बड़ा ही अभाग होता है वह परिवार जिसमें बेटियां नहीं होती: संजय बेनिवाल

चंडीगढ़ वुमेन क्रिकेट एसोसिएशन के सीनियर नेशनल टूर्नामेंट में बतौर मुख्य अतिथी पहुंचे  डीजीपी चंडीगढ़ संजय बेनिवाल ने प्रतियोगिता का शुभारंभ  किया। सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम में वुमेन क्रिकेटरों को उत्साहवर्धन करते हुए उन्होंने ने शॉट लगाकर टूर्नामेंट का शुभारंभ  किया। इस दौरान डीजीपी ने वुमेन क्रिकेटरों को उनके भीतर  छिपी नारी शक्ति से अवगत करा अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक किया। इस दौरान डीजीपी संजय बेनिवाल ने कहा कि बड़ा ही अभाग होता है वह परिवार जिसमें बेटियां नहीं होती। क्योंकि बेटियां जन्म से ही पूरी तरह से इंसान होती हैं उन्हें किसी से डरने की कोई जरूरत नहीं होती। जिस तरह क्रिकेट के खेल में आप लोग चौक्के -छक्के लगाकर गेंद को बाउंडरी पार करा देती हो। उसी तरह से अगर आप से कोई छेड़छाड़ करे तो डरने की जरूरत नहीं उसे उसकी औकाता दिखा सकती हो।
वुमेन क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ इंडिया की प्रेसिडेंट शक्ति रानी शर्मा ने डीजीपी का धन्यवाद अर्पित करते हुए चंडीगढ़ पुलिस की और से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कदमों की प्रशंसा की।
 वुमेन क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ इंडिया कि प्रेसिडेंट शक्ति रानी शर्मा ने कहा कि क्रिकेट में लड़कियों ने देश ही नहीं विदेशों में भी  अपनी जीत का परचम लहराया है। उन्हें हर जगह सम्मान मिल रहा है आज वह क्रिकेट में भी  अपना नाम कमा चुकी हैं। चंडीगढ़ वुमेन क्रिकेट एसोसिशन की ओर से सीनियर नेशनल वुमेन क्रिकेट चैंपियनशिप करवाई जा रही है जिसमें देशभ र से 10 टीमें मैच खेल रही हैं।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ महिला क्रिकेट एसोसिएशन पिछले 30 सालों से महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। एसोसिएशन की और से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी  करवाए जा चुके हैं। इस टूर्नामेंट में राज्यों की 10 टीमों ने हिस्सा लिया है। शुभारंभ के  अवसर पर मुख्य अतिथि डीजीपी संजय बेनिवाल वुमेन क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ इंडिया की प्रेसिडेंट शक्ति रानी शर्मा के साथ एसोसिएशन की चंडीगढ़ प्रेसिडेंट जय श्री शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट सुनीता, जनरल सेक्रेटरी रूपन संधू, वाइस प्रेसिडेंट अनिता शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट एचके सूद, आॅर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी गोविंद, प्रेस सेक्रेटरी राकेश सूद, लीगल एडवाइजर अदित्या शर्मा, ज्वाइंट सेक्रेटरी दीपक सूद, मेंबर सुच्चा सिंह व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
पहले मैच में चंडीगढ़ ने आंध्र प्रदेश को 9 विकटों से किया परासत
इस दौरान चंडीगढ़ की टीम ने आंध्र प्रदेश को 9 विकटों से पराजित कर शानदार जीत हासिल की। आंध्र प्रदेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बल्लेबाजी के दोरान आंध्र प्रदेश 23.4 ओवरों में 58 रन बनाकर आल आउट हो गई। इस दौरान चंडीगढ़ टीम की गेंदबाज रुचि ओर रचना ने 3-3 विकेट झटके । वहीं चंडीगढ़ की टीम ने बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ एक विकेट गंवाकर 8.3 ओवरों में ही 59 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया। इसके अलावा देव समाज कॉलेज सेक्टर-45 में दो मैच खेले गए। जिसमें बेस्ट बंगाल ने पंजाब को 85 रनों से हराया और जम्मू कश्मीर ने बिहार को 337 रनों से हराकर शानदार जीत दर्ज की।
कल 6 टीमों में होगी भिड़ंत
वीरवार को देव समाज कॉलेज में दो मैच खेले जाएंगे और एक मैच सेक्टर-16 के क्रिकेट स्टेडियम में होगा। बता दें कि  चंडीगढ़ महिला क्रिकेट एसोसिएशन पिछले 30 सालों से महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। एसोसिएशन की और से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी  करवाए जा चुके हैं।

सुखमनी सोसाइटी द्वारा वाहेगुरु सोसाइटी पर मिथ्या प्रचार का आरोप , वाहेगुरु सोसाइटी की संचालिका ने किया खंडन

सुखमनी सोसाइटी के लोग प्रेस वार्ता में

गुरुद्वारा श्री नाढा साहिब पंचकूला स्थित संस्था सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी ने गत 20 अक्टूबर 2018 को ज़रूरतमन्द लड़कियों के सामुहिक विवाह का आयोजन किया गया परन्तु आज एक प्रेसवार्ता में इस संस्था की प्रधान बलजिन्द्र कौर ने पंचकूला की एक अन्य संस्था वाहेगुरु सोसाइटी पर आरोप लगाया है कि उनके इस कार्यक्रम के आयोजन का सेहरा अपने सिर लेने के लिए मीडिया का सहारा ले रही है। मीडिया में अपना महिमा मंडन करने के लिए उन्होंने कड़ी निन्दा की।

रविनदेरजीत कौर द्वार डेमोक्राटिक फ्रंट को व्हात्सप्प द्वारा भेजीं गईं तस्वीरें

दूसरी ओर सेक्टर 7 स्थित वाहेगुरु सोसायटी की प्रधान रविन्दरजीत कौर ने इन आरोपों का खण्डन किया है और इस प्रचार को महज एक गलतफहमी बताया। उन्होने www.demokraticfront.com को फोन पर बताया कि मीडिया में उन्होंने केवल यही बताया था कि उनकी संस्था ने केवल आंशिक योगदान किया था आयोजन नहीं परन्तु किसी कारणवश एक अखबार में असल आयोजको के स्थान पर वाहेगुरू सोसायटी के नाम छप गया जिसका उन्हें खेद है। इस बारे में रविन्दरजीत कौर सोशल मीडिया के माध्यम से भी खेद प्रकट कर चुकी हैं।

अपंजीकृत सोकीटीन कि रसीदों कि प्रति

आपको बता दें कि सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी की ओर से आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें संस्था के सदस्यों और संगत समूह की ओर से घर का सामान भी उपहार के रूप में बेटियों को दिया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन गुरुद्वारा नाढा साहिब के प्रबन्धक जगीर सिंह, अमरजीत सिंह, जगतार सिंह, दर्शन सिंह, सुरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, हरनेक सिंह आदि के सहयोग से हुआ

#Self4Society: पीएम मोदी ने ‘मैं नहीं हम पोर्टल’ और ऐप लॉन्च किया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल और ऐप लॉन्च कर दिया है. वे आईटी और इलेक्‍ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र के उद्यमियों से संवाद कर रहे हैं. यह पोर्टल ‘सेल्‍फ फॉर सोसायटी’ की थीम पर काम करेगा. साथ ही यह पोर्टल आईटी क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों और संगठनों को सामाजिक सरोकारों और समाज सेवा से जुड़े उनके प्रयासों को एक साथ लाने का मंच प्रदान करेगा.

पीएम नरेंद्र मोदी टाउन हॉल में आईटी प्रोफेशनल्स और टेक एंथुजियास्ट्स को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें-

पीएम मोदी ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि लोग दूसरों के लिए काम करना चाहते हैं. वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास कई स्कीम और बजट है. लेकिन जब तक सबलोग मिलकर काम नहीं करेंगे कामयाबी नहीं मिलेगी.

पीएम ने कहा, हर कोशिश-चाहे वो छोटी हो या बड़ी-उसकी अहमियत है. उन्होंने कहा, हमें इस पर विचार करना चाहिए कि कैसे हम अपनी ताकत का इस्तेमाल करके समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए.

मैं देख रहा हूं कि भारतीय युवाओं में तकनीक का पावर किस तरह बढ़ा है. वे तकनीक का इस्तेमाल ना सिर्फ खुद के लिए कर रहे हैं बल्कि दूसरों की भलाई भी कर रहे हैं.

 

राफेल डील की जांच करने वाले थे आलोक वर्मा, इसलिए मोदी ने छुट्टी पर भेजा: सुरजेवाला


  • अस्थाना जिन मामलों कि जांच कर रहे थे उनमे अगुसता वेस्टलैंड, कोला घोटाला, कार्तिचिदंब्रम, ममता बनर्जी से जुड़े कुछ मामलों, विजय मल्ल्या, मोइन कुरैशी। अस्थाना पर आलोक वर्मा ने घूसख़ोरी के आरोप लगाए।

  • सीवीसी की अनुशंसा पर सीबीआई निदेशक को हटाया गया लेकिन राहुल गांधी को अंदर की बात पता चल गयी की बिना एफ़आईआर, बिना शिकायत के सीबीआई नेदेशक आलोक वर्मा राफेल दिल की जांच में दिलचस्पी दिखा रहे थे इसीलिए उन्हे पद से हटा दिया गया। 

  • सुरजेवाला की बुद्धि भी राहुल गांधी से मेल खाती है, उनके पास आलोक वर्मा की चिट्ठी है जिसमें उन्होने बताया कि वह राफेल दिल की जांच करने वाले थे ओर बाकी खुलासे वह सर्वोंच्च नयायालय में करेंगे कि वह किन – किन घोटालों की जांच देख रहे थे। 


देश की सर्वोच्च एजेंसी सीबीआई में अभी घमासान मचा हुआ है. मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. सीबीआई के शीर्ष दो अधिकारियों की लड़ाई के बीच में सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा. सरकार ने दोनों अधिकारियों को पद से हटा दिया है. सरकार के इस फैसले के कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस पूरे मामले को राफेल डील से जोड़ दिया.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र की मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार ने राफेल मामले में जांच करने की आलोक वर्मा की इच्छा के चलते पद से हटाया है?

उन्होंने कहा, आलोक वर्मा राफेल डील की जांच शुरू करने वाले थे इसलिए उन्हें हटा दिया गया और उनके अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया. सुरजेवाला ने दावा किया कि आलोक वर्मा नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या मामले में सख्ती बरत रहे थे. इसलिए मोदी सरकार ने उन्हें हटा दिया.

सुरजेवाला सिर्फ यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सीबीआई की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी है. सीबीआई की बदनामी अब पूरी हो गई है. एक वक्त की शानदार जांच एजेंसी, जिसकी अखंडता, विश्वसनीयता और दृड़ता खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया है.

सिर्फ कांग्रेस ही नहीं आम आदमी पार्टी को भी राफेल और सीबीआई के अधिकारियों को हटाने में कोई संबंध नजर आ रहा है. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, क्या राफेल डील और आलोक वर्मा के हटाने के बीच कोई संबंध है. केजरीवाल ने पूछा, क्या आलोक वर्मा राफेल डील की जांच शुरू करने वाले थे जो आगे चलकर मोदी जी के लिए समस्या खड़ी कर सकता था.

वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, सीबीआई निदेशक को जबरन छुट्टी पर भेजकर, सीबीआई मुख्यालय में छापा कौन डलवा रहा है? सुना है ‘राफेल-डील’ पर जांच शुरू करने जा रहे थे छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक. उन्हें हटाकर रफेल से जुड़े कागज़ तलाशे जा रहे है क्या?

पंचकुला प्रशासन ने बाल्मीकी जयंती मनाई

पंचकूला, 24 अक्तूबर:
पचंकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने जिला प्रशासन द्वारा जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित भगवान वाल्मीकि जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और उन्होंने भगवान वाल्मीकि  जयंती के पावन अवसर पर प्रदेश वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर श्री गुप्ता ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में ही नहीं अपितु पूरा राष्ट्र भगवान वाल्मीकि  की जयंती को पूरी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मना रहा है। इसके साथ-साथ शोभा यात्राएं भी निकाली जा रही हैं। उन्होंने भगवान वाल्मीकि  के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महार्षि वाल्मीकि  को प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों की श्रेणी में प्रमुख स्थान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि वे संस्कृत भाषा के आदि कवि थे। उन्होंने रामायण महाकाव्य की रचना की और उन्होंने रामायण को संस्कृत भाषा में अनुवाद किया। उसके उपरांत रामायण को विभिन्न भाषाओं में भी अनुवाद किया गया।
श्री गुप्ता ने कहा कि भगवान वाल्मीकि  का संदेश एक समुदाय के नहीं अपितु समस्त मानव जाति के लिए है। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि   द्वारा रचित रामायण में रामचन्द्र की लीलाओं को पूरे देश में रामलीला आयोजि कर आम जन तक पहुंचाने का संदेश दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में ही नहीं अपितू पूरा राष्ट्र भगवान वाल्मीकि की जयंती को बड़ी सदा एवं उत्साह के साथ मना रहा है और प्रदेश में भी सरकारी तोर पर जिला स्तर पर वाल्मीकि जी की जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतिम पंक्ति में खड़े गरीब परिवारों के कल्याण के लिए अनेकों स्कीमें लागू की हैं जिनमें विशेष कर जन धन योजना, मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जन-धन योजना के तहत गरीब परिवारों के जीरो बैलेंस पर खाते खोले गए हैं और उनमें सरकार की स्कीमों की स्बसीडी सीधे तौर पर डाली जा रही है। इस योजना के तहत 33 करोड़ खाते खोले गए हैं।  प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निशुल्क गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि महिलाओं को खाना पकाने की दिशा में धूएं से राहत मिल सके। क्योंकि खाना पकाते समय महिलाओं के स्वास्थ्य पर धूएं का कुप्रभाव पड़ता है।
इस इवसर पर अपने स्वागतीय भाषण में उपायुक्त मुकुल कुमार ने भगवान वाल्मीकि  जयंती की लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने भगवान वाल्मीकि   के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित पावन ग्रंथ रामायण में प्रेम, त्याग, तप, यश की भावनाओं को महत्त्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने रामायण की रचना करके समस्त मानव जाति को उचित मार्ग पर चलने की राह दिखाई। उन्होंने कहा कि रामायण में यह दर्शाया गया है कि बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की जीत, अन्याय पर न्याय की जीत निश्चित है। इसके साथ-साथ पुत्र को पिता की आज्ञा का पालन करने, भाई-भाई का प्रेम जैसी महान् अच्छाईयों को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि  की शिक्षाएं वर्तमान में भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकी के की शिक्षाओं का अपने जीवन में प्रशस्त अनुसरण करते हुए हमें आगे बढना चाहिए।
इससे पूर्व विधायक श्री ज्ञानचन्द गुप्ता, उपायुक्त श्री मुकुल कुमार, भाजपा के जिला प्रधान दीपक शर्मा, एसडीएम पंचकूला पंकज सेतिया, कालका रिचा राठी, नगराधीश ममता शर्मा व अन्य अधिकारी व कर्मचारियों ने भी भगवान वाल्मीकि की तस्वीर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इसके साथ-साथ श्री गुप्ता ने परंपरागत दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम में संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा भगवान वाल्मीकी से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

खाकी शर्मसार???….. मुंबई की माडल से एसआई ने किया रेप, फरार

चंडीगढ़:

मुंबई की मॉडल से रेप के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने सब इंस्पैक्टर नवीन फोगाट को डिसमिस कर दिया है। वहीं सब इंस्पैक्टर नवीन फोगाट पर रेप का मामला दर्ज हुए छह दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस विभाग अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लगा सका। सूत्रों की मानें तो पुलिस खुद ही मामले में ढील दे रही है ताकि आरोपी सब इंस्पैक्टर नवीन फोगाट मॉडल से संपर्क कर मामले को निपटा ले। वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपी सब इंस्पैक्टर को पकडऩे के लिए उसके घर पर छापेमारी की गई लेकिन मामला दर्ज होने के बाद वह घर पहुंचा नहीं। इसके अलावा आरोपी ने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर रखा है।

क्या है मामला……

पीडि़त महिला ने आरोप लगाया है कि एसआई फोगाट ने ठगी के पूरे पैसे रिकवर करवाने का झांसा देकर चंडीगढ़ के एक होटल में ले जाकर उसके साथ रेप किया था। जिसके बाद वह फरार हो गया|हालांकि उसने अपना वाट्सएप भी शक्रवार को एक बार ऑन किया था । लेकिन चंडीगढ़ पुलिस उसके नंबर को ट्रैप नहीं कर सकी।

यूटी पुलिस की तरफ से टेक्निकल टीम, थाना पुलिस और सीआइडी टीम नवीन की तलाश में जुटी है। मामले में आरोपी के परिवार वाले भी उसके बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इन्कार कर रहे हैं। सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार 10 करोड़ के बिटक्वाइन घोटाले के मामले में लाइन हाजिर चल रहा था। बता दें कि 11 जून को मुंबई, चेन्नई और दूसरे शहर की मॉडलों को फिल्मों में काम दिलवाने के नाम पर धनास में किराये पर रहने वाले सूरज ने लाखों की ठगी की थी। मामले में शिकायत पर साइबर सेल विभाग ने धनास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान आरोपी की पहचान करने दोबारा से मुंबई की मॉडल चंडीगढ़ आई और इंडस्ट्रियल एरिया पेस-2 स्थित एक होटल में रुकी थी।

आरोपी ने कहा कि वॉशरूम जाकर कमरे से चला जाउंगा….

आरोपी के पहचान की कार्रवाई पूरी होने के बाद एसआइ नवीन मॉडल को छोडऩे इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 स्थित होटल में गया था। इस दौरान होटल में पहुंचने के बाद उसने वॉशरूम इस्तेमाल करने की बात बोली थी और मॉडल के कमरे में घुस गया था। शिकायतकर्ता मॉडल के अनुसार आरोपी एसआइ नवीन ने कहा कि केस में कई मॉडल शिकायतकर्ता हैं। लेकिन वह उसकी ठगी के पूरे पैसे रिकवर करवा देगा। इसी झांसे में फंसाकर उसके साथ संबंध बनाए।

Promoting Hindi language is my duty: Pankaj Tripathi

Pankaj-Tripathi


Generally, I don’t use common Hindi words while communicating. I use a bit difficult Hindi words on set.


Pankaj Tripathi says he is a Hindi cinema actor so, promoting the Hindi language is his duty.

“Being a responsible citizen of India and coming from a Hindi medium school, I believe it’s my responsibility and duty to teach and correct Hindi. While shooting for Shakeela biopic, my director Indrajit Lankesh used to tell me to speak in Hindi with him so that his Hindi could improve,” Pankaj said in a statement.

“Generally, I don’t use common Hindi words while communicating. I use a bit difficult Hindi words on set. Crew members often used to ask me the meaning of those Hindi words. They were excited to learn meaning of new Hindi words. It wasn’t difficult communicating with Bengaluru crew members on sets of Shakeela biopic. I am a Hindi cinema actor, promoting Hindi language is my duty,” he added.

The film is based on South Indian glamour actress Shakeela.

Journalist Abhijit Iyer Mitra arrested for comments on Konark Sun Temple, Odisha culture


Sent to 14-day judicial custody; police whisked away the Delhi-based journalist after he presented himself and apologised before an Odisha Assembly committee that had summoned him for his alleged derogatory comments


The Bhubaneswar police arrested Abhijit Iyer Mitra, a Delhi-based journalist, on Tuesday in connection with two cases registered against him for having made comments on social media that allegedly hurt religious sentiments.

Iyer Mitra was whisked away by the police after he presented himself before a committee of the Odisha Assembly, which had summoned him for his alleged derogatory comment on MLAs of the state.

He was produced before the court of Judicial Magistrate First Class (JMFC), which is learnt to have been sent him to 14-day judicial custody. According to reports, Iyer Mitra is currently lodged in Jharpada jail.

Earlier, Abhijit Iyer Mitra, who described himself as an academic, begged unconditional and unreserved apology for his “stupidity” before the committee headed by former law minister and leader of opposition Narasingha Mishra.

Mishra said Iyer Mitra was asked to appear before the committee again on 2 November and submit through an affidavit if he had anything more to say in his defence.

READ | Row in Odisha assembly over ‘blasphemous’ video comment by journalist on Konark Temple

The committee, he said, would examine the bonafide of the affidavit and then take a call on whether it needed to summon any other person or not.

The House Committee was  constituted to probe the alleged breach of privilege by him.

It may be noted that Iyer Mitra had sparked a huge row in Odisha by his postings on social media platforms.

In September, there was a hue and cry over Iyer Mitra’s comments on Konark Temple, Odia people, MLAs etc. There were two cases registered against him while the Assembly, which was in session, denounced him.

The Odisha Police had arrested him in Delhi on 20 September but he secured relief from a Delhi court that rejected the remand application of the police and asked him to cooperate with the investigation.

On Tuesday, after he was grilled by the House Committee for several hours, the city police took him for interrogation in connection with the two cases registered in Konark and Bhubaneswar.

It may be recalled that Iyer Mitra and another journalist had been on a sightseeing trip and were reportedly hosted by former MP Baijayant Panda. They had used Panda’s helicopter to go to Konark Temple.

Meanwhile, the police in Nimapada and Konark in Puri district have sought a seven-day remand of the journalist.